हनुमान अष्टक PDF हिंदी । Hanuman Ashtak pdf Free Download

साथियो आज के लेख में संकटमोचन हनुमान अष्टक ( Hanuman Ashtak pdf ) का पीडीऍफ़ निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है जिसे इस लेख के निचे दिया गया है। इस पीडीऍफ़ को आप बहुत ही आसानी से अपने मोबाइल या लैपटॉप में डाउनलोड कर सकते हैं।

हनुमान अष्टक बजरंगबली हनुमान को समर्पित एक भजन या पाठ है जिसके पाठ करने से बजरंगबली आपके सारे दुखो को मिटा देते हैं तथा आपके जीवन में खुशिया लाते है। आज के लेख में आपको Hanuman Ashtak pdf के साथ साथ उसका हिंदी में अर्थ भी दिया गया है जिससे भक्तो को हनुमान अष्टक अपनी भाषा में समझने में आसानी हो।

Hanuman Ashtak pdf Overview

PDF नामHanuman Ashtak pdf (हनुमान अष्टक)
पेज संख्या7
PDF Size512 KB
भाषाहिंदी
PDF केटेगरीधार्मिक
PDF क्रेडिटpdfsewa.in
PDF डाउनलोड14 मई

संकटमोचन हनुमान अष्टक (Hanuman Ashtak )

हनुमान अष्टक संकटमोचन बजरंगबली को समर्पित एक भजन या प्रार्थना है जिसमें भगवान हनुमान को समर्पित आठ छंद हैं, एक मान्यता के अनुसार भगवान हनुमान हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे सम्मानित और शक्तिशाली देवताओं में से एक है। अगर कोई भक्त पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ हनुमान अष्टक का पाठ करता है तो उसे  भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उस भक्त के जीवन में सकारात्मकता और शांति आती है।

हनुमान अष्टक को हनुमान स्तुति के रूप में भी जाना जाता है और हनुमान अष्टक भजन का हनुमान जयंती के दौरान अधिक पाठ किया जाता है, जो भगवान हनुमान का जन्मदिन है और भगवान हनुमान की पूजा से जुड़ा एक शुभ अवसर हैं। हनुमान अष्टक के छंद भगवान हनुमान के विभिन्न गुणों और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति का वर्णन करते हैं।

हनुमान अष्टक की शुरुआत “संकट मोचन नमो तुम्हारा” श्लोक से होती है, जिसका अर्थ है “मैं आपको नमन करता हूं, जोकि सभी परेशानियों को दूर करने वाला”। शेष छंद भगवान हनुमान की ताकत, साहस और भक्ति की प्रशंसा करते हैं, और भक्तो की भलाई के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। 

एक मान्यता के अनुसार हनुमान अष्टक का पाठ प्रत्येक मंगलवार को करना चाहिए जिससे सुख ,शांति और समृद्धि बनी रहे। Hanuman Ashtak pdf को आप निचे दिए गए लिंक से अपने मोबाइल में ज़रूर डाउनलोड कर लें।

हनुमान अष्टक का पाठ कैसे करें। ( Hanuman Ashtak Path )

हिन्दू धर्म में बजरंगबली को भगवान शिव का एक अवतार माना जाता है , जोकि भक्तो के सभी दुखो और समस्याओ को हर लेते हैं। अगर आप हर मंगलवार को हनुमान जी का पुरे तन और मन से पाठ करते है तो आपके सभी कष्ट दूर हो जायेंगे। 

संकटमोचन बजरंगबली का पाठ करने के लिए निम्न बातों का पालन करें ,

1 – एक साफ और शांत स्थान का चयन करे ताकि आपको किसी भी प्रकार की कोई बाधा न हो 

2- श्री राम जी और हनुमान जी की एक तस्वीर लगाए और शुद्ध घी का दीपक जलाये तथा ताम्बे के गिलास में पानी भर , और पूरी श्रद्धा के साथ पाठ करना प्रारम्भ करें। 

3- भक्ति और एकाग्रता के साथ साथ प्रथम श्लोक “संकट मोचन नमो तुम्हारा” का जाप करके हनुमान अष्टक पाठ शुरू करें।

4- पूरी एकाग्रता और भक्ति श्रद्धा के साथ एक के बाद एक हनुमान अष्टक के आठ श्लोकों का पाठ करते रहें।

5- सभी आठ श्लोकों को पूरा करने के बाद, उन श्लोको के अर्थ पर विचार करने के लिए कुछ समय रुके और अपने हृदय में भगवान हनुमान की उपस्थिति को महसूस करें।

6- प्रार्थना के अंत में भगवान हनुमान का आभार व्यक्त करें और अपने कल्याण और समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद लें।

प्रातः काल स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर हनुमान अष्टक का पाठ करने की सलाह दी जाती है। आप हनुमान जयंती या भगवान हनुमान की पूजा से जुड़े किसी अन्य शुभ अवसर पर भी इसका पाठ कर सकते हैं।Hanuman Ashtak pdf को आप निचे दिए लिंक से ज़रूर डाउनलोड कर लें।

हनुमान अष्टक पाठ करने के लाभ (Benefit of Hanuman Ashtak Path)

श्री हनुमान अष्टक पाठ करने के बहुत से लाभ हैं जिसमे निम्न शामिल हैं –

बाधाओं को दूर करता है: हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तो के जीवन से सभी प्रकार की बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करता है। और भविष्य की  वाली परेशानियों से भी दूर रहता है 

शक्ति और साहस बढ़ाता है: संकटमोचन हनुमान जी को अपार शक्ति और साहस के लिए भी जाना जाता है, और ऐसा माना जाता है कि हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तो में इन गुणों का समावेश होता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ती है, तथा डर पर काबू पाने और आत्मविश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।

आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है: हनुमान अष्टक का नियमित रूप से पाठ करने वाले व्यक्ति का बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास होता है तथा मानसिक एवं शारीरिक बल में असाधारण वृद्धि भी होती है।

निरोग : हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने वाला व्यक्ति कभी भी रोगो से ग्रस्त नहीं होता तथा एक स्वस्थ और निरोग जीवन गुजारता है। 

शांति और सकारात्मकता लाता है: भक्ति और विश्वास के साथ हनुमान अष्टक का पाठ करने से भक्तो के जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है। यह मन को शांत करने, तनाव और चिंता को कम करने और आंतरिक खुशी को बढ़ावा देने में मदद करता है। Hanuman Ashtak pdf का लिंक निचे दिया गया है।

Hanuman Ashtak pdf

हनुमान अष्टक श्लोक अर्थ के साथ | Hanuman Ashtak pdf In Hindi

बाल समय रबि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो ।

ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ॥

देवन आन करि बिनती तब, छांड़ि दियो रबि कष्ट निवारो ।

को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ 1 ॥


अर्थ — हे हनुमान जी आपने अपने बचपन  में सूर्य को मीठा फल समझ कर निगल लिया था जिससे तीनों लोक में अंधकार फ़ैल गया और सारे संसार में भय फ़ैल  गया। उस समय इस संकट का किसी के पास कोई समाधान नहीं था। तब देवताओं ने आपसे प्रार्थना की और आपने सूर्य को छोड़ दिया और इस प्रकार सबके प्राणों की रक्षा हुई। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता। आपने देवताओ के कठिन कार्यो को भी पूरा किया है।

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि,जात महाप्रभु पंथ निहारो ।

चौंकि महा मुनि शाप दिया तब,चाहिय कौन बिचार बिचारो ॥

के द्विज रूप लिवाय महाप्रभु,सो तुम दास के शोक निवारो ।

को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥2॥

अर्थ – बालि के डर से सुग्रीव ऋष्यमूक पर्वत पर अपनी सेना के साथ रहने लगे थे । एक दिन सुग्रीव ने जब राम लक्ष्मण को वहां से जाते देखा तो उन्हें बालि का भेजा हुआ योद्धा समझ कर भयभीत हो गए। तब हनुमान जी ब्राह्मण का वेश धारण करके प्रभु श्रीराम का भेद जाना और सुग्रीव से उनकी मित्रता कराई। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

अंगद के संग लेन गये सिय,खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,बिना सुधि लाय इहाँ पगु धारो ॥
हेरि थके तट सिंधु सबै तब,लाय सिया-सुधि प्राण उबारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥3॥

अर्थ — जब सुग्रीव ने आपको अंगद, जामवंत आदि के साथ सीता की खोज में भेजा तब उन्होंने कहा कि जो भी बिना सीता का पता लगाए यहाँ आएगा उसे मैं प्राणदंड दूंगा।लेकिन अगर खाली हाथ लौटे तो मृत्युदंड मिलेगा। 

जब सारे वानर सीता को ढूँढ़ते ढूँढ़ते थक कर और निराश होकर समुद्र तट पर बैठे थे तब आप ही ने लंका जाकर माता सीता का पता लगाया और सबके प्राणों की रक्षा की। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

रावन त्रास दई सिय को सब,राक्षसि सों कहि शोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,जाय महा रजनीचर मारो ॥
चाहत सीय अशोक सों आगि सु,दै प्रभु मुद्रिका शोक निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥4॥

अर्थ — रावण ने सीता माता को बहुत दुःख पहुंचाया ,और सीता माँ से बोला की उसे राक्षसों की शरण में आ जाना चाहिए तब हे हनुमान जी उस अशोक वाटिका में पहुंच कर बहुत से राक्षसों का संहार किया।

अशोक वाटिका में बैठी सीता माँ को दुखी देखकर आप भी बहुत दुखी हुये तब आपने श्रीराम जी की अंगूठी देकर माता सीता के दुखों का निवारण कर दिया। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

बाण लग्यो उर लछिमन के तब,प्राण तजे सुत रावण मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ॥
आनि सजीवन हाथ दई तब,लछिमन के तुम प्राण उबारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥5॥

अर्थ — जब रावण के पुत्र मेघनाद के शक्ति प्रहार से लक्ष्मण मूर्छित हो गए तब हे हनुमान जी आप ही लंका से सुषेण वैद्य को घर सहित उठा लाए और उनके परामर्श पर बताई गई जड़ी बूटी को ना पहचान पाने के कारण पूरा द्रोण पर्वत उठा कर लाये तथा उस संजीवनी बूटी से  लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

रावण युद्ध अजान कियो तब,नाग कि फांस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,मोह भयोयह संकट भारो ॥
आनि खगेस तबै हनुमान जु,बंधन काटि सुत्रास निवारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥6॥

अर्थ — रावण ने युद्ध में राम और लक्ष्मण को नागपाश बाण से मूर्छित कर दिया । तब श्रीराम जी की सेना पर घोर संकट आ गई।

उस नागपाश बाण के बंधन को केवल गरुणराज ही मुक्ति प्रदान कर सकते थे तब हे हनुमान जी आपने ही देवलोक से गरुड़राज को लाकर राम लक्ष्मण को नागपाश के बंधन से मुक्त कराया और श्रीराम जी की सेना पर आए संकट को दूर किया। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

बंधु समेत जबै अहिरावन,लै रघुनाथ पाताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि,देउ सबै मिति मंत्र बिचारो ॥
जाय सहाय भयो तब ही,अहिरावण सैन्य समेत सँहारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥7॥

अर्थ — लंका युद्ध में रावण के कहने पर जब अहिरावण छल से राम लक्ष्मण का अपहरण करके पाताल लोक ले गया और अपने देवता के सामने उनकी बलि देने की तैयारी कर रहा था।

तब हे हनुमान जी आपने ही राम जी की सहायता की और अहिरावण का उसकी सेना सहित संहार किया। और राम लक्मण को सुरक्षित वापस लेकर आये।  संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

काज किये बड़ देवन के तुम,वीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,जो तुमसों नहिं जात है टारो ॥
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,जो कछु संकट होय हमारो ।
को नहिं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥8॥

अर्थ — हे हनुमान जी, अपने राम जी और देवताओ के सभी कार्य किये और उनके सभी संकटो का निवारण किया तो, मेरा ऐसा कौन सा संकट है जो आप दूर नहीं कर सकते।

हे हनुमान जी आप जल्दी से मेरे सभी संकटों को हर लीजिये। संसार में ऐसा कौन है जो आपके संकटमोचन नाम को नहीं जानता।

दोहा:

लाल देह लाली लसे,अरू धरि लाल लंगूर ।
बज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर ॥

अर्थ — हे हनुमान जी, आपके लाल शरीर पर सिंदूर शोभायमान है। आपका वज्र के समान शरीर दानवों का नाश करने वाली हैजिसकी लम्बी सी पूंछ है और जो राक्षसों का संहार करती है । आपकी जय हो, जय हो, जय हो।

॥ इति संकटमोचन हनुमानाष्टक सम्पूर्ण ॥

Hanuman Ashtak pdf Download

Summary /सारांश

दोस्तों आज के लेख में आपने हनुमान अष्टक के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली है। इसके अलावा Hanuman Ashtak pdf भी आपको प्राप्त हो गया है। अगर आपको इस लेख में कोई भी आपत्ति हो तो हमें निचे कमेंट ज़रूर करें ,हम उसको दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।

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FAQ About Hanuman Ashtak


संकटमोचन हनुमान अष्टक पढ़ने से क्या होता है?

हनुमान अष्टक अक्सर हनुमान जयंती या अन्य शुभ अवसरों पर पढ़ा जाता है जिसके पढ़ने से भक्तो को हर बढ़ा और पीड़ा से मुक्ति मिलती है तथा भक्तो के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।


हनुमान चालीसा का पाठ किस समय नहीं करना चाहिए?

हनुमान चालीसा या अष्टक का पाठ कभी भी किया जा सकता है। सुबह स्नान करके हनुमान अष्टक का पाठ ज़रूर करना चाहिए। इसके अलावा शाम या रात में भी इसका पाठ किया जा सकता है।


हनुमान अष्टक का पाठ कैसे करें?

हनुमान अष्टक का पाठ करने के लिए सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें तथा भगवान राम और हनुमान की तस्वीर के सामने सुध घी का दीपक जलाये और ताम्बे के बर्तन में पानी रख लें। उसके बाद पुरे मन और श्रद्धा के साथ हनुमान अष्टक पाठ का जप करें।

Hanuman Ashtak pdf कैसे प्राप्त करें ?

Hanuman Ashtak pdf को प्राप्त करने के लिए pdfsewa.in वेबसाइट पर विजिट करे तथा हनुमान अष्टक के लेख में आपको Hanuman Ashtak pdf मिल जायेगा जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।

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