Shani Chalisa PDF Hindi Free Download 2023, शनि देव चालीसा

दोस्तों यदि आप भगवान शनि देव में बहुत अधिक आस्था रखते हो और भगवान शनि देव का पाठ Shani Chalisa PDF को सर्च कर रहे हैं तो आपका शनि देव चालीसा पीडीऍफ़ इस लेख में निचे मिल जायेगा। इस पीडीऍफ़ को आप अपने मोबाइल में निःशुल्क अपलोड कर सकते हैं।

शनि चालीसा भगवान शनि को समर्पित एक पूजा स्तोत्र है। मान्यता के अनुसार शनिवार का दिन भगवान शनि का होता है और इस दिन भगवान शनि की पूजा करने से शनि देव अपने भक्तो से प्रसन्न हो जाते हैं। इस लेख में आपको शनि चालीसा से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी मिलने वाली है। तो आप इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़े।

Shani Chalisa PDF Overview

PDF नामShani Chalisa PDF (शनि चालीसा पीडीऍफ़ )
पेज संख्या7
PDF Size291 KB
Languageहिंदी /संस्कृत
PDF केटेगरीधार्मिक/Religious
PDF SourseOpen Sourse
PDF Upload3 May

Shani Chalisa PDF Download

Shani Chalisa (शनि चालीसा )

दोस्तों , शनि चालीसा भगवान शनि को समर्पित एक चालीस-श्लोक की प्रार्थना है, जिसे शनि देव या शनैश्चरा के नाम से भी जाना जाता है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, शनि चालीसा का जप करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है और नकारात्मक चीज़े दूर होती है। 

शनिवार का दिन शनि देव का दिन माना जाता है इसीलिए शनि चालीसा का जाप अक्सर शनिवार या शनि गृह के किसी भी नकारात्मक प्रभाव से उनका आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए भगवान शनि के भक्तों द्वारा किया जाता है, जो कि मकर राशि का शासक ग्रह माना जाता है।

 शनि देव की प्रार्थना करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है तथा मन को असीम शनि मिलती है तथा शनि चालीसा के पाठ से भक्तो के जीवन पर शनि के हानिकारक प्रभाव को कम करने में मदद करती है, जिसमें वित्तीय समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, रिश्ते के मुद्दे और करियर संबंधी बाधाएं शामिल हैं।

हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार शनि चालीसा का नियमित जाप करने से व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

Shani Chalisa PDF
shani dev bhagwan

शनि चालीसा पाठ करने का लाभ

शनि चालीसा का नियमित पाठ करने से भक्तो को बहुत से लाभ मिलते हैं ,जिसमे मुख्य निम्न है।

शनि के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा: शनि गृह के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षा पाने के लिए अक्सर शनि चालीसा का पाठ किया जाता है, मान्यता के अनुसार शनि गृह व्यक्ति के जीवन में समस्याओ का कारण बनता है। 

बाधाओं पर काबू पाना: शनि देव चालीसा की  प्रार्थना उन बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मदद करती है जिनका सामना भक्तो को उनके जीवन में करना पड़ सकता है, खासकर उनके करियर या व्यवसाय की बाधाओं को दूर करने में। 

माली स्थिरता में सुधार: शनि चालीसा का नियमित पाठ भक्तो के वित्तीय स्थिरता और समृद्धि में सुधार करता है, और भक्तो की वित्तीय बाधाओ  को दूर करता है।

स्वास्थ्य में सुधार: शनि चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने और पुरानी बीमारियों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

रिश्तों में सुधार: शनि देव चालीसा का पाठ करने से भक्तो के संबंधों में सुधार होता है और उपयुक्त जीवन साथी खोजने में भी मददगार होती है।

आध्यात्मिक विकास: शनि चालीसा का पाठ भक्तो के आध्यात्मिक और मानसिक विकास में मदद करने और आंतरिक शांति और सद्भाव प्राप्त करने में मदद करता है। 

कुल मिलाकर, भक्ति और विश्वास के साथ शनि चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और उन्हें किसी भी चुनौती या बाधाओं का सामना करने में मदद मिलती है।

शनि देव की पूजा विधि

शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है सच्चे मन से शनि देव की पूजा करने से शनि देव की कृपा हम भक्तो पर बनी रहती है ,आइये जानते हैं की हम शनि देव की पूजा कैसे करे ताकि शनि देव हमारे दुखो को दूर कर सकें।

खुद को शुद्ध करें: शनि देव की पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

वेदी की स्थापना करें: प्रसाद के रूप में कुछ फूल और फलों के साथ एक साफ कपड़े पर भगवान शनि की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।

दीपक जलाएं: सरसो के तेल से दीपक जलाकर शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति के सामने रख दें। एक मान्यता के अनुसार शनिदेव का सरसो के तेल से अभिषेक करना काफी शुभ माना जाता है।

पूजा अर्चना करें: भगवान शनि का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए उनकी पूजा करें,और शनि चालीसा का पाठ करें

शनि चालीसा के चालीस श्लोकों का भक्ति और विश्वास के साथ पाठ करें। आप चालीसा का पाठ करने से पहले या बाद में शनि बीज मंत्र या शनि गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

प्रसाद चढ़ाएं : शनिदेव को प्रसाद के रूप में कुछ फल या मिठाई का भोग लगाएं।

पूजा का समापन करें: भगवान शनि की आरती करके और अपने कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद मांगकर पूजा का समापन करें।

यह बात ज़रूर ध्यान दे कि पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू शनि चालीसा का ईमानदारी और भक्ति के साथ पाठ करना है, और सुरक्षा और समृद्धि के लिए भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त करना है।

Shani Chalisa PDF Lyrics

॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

॥ चौपाई ॥

जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।
हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी-मीन कूद गई पानी॥

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श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देव-लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

॥ दोहा

॥पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

सारांश

दोस्तों अभी तक आपने शनि चालीसा के सम्बन्ध में सारी जानकारी प्राप्त कर ली है। शनि चालीसा क्या है ,शनि चालीसा के फायदे क्या है ,तथा शनि चालीसा का लिरिक्स भी आपने देख लिया है।

Shani Chalisa PDF फाइल को भी आप ऊपर दिए गए लिंक की सहायता से डाउनलोड कर सकते है। इस पीडीऍफ़ का स्वामित्व pdfsewa वेबसाइट नहीं है बल्कि ये पीडीऍफ़ ओपन सोर्स (गूगल )से लिया गया है तथा ये केवल भक्तो की आसानी के लिए दिया गया है।

अगर इस पीडीऍफ़ से किसी को भी कोई समस्या हो तो हमें कांटेक्ट ज़रूर करे ,इस पीडीऍफ़ को हटा दिया जायेगा।

FAQ

शनि चालीसा पाठ का सही तरीका क्या है ?

वैसे तो शनि चालीसा का पाठ कभी भी किया जा सकता है ,लेकिन शनिवार या मंगलवार के दिन शनि का पाठ करना शुभ माना जाता है। इन दोनों दिनों में शाम 5 बजे के बाद शनि मंदिर , हनुमान मंदिर या पीपल की पेड़ के छाया में बैठ कर पाठ करना लाभदायक होता है।

शनि चालीसा करने के फायदे क्या है ?

शनि चालीसा का नियमित पाठ हमारे जीवन के दुखो और कष्टों से निवारण दिलाता है तथा हमारे बिगड़े काम भी बन जाते है। इसके अलावा हमारे जीवन में शनि गृह के कारन जो भी दोष होते है वो भी इस का पाठ करने से सही हो जाते हैं।

Shani Chalisa PDF (शनि चालीसा पीडीऍफ़ )

Shani Chalisa PDF आपको वेबसाइट www.pdfsewa.in पर फ्री में उपलब्ध है ,जहा से आप इसे फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।

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