Ganpati Aarti Pdf In Hindi Free 2023

दोस्तों यदि आपको Ganpati Aarti Pdf (गणेश आरती ) को डाउनलोड करके अपने मोबाइल में सेव करना है तो आप निचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके अपने मोबाइल में फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।

भगवन गणेश की पूजा भारत और महाराष्ट्र राज्य में विशेष रूप से की जाती है जिसमे गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित किया जाता है तथा 10 दिन बाद उसे समुन्द्र या नदी में विसर्जित कर दिया जाता है। इस दौरान Ganpati Aarti Pdf की मदद से आप रोज गणेश जी आरती कर सकते हैं।

Ganpati Aarti Overview

PDF नामGanpati Aarti Pdf
पेज संख्या2
PDF की साइज1 MB
भाषाहिंदी , मराठी
PDF Categoryधार्मिक / Religious
PDF sourse /creditpdfsewa.in
published date17 अप्रैल 2023

Ganpati Aarti Pdf

गणेश आरती क्या है ?

दोस्तों Ganpati Aarti Pdf को आप डाउनलोड करने के बाद इसका जप करना प्रारम्भ कर सकते हैं। जिसके प्रभाव से आपके जीवन में आने वाली सभी समस्याओ का निराकरण या नाश हो जायेगा।

गणेश आरती भगवान गणेश को समर्पित एक भक्ति गीत है, जो हिंदू धर्म में सबसे सम्मानित देवताओं में से एक हैं। यह पारंपरिक रूप से हिंदू धार्मिक समारोहों, त्योहारों और अन्य शुभ अवसरों के दौरान गाया जाता है।

श्री गणेश जी को समस्त देवो में सबसे अधिक पूज्य माना जाता है इसीलिए किसी भी कार्य की शुरुआत में भगवन गणेश का जप तप करने से उस कार्य के पूर्ण होने की पूरी उम्मीद हो जाती है। गणेश जी को मंगल करता तथा दुःख हारता भी कहा जाता है।

क्युकी गणेश जी की आशीर्वाद से भक्तो के सभी दुःख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा इनके भक्तो के सभी बाधा को भगवन गणेश हर लेते हैं।

गणेश आरती का पाठ करने के लाभ:

गणेश जी की आरती भक्तो के मन में सकारात्मकता लाता है और बाधाओं को दूर करता है: भगवान गणेश को बाधाओं के निवारण के रूप में जाना जाता है और माना जाता है कि उनकी आरती सकारात्मक ऊर्जा लाती है और किसी के जीवन से बाधाओं को दूर करने में मदद करती है।

ध्यान और एकाग्रता को बढ़ावा देता है: नियमित रूप से आरती का जाप करने से ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है, जो छात्रों और पेशेवरों के लिए समान रूप से फायदेमंद हो सकता है।अतः हमें इस का जप पतिदिन करना चाहिए।

एक आध्यात्मिक वातावरण बनाता है: आरती का पाठ करने से एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण बनता है जो व्यक्ति को अपने भीतर से जुड़ने और अधिक केंद्रित महसूस करने में मदद कर सकता है। तथा व्यक्ति को अपने भीतर एक शांति का आभाव पैदा होता है।

मानसिक और भावनात्मक कल्याण में सुधार: भगवन गणेश की आरती का जाप करने से तनाव और चिंता को कम करने, शांति की भावनाओं को बढ़ावा देने और समग्र मानसिक और भावनात्मक कल्याण में सुधार करने में मदद मिल सकती है।

कृतज्ञता की भावना को बढ़ावा देता है: गणेश आरती भगवान गणेश के प्रति आभार और भक्ति व्यक्त करने का एक तरीका है, जो भक्त में विनम्रता और कृतज्ञता की भावना पैदा करने में मदद कर सकती है।

कुल मिलाकर, गणेश आरती का पाठ करने से कई प्रकार के आध्यात्मिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक लाभ मिलते हैं, जो इसे हिंदुओं और ईश्वर से जुड़ने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक शक्तिशाली और सार्थक माध्यम बनाते हैं।

Ganpati Aarti Pdf

Ganpati Aarti Pdf lyrics with Meaning In Hindi

गणेश आरती अर्थ
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की जय।
भगवान गणेश हम सब पर कृपा करें
एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी
माथे पे सिंधुर सोहे सरस्वती की सवारी
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
भगवान गणेश के एक दांत और चार भुजाएं हैं।
वे माथे पर सिंदूर लगाते हैं और उनका वाहन मूषक है।
भगवान गणेश हम सब पर कृपा करें।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डू का भोग लगे संत करे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
भगवान गणेश को पान के पत्ते, फूल और मिठाई का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
संत भगवान की सेवा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
अंधान को आंख देत कोढ़िन को काया
बन्धन को पुत्र देत निर्धन को माया
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
भगवान गणेश अंधे को दृष्टि और मूक को वाणी का आशीर्वाद देते हैं।
वह बांझ को बच्चों का और गरीबों को धन का आशीर्वाद देता है।
भगवान गणेश हम सब पर कृपा करें।
सूर्य शाम शरण आए सफल की सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
भोर और संध्या के समय भगवान गणेश की शरण लें और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
भगवान गणेश देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं।
भगवान गणेश हम सब पर कृपा करें।

Ganpati Aarti Pdf lyrics In Marathi

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची ।

नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची ।

कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।

रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा ।

चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा ।

हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।

रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया

लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना ।

सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना ।

दास रामाचा वाट पाहे सदना ।

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती

Also Download hanuman chalisa pdf download free

गणेश आरती की विधि

  • भगवान गणेश जी की पूजा करने के लिए सबसे पहले गणेश की मूर्ति को स्नान करा कर साफ आसन पर रखकर वस्त्र, रोली और दूब अर्पण करें.
  • गणेश जी के प्रसाद में लड्डू, मोदक और जो भी मौसमी फल उपलब्ध हो वह रखे.
  • आरती शुरू करने से पूर्व 3 बार शंख बजाए शंख ध्वनि धीरे से उच्च स्वर में होनी चाहिए
  • एक घंटी को भी बजाते रहे और लय का ध्यान रखते हुए आरती गान करते हैं
  • आरती के शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें
  • आरती के लिए शुद्ध कपास या रुई से बनी घी की बत्ती का ही प्रयोग करें
  • घी और बत्ती उपलब्ध ना होने पर कपूर का उपयोग करें
  • बत्तीयो की संख्या म 1,5, 11, या 21 ही होनी चाहिए
  • आरती पूरे होने पर गणेश जी के जयकारा लगाते हुए मंगल कामना करें 

FAQ About Ganesh Aarti

1 . गणेश जी की आरती करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

Ans – आरती शुरू करने से पूर्व 3 बार शंख बजाए शंख ध्वनि धीरे से उच्च स्वर में होनी चाहिए
आरती करते समय एक घंटी को भी बजाते रहे और लय का ध्यान रखते हुए आरती गान करते हैं
आरती के शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जायेगा
आरती के लिए शुद्ध कपास या रुई से बनी घी की बत्ती का ही प्रयोग करें
घी और बत्ती उपलब्ध ना होने पर कपूर का उपयोग करें
बत्तीयो की संख्या म 1, 5, 11, या 21 ही होनी चाहिए ये शुभ माना जाता है।
आरती पूरे होने पर गणेश जी के जयकारा लगाते हुए मंगल कामना करें ताकि गणेश जी आपके जीवन को मंगल मय बनाये।

2 . गणेश जी की आरती कितनी बार करनी चाहिए?

Ans . गणेश जी की 4 बार आरती करनी चाहिए क्युकी गणेश जी चतुर्थी तिथि के अधिवष्टा है।

3 – गणेश जी की मूर्ति की स्थापना क्यों की जाती है?

गणेश जी और वेदव्यास

Ans – एक बार महान ऋषि वेदव्यास जी ने देखा की गणेश जी के शरीर का तापमान बहुत ही अधिक बढ़ा हुआ है और उनके शरीर पर मिटटी का लेप सुख कर गिर रहा है तो उन्होंने गणेश जी को १० दिनों के लिए पानी में डाल दिया , तथा इन दस दिनों में वेदव्यास जी ने गणेश जी को खाने के लिए विभिन्न चीज़े दी थी , तभी से ये परम्परा शुरू हो गई थी।

Sharing Is Caring:

Leave a Comment