दोस्तों आज के लेख में मै आपके लिए Nilavanti Granth PDF का लिंक निचे दिया हूँ जिसे आप बहुत ही आसानी से अपने मोबाइल फ़ोन में डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा आपको इस लेख में निलावन्ती ग्रन्थ के बारे में पूरी जानकारी भी मिल जाएगी तो आप इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़े।
निलावन्ती ग्रन्थ को शापित ग्रन्थ भी माना जाता है ऐसा माना जाता है की इस ग्रन्थ को पूरा पढ़ कर समझ लेने के बाद मनुष्य सभी चीज़ो पर राज़ कर सकता है। लेकिन इस ग्रन्थ के ज्ञान को प्राप्त करना और समझ पाना किसी भी मनुष्य के लिए बहुत ही मुश्किल है। अगर आप भी Nilavanti Granth PDF को डाउनलोड कर के इस ग्रन्थ के बारे में समझना/जानना चाहते हैं तो निचे दिए गए लेख को ज़रूर पढ़े। और Nilavanti Granth PDF को डाउनलोड भी कर ले।
Nilavanti Granth PDF Overview
PDF Name | Nilavanti Granth PDF (निलावन्ती ग्रन्थ ) |
पेज की संख्या | 17 |
PDF Size | 393 KB |
Language | hindi /संस्कृत |
PDF Category | धार्मिक /एजुकेशनल |
PDF Credit | Multiple Sourse |
Download | Available |
Nilavanti Granth PDF Download
निलावन्ती ग्रन्थ क्या है ?
निलावन्ती ग्रन्थ को भारत सरकार ने बैन कर रखा है क्युकी ये ग्रन्थ एक शापित यक्षिणी के द्वारा लिखा गया था। इस ग्रन्थ को लालचवश पढ़ कर समझने वाले बहुत से लोग या तो काल के मुँह में समां गए या पागल हो गए ,जब भारत सरकार के पास इस तरह की बहुत सी शिकायते आने लगी तो इस ग्रन्थ पर बैन लगा दिया गया।
निलावन्ती ग्रन्थ एक अनसुलझी रहस्य है जिसे बहुत से लोगो ने सुलझाने की कोशिश की लेकिन आज तक किसी भी मनुष्य ने इस ग्रन्थ को सुलझा पाने में सफलता प्राप्त नहीं की। कहा जाता है की जो भी इस ग्रन्थ को सुलझा लेगा वो समस्त दुनिया का राजा बन जायेगा ,तथा वो भविष्य को देख सकता है और पशु पक्षियों की भाषा को भी समझ सकता है।
लेकिन अगर किसी ने इस ग्रन्थ को समझने की कोशिश की और वो इसमें कामयाब नहीं हो पाया तो उसकी मृत्यु होना तय है या वो हमेशा के लिए पागल हो सकता है या तो वो तंत्र मन्त्र के रास्ते पर जा सकता है। तो आप इस Nilavanti Granth PDF को अपने रिस्क पर ही पढ़ने की कोशिश करे। हम इस पीडीऍफ़ को सिर्फ लोगो की जानकारी के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं।
निलावन्ती ग्रन्थ की पूरी कहानी क्या है ?
नीलवन्ती ग्रन्थ का इतिहास बहुत ही अधिक पुराना है , तथा इस ग्रन्थ का सम्बन्ध भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य से है। उत्तर प्रदेश के किसी एक छोटे से गाँव मे एक व्यक्ति अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहता था । जब उसकी बेटी पाँच वर्ष की हुई तो उसकी माँ की किसी कारणवश मृत्यु हो गई । इस बच्ची का नाम निलावंती था। निलावंती की माँ की मृत्यु के बाद निलावंती के पिता ने उस गाँव को छोड दिया और निलावंती को लेकर दूसरे गाँव मे चले गये।
निलावंती के पिता जी को आर्युवेद/जड़ी बूटियों का अच्छा खासा ज्ञान था। उसकी बेटी निलावंती भी अपने पिता से आर्युवेद का ज्ञान लेती थी। उस छोटी बच्ची निलावंती के अंदर एक खासियत थी कि वह पेड पौधो, जानवरों, पशु पक्षियों सब की भाषा समझती थी। यही नही निलावंती के स्वप्न मे शैतान भी आते थे और निलावंती को जमीन के नीचे गडे हुये धन दौलत के बारे मे जानकारी देते थे लेकिन निलावंती के अंदर उसके पिता जी के अच्छे संस्कार थे इसीलिये वह सबकुछ जानते हुये भी धन दौलत जमीन के नीचे से खोदकर नही निकालती थी।
निलावंती को पेड पौधे और शैतान जो भी मंत्र बताते थे वह पीपल के पत्ते से बनी किताब पर लिख लेती थी। जब निलावंती 20 से 22 वर्ष की हो गई तब जो भूत प्रेत निलावंती के स्वप्न मे आते थे वो हकीकत मे सामने आने लगे। कुछ समय बाद निलावंती को पता चलता है कि कि वो एक श्रापित यक्षिणी है जो कि किसी एक श्राप की वजह से इस मायावी दुनिया से बाहर नही निकल पा रही है उसे अपनी दुनिया मे जाना था।
वह बच्ची यह सब बाते अपने पिताजी को बताती है। तब उसके पिता जी उससे कहते है कि बेटी यदि तू इस दुनिया की नही है और किसी श्राप के कारण तू इस दुनिया मे फसी हुई है तो मै तुझे नही रोकूंगा अतः तू स्वेच्छा से यहाँ से जा सकती है।
फिर निलावंती उस गाँव को छोडकर जाने लगी कि रास्ते मे उसे एक व्यापारी मिलता है अतः निलावंती उस व्यापारी से दूसरे गाँव मे जाने के लिये कहती है क्योंकि निलावंती को एक अच्छी आत्मा ने बताया था कि यहाँ से 35 मील की दूरी पर तुम्हें एक गाँव मिलेगा और उस गाँव मे तुम्हें एक बरगद का पेड मिलेगा। वही से तुम्हे अपनी दुनिया मे जाने का रास्ता मिलेगा इसके अलावा तुम्हे अपने रक्त के साथ-साथ पशु पक्षियों की भी बली देनी होगी।
इसी को ध्यान मे रखते हुये वह निलावंती उस व्यापारी से उस गाँव मे चलने के लिये कहती है। वह व्यापारी निलावंती को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है और कहता है कि मै तुम्हें उस गाँव मे छोड दूँगा लेकिन बदले मे तुम्हे मुझसे शादी करनी पडेगी।
निलावंती व्यापारी के शर्त को सुनने के बाद मुसकराते हुये कहा कि ठीक है मुझे आपकी शर्त मंजूर है ,लेकिन मेरी एक शर्त है कि शादी के बाद रात के समय मै तुम्हारे साथ नही रहूँगी मै कहा जाती हूँ क्या करती हूँ इसके बारे मे तुम मुझसे कुछ नही पूछोगे। व्यापारी ने कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है।
उसके बाद वह व्यापारी निलावंती को अपने बैलगाड़ी मे बिठाकर उस गाँव मे ले गया। फिर उस व्यापारी की शर्त के अनुसार निलावंती ने उस व्यपारी से विवाह कर लिया।और हर रात के समय निलावंती प्रतिदिन बरगद के पेड के नीचे तंत्रमंत्र करने के लिये चली जाती थी वहाँ पर वो अपना रक्त और पशु पक्षियों की बली भी चढाती थी।
एक दिन रात के समय जब निलावंती उस बरगद के पेड के नीचे तंत्रमंत्र कर रही थी तो उसी समय उस गाँव के कुछ लोग उस व्यापारी की पत्नी निलावंती को पशु पक्षियों की बली देते हुये देख लेते है और उस व्यापारी को जाकर सारी घटना की जानकारी देते है। जब अगली रात को निलावंती अपने समय के अनुसार रात मे तंत्रसाधना के लिये निकलती है तो उसके पीछे-पीछे वह व्यापारी भी चला जाता है
और निलावंती को तंत्रसाधना करते हुये देख लेता है। अगले दिन निलावंती के स्वप्न मे शैतान आता है और उससे बताता है कि निलावंती कल जब तुम तंत्रसाधना के लिये बरगद के पेड के नीचे जाओगी उसी समय बरगद के पेड के बगल से जो नदी बहती है उस नदी मे तुम्हें एक लाश बहती हुई दिखाई देगी उस लाश के गले मे एक ताबीज होगा
तुम्हें उसे खोल लेना है गले से ताबीज को निकालने के बाद उसी नदी मे तुम्हे एक नाव पर सवार आदमी मिलेगा तुम्हें इस ताबीज को उस आदमी को दे देना है वह तुम्हें दूसरी दुनिया के दरवाजे तक पहुचाने मे तुम्हारी मदद करेगा। उस शैतान ने निलावंती से यह भी कहा कि तुम्हे अपनी दुनिया मे वापस लौटने का सिर्फ यही एक ही चांस मिलेगा दोबारा चांस तुम्हें नही मिलेगा।
अगले दिन निलावंती बहुत खुश हुई और रात के समय बरगद के पेड के नीचे चली गई। वह तंत्र साधना करके अपनी रक्त की तथा पशु पक्षी की बली दे ही रही थी कि उसे नदी के किनारे एक लाश बहती हुई दिखाई देती है। निलावंती उस लाश के पास जाती है और उसके गले मे बधे हुये ताबीज को निकालने की कोशिश करती है।
उसी समय वहाँ पर वह व्यापारी भी आ गया जो अपने असली शैतानी रूप मे आ गया था। वह ताबीज की पहली गाँठ खोल पाई थी दूसरा खोलने ही वाली थी कि गाँव वाले वहाँ आ गये और निलावंती को नरभक्षी समझकर कहने लगे कि ये दोनो शैतान है ये दोनो तो सभी गाँव वालो को मार डालेंगे अतः इन दोनो को मार डालो।
सभी गाँव वालो ने अपने-अपने हथियार लेकर दोनो को दौडा लिया निलावंती तो बच गई लेकिन गाँव वालो ने उस राक्षस को मार गिराया। राक्षस होने की वजह से वह दोबारा जीवित हो उडा और निलावंती के पास आकर बोला कि तुम मुझे ये किताब दे दो जिसमे तुमने मंत्रो को लिखा है और मुझे कुछ नही चाहिये।
तब निलावंती ने सोचा कि यदि यह किताब इस शैतान को मिल गया तो यह दुनिया के लिये अनर्थ साबित हो सकता है अतः निलावंती ने उस किताब को श्रापित करते हुये कहा कि जिसने लालच मे आकर इस किताब को पूरा पढ लिया उसकी तुरंत मृत्यु हो जायेगी और जिसने इस किताब को आधा पढकर बीच मे ही छोड दिया वह पागल हो जायेगा। यह कहकर निलावंती उस किताब को लेकर भाग गई।
उसके बाद निलावंती का आज तक पता नही चला कि वह कहा गई। कुछ समय पश्चात वह किताब एक साधू को मिलती है उस साधू के मन मे किसी भी तरह का कोई लालच नही था। चूंकि वह किताब दूसरे भाषा मे लिखी गई थी अतः उस साधू ने उसे सरलतम रूप मे अनुवाद करके लिखा ताकि सबको समझ मे आ जाये। आपको Nilavanti Granth PDF का लिंक ऊपर दिया गया है जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।
Conclusion /सारांश
दोस्तों आप को इस लेख को पढ़ने के बाद Nilavanti Granth PDF के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी तथा इस का पीडीऍफ़ भी अपने डाउनलोड कर लिया होगा। Nilavanti Granth PDF का यही फोटो हमारे पास उपलब्ध था जोकि थोड़ा सा blurr है।
अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों और भेज दे। धन्यवाद।
DMCA /Copyright :
इस वेबसाइट का इस Nilavanti Granth PDF से कोई भी लेना देना है। इस पीडीऍफ़ को सिर्फ एजुकेशन purpose की वजह से दिया गया है जोकि इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न ओपन sourse से लिया गया है। अगर आपको इस दिए गए लिंक से कोई भी समस्या हो तो आप हमें सूचित करे हम इस 24 घंटे के अंदर हटा देंगे। धन्यवाद
Related Post –
FAQ About Nilavanti Granth PDF
What is Nilavanti Granth?
नीलवन्ती ग्रन्थ एक शापित ग्रन्थ है जिसको समझ लेने वाला व्यक्ति पूरी दुनिया और पशु पक्षी का मालिक बन सकता है। लेकिन किसी ने इसे पढ़ने की कोशिश की और पढ़ न सका तो उसकी मृत्यु होनी तय है अथवा वो पागल हो सकता है।
How many pages are in Nilavanti Granth?
नीलवन्त ग्रन्थ में मूल रूप से 27 pages थे।
क्या निलावन्ती ग्रन्थ भारत में बैन है?
हाँ भारत सरकार ने इस ग्रन्थ के पढ़ने और समझने पर बैन लगा रखा है।
Who is the writer of Nilavanti Granth?
मारुती चितमपल्ली ने इस ग्रथ को सुरक्षित किया था
Nilavanti Granth PDF कहा से प्राप्त करें ?
Nilavanti Granth PDF को आप www.pdfsewa.in से प्राप्त कर सकते हैं।