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भगवान शिव को भक्त भोले के नाम से भी पुकारते हैं। मान्यता के अनुसार भगवन शिव की पूजा करने वाले भक्त को अपनी मृत्यु का भय नहीं होता। भगवान शिव को खुश करने के लिए भक्त शिव जी की विभिन्न तरीके से पूजा करते हैं। इसीलिए भगवान शिव को प्रसंन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ बहुत अधिक फलदाई माना जाता है।
शिव चालीसा अत्यंत ही सरल और कुछ ही शब्दों का होता है इसीलिए कोई भी व्यक्ति आसानी से इस का पाठ कर सकता है। अगर आपके पास Shiv Chalisa PDF उपलब्ध नहीं है तो आप इसे निचे दिए गए लिंक से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
Shiv Chalisa PDF Overview
PDF नाम | शिव चालीसा PDF |
पेज संख्या | 3 |
PDF साइज | 200KB |
भाषा | हिंदी |
PDF Category | धार्मिक /religous |
pdf sourse | pdfsewa.in |
Uploaded Date | 18 अप्रैल 2023 |
Shiv Chalisa PDF
Shiv Chalisa PDF (शिव चालीसा )को हिंदी में डाउनलोड करने के लिए निचे दिए गए डाउनलोड लिंक से अपने मोबाइल या लैपटॉप में इसे डाउनलोड कर सकते है। Shiv Chalisa PDF को डाउनलोड करने के बाद आप इसे आसानी से अपने मोबाइल में पढ़ सकते है। क्युकी ये आपके मोबाइल के स्टोरेज में सेव हो जायेगा।
शिव चालीसा क्या है
शिव चालीसा हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित एक प्रार्थना है। यह भगवान शिव की महिमा और गुणों की प्रशंसा करते हुए चालीस श्लोकों का एक स्तोत्र है।
सरल शब्दों में अगर समझे तो भगवन शिव की आराधने करने के लिए जिस स्रोत या रचना का हम पाठ करते हैं उसे शिव चालीसा कहा जाता है। क्युकी शिव चालीसा में को 40 पंक्तिया और 40 चौपाइयां है इसीलिए इसे शिव चालीसा के नाम से जाना जाता है।
भगवान शिव को खुश करने तथा भगवन शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हमें शिव चालीसा का पाठ निरंतर रूप से करते रहना चाहिए। शिव चालीसा बहुत ही सरल और हिंदी भाषा में संकलित काव्य है ,जिसे आसानी से याद भी किया जाता है।
भगवान शिव का पाठ करने से भक्त लोगो को विभिन्न प्रकार के आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होते हैं। तथा मन में एक असीम शांति का भी एहसास होता है।
शिव चालीसा Lyrics
शिव चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले शिव जी को स्मरण करें, उसके बाद निम्नलिखित चालीसा को पढ़ें।
।। दोहा ।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
|| श्री शिव चालीसा चौपाई ||
जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन छार लगाये।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे, छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी, बाम अंग सोहत छवि न्यारी।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी, करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे, सागर मध्य कमल हैं जैसे।
कार्तिक श्याम और गणराऊ, या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा, तब ही दुख प्रभु आप निवारा।
किया उपद्रव तारक भारी, देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ, लवनिमेष महँ मारि गिरायउ।
आप जलंधर असुर संहारा, सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई, सबहिं कृपा कर लीन बचाई।
किया तपहिं भागीरथ भारी, पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं, सेवक स्तुति करत सदाहीं।
वेद नाम महिमा तव गाई, अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला, जरे सुरासुर भये विहाला।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई, नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा, जीत के लंक विभीषण दीन्हा।
सहस कमल में हो रहे धारी, कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई, कमल नयन पूजन चहं सोई।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर, भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी, करत कृपा सब के घटवासी।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै, भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो, यहि अवसर मोहि आन उबारो।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो, संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई, संकट में पूछत नहिं कोई।
स्वामी एक है आस तुम्हारी, आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं, जो कोई जांचे वो फल पाहीं।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी, क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन, मंगल कारण विघ्न विनाशन।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं, नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय, सुर ब्रह्मादिक पार न पाय।
जो यह पाठ करे मन लाई, ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी, पाठ करे सो पावन हारी।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई, निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे, ध्यान पूर्वक होम करावे ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा, तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे, शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।
जन्म जन्म के पाप नसावे, अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव चालीसा की पूजा विधि
शिव चालीसा एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है जो हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव की स्तुति और वंदना करती है। यहां पर आपको शिव चालीसा का पाठ करने के लिए पूजा विधि या पूजा प्रक्रिया की एक सामान्य नियम बताये गए हैं।
1- खुद को और अपने आस-पास के स्थान को साफ करें : सुबह उठा कर नहाएं और साफ कपड़े पहनें। पूजा क्षेत्र को साफ करें और इसे फूलों तथा सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री.अन्य प्रसाद से सजाएं।
अपना मुख पूर्व की दिशा में रखे और कुशा के आसन में बैठ जाये
दीया या दीपक जलाएं: शुद्ध घी का दीया या दीपक जलाएं और इसे भगवान शिव को अर्पित करें।
प्रसाद: भगवान शिव को फूल, फल, मिठाई और अन्य पसंदीदा प्रसाद चढ़ाएं।
शिव चालीसा का पाठ श्रद्धा एकाग्रता , और भक्ति के साथ करें।
शिव चालीसा का 3 , 5 11 या 40 बार पाठ करें।
पूजा करने के बाद कलश का पानी पुरे घर में छिड़क दे तथा थोड़ा सा पी भी लें।
आरती : आरती कर पूजा का समापन करें। देवता के सामने एक दीपक या कपूर की लौ घुमाएँ और आरती गीत गाएँ।
नोट: शिव चालीसा का पाठ भक्ति और हृदय की पवित्रता के साथ करना महत्वपूर्ण है।
Benefits of Shri Shiv Chalisaa (शिव चालीसा के फायदे)
शिव चालीसा का पाठ करने के बहुत से लाभ हैं, निचे कुछ लाभ बताये हैं जिससे आपको भगवान शिव की महिमा का लाभ मिलता रहे।
- शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से आपके जीवन की कठिनाई दूर हो जाती है।
- भगवन शिव की कृपा आपके ऊपर बरसने लगती है तथा आप अपूर्ण कार्य भी पूर्ण होने लगते है। तथा मनोवांछित वर की भी प्राप्ति होती है।
- इसके अलावा शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते है , तथा आपके बिगड़े काम भी बन जाते हैं।
- प्रेग्नेंट महिलाओं को शिव चालीसा का जाप करना चाहिए। इस से उनके होने वाले बच्चे की रक्षा होती है और एक अच्छी डिलीवरी होती है।
- शिव चालीसा का जाप करने से वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि और विकास मिलता है।
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सारांश –
मित्रों इसी के साथ हम अपने लेख के अंत पर आते हैं। हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख से शिव चालीसा का pdf (Shiv Chalisa PDF) और शिव चालीसा के lyrics (Shiv Chalisa in Hindi) की प्राप्ति हुई होगी। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान शिव कि कृपा हम सब पर बानी रहे।
तथा ऐसे ही लेख देखने के लिए आप इस वेबसाइट https://pdfsewa.in/ पर भी रेगुलर विजिट करते रहे।
FAQ About Shiv Chalisa PDF
1 . क्या हम रोज शिव चालीसा पढ़ सकते हैं?
Ans – शिव चालीसा का वैसे तो आप रोज पाठ कर सकते हैं लेकिन मान्यता के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन होता है , इसीलिए Shiv Chalisa का पाठ करने आपकी मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है।
2 – शिव चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
Ans – शिव चालीसा का 3 , 5, 11 या 40 बार पाठ करें।
पूजा करने के बाद कलश का पानी पुरे घर में छिड़क दे तथा थोड़ा सा पी भी लें।
3 – how to download Shiv Chalisa PDF?
Ans – आप Shiv Chalisa PDF को www.pdfsewa.in की वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड कर सकते है। जो की बिलकुल फ्री है
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हाँ कर सकते हैं