खूबसूरत लड़की और भिखारी की शादी। Emotional Kahani | Best Hindi Story | Hindi Story

Emotional Kahani : मेरा नाम अभिषेक है आज निकला हूं मैं घर से उसकी तलाश करने के लिए जिसकी वजह से मेरी प्यारी बहन की आंखों में आंसू आए थे मुझे बड़ी उम्मीद है और ऊपर वाले से प्रार्थना करता हूं कि जिस मकसद से मैं अपने घर से दूर उसको ढूंढने के लिए जा रहा हूं वह मुझे मिल जाए मैं इंदौर का रहने वाला था और आज मैं पटना जा रहा हूं अपनी बहन के पति को ढूंढने के लिए मेरी कमजोरी मेरी बहन दिव्या है

मैं अपनी बहन से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं बचपन में ही मेरे माता-पिता हम दोनों भाई-बहन को अकेला इस दुनिया में छोड़कर चले गए थे मैं अपनी बहन से पूरा 5 साल बड़ा हूं मैं इतना कामयाब इंसान तो नहीं था लेकिन मेरी बहन की दुआओं ने मुझे कामयाब इंसान बना दिया मैं एक सीबीआई एजेंट हूं मेरे लिए कोई भी काम करना मुश्किल नहीं है मगर इधर बात मेरी बहन की आ रही थी मैं अपनी बहन की इज्जत का ख्याल रखते हुए बड़ी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा था

एक वक्त ऐसा था जब हम दोनों भाई बहन एक दूसरे के साथ बिल्कुल अकेले थे हमारा छोटा सा घर हुआ करता था मेरी छोटी बहन मम्मी पापा के चले जाने के बाद रोती रहती थी उसे मैंने संभाला था उसे विश्वास दिलाया था कि मैं कभी उसका साथ नहीं छोडूंगा उसके लिए ही मैं उसका पिता और मैं ही उसकी मां था हम दोनों भाई-बहन ने मम्मी पापा के मर जाने के बाद बहुत ही कठिन वक्त गुजारा था हमारा कोई रिश्तेदार हम दोनों भाई-बहन को अपने साथ ले जाने के लिए तैयार नहीं था

मम्मी पापा के सामने तो सारे ही रिश्तेदार हमारे अपने थे लेकिन उनके जाने के बाद हमारे सारे रिश्तेदारों की हकीकत हमारे सामने खुलकर आ गई थी हम दोनों भाई-बहन अपने रिश्तेदारों के लिए बोझ बन गए थे कोई नहीं चाहता था कि कोई हमें अपने घर में जगह दे हमें सहारा दे काफी समय तक हम दोनों भाई-बहन भूखे प्यासे रहे थे

मैंने अपनी बहन की खातिर लोगों के घरों में खाना तक मांगा था किसी को मुझ जैसे 10 साल के बच्चे पर तरस आता तो वह मुझे खाना दे दिया करता था और मैं उस खाने को घर लेकर आ जाता था अपने छोटे-छोटे हाथों से अपनी छोटी बहन को खिलाया करता था उसका पेट भरा करता था लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो मुझे भिकारी समझकर अपने घर के दरवाजे से धक्के मारक निकाल दिया करते थे उस समय मेरी आंखों में आंसू आ जाते थे भले ही मैं खुद भूखा रह सकता था

मगर अपनी बहन का पेट भरने के लिए मैंने क्या कुछ नहीं किया था मुझे अपनी बहन जान से ज्यादा प्यारी थी वह बच पन से ही बहुत क्यूट थी बिल्कुल मेरी मम्मी पर गई थी हम दोनों के मम्मी पापा जब जिंदा थे तो हमसे बेहद मोहब्बत करते थे लेकिन एक हादसे ने उनकी जान ले ली हमारे पास हमारे अपने घर के अलावा और कुछ भी नहीं था उस समय मैं छोटा बच्चा था ज्यादा कुछ नहीं जानता था सिर्फ मुझे इतनी फिक्र थी कि मेरी बहन को भूख लग रही है उसे खाना खाना है

खेलने कूदने की उम्र में ही मैं जिम्मेदारियों को निभाना अच्छी तरह से समझ गया था लेकिन मैंने अपनी बहन के बचपन पर कोई आंच नहीं आने दी थी एक जिम्मेदार भाई की तरह हमेशा उसकी रक्षा की थी हमारा घर बहुत बड़ा था एक दिन हमारे घर में एक भिकारी आया मेरे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था मैं तो खुद लोगों के घरों से खाना मांग कर लाता था मैंने उस बूढ़े बाबा से कहा कि बाबा जी मेरे पास खाने को तो कुछ नहीं है क्योंकि मेरे माता-पिता इस दुनिया से चले गए हैं

मैंने भी कई दिनों से पेठ भर करर खाना नहीं खाया मैं तो भूखा रह सकता हूं लेकिन मैं अपनी बहन को परेशान नहीं देख सकती उसे खाना नहीं मिलता तो वह रोती रहती है और खाना खा लेती है तो खेलती रहती है उन बाबा जी को मुझ पर बहुत तरस आया था मैं घर के अंदर आया और मैंने हमारे घर में एक पीतल का फ्लावर पॉट मौजूद था वो उनको लाकर दे दिया और कहा कि बाबा जी इसे बेचकर आप खाना खा लेना

क्योंकि कुछ दिन पहले इस फ्लावर पॉट का दूसरा फ्लावर पॉट बेचकर मैं बाजार से खाना लेकर आया था उस दिन मुझे किसी ने खाना नहीं दिया था मेरे पास इतने पैसे तो आ ही गए थे कि मैंने बाजार से अपने लिए और अपनी बहन के लिए खाने का इंतजाम कर लिया था यह उसी का दूसरा जोड़ा है यह पीतल का है और इसके आपको भी इतने पैसे मिल सकते हैं कि आप एक वक्त का खाना पेट भर करर खा लोगे मैं इसके अलावा आपकी कोई मदद नहीं कर सकता

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आप मेरे दरवाजे पर आकर मुझसे खाना मांग रहे हो मैं खुद भी दूसरों के दरवाजे पर जाकर कभी-कभी खाना मांग लेता हूं इसलिए मुझे आपकी तकलीफ का अंदाजा बहुत अच्छे तरीके से है मैं नहीं चाहता कि आप खाली हाथ मेरे दरवाजे से जाओ मेरी बात सुनकर बाबा जी ने मोहब्बत से मेरे सर पर हाथ रखा और कहा कि बेटा तुम्हारी उम्र इतनी नहीं है मगर तुम अपनी उम्र से ज्यादा समझदार हो वक्त ने तुम्हें तकलीफें झेलना सिखा दिया है बेटा मुझे तुमसे यह भी नहीं चाहिए

इस फ्लावर पॉट को तुम अपने पास रख लो बुरे समय में यह तुम्हारे काम आएगा मैं बुरा नहीं मानूंगा इस बात का कि तुमने मुझे अपने दरवाजे से खाली हाथ भेज दिया बल्कि मैं तो प्रार्थना करता हूं कि ऊपर वाला तुम्हारी सारी परेशानी दूर कर दे मुझे अपने भगवान पर पूरा भरोसा है तुम्हारा दिल बहुत सच्चा है वह तुम्हारी मदद जरूर करेगा तुम देखना एक दिन तुम्हारे पास इतना रुपया पैसा होगा कि तुम मुझ जैसे ना जाने कितने गरीब लोगों को खाना खिलाओगे

मैंने कहा बाबा जी क्या सच में ऐसा होगा बाबा जी कहने लगे कि हां बेटा ऐसा ही होगा अच्छे लोगों की हमेशा ऊपर वाला परीक्षा लेता है और जब वह लोग अपनी परीक्षा में सफल हो जाते हैं तो उनकी परीक्षा का परिणाम उन्हें कुछ इसी तरह से मिलता है बाबा जी की बात सुनकर मैं बहुत खुश हुआ था मैं ने उनसे कहा था कि बाबा जी मेरी बहन के अच्छे भाग्य के लिए हमेशा प्रार्थना करना बाबाज ने कहा कि तुम और तुम्हारी बहन हमेशा खुश रहेंगे और यह कहकर व मेरे दरवाजे से चले गए थे

उसके बाद कभी मुझे वो बूढ़े बाबा दिखाई नहीं दिए मुझे कुछ भी करके कोई ना कोई काम तो करना ही था आखिर कब तक मैं अपनी बहन को लोगों के घर से खाना मांग मांग कर खिलाता रहता मैंने राह चलते लोगों की गाड़ियां साफ करना शुरू कर दिया मैं लोगों की गाड़ियां रोक रोक कर उनसे कहता कि साहब अपनी गाड़ी साफ करवा लो मैं बहुत अच्छी गाड़ी साफ करता हूं जिसके दिल में मेरे लिए दया होती वह मुझसे अपनी गाड़ी साफ करवा लेता

मैं उनकी गाड़ी बड़े अच्छे तरीके से चमका दिया करता था गाड़ी पर एक भी धब्बा नहीं छोड़ता था लोग मेरे काम से खुश होते और मुझे पैसे दे जाया करते थे मैं अपनी बहन को घर पर छोड़कर चला जाता था मगर मुझे बार-बार उसकी फिक्र लगी रहती थी मैं घर आता और दिव्या को बार-बार समझा कर जाता था घर के किसी सामान के साथ छेड़छाड़ मत करना बस अपने खिलौने के साथ खेलती रहना मैं तुम्हारे लिए खाना लेकर आऊंगा मुझे जैसे ही किसी भी एक गाड़ी को साफ करने के लिए पैसे मिल जाते

मैं फौरन ही घर आ जाता था और अपनी बहन को खाना खिलाता और खुद भी खाना खाता उसके बाद उसके साथ ही रहता था वह छोटी थी मैं उसे ज्यादा अकेला भी नहीं छोड़ सकता था मुझे अपनी बहन की सबसे ज्यादा फिक्र इसलिए भी थी जब मेरी मम्मी जिंदा थी और वह घर के काम में लगी रहती थी मैं और दिव्या खेलते रहते थे मैं जैसे ही दिव्या से अलग हो जाता तो मम्मी मुझसे कहती थी कि बेटा हमेशा अपनी बहन का ख्याल रखा करो उसके साथ रहा करो भाई ही तो बहन की रक्षा करते हैं

एक भाई ही होता है जो अपनी बहन के लिए ढाल बनकर खड़ा होता है उसे कभी किसी चीज की तकलीफ नहीं होने देता मम्मी के जाने के बाद मुझे मम्मी की कही हुई बातें हमेशा याद रहती थी इसलिए छोटी सी ही उम्र में मेरे दिमाग में अपनी बहन की रक्षा की हमेशा फिक्र रहती थी इसी तरह मैं हर रोज सुबह सवेरे घर से निकल जाता और सड़क पर चलने वाली गाड़ियों को रोक-टोक हो रहा था मैं बाजार से खाना लाकर अपना और अपनी बहन का पेट भर लिया करता था

घर में हमारे लिए जो कपड़े मौजूद थे जो खिलौने मौजूद थे वही हमारे लिए सब कुछ थे घर की सफाई भी मुझसे जैसे होती मैं कर दिया करता था सुबह उठकर अपनी बहन को तैयार करता उसको कपड़े पहना आता उसके बाल बनाता सारे काम उसकी बिल्कुल अपनी मम्मी की तरह ही किया करता था मेरी बहन भी मेरा ख्याल रखने में कभी कोई कमी नहीं छोड़ती थी वह मेरे साथ घर आने के बाद काफी देर तक खेलती रहती थी उसके बाद थक कर सो जाती थी मुझे अपनी बहन पर बहुत प्यार आता था

वक्त इसी तरह से गुजरता जा रहा था कुछ लोग मुझ पर दया दिखाते तो कुछ अमीर लोग मुझे गालियां देते थे बातें सुनाते थे मैं हर किसी की बातों को बर्दाश्त करता था और जो लोग मुझ पर दया दिखाते उनकी बेहिसाब इज्जत किया कर ता था मेरी जिंदगी इसी तरह से गुजर रही थी धीरे-धीरे मैं 14 साल का हो गया और मेरी बहन अब 9 साल की हो गई थी उसके अंदर भी थोड़ी समझदारी आ गई थी वो ज्यादा कुछ नहीं मगर घर के एक दो काम कर लिया करती थी

एक दिन मेरे सामने पुलिस ऑफिसर की गाड़ी आई उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा क्या मेरी भी गाड़ी साफ कर दोगे मैंने कहा कि हां हां साहब क्यों नहीं आपकी गाड़ी साफ करने में मुझे बहुत खुशी मिलेगी आप तो देश के रखवाले हो मुझे पुलिस वाले बहुत पसंद है है आपकी गाड़ी मैं फ्री में साफ करूंगा मेरी बात सुनकर वह खुश हो गए मैं उनकी गाड़ी साफ करने लगा और साथ ही साथ वह मुझसे बातें भी करने लगे कहने लगे कि इतनी छोटी सी उम्र में तुम यह क्या कर रहे हो तुम्हें तो पढ़ना चाहिए तुम्हें पुलिस वाले पसंद हैं तो तुम्हें भी देश का रखवाला बनना चाहिए

मैंने उनको अपनी जिंदगी के बारे में बताया तो मेरी बात सुनकर उन्हें बेहद अफसोस हुआ था उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम्हें पढ़ने का मौका दिया जाए तो क्या तुम पढ़ोगे देश का रखवाला बनना चाहोगे शायद व मुझसे और मेरी बातों से बेहद खुश हुए थे मैंने कहा कि हां साहब क्यों नहीं जब मेरे मम्मी पापा जिंदा थे तो मैं प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था मैं सेकंड क्लास तक पढ़ा हूं लेकिन मम्मी पापा के जाने के बाद मेरे पास खाने के लिए ही कुछ नहीं था तो फिर पढ़ाई कैसे करता

मैं खुद भी पढ़ना चाहता हूं और अपनी छोटी बहन को भी पढ़ाना चाहता हूं मैं खुद तो ना पढ़ सका लेकिन मैंने सोच लिया है कि मैं दिन रात मेहनत करूंगा लेकिन अपनी बहन को शिक्षा जरूर दिलवा आंगा शिक्षा बहुत काम की चीज है मेरी बात सुनकर उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें सरकार से अगर मदद दिलवा हंगा तुम भी शिक्षा हासिल कर सकोगे और तुम्हारी बहन भी मैं खुश हो गया साहब तो कहने लगे कि हां बेटा मैं सच कह रहा हूं लेकिन तुम मुझसे वादा करो

तुम ये लोगों की गाड़ियां रोक रोक कर उनको साफ करना बंद कर दोगे मैंने कहा साहब यह काम नहीं करूंगा तो हम लोग खाना कैसे खाएंगे उन्होंने कहा कि मैं तुमसे वादा करता हूं मैं तुम्हें हर महीने पैसे देकर जाया कर करूंगा और तुम दोनों भाई-बहन की पढ़ाई का खर्चा भी सरकार उठाएगी मैं तुम्हें काफी दिनों से देख रहा हूं तुम्हें इस तरह से मेहनत करते हुए देखकर मेरा दिल दुखता है वह साहब बहुत अच्छे इंसान थे उन्होंने जो कहा था वह करके दिखाया था

वह हमारे माई बाप बन गए थे उन्होंने मेरा और मेरी बहन का बहुत साथ दिया था जरूरी नहीं कि इस दुनिया में हर इंसान किसी ना किसी मतलब से ही आपकी मदद करता है कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सच में देश का रखवाला कहलाने लायक है जैसे कि वह पुलिस बाबू जिन्होंने मेरी हमेशा मदद की थी मैं और मेरी बहन शिक्षा भी हासिल कर रहे थे अब मैंने गाड़ियों की सफाई करना छोड़ दिया था पुलिस वाले बाबू मुझे हर महीने अपने बच्चों के पुराने कपड़े लाकर दे दिया करते थे

और महीने में एक बार हम दोनों भाई बहन के लिए नए कपड़े भी लेकर आते थे और खिलौने भी लेकर आते थे और मुझे पैसे भी देकर जाते थे हमारी जिंदगी बहुत अच्छी गुजर रही थी देखते ही देखते मैं और मेरी बहन जवान हो गए मैं इतना पढ़ लिख गया था कि मैं काबिल इंसान बन गया मैं अपने देश की सरकार का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिसने पुलिस वाले बाबू की ही वजह से मेरी और मेरी बहन की शिक्षा का पूरा पूरा खर्चा उठाया

मैं भी पढ़ लिखकर एक सीबीआई ऑफिसर बन गया था मैं आज भी उन पुलिस वाले बाबू का शुक्र गुजार हूं जिन्होंने बचपन से लेकर मेरे काबिल होने तक मेरा हमेशा साथ दिया लेकिन कहते हैं ना कि अच्छे लोग हमेशा हमारे साथ नहीं रहते उन पुलिस वाले बाबू की उनके ही किसी दुश्मन ने हत्या हत्या कर दी थी और वह भी इस दुनिया से चले गए उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा कोई भी नहीं था उनके जाने के बाद उनकी पत्नी अकेली रह गई थी

मैं और दिव्या उनके घर जाकर उनसे बातें किया करते थे उनका दुख हल्का किया करते थे लेकिन कुछ समय के बाद वो भी इस दुनिया से चल बसी वो भले ही इस दुनिया से चले गए थे मगर हम दोनों भाई बहन आज जो कुछ भी है उनकी ही बदौलत है हम आज भी उन्हें बहुत याद करते हैं बस जिंदगी इसी तरह से चलती जा रही थी मैं तो ज्यादातर अपनी नौकरी में ही बिजी रहता था मेरी बहन अभी पढ़ाई कर रही थी वह कॉलेज जाया करती थी लेकिन इसके साथ ही साथ वह नौकरी करना चाहती थी

उसने मुझसे नौकरी की परमिशन ली तो मैंने उसे परमिशन दे दी थी साथ ही साथ मेरी बहन घर की भी काम किया करती थी बचपन से लेकर अब तक हम दोनों भाई बहन एक दूसरे के हमदर्द रहे थे लेकिन नौकरी करते दौरान मेरी बहन को उसके ही ऑफिस में काम करने वाले एक लड़के से मोहब्बत हो गई जो पटना का रहने वाला था ले यहां नौकरी के सिलसिले में आया था वो उसकी एक कंपनी में काम करता था जब उन दोनों की एक दूसरे के साथ मुलाकात हुई

और यह मुलाकात मोहब्बत में बदल गई उन दोनों की मोहब्बत को कितना समय हुआ था यह तो मैं नहीं जानता था लेकिन एक दिन मैंने दिव्या को उस लड़के के साथ फोन पर बातें करते हुए देख लिया था जब मैंने दिव्या से पूछा कि आखिर तुम किससे बात कर रही हो तो वह डर गई थी लेकिन मैंने उसे भरोसा दिलाया कि मैं ऐसा भाई नहीं हूं जो अपनी बहन की मोहब्बत के खिलाफ जाऊंगा अगर तुम तुम और वह लड़का सच में एक दूसरे से मोहब्बत करते हो तो मुझे उससे मिलना है

एक ना एक दिन तो तुम्हारी शादी मुझे करनी ही है अगर वह तुमसे शादी करने के लिए सीरियस है और तुमसे शादी करने के काबिल है तो तुम्हारी शादी मैं उसके साथ ही करवाऊंगी मैं एक बार उससे मिलना चाहता हूं उस लड़के का नाम नील था दिव्या ने मुझे उसके बारे में सब कुछ बता दिया था और अगले ही दिन उसने उस लड़के को मुझसे मिलने के लिए बुलवाया था वो लड़का हमारे घर आया उससे बातचीत करके मुझे बहुत अच्छा लगा था

उसने मुझे बता बताया था कि वह पटना का रहने वाला है और वहीं पर उसका परिवार भी रहता है उसके परिवार में ज्यादा तो कोई नहीं है सिर्फ उसके पिता रहते हैं और एक छोटी बहन है वहां उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी इसलिए वह यहां पर नौकरी की तलाश में आ गया था उसने मुझसे कहा कि मैं आपकी बहन से बहुत प्यार करता हूं

मैं उसे हमेशा खुश रखूंगा नील मुझे दिव्या के लिए परफेक्ट लगा था मेरी बहन की खुशी उसके साथ थी इसलिए मैंने अपनी बहन की जिद्द और खुशी की खातिर नील से बोल या था कि मैं तुम्हारे पिता से बात करना चाहता हूं नील ने अपने पिता से मेरी बात करवा दी थी

बल्कि वह इंदौर आ गए थे और यहां आने के बाद नील और दिव्या की शादी हो गई नील यहां रैंट के फ्लैट में रहता था लेकिन मैंने अपनी बहन को दहेज में एक फ्लैट रहने के लिए दे दिया नील के पिता तो दोबारा से पटना वापस चले गए थे क्योंकि उन्हें अपने घर की आदत थी वह यहां पर नहीं रह सकते थे और इधर नील की नौकरी बहुत अच्छी थी वह अपने पिता के साथ नहीं रह सकता था नील हर महीने उन्हें पैसे भेजता रहता था बहन विदा होकर अपनी ससुराल चली गई थी

उसका फ्लैट हमारे घर से ज्यादा दूर तो नहीं था इसलिए मुझे अपनी बहन को विदा करते समय ज्यादा अफसोस नहीं हुआ था मेरी बहन नील के ऑफिस जाने के बाद ज्यादातर अकेली ही घर में रहती थी इसलिए हमारे घर आ जाया करती थी मैं खुश था कि मेरी बहन का लाइफ पार्टनर एक अच्छा इंसान था नील के बारे में जितनी इंफॉर्मेशन मैं निकाल सकता था मैंने निकाल ली थी उसके बारे में मुझे जितनी भी जान जानकारी मिली थी वह सब बिल्कुल ठीक थी

वह एक शरीफ इंसान था और उसका बैकग्राउंड भी बिल्कुल साफ सुथरा था इसलिए मैं अपनी बहन की शादी उसके साथ करने के बाद बहुत तसल्ली मंद महसूस कर रहा था ऊपर वाले का दिया मेरे पास सब कुछ था मेरी जिंदगी में वह बूढ़े भिकारी बाबा और पुलिस वाले बाबू इन दोनों की प्रार्थना हों का नतीजा था कि मैं इतना कामयाब इंसान था मेरी जिंदगी से परेशानियां पूरी तरह से निकल गई थी लेकिन अचानक फिर से एक वक्त ऐसा आया

जिसने मुझे परेशानी में डाल दिया था और इस परेशानी से निकलना मेरे लिए बहुत मुश्किल साबित हुआ था एक दिन दिव्या ने मुझे रोते हुए फोन किया और कहने लगी कि भैया आप कहां हो मैंने कहा कि मैं तो घर पर ही हूं बताओ क्या बात है तो वह कहने लगी कि मैं अभी और इसी समय घर आ रही हूं आप कहीं मत जाना दिव्या की रोती हुई आवाज सुनकर मैं परेशान हो गया था वह जैसे ही घर आई मेरे गले से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगी और कहने लगी भैया कल सुबह से नील घर पर नहीं आए हैं

कल मुझसे कह रहे थे कि मुझे किसी जरूरी काम से जाना है मैं रात तक वापस आ जाऊंगा मगर वह सारी रात वापस नहीं आए उनका मोबाइल नंबर भी अब बंद जा रहा है मैंने कहा दिव्या रोना बंद करो मैं अभी नील का कुछ पता लगवाता हूं सबसे पहले मैंने अपनी जेब से मोबाइल निकालकर नील को फोन किया उसका नंबर तो सच में बंद जा रहा था फिर उसके बाद मैंने नील का पता लगवाया लेकिन नील का कोई भी अता पता नहीं चल सका था

मेरी बहन ने बताया कि वह बताकर नहीं गया कि वह कहां जा रहा है मैंने हर तरफ अपने पुलिस कर्मी लगा दिए थे ताकि वह नील को ढूंढ निकाले लेकिन दो दिन गुजर गए थे नील का कुछ अता पता नहीं चल रहा था इस दौरान दिव्या की तबीयत नील को याद करते-करते बहुत खराब हो चुकी थी मैंने दिव्या का चेकअप डॉक्टर से करवाया तो पता चला कि दिव्या मां बनने वाली है डॉक्टर ने कहा कि इनकी प्रेगनेंसी को दो महीने हो चुके हैं यह बात प्रिया को पिछले हफ्ते ही पता चली थी

फिर भी वह अपने पति की इतनी टेंशन ले रही थी मैं मजबूर हो गया था नील को ढूंढने के लिए अपनी बहन की खुशी की खातिर मुझे उसे कहीं से भी ढूंढ निकालना था इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे कुछ भी करके वहां जाना होगा जहां से वह आया था पटना मैंने अपनी बहन से वादा किया था कि मैं तुम्हारे पति को लाकर ही रहूंगा पहले तो मुझे लगा था कि एक दो दिन के बाद नील खुद ही घर वापस आ जाएगा हो सकता है वह किसी जरूरी काम में फंस गया हो

मगर जब उसका कोई नामो निशान नहीं मिला तो मुझे उसको ढूंढने के लिए पटना जाना पड़ गया दिव्या के पास मैंने अपने दोस्त की एक पत्नी को उसका ख्याल रखने के लिए छोड़ दिया था क्योंकि ऐसी कंडीशन में मैं दिव्या को अकेले छोड़कर नहीं जा सकता था यहां तक कि उसके खुद की सहेलियां भी उसका ख्याल रखने के लिए आ गई थी और अब वह अकेली नहीं थी इसलिए मैं उसे छोड़कर आराम से चला गया यहां मेरी बहन की खुशियों का सवाल था

इसलिए मैंने किसी को नहीं बताया था कि मैं पटना क्यों जा रहा हूं पटना पहुंचने के बाद मैं सबसे पहले नील के पिता के घर गया था क्योंकि उसका असल घर वहीं पर था पटना पहुंचने के बाद मुझे पता चला कि नील अपने पिता के घर आया ही नहीं है उसके पिता परेशान होते इसलिए मैंने उनको नहीं बताया था कि उनका बेटा कहीं मिल नहीं रहा मैंने कहा मैं तो बस ऐसे ही यहां किसी काम के सिलसिले में आपके शहर आया हुआ था इसलिए सोचा कि आपसे मिल लूं

नील के पिता ने मुझसे कहा कि बेटा वो कैसा है और मेरी बहू कैसी है मैंने उनको बता दिया था कि सब कुछ ठीक है लेकिन बातों ही बातों में मैंने उनसे नील के बारे में थोड़ी सी इंफॉर्मेशन ले ली थी उन्होंने मुझे नील के कुछ दोस्तों के बारे में बताया था और उनका एड्रेस भी मैंने उनसे पूछ लिया था मैं नील के सारे दोस्तों के पास गया उनको भी नील के बारे में कुछ नहीं पता था लेकिन उसका एक ऐसा दोस्त था जिसने मुझे हैरान कर देने वाली बात बताई थी

उसने मुझे बताया कि नील पिछले कई सालों से एक गैंगस्टर की गैंग में काम कर रहा था लेकिन जब से वह इंदौर नौकरी करने के लिए गया तब से ना तो वह यहां पर आया और ना ही मुझे उसकी किसी ऐसी वैसी हरकत के बारे में पता चला मुझे किसी गड़बड़ की आशंका हो रही थी मुझे ऐसा लगता था और हो ना हो नील इसी शहर में मौजूद है कुछ दिन मुझे यहां रहकर उसे ढूंढना होगा लेकिन मेरा अपने असल रूप में उसे तलाश करना ज्यादा भारी था

इसलिए मैंने वहां रहकर अपना रूप बदल लिया मैं एक भिकारी के भेस में आ गया था मैंने पटना के हर मोहल्ले हर गली में उसे तलाश करना शुरू कर दिया था वहां की पुलिस से भी मैंने सहायता ली थी और कुछ ऐसे मुखबिर थे जिनको मैं अच्छी तरह से जानता था मैंने अपने मुखबिर भी जग जगह छोड़ दिए थे जो नील को तलाश करने में मेरी मदद कर सके मैं भिखारियों की तरह जगह-जगह लोगों के घरों में जाकर भीख मांगता और नील की तलाश करता था

मुझे मेरे एक मुखबिर ने एक मोहल्ले का पता बताया था और कहा कि यहां से आपको नील के बारे में कुछ पता चल सकता है इसीलिए मैंने उसी मोहल्ले में घूमना फिरना शुरू कर दिया मैंने फटे पुराने कपड़े पहने हुए थे मेरी ऐसी हालत देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि मैं एक सीबीआई एजेंट हूं जिस मोहल्ले में मैं नील की तलाश कर रहा था वहां एक दिन मेरी एक लड़की पर नजर गई जो बेहद ही खूबसूरत थी और सड़क का रास्ता कुत्तों के झुंड की वजह से पार नहीं कर पा रही थी

वह बहुत ज्यादा डरी हुई और घबराई हुई थी मैं उसकी मदद करने के लिए आगे बढ़ा मैंने उन कुत्तों को पत्थर मारकर पीछे किया तो वो लड़की रास्ता छोड़कर आगे बढ़ गई थी अगले दिन फिर से मेरा सामना उसी लड़की से हुआ तो उसने मुझे धीम से आवाज लगाई और कहने लगी कि कल की मदद करने के लिए आपका शुक्रिया मेरा नाम जानवी है मैंने कहा अरे नहीं नहीं आपको कुत्तों से बचाना मेरे लिए बहुत जरूरी था वरना वह आपको नुकसान भी पहुंचा सकते थे

मेरी बात पर वह धीमे से मुस्कुराई और अपने घर के अंदर जाकर मेरे लिए खाना लेकर आई उसने तो सच में मुझे भिखारी समझ लिया था मगर मैं उसके सामने थोड़ी हीरो पंती दिखाना चाहता था यह वक्त ऐसा था कि मैं बहुत ही परेशान था नील की वजह से अब हर दिन मेरा सामना उस लड़की से होने लगा था और किसी ना किसी वजह से हम दोनों की बात होती रहती थी वो बड़ी फिक्र से मुझ जैसे गरीब भिखारी के लिए खाना लेकर आती थी और हमेशा मुझे भीख के पैसे भी देती रहती थी

जितने भी पैसे मेरे पास भीख के आते और खाना जो लोग मुझे दिया करते वह सारा ही सामान मैं उन गरीबों को दे दिया करता था जो इसके असल हकदार थे वो लड़की जब मुझसे बात करती थी तो ना जाने क्यों मुझे बहुत अच्छी लगती थी और मैं भी जब उसी मोहल्ले के इर्दगिर्द मंडराता रहता था ताकि उसे देखता रहूं उसका दिया हुआ खाना मैं बड़े शौक से खाता था और वह जो पैसे देती मैं उन पैसों को अलग से रख दिया करता था

अब हर दिन मेरी उसके साथ किसी ना किसी टॉपिक पर बात होती रहती थी वह अपने दरवाजे पर आ जाती और काफी देर तक मुझसे बातें करती रहती थी लोगों को लगता कि वह भिकारी से बात कर रही है मगर उसने मुझसे दोस्ती कर ली थी मैं उससे दोस्ती के दौरान भी बातों ही बातों में नील की पहचान बताकर उससे नील के बारे में कुछ जानकारी लेना चाहता था कभी व नील को जानती हो या उसने ऐसे लड़की को कभी आसपास देखा हो लेकिन उसे नील के बारे में कुछ भी नहीं पता था

मुझे यह लड़की बहुत अच्छी लगती थी इसको देखे बिना अब मेरा गुजारा नहीं हो रहा था इसकी बातें मुझे बहुत पसंद आती थी और मुझे ऐसा लगता था कि यह भी मेरे ही इंतजार में अपने दरवाजे पर मेरे आते ही खड़ी हो जाती है मैं उस मोहल्ले के दिन में तीन-चार चक्कर लगा लिया करता था तो वह हर बार मुझे अपनी खिड़की या दरवाजे में खड़ी हुई मिलती थी एक दिन उसने मुझे ₹5000000 हूं मगर आज मेरे पास खुले हुए पैसे नहीं है मैंने कहा तो मैं आपको खुले पैसे दे देता हूं

वह मेरी बात सुनकर जोर-जोर से हंसने लगी और वह कहने लगी कि तुम गरीब हो और अभी सुबह का टाइम है तुम्हारे पास ₹5000000 अपने पास रख लिए अब वह बार-बार अपने ₹5000000 एक दिन वह मुझसे कहने लगी कि तुमने अभी तक मेरे पैसे नहीं दिए मैंने कहा एक शर्त पर मैं तुम्हें तुम्हारे पैसे लौटा हंगा तुम्हें अपने पैसे लेने के लिए मुझसे शादी करनी होगी मेरी बात सुनकर वह शर्मा गई लेकिन मैं क्या कहना चाहता था वह यह बात बहुत अच्छी तरह से समझ गई थी

उसको लगता था कि उसका मेरा कोई मेल नहीं है और मुझे भी यही लगता था कि वह जिस तरह से मुझसे बात करती है मेरी मदद करती है और मुझे अपना दोस्त मानती है शादी के प्रपोजल पर वह मुझसे बात करना ना भी बंद कर देगी क्योंकि मैं ऐसी लड़की के साथ ज्यादा नजदीकियां नहीं बढ़ा सकता था जो मेरे बारे में सच नहीं जानती मगर उसका जवाब जानकर मुझ पर बिजली गिर पड़ी थी उसने कहा कि मुझे कोई तराज नहीं है

तुमसे शादी करने में इंसान दिल का अच्छा होना चाहिए और वह दिल से अमीर भी होना चाहिए तुम बहुत अच्छे हो तुम्हारी बातों के अंदाज से ही मैं तुम्हें पहचान गई हूं कि तुम एक अच्छे और नेक इंसान हो इसका मतलब यह था कि वह मुझसे मोहब्बत करने लगी थी और उस दिन उसने अपनी मोहब्बत का इजहार मुझसे कर दिया था उसने साफ-साफ शब्दों में कह दिया था कि मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं वो भी उस दिन के बाद मेरे ख्यालों में बस गई थी

मेरी आंखों के सामने उसका चेहरा घूमता रहता था लेकिन जिस समय मुझे नील का ख्याल आता मुझे सब कुछ बुरा लगने लगता था एक बार भी उस लड़की ने यह नहीं सोचा कि मैं सड़कों पर घूमकर भीख मांगता हूं किसी भिखारी से शादी करने के बाद उस जैसी पढ़ी लिखी लड़की का क्या फ्यूचर होगा वो लड़की गरीबी के सहारे भी अपनी जिंदगी गुजार सकती थी उसकी सोच बहुत अलग थी लेकिन मैं उससे दूर रहने लगा था वह सच में मेरी मोहब्बत में दीवानी हो गई थी

मैं उससे दूर जाने की कोशिश करता तो वह मेरे पास आने की कोशिश करती थी वह सीरियस होकर मुझसे अपनी पसंद का इजहार करती थी कहती थी कि कर लो ना मुझसे शादी उसके जवाब पर मैंने भी उसे कह दिया था कि अच्छा ठीक है मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं मैं मजाक कर रहा था लेकिन तुमने तो सीरियस ही ले लिया मुझसे शादी करने के बाद तुम्हें भी मेरे साथ सड़कों पर भीख मांगना पड़ेगा वह कहने लगी कि कोई बात नहीं मेरी जिंदगी में सुकून नहीं है

मुझे सुकून की जरूरत है मेरे मम्मी पापा आपस में बहुत लड़ते झगड़ते हैं मुझे सिर्फ एक ऐसा शख्स चाहिए जो मुझसे मोहब्बत कर सके तुम मुझे अगर मोहब्बत दे सकते हो तो तुम दुनिया के सबसे अमीर इंसान हो और ऐसे इंसान से शादी करना ही मेरा सपना है उसकी बातें मुझे बहुत अच्छी लगी थी मैंने कहा तो ठीक है मगर मैं इतनी जल्दी तुमसे शादी नहीं करूंगा मुझे थोड़ा वक्त चाहिए वह मेरी इस बात पर राजी हो गई थी उसकी और मेरी मुलाकात भी होने लगी थी

मैंने उसे बता दिया था कि मैं उसकी खोली के पीछे वाली खोली में रहता हूं नील की तलाश अभी भी मेरे लिए जारी थी और मुझे लगता था कि अब मैं जल्द से जल्द नील तक पहुंच जाऊंगा क्योंकि हर चप्पे-चप्पे पर मैं नील का फोटो दिखाकर उसे तलाश कर रहा था पटना के हर मोहल्ले हर गली हर दुकान पर हर घर में लगभग मैं उसे तलाश कर ही चुका था एक रात आधी रात का समय था जब मेरे घर का दरवाजा बचा और जानवी मुझसे मिलने के लिए आई

उसे इस तरह रोते हुए देखकर मैं घबरा गया मैंने कहा तुम यहां इतनी रात को क्या कर रही हो क्या बात है तो वह कहने लगी कि अभिषेक तुम मुझसे अभी और इसी समय शादी कर लो मैंने कहा क्यों क्या हो गया है तो वह रोते हुए बोली कि मेरी मां मेरी शादी किसी अमीर इंसान के साथ करवाना चाहती है उन्होंने मेरा रिश्ता किसी के साथ तय कर दिया और मेरी शादी अगले हफ्ते होने जा रही है मगर मगर मैं तुम्हारे अलावा किसी से शादी नहीं करूंगी

मेरी मां शुरू से ही मेरी शादी किसी अमीर इंसान के साथ करवाना चाहती है इसलिए ना जाने कितने रिश्ते वो ठुकरा चुकी है वह तुम्हारी शादी भी मेरे साथ कभी नहीं होने देगी तुम्हें अगर मेरा होना है तो मुझसे शादी करनी होगी मैं घर वापस नहीं जाऊंगी जब तक तुम मुझे अपनी पत्नी नहीं बना लेते जानवी बहुत ही अजीब बात कर रही थी मैंने उसे समझाने की बहुत कोशिश की मगर उसने कहा कि जब तक वह मुझसे शादी नहीं कर कर लेती तब तक वह अपने घर नहीं जाएगी

मैं तो बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गया था वह रोते हुए मुझे बहुत बेबस नजर आ रही थी मैंने उसे शांत करवाया और दिन निकलते ही उसके साथ शादी कर ली शादी तो मैं भी उससे करना चाहता था मगर ऐसी कंडीशन में नहीं इतनी जल्दबाजी में उसकी शादी मेरे साथ हो गई वह अपने मायके चली गई और उसने अपने माता-पिता को बता दिया कि उसने मुझसे शादी कर ली है इस बात पर उसके माता-पिता बहुत नाराज हुए थे उसको बहुत डांट लगाई थी

मगर वो अपना जरूरी सामान लेकर मेरी खोली में आकर रहने लगी उसके माता-पिता ने उससे सारे संबंध खत्म कर दिए थे क्योंकि उन्हें अपनी बेटी से एक भिकारी से शादी करने की उम्मीद नहीं थी अब वह मेरी पत्नी बन चुकी थी इसीलिए अब उसकी ख्वाहिशें पूरी करना मेरी जिम्मेदारी थी मैं हर दिन भिकारी बनकर नील की तलाश करने के लिए घर से निकल जाता लेकिन उसके लिए बाजार से अच्छा खाना लेकर आता था और उसकी जरूरत का सामान भी इस खोली में मैंने एक छोटा सा कमरा रैट पर लिया हुआ था

जानवी को लगता ता था कि यह मेरा ही घर है मगर मेरी हकीकत क्या थी वह कुछ भी नहीं जानती थी कई दिन और इसी तरह से गुजर गए थे वह मेरे घर में ऐशो आराम की जिंदगी गुजार रही थी जानवी के माता-पिता ने भले ही उससे सारे संबंध खत्म कर दिए थे लेकिन उसे अपने माता-पिता बहुत याद आते थे इसलिए वह अपने माता-पिता के घर चली जाती थी उनमें से कोई उसे एक्सेप्ट नहीं करता था फिर भी वह अपने छोटे भाई बहन के लिए खाने पीने का कुछ सामान ली जाती थी

लेकिन उसके ऐसे ठाट बाट देखकर उसके माता-पिता बहुत ही कंफ्यूज हो रहे थे कि आखिर एक भिखारी की पत्नी इतने अच्छे कपड़े पहनती है खुश नजर आ रही है और अपने छोटे भाई बहन के लिए भी खाने-पीने का सामान लेकर आती है धीरे-धीरे उसके माता-पिता उससे अपनी नाराजगी दूर करने लगे थे और अपनी बेटी से पूछा करते थे कि तुम्हारी जिंदगी में इतना सुकून कैसे है तुम्हारा पति तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी कैसे करता है

जानवी ने तो उनको यहां तक बता दिया था कि जिस दिन से मैं अभिषेक के घर शादी करके गई हूं उस दिन से मैंने एक दिन भी घर में खाना नहीं बनाया अभिषेक ज्यादातर मेरे लिए बाजार का ही खाना लेकर आते हैं वह मुझसे बहुत प्यार करते हैं और मेरा बहुत ख्याल रखते हैं यह बात सुनकर जानवी के माता-पिता ने उससे कहा कि अगर ऐसी ही बात है तो तुम हमें साबित करो कि तुम उसके साथ खुश हो जानवी कहने लगी कि मुझे यह बात आप लोगों को साबित करने की कोई जरूरत नहीं है

मैं सच में अपने पति के घर में बहुत आराम से रहती हूं उसके माता-पिता कहने लगे कि तुम हमसे झूठ बोल रही हो तुम सिर्फ दिखावा कर रही हो हमारे सामने ताकि तुम्हें हमारे सामने एक भिखारी से शादी करके शर्मिंदा ना होना पड़े जानवी कहने लगी कि ऐसा भी कुछ नहीं है मैं अपने पति से जिस चीज के लिए कहती हूं वह मुझे वही चीज लाकर देते हैं चाहे वह महंगी ही क्यों ना हो उसकी मां ने कहा कि अच्छा यही बात है तो फिर तुम अपने पति से ₹1 लाख मांगो देखते हैं कि वह तुम्हें ₹1 लाख देता है या नहीं

और वह पैसे तुम हमें लाकर दे देना यह बात सुनकर जानवी कहने लगी कि ठीक है मैं आपको यह बात साबित करके दिखाऊंगी कि व मेरा कितना कहना मानते हैं और मेरा कितना ख्याल रखते हैं अगले ही दिन जानवी ने मुझे अपने माता-पिता की कहीं सारी बातें बता दी वह कहने लगी अभिषेक मुझे माफ करना अब तुम पैसों का बंदोबस्त कहां से करोगे मैंने भावनाओं में बहकर मम्मी पापा को कह दिया कि तुम ₹ लाख का इंतजाम कर दोगे मगर यह सब तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल है

मैं तुम्हें मुश्किल में नहीं डालना चाहती थी वह मुझे चेहरे से ही बहुत परेशान लग रही थी मैंने उसकी परेशानी दूर करते हुए कहा कि बस इतनी सी बात है आज रात तुम छत पर सोना फिर देखना कि क्या होता है मैंने उससे जैसा कहा उसने वैसा ही कर लिया मगर मैंने उसके छत पर जाने के बाद फौरन ही पास के एटीएम मशीन से अपना एटीएम कार्ड इस्तेमाल करने के बाद ₹1 लाख निकाल लिए और जब वह छत पर सो गई तो मैंने उसके पास में वह पैसे रख दिए

सुबह जब उसे पैसे मिले तो वह खूब खुश होती हुई नीचे उतर कर आई और मुझे पैसे दिखाने लगी मैं मैंने कहा बस तुम इसी तरह हर रात छत पर जाकर सो जाया करो तुम्हें पैसे मिला करेंगे उसने अपनी मां को ले जाकर वह पैसे दे दिए तो उसके माता-पिता की आंखें फटी की फटी रह गई थी अगले दिन फिर से वो छत पर जाकर सो गई और उसे फिर से वही पैसे मिले लेकिन अब हर दिन जब उसे पैसे मिलने लगे तो उसे मुझ पर शक होने लगा इसलिए उसने कैमरे का बंदोबस्त किया और वो कैमरा छत पर लगा दिया

मैं यह बात नहीं जानता था कि वो छत पर कैमरा लगा चुकी है मैंने जब उसके सो जाने के बाद छत पर प पैसे रख दिए तो वह सारी ही रिकॉर्डिंग कैमरे में कैद हो गई थी और उसने वह रिकॉर्डिंग देखने के बाद मुझसे सवाल किया कि आपके पास इतने पैसे कहां से आते हैं मैं कंफ्यूज थी कि छत पर इतने पैसे कहां से आ जाते हैं कौन रखता है यही जानने के लिए मैंने कैमरा लगा दिया था लेकिन जब मैंने कैमरे में आपको देखा तब मैं हैरान रह गई कि आप जैसा भिकारी इतने पैसे कहां से ला सकता है

जानवी मुझसे भी ज्यादा चालाक निकली थी वह सच में बहुत समझदार लड़की थी अब मैं मजबूर हो गया था अपनी हकीकत जानवी को बताने के लिए मैंने जानवी को अपने बारे में सब कुछ बता दिया कि मैं कौन हूं और कहां से आया हूं और यहां किस लिए आया हूं मेरी सारी सच्चाई सुनने के बाद जानवी के होश उड़ गए थे जानवी ने चौक कर कहा कि इसका मतलब मेरी मां की ख्वाहिश पूरी हो गई मेरी मां की हमेशा यही ख्वाहिश थी कि उनकी बेटी की शादी किसी अमीर इंसान से हो और तुम तो काफी अमीर हो

मैंने कहा हां लेकिन तुम बहुत अच्छी हो जिसने मुझे गरीब समझकर मुझसे शादी की यहां तक कि तुमने यह यह भी नहीं सोचा कि एक गरीब इंसान तुम्हारी जरूरतें ही पूरी नहीं कर सकेगा वह मेरी बातों पर शर्मा रही थी और कहने लगी कि मैंने एक दिन आपको बताया था ना कि मुझे जिंदगी में सुकून चाहिए मेरे माता-पिता के पास भी किसी चीज की कोई कमी नहीं है वो दोनों हमेशा एक दूसरे से अपनी जरूरत पूरी करने के लिए लड़ते रहते हैं

मगर मेरा मानना है कि जिंदगी में सबसे ज्यादा मोहब्बत का होना और इज्जत का होना ज्यादा अहम है इसलिए मुझे किसी चीज की तमन्ना नहीं थी मुझे हमेशा मोहब्बत और इज्जत चाहिए थी जो तुमने मुझे भरपूर दी है मैंने कहा जानवी बस एक बार मेरी बहन के पति का पता चल जाए मुझे यहां रहते हुए दो महीने हो गए और अब मैं जल्द ही अपनी मंजिल के करीब हूं मेरी बहन के पति के बारे में कल मुझे पता चल जाएगा कि वह कहां पर है मैं उसको और तुम्हें लेकर यहां से इंदौर चला जाऊंगा

वहां मेरा बहुत बड़ा घर है और मेरी नौकरी है बस तुम प्रार्थना करो कि सब कुछ ठीक हो जाए जानवी ने मुझसे वादा किया था कि वह प्रार्थना करेगी कि मेरी बहन का पति मिल जाए अगले दिन मेरे एक मुखबिर की तरफ से मुझे खबर आई थी कि यह बात सच है कि नील किसी गैंगस्टर की गैंग से जुड़ा हुआ था और उसे शहर के बीच में एक बड़ी सी फैक्ट्री बनी हुई है और वहां पर छुपाया हुआ है मैं फौरन ही वहां पर पहुंचा और मैंने पटना की पुलिस को भी इफॉर्म कर दिया था

और वहां जाकर जब मैंने छापा मारा तो गैंगस्टर के साथ-साथ नील का भी पता चल चुका था नील वहां गंभीर हालत में मिला था उसे इन लोगों ने काफी समय से बंदी बना के रखा हुआ था नील जब पटना में रहता था तो यहां के गैंगस्टर के साथ मिलकर गैर कानूनी काम करता था लेकिन उसे एक दिन किसी के गैर कानूनी काम के लिए इंदौर जाना पड़ गया और वहां जाने के बाद वह एक शरीफ इंसान की तरह अपने किसी मिशन पर काम कर रहा था

इस बीच उसकी मुलाकात मेरी बहन से हुई और उसे उससे मोहब्बत हो गई मैंने उसकी शादी अपनी बहन के साथ करवा दी उसके बाद उसे लगा कि उस जैसे घटिया इंसान को एक शरीफ लड़की मिल गई इसलिए उसने सारे ही गलत काम छोड़ने का फैसला कर लिया उसने अपनी गैंग छोड़ दी और जो मिशन वह कर रहा था उसको भी अधूरा छोड़ दिया

उसका बॉस आउट ऑफ कंट्री गया हुआ था जब उसके बॉस को उसके चेलों ने यह खबर दी कि नील उनके गैंग को छोड़ चुका है तो बॉस को यह बात बहुत बुरी लगी इसलिए बॉस जब काफी समय बाद यहां आया तो उसने नील को फोन करके एक बार बात करने के लिए पटना बुलाया था उसने बहला फुसलाकर नील से फोन पर बात की और कहा कि तुम ही तो हमारी गैंग की शान थे तुमने हमारी गैंग छोड़कर अच्छा नहीं किया नील ने उसे बताया कि मैं शादीशुदा हो चुका हूं

शादी के बाद मेरे बच्चे होंगे और मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चों को पता चले कि मैं एक गैंगस्टर हूं उसके बॉस ने उसे कहा कि अच्छा ठीक है लेकिन आखिरी बार तो मैं तुमसे मिलना चाहता हूं क्या तुम मेरी खातिर यहां पर नहीं आ सकते यहां आने के बाद तुम अपने सारे काम छोड़कर जा सकते हो नील यहां आखिरी समय अपने बॉस से मिलने के लिए आया था मगर उसे यह नहीं पता था कि उसके बॉस ने उसे साजिश के तहत मिलने के लिए बुलाया है

उसके बॉस ने उसे यहां कैद कर लिया था कि वह शरीफ इंसान बनने के बाद उसकी गैंग को कोई नुकसान ना पहुंचाए लेकिन मुझे जैसे ही यहां आने के बाद नील के गैंगस्टर होने की खबर पता चली थी मैंने उसी समय पूरे शहर में अपने मुखबिर पहुंचा दिए थे और यहां की पुलिस को अलर्ट कर दिया था इसलिए पुलिस भी मेरी मदद करने में कामयाब रही पुलिस ने इस पूरी गैंग का पर्दाफाश कर लिया था पुलिस को इन लोगों के खिलाफ काफी सबूत मिल गए

इस तरह पुलिस ने नील को भी ढूंढ निकाला था और यह पूरा गैंग भी पकड़ा गया था नील ने अपने सारे गैर कानूनी कामों के बारे में पुलिस को सब कुछ बता दिया था मेरी वजह से नील पुलिस से बच गया था क्योंकि वह अब एक शरीफ इंसान बन गया था उसने वादा किया था कि वह कभी गलत काम नहीं करेगा लेकिन उसके गैंग के लोग और उसका बॉस लगभग सभी लोग पुलिस ने पकड़ लिए थे जिनको पुलिस ना जाने कितने समय से तलाश कर रही थी यह काम बहुत मुश्किल था

लेकिन इन दो महीने में शहर के हर पुलिस थाने में और यहां तक कि सीबीआई में भी इन लोगों के खिलाफ कार्यवाही चल रही थी इस तरह सारे आरोपी पकड़े गए और मैं अपनी पत्नी और नील को लेकर वापस पटना चला गया वहां जाने के बाद मेरी बहन ने जब हम सब लोगों को देखा तो वह बहुत खुश हुई थी सबसे ज्यादा खुशी उसे अपने पति को देखकर हुई थी उसने मेरा बहुत-बहुत शुक्रिया अदा किया

जब वह मेरी पत्नी से मिली तो उसकी खुशी के ठिकाने नहीं थे कि मैंने जानवी के जैसी सुंदर लड़की से शादी कर ली है जानवी आज भी मेरे साथ जिंदगी गुजार रही है और मेरी बहन ने कुछ समय के बाद एक बेटी को जन्म दिया नील पूरी तरह से सुधर गया और अब वह कोई भी गलत काम करने से तौबा करता है नील की हकीकत कभी भी मेरी बहन के सामने नहीं आई क्योंकि मैं उसको परेशान नहीं देख सकता था आज वह अपने पति के साथ खुश है

और मैं भी अपनी पत्नी के साथ अपनी जिंदगी के मजे ले रहा हूं और आज एक कामयाब इंसान हूं मेरी कामयाबी की कहानी आप लोगों को कैसी लगी मुझे जरूर बताना दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी

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