बाथरूम की तलाशी। Very Emotional Hindi Story | Best Hindi Story | Hindi Kahaniyan

Very Emotional Hindi Story : मेरा नाम उर्मी है मैं बहुत परेशान थी क्योंकि काफी दिनों से मेरे साथ कुछ बहुत ही अजीब सा हो रहा था लेकिन मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा था मैंने तो कभी किसी के साथ बुरा भी नहीं किया था मेरा कोई दुश्मन भी नहीं था तो फिर मेरे साथ यह सब करने वाला कौन था आज भी मैं अपनी परेशानी से सर पकड़कर बैठी हुई थी उसी समय मेरे मम्मी पापा का फोन आ गया और वह कहने लगे कि बेटा कहां हो तुम्हें कब से हम फोन कर रहे हैं

तुम फोन क्यों नहीं उठा रही हो मैंने कहा पापा मेरा मोबाइल खराब हो गया था मैंने उसे ठीक करवाने के लिए दिया हुआ था इसलिए फोन नहीं उठा रही थी आप लोग क्यों परेशान है आपको पता है ना कि आपकी बेटी बहुत बहादुर है और यहां पढ़ने के लिए आई हुई है आप बार-बार अपनी बेटी के लिए छोटी से छोटी बातों पर परेशान होते रहेंगे तो ऐसा कैसे चलेगा मेरे मम्मी पापा को मेरी फिक्र इसलिए सताती रहती थी क्योंकि उन्होंने मुझे इस अंजान शहर में अकेले पढ़ाई करने के लिए भेज दिया था

पिछले साल मैं यहां अपने गांव से शहर यूपीएससी की पढ़ाई कंप्लीट करने के लिए आई थी हम चार भाई बहन थे मुझसे बड़े मेरे दो भाई थे और अपनी छोटी बहन से मैं बड़ी थी मेरे माता-पिता ने बहुत कोशिश की कि वह अपने सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सके लेकिन ना तो हमारे गांव के हालात ऐसे थे कि वहां ना तो कोई भी अच्छा स्कूल होता और ना ही कभी हमारे गांव के लोग ऐसे थे जो ज्यादा शिक्षा पर ध्यान देते हमारे गांव के लोगों की जिंदगी बड़ी ही साधारण थी जो साधारण से अपनी जिंदगी गुजार रहे थे

उनके लिए दो वक्त की रोटी ही उनकी जिंदगी जीने का मकसद था मेरे खुद के भाई बहन भी शिक्षा हासिल करना चाहते थे सिर्फ मेरे पिताजी को शौक था कि उनके बच्चे पढ़े-लिखे कामयाब बने ताकि हम इस गांव की मामूली सी जिंदगी से बाहर निकलकर शहर जाकर वहां बड़ा सा घर बनाएं और वहां अपनी जिंदगी गुजारे मेरे पापा का शौक था कि उनके बच्चे कामयाब हो जाएं उनके बच्चों का नाम हो उनके बच्चे इतने काबिल बन जाए कि मेरे पिता जब रास्ते से गुजरे तो लोग मेरे पिता की तारीफ करें और कहें कि इनका ही बेटा या बेटी है जो आज इतनी ज्यादा कामयाब है

लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी दोनों भाइयों ने पढ़ने से इंकार कर दिया मेरी छोटी बहन तो अभी स्कूल जाती है मगर वह गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ रही है लेकिन उसे भी पढ़ाई में कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं है सबसे ज्यादा पढ़ाई में दिलचस्पी मैंने ही ली थी पिताजी सबसे ज्यादा प्यार भी मुझसे ही करते थे इसलिए मैं वह हर काम करती थी जो मेरे पिताजी को पसंद होता था पड़ोस के गांव में जाकर मैंने सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा तक अपनी पढ़ाई पूरी की थी

मेरे पापा की इतनी कमाई नहीं थी कि वह मुझे शहर में पढ़ा सकते इसलिए मैं अपने गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ती रही वहां हर साल में फर्स्ट आई थी पढ़ाई में इतनी अच्छी थी कि पूरे स्कूल में मेरी बहुत तारीफ होती थी और मैं अपने स्कूल में सबसे ज्यादा अंक लेकर आती थी स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर्स यही कहते थे कि तुम बहुत आगे तक जाओगी मैं चाहती भी यही थी कि मैं हमेशा आगे तक जाऊं अपने पिता का सपना पूरा करूं और किसी काबिल बनूं बेटियां किसी से कम नहीं होती

यह बात मैं लोगों को समझाना चाहती थी क्योंकि हमारे गांव में लड़कियों पर बड़ी ही सख्ती की जाती थी कुछ समय के बाद पता चला कि हमारे गांव से 40 किमी दूर जो दूसरा गांव है उसमें एक प्राइवेट स्कूल खुला है यह बात सुनते ही मैंने पिताजी से शोर मचाना शुरू कर दिया था कि मैं अब इस सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ूंगी मुझे अच्छे प्राइवेट स्कूल में पढ़ना है मेरे पिताजी ने पढ़ाई के प्रति मेरा लगाव देखकर जैसे-तैसे मेरा एडमिशन उस प्राइवेट स्कूल में करवा दिया था

पिताजी को उसकी फीस भरना भारी पड़ रहा था क्योंकि वो उस गांव का इकलौता ऐसा स्कूल था जो प्राइवेट था ज्यादातर वहां पर उस गांव के और उसके आसपास के गांव के अमीर लोगों के ही बच्चे पढ़ा करते थे मेरे पिताजी के लिए मेरी पढ़ाई का बोझ उठाना बहुत मुश्किल था क्योंकि मेरे दोनों भाई ज्यादा काम नहीं करते थे ज्यादातर आवारा गर्दी में ही लगे रहते थे इसलिए पिताजी को उनसे किसी भी तरह की कमाई की कोई उम्मीद नहीं थी पिताजी ने हर तरह से से कोशिश कर ली थी कि व भी कोई काम धंधा कर लिया करें उन्होंने उन पर सख्ती भी बहुत की थी

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लेकिन दोनों ही भाई गांव के कुछ बिगड़े हुए लड़कों के साथ मिलकर काफी ज्यादा बिगड़ गए थे मेरी मां भी मुझसे कहती थी कि बेटा तू इतना पढ़ लिखकर क्या करेगी शादी के बाद तो तुम्हें घर ही संभालना है मैं अपनी पतली सी नाक को सिकोड़ना किसी के घर मुझे शादी नहीं करनी मैं बस पढ़ लिखकर सरकारी ऑफिसर बनना चाहती हूं अपने पिताजी का सपना पूरा करना चाहती हूं और ढेर सारा पैसा कमाना चाहती हूं सुना है कि सरकारी नौकरी करने वाले लोगों की तनख्वा बहुत ज्यादा होती है

मेरे पिताजी ने सारी जिंदगी अपने बेटों से जो उम्मीद लगाई उनकी व उम्मीद मैं पूरी करके दिखाऊंगी मेरे पिताजी ने मुझे शिक्षा दिलवाने में पूरा सपोर्ट किया था और बड़ी ही मेहनत की थी जैसे-तैसे मेरा इंटर कंप्लीट हो गया था मैं हर तरह से काबिल थी लेकिन अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था और हमारे गांव में क्या बल्कि आसपास के भी किसी गांव में कॉलेज बना हुआ नहीं था हमारे गांव में 15 पर लड़कियां ऐसी थी जो कॉलेज ना होने की वजह से इंटर जैसे-तैसे कंप्लीट करने के बाद अपने घर में ही बैठी हुई थी

हमारे गांव में शिक्षा को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था और जो लड़कियां शिक्षा हासिल करना चाहती थी उन लड़कियों के माता-पिता जबरदस्ती उनकी शादी करवा दिया करते थे यह कहकर कि पढ़ लिखकर तुम्हें क्या करना है ऐसे सोच रखने वाले लोगों से मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगी कि बेटियों का भी अपने पैरों पर खड़े होना बहुत जरूरी है यह बेटियां ही तो हैं जो अपने देश का नाम ऊंचा करती हैं अब मेरी पढ़ाई इंटर तक तो पूरी हो गई थी

लेकिन अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती थी इसलिए मैंने पिताजी से जिद की कि मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना है मेरी जिद पर मेरे भैया ने कहा कि पापा यह आपका समय इसी तरह से खराब करती रहेगी आप आखिर कब तक अपने पैसे इस पर बर्बाद करते रहोगे पहले भी आप इसकी पढ़ाई में काफी पैसा बर्बाद कर चुके हो पिताजी ने उसी समय भैया को डांट दिया और कह कहने लगे कि तुम तो इस काबिल हो नहीं कि पढ़ लिखकर किसी काबिल बन जाओ

कोई अच्छी नौकरी ही कर लो मुझे अपनी बेटी से उम्मीद है मेरी बेटी अगर शिक्षा हासिल करना चाहती है अगर उस पर अभी पैसे खर्च हो भी रहे हैं तो क्या हुआ बाद में वह नौकरी कर लेगी और सब कुछ ठीक कर देगी लेकिन तुम लोगों से तो कुछ भी नहीं होगा भैया उस समय बहुत शर्मिंदा हुए थे और फिर उस दिन के बाद से ही किसी की भी कोई हिम्मत नहीं हुई थी कि मेरे बारे में कुछ भी कह सके मैं हमेशा अपनी छोटी बहन मंजू को भी यही समझाती रहती थी कि शिक्षा हमारे बहुत काम आएगी

लेकिन मेरी बहन मंद बुद्धि थी गांव की चुलबुल लड़कियों के साथ खेल खेलकर उसने पढ़ाई से अपना ध्यान हटा लिया था पिताजी मेरे लिए परेशान हो रहे थे शहर जाकर पढ़ाई करना मेरे लिए कोई आसान बात नहीं थी ज्यादा पैसा भी खर्च होना था और मैं रोज वहां से आना जाना भी नहीं कर सकती थी क्योंकि हमारा गांव शहर से पूरे 240 किमी अंदर था फिर पिताजी को एक रास्ता नजर आया पिताजी ने इस बारे में मेरे मामा जी से बात की जो कि शहर में ही रहते थे

उनके घरेलू मामलात भी बहुत अच्छे थे लेकिन मेरी मां नहीं चाहती थी कि वह मामा जी से कोई भी मदद ले मेरे मामा जी तो बहुत अच्छे थे लेकिन मां की कई सालों पहले मामा जी से लड़ाई हो गई थी इसलिए वह अपने भाई के यहां आती जाती भी नहीं थी मेरे तीन मामा जी थे और तीनों ही मामा अलग-अलग शहर में रहते थे दो बड़े मामाउं का परिवार काफी बड़ा था छोटे मामा जी के पास कोई बच्चा नहीं था और हमारे लिए गांव से शहर जाना भी कोई मामूली बात नहीं थी

काफी सारा पैसा पैसा तो किराए में ही खर्च हो जाता था लेकिन अब मेरी पढ़ाई का बंदोबस्त करने के लिए पिताजी को छोटे मामा जी की ही मदद लेनी पड़ी थी उन्होंने इस मामले में मां की एक ना सुनी और छोटे मामा जी को फोन कर दिया मेरे मामा जी का नाम राजेश था राजेश मामा जी हम सबसे बहुत प्यार करते थे मगर चलती हुई नाराजगी की वजह से वह हमसे ज्यादा कांटेक्ट भी नहीं करते थे लेकिन अब पिता जी ने राजेश मामा जी से फोन पर बात की थी और उनको सब कुछ बता दिया था

मामा जी कहने लग कि यह तो बहुत अच्छी बात है मेरी भांजी यहां पढ़ाई करने के लिए आएगी दरअसल बात यह थी कि मेरे पिताजी मेरा कॉलेज में एडमिशन जैसे-तैसे करवा तो देते लेकिन उनको फिक्र इस बात की हो रही थी कि उनकी बेटी शहर जाकर अगर पढ़ाई करेगी तो कहां रहेगी उन्हें यह नहीं पता था कि शहर में हॉस्टल्स होते हैं लड़कियां वहां भी रह सकती हैं मैंने यह बात जब पिताजी को बताई तो वो कहने लगे कि नहीं बेटा पता नहीं हॉस्टल कैसे होते होंगे

वहां कैसे लोग रहते होंगे मैं जान लोगों के पास तुम्हें नहीं रहने दे सकता तुम्हारी सारी पढ़ाई का खर्चा तो मैं ही उठाऊंगा बस तुम अपने मामा जी के यहां रहना और बाहर रहकर खूब पढ़ाई करना मेरे मामा जी दिल के भी बहुत अच्छे थे मामी मिजाज की थोड़ी कड़वी थी ऊपर वाले ने उनकी गोद में औलाद नहीं दी थी इसलिए उनको औलाद की बेहद कमी महसूस होती थी मामा जी ने कह दिया था कि उर्मी की तरफ से बिल्कुल बेफिक्र हो जाइए अब से उर्मी हमारी जिम्मेदारी है

बस आप उसे यहां शहर तक लेकर आ जाइए मैं खुद उसका एडम मिशन किसी अच्छे कॉलेज में करवा दूंगा आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है मेरी मां अभी भी अपने भाई से नाराज थी उन्होंने तो मामा जी से कोई बात तक नहीं की थी लेकिन जो भी बातचीत थी और जो कुछ भी करना था वह सब मेरे पिताजी ही कर रहे थे मैंने शहर जाने के लिए अपनी पैकिंग शुरू कर दी थी मुझे यह अपने भाई बहन की और अपने घर की बहुत याद आने वाली थी

मैं अपने माता-पिता से लिपट कर भी बहुत रोई थी मां मुझे शहर अकेले नहीं भेजना चाहती थी क्योंकि शहर जा कर पढ़ाई करने में उनकी मर्जी बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन मैंने उनसे कहा था कि एक वक्त ऐसा आएगा जब आप लोग भी मेरे साथ शहर के बड़े घर में रहोगे और हम इस गांव को और अपने इस छोटे से घर को छोड़ देंगे बल्कि शहर के किसी बड़े से महल जैसे घर में रहेंगे मेरी मां इन बातों से तो बहुत खुश होती थी

लेकिन उनके दिल में कहीं ना कहीं डर रहता था कि शहर की भीड़भाड़ में उनकी बेटी खो ना जाए मैंने उनको भरोसा दिलाया था कि आपकी बेटी के साथ कुछ गलत नहीं होगा आपकी बेटी बहुत साहसी है लेकिन माता-पिता तो जब अपनी औलाद से दूर होते हैं तो उसकी परवाह करते ही हैं मैंने जल्द से जल्द पैकिंग कर ली थी और बस मुझे शहर जाने की रट लगी हुई थी पिताजी भी हंसते थे कि तुम्हें शहर जाकर हमारी याद आएगी भी या नहीं अभी तो तुम्हें शहर जाने की बहुत जल्दी हो रही है

लेकिन वहां जाने के बाद तुम हमें बहुत याद करोगी और हमें याद करके रोगी मैं उनसे कहती कि मैं सच में आप सब लोगों को बहुत याद करने वाली हूं मेरे दोनों भाई और छोटी बहन भी मुझसे पटकर बहुत रोए थे और उन्होंने भी कहा था कि हम आपको बहुत याद करेंगे मेरे घर पर एक छोटा सेलफोन था मैंने सोच लिया था कि जब मैं मामा जी के घर जाऊंगी तो मामा जी के फोन से अपने घर वालों से बात कर लिया करूंगी

मैं मन ही मन सोच रही थी कि काश हम इतने अमीर होते मेरे पास कोई गाड़ी होती तो मैं रोज आना जाना कर लेती या फिर हफ्ते में एक बार लेकिन गाड़ी लेने के लिए और बड़ा सा घर खरीदने के लिए ही तो मुझे अपनी शिक्षा पूरी करनी थी मामा जी से पिताजी की सा बात हो गई थी तीन दिन बाद मैं अपने घर वालों से विदा होकर पिताजी के साथ शहर मामा जी के घर आ गई थी मेरे यहां आने पर मामा जी तो बहुत खुश हुए थे लेकिन मामी जी बिल्कुल भी खुश नहीं हुई थी

मेरे पिताजी को भी उनका बिगड़ा हुआ बर्ताव दिख रहा था लेकिन मेरे सपने की वजह से उन्होंने मामी जी से कुछ नहीं कहा था वह जानते थे कि जब हमें किसी से अपना काम निकलवाना होता है तो उसकी कमियों को भी बर्दाश्त करना पड़ता है पिताजी ने मुझे समझाया था कि बेटा यहां अपनी मामी जी से मत लझना और जितना हो सके सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना जैसे ही तुम्हारी पढ़ाई पूरी हो जाएगी फिर तुम यहां पर नहीं रहोगी

मैंने पिताजी को भरोसा दिलाया था कि जैसा आप कहेंगे मैं वैसा ही करूंगी पिताजी मुझे छोड़कर चले गए थे अगले ही दिन मामा जी ने मेरा एडमिशन अपने ही शहर के अच्छे कॉलेज में करवा दिया था पिताजी ने मामा जी को मेरे एडमिशन के पैसे भी दे दिए थे क्योंकि वह गांव से इतनी रकम रख कर लाए थे जितनी उनके पास थी और जितने पैसे पिताजी रख करर ला लाए थे उतने पैसों में मेरा एडमिशन हो गया था आजकल महंगाई बहुत ज्यादा है हमारे पास इतने पैसे तो नहीं होते थे

मेरी मां के पास काफी सारा जेवर था कुछ जेवर मेरी नानी ने उनको दिया था और कुछ जेवर मेरी दादी ने मेरी दादी जब इस दुनिया को छोड़कर चली गई थी तब अपना भी जेवर उन्होंने अपनी बहू को दे दिया था इस बार मेरे एडमिशन के लिए अच्छी खासी रकम का बंदोबस्त होना था पिताजी ने मां की दो सोने की अंगूठियां बेच दी थी जिससे मेरा एडमिशन शहर के कॉलेज में हो सका था कुछ दिनों बाद ही मैंने कॉलेज में अपनी पढ़ाई स्टार्ट कर दी थी कॉलेज बहुत अच्छा था

यहां पर बहुत सारे लड़के-लड़कियां पढ़ते थे सबके कपड़े पहनने का अंदाज भी बहुत बदला हुआ था मैं गांव की एक सिंपल लड़की थी जो शहर के रौनक से कई ज्यादा दूर थी लेकिन अब मुझे अपने आप को शहर के माहौल में ढालना था मुझे यहां रहते हुए एक हफ्ता गुजर गया था मेरी पढ़ाई बहुत अच्छी चल रही थी अभी मैं अपने कॉलेज में ज्यादा किसी को जानती भी नहीं थी मगर मैंने सोच लिया था कि धीरे-धीरे यहां रहूंगी तो यहां की लड़के-लड़कियों से मेरी जान पहचान बढ़ जाएगी

यहां शहर में मेरे मामा की अपनी केमिकल्स की दुकान थी मामा जी तो सारा दिन अपनी दुकान पर रहते थे सुबह 9:00 बजे मैं कॉलेज जाती तो दोपहर के 3:00 बजे तक घर वापस आती थी मामा जी ने कॉलेज से घर आने तक के लिए मुझे एक कैब लगवा दी थी जो सुबह मुझे कॉलेज ले भी जाती थी और दोपहर तक छोड़ भी जाती थी कैप का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी मामा जी ने ली थी हालांकि पिताजी ने उनसे मना भी कर दिया था

लेकिन उन्होंने कहा कि क्या मैं अपनी भांजी के लिए इतना भी नहीं कर सकता मामा जी मेरे लिए जो कुछ भी कर रहे थे व सब मामी जी को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा था वह एक ही घर में रहते हुए मुझसे बात तक ना करती थी मैंने अपना सामान अलग कमरे में शिफ्ट कर लिया था मामी जी को ऐसा लगता था जैसे मैंने उनके घर पर कब्जा कर लिया है वह चोरी चुपके मामा जी से लड़ती रहती थी और कहती थी कि तुम्हें उर्मी को यहां बुलाने की क्या जरूरत थी

यह हमारा घर है कोई फी का ह हस्टल नहीं है अरे अगर उसे पढ़ने लिखने का इतना ही शौक है तो किसी हॉस्टल में भी तो रह सकती थी ना यहां उसे रहने की क्या जरूरत थी मामा जी उनसे कहते थे कि धीमी आवाज में बात किया करो मैं नहीं चाहता कि मेरी भांजी कुछ भी सुन ले तुम्हारी इसी बुरी आदत और तेज तरार जुबान की वजह से मेरी बहन यहां तक नहीं आती अबू रमी आ गई है तो तुम्हें उससे भी प्रॉब्लम हो रही है उसकी पढ़ाई का सारा खर्च तो जीजा जी ही उठा रहे हैं

वह सिर्फ हमारे घर में रहती ही तो है बेचारी किसी से कुछ कहती भी नहीं है आधा दिन उसका कॉलेज में गुजर जाता है और बाकी का आधा दिन वह अपने कमरे में रहकर पढ़ाई ही करती रहती है मामी जी कहने लगी अगर वह हमारे घर में रहती भी है तो खाती भी हमारा ही है और कैप का खर्चा भी आपने ही उठाया है क्या जरूरत थी उसके लिए कैब लगवाने की खुद पैदल भी तो कॉलेज से आना जाना कर सकती थी ना अपने गांव के गवार भांजी को तुमने यहां बुलाकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं किया

मुझे तो तुम्हारी बहन भी पसंद नहीं है अपने आप को इतनी घमंडी बनती है और अब अपनी बेटी को हमारे यहां कैसे छोड़ा हुआ है अब हम उसकी बेटी के सारे खर्चे उठाते र मामी जी अब बोलने में कुछ ज्यादा ही हद पार कर रही थी मैं इस समय उनके कमरे में चली गई मुझे देखकर मामा जी चौक गए थे लेकिन मामी लगातार बोल रही थी मामा जी ने उन्हें खामोश रहने के लिए कहा लेकिन मामी जी खामोश नहीं हुई तो मैंने कह दिया कि आप दोनों को मेरी वजह से लड़ने की कोई जरूरत नहीं है

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मामी जी मैं यहां से चली जाऊंगी आप लोग मुझे सिर्फ एक महीने की मोहलत दीजिए मैं कॉलेज के हॉस्टल में रहने का बंदोबस्त कर लूंगी मामा जी कहने लगे अरे नहीं बेटा ऐसी बात नहीं है मैंने कहा नहीं मामा जी मेरी वजह से मामी का मूड ऑफ हो रहा है और मैं नहीं चाहती कि मामी जी को मेरी वजह से परेशान होना पड़े मैं कोई छोटी-मोटी नौकरी तलाश कर लेती हूं या फिर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने की कोई व्यवस्था कर लेती हूं मेरे पास थोड़े बहुत पैसे आएंगे तो मैं हॉस्टल का खर्चा कर लूंगी

माम जी ने उसी समय मामी को डांट लगाई और कहने लगी कि देखो तुम्हारी वजह से वह बेचारी यहां से जाने को तैयार हो गई है मामी कहने लगी कि हां तो चली जाए यहां से मुझे वैसे भी अपने घर में बर्दाश्त नहीं है अब मुझे कुछ भी करके यहां से निकलना था क्योंकि मामी की बातें बहुत खराब थी मैं मामी की बातों को बर्दाश्त नहीं कर सकती थी और उनकी बातें सुनने की भी मेरे अंदर हिम्मत नहीं थी अभी मैं कॉलेज में नई नहीं थी

ज्यादा मेरी किसी से जान पहचान भी नहीं थी जो मेरी कोई मदद कर सकता लेकिन गुजरते हुए दिनों के साथ-साथ मैंने कॉलेज में काफी सारी लड़कियों से दोस्ती कर ली थी कुछ ऐसी भी लड़कियां थी जो कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी मैंने उनसे हॉस्टल के खर्चे के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बता दिया कि किस तरह से मेरा हॉस्टल में रहने का बंदोबस्त हो सकता है कॉलेज की एक लड़की ने मुझे एक जर्नल स्टोर पर 2 घंटे की नौकरी के बारे में बताया था

उसने कहा कि अगर तुम वहां दो घंटे नौकरी कर लोगी तो तुम्हें इतने पैसे तो मिल ही जाया करेंगे कि तुम अलग से हॉस्टल में अपना रूम रेंट पर ले सकोगी मैं इस काम को करने के लिए तैयार हो गई थी और सबसे अच्छी बात तो यह थी कि जर्नल स्टोर की मालकिन एक महिला थी इस अनजान शहर में मैं ज्यादा कुछ जानती तो नहीं थी लेकिन मुझे हॉस्टल में रहने का बंदोबस्त करना ही था मैंने घर जाकर मामा जी को जब यह बात बताई तो मामा जी बहुत शर्मिंदा हो रहे थे

उन्होंने कहा बेटा मुझे माफ कर देना मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सका अगर दीदी को इस बारे में पता चल गया तो वह और ज्यादा भड़क उठेंगी मगर मैं क्या करूं मेरी पत्नी है ही ऐसी मैंने कहा मामा जी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है मेरी बात अगर मां पिताजी से होगी तो मैं उनको इस बारे में कुछ भी नहीं बताऊंगी मामा जी कहने लगे कि बेटा तुम फिक्र मत करो तुम भले ही हॉस्टल में जाकर रहने लगोगी लेकिन मैं वहां तुम्हारा बहुत ख्याल रखूंगा

तुमसे मिलने भी आया करूंगा और जिस जनल स्टोर पर तुम काम करने जा रही हो वहां पर तुम आराम से काम कर सकती हो क्योंकि उस औरत को मैं अच्छी तरह से जानता हूं वह मेरे दोस्त की भाभी है अकेली औरत है जनरल स्टोर पर शाम के समय ज्यादा कस्टमर आते हैं इसलिए उन्हें अपने साथ के लिए किसी हेल्प पर गर्ल की जरूरत है तुम आराम से वहां नौकरी कर सकती हो वहां तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होगी मामा जी ने मेरा यह काम तो हल कर दिया था

अगले ही दिन से मैंने उस जर्नल स्टोर पर जाना शुरू कर दिया था दोपहर 3:00 बजे तक मैं कॉलेज से आ जाती थी कपड़े चेंज करने के बाद मामी जी अगर मुझे खाना दे देती तो मैं खा लिया करती थी और अगर उनका मूड खराब होता तो मैं भूख ही जर्नल स्टोर के लिए निकल आती थी फिर वहां से शाम के 6:00 या 7:00 बजे तक घर आती और उसके बाद पढ़ाई में बिजी हो जाती थी मामा जी रात को घर आते तो मुझे अपने साथ खाने की टेबल पर बुला लिया करते थे

कुछ समय बाद ही मेरा हॉस्टल में रहने का बंदोबस्त हो गया था मैं यहां से मामा जी का मोबाइल लेकर अपने घर वालों से फोन पर बात कर लिया करती थी लेकिन मैंने किसी को भी यह नहीं बताया था कि मैं रहने के लिए हॉस्टल जा रही हूं क्योंकि मैं अपने माता-पिता को उधर गांव में परेशान नहीं करना चाहती थी अगर उन लोगों को यह बात पता चल जाती तो वह लोग मेरे लिए बेचैन हो जाते और फिर शायद मुझे यहां पढ़ने की परम ना देते

मुझे अपना सपना पूरा करना था तो इन सारी परेशानियों का सामना तो करना ही था मैंने अपना रोज का शेड्यूल यही बना लिया था कुछ समय के बाद मैं हॉस्टल में शिफ्ट हो गई थी तो मामी जी का मूड थोड़ा बेहतर हुआ था लेकिन मामा जी अभी भी मेरी तरफ से बहुत शर्मिंदा थे उन्होंने खुद ही मेरा सामान हॉस्टल में सेट करवाया था इधर कॉलेज में भी काफी सारी लड़कियों से मेरी दोस्ती हो गई थी एक बड़ा सा रूम था जिसमें लगभग सात लड़कियां थी

हम सारी ही लड़कियां वो रूम शेयर कर रही थी रूम का चार्ज भी मैं ही जनरल स्टोर पर नौकरी करने के बाद में दे रही थी मुझे यहां रहते हुए एक हफ्ता गुजर चुका था लेकिन अभी तक मेरी बात मेरे माता-पिता और बहन भाई से नहीं हुई थी कुछ दिन गुजरे तो मामा जी मुझसे कॉलेज में मिलने के लिए आए थे उन्होंने मुझे एक नया मोबाइल दिया और कहने लगे कि मैं यह तुम्हारे लिए लेकर आया हूं मैंने कहा लेकिन मामा जी इसकी क्या जरूरत थी

वह कहने लगे कि नहीं बेटा इसे तुम अपने पास रख लो तुम्हारे गांव से कई बार मेरे पास फोन आ चुका है वह लोग तुमसे बात करना चाहते हैं मैं कोई ना कोई बहाना कर देता हूं तुम्हारे बिजी होने का इसलिए मैं तुम्हारे लिए मोबाइल लेकर आया हूं ताकि तुम अपने घर वालों से कांटेक्ट में बनी रहो मैंने मामा जी को शुक्रिया कहा मामा जी साथ ही साथ मुझे थोड़े से पैसे भी दे गए थे और बाजार से मेरे लिए कुछ खाने-पीने का सामान भी लेकर आए थे मामा जी को हमेशा मेरी परवाह रहती थी

वक्त इसी तरह से गुजरता जा रहा था इस हॉस्टल में रहने की मुझे आदत हो गई थी क्योंकि मुझे यहां आए हुए एक महीना होने वाला था इस मोबाइल के जरिए मैं अपने माता-पिता से बात भी करती रहती थी और मैंने इसमें से भी कही तो वो लोग भी मेरी बात पर ज्यादा सीरियस नहीं हुई क्योंकि लगभग उनमें से दो लड़कियों के पास तो मोबाइल था ही नहीं जबकि ज्यादातर लड़कियां पढ़ाई को लेकर बहुत सीरियस थी इसलिए मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ तभी करती थी

जब अपने पेरेंट्स से उन्हें बात करनी होती थी या फिर रात के समय थोड़ा बहुत इस्तेमाल कर लिया करती थी मेरे साथ अजीब यह हो रहा था कि अगर थी लेकिन मुझे अच्छी तरह से याद था कि मैं whatsapp.app के मैसेज ओपन करके सीन ही नहीं करती तो फिर मैसेज पहले से ही सीन कैसे होते हैं मुझे मेरे कॉलेज की काफी सारी लड़कियां मैसेज किया करती थी क्योंकि मैंने अपने कॉलेज की लड़कियों को अपना मोबाइल नंबर दे दिया था इसलिए कई लोग मेरे पास हो गए थे

हमारे रूम के बराबर में भी कई सारे रूम बने हुए थे उसमें भी लड़कियां आपस में रूम शेयर करके रहा करती थी क्योंकि य काफी बड़ा कॉलेज था इसलिए यहां पर दूर-दूर से लड़के-लड़कियां पढ़ने के लिए आते थे लड़कों का हॉस्टल अलग था जबकि लड़कियों का हॉस्टल अलग था मोबाइल में यह चीज मेरे साथ कई बार हो चुकी थी इसीलिए मैं परेशान हो गई थी मैंने जब यह बात अपनी रूममेट से शेयर की तो वह लोग कहने लगी कि तुम्हें इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए

इतनी छोटी-छोटी बात बातों पर भला कौन ध्यान देता है लेकिन मैं परेशान थी कि मेरे नॉलेज हो गई थी यह मोबाइल भी मामा जी ने मुझे दिलवा कर दिया था जिसको मैंने ही स्टार्ट किया था और इसमें सिम कार्ड भी मैंने ही खरीद कर नया डाला था कुछ दिनों बाद मैंने ये बात अपने कॉलेज में मौजूद कुछ लड़के-लड़कियों से कही तो उन्होंने कहा कि ये चीज तुम किसी एक्सपर्ट को दिखाओ शायद कोई एक्सपर्ट ही बता सकता है कि आखिर तुम्हारे फोन में क्या प्रॉब्लम है

मुझे कुछ दिनों बाद जैसे ही टाइम मिला तो मैं फौरन इसी शहर में रहने वाली अपनी कॉलेज की एक दोस्त के साथ मोबाइल को लेकर एक्सपर्ट के पास चली गई थी मैंने एक्सपर्ट को पूरी समस्या बता दी थी तो उन्होंने पहले मेरा पूरा मोबाइल चेक किया और उसके बाद मुझे बताया कि तुम्हारे फोन का चल ही रही है लेकिन साथ ही साथ किसी लैपटॉप में भी ऑन है मैं तो उसकी बात सुनकर परेशान हो गई थी मैंने कहा तो फिर इस चीज का क्या सॉल्यूशन है

उन्होंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है आप इसे अपने मोबाइल से लॉग आउट कर सकती हो उसके बाद आपकी रहा है एक्सपर्ट के पास से तो मैं वापस हॉस्टल आ गई थी मेरे पास वाले बेड पर ही एक लड़की थी उससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी बाकी लड़कियों को मैं ज्यादा नहीं जानती थी उसका नाम श्रद्धा था श्रद्धा को मैंने कई बार किसी लड़के से फोन पर बातें करते हुए देखा था एक वही ऐसी लड़की थी जिसे देखकर ऐसा लगता था जैसे उसका किसी लड़के के साथ अफेयर चल रहा है

क्योंकि वह जिस तरह बार-बार फोन पर बातें करती थी और मोबाइल का इस्तेमाल करती थी उस हिसाब से इस बात का अंदाजा बहुत अच्छे से लगाया जा सकता था मैं उसकी अच्छी सहेली बन गई थी लेकिन इस बारे में उसने मुझे नहीं बताया था कि वह किसी लड़के से फोन पर बात करती है या किसी के साथ अफेयर में है मैं तो परेशान अपने whatsapp-web करते थे अगले ही दिन जब मैं हॉस्टल के बाथरूम में नहाने के लिए गई तो वहां भी मेरे साथ कुछ अजीब सा हुआ था मुझे ऐसा लगता था जैसे बाथरूम में काफी दिनों से मुझे कुछ अजीब अजीब सा महसूस हो रहा है

लेकिन मैंने कभी इस बारे में किसी से बात नहीं की थी श्रद्धा में भी कई दिनों से काफी सारे बदलाव नजर आ रहे थे रूम की सारी लड़कियां उसके बारे में तरह-तरह की बातें बनाती रहती थी मगर मैं उनकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी मैं सिर्फ अपने काम से काम ही रखती थी हम साथ लड़कियों का एक ही वॉशरूम और एक ही जॉइंट बाथरूम था कई दिन फिर इसी तरह से गुजर गए मेरे हाथ में जब भी मेरा मोबाइल आता तब मुझे यही ख्याल आता कि मुझे अपनी बाथरूम वाला हादसा याद आया

क्योंकि जब भी मैं अपने रूम के जॉइंट बाथरूम में नहाने के लिए जाया करती थी तब वहां पर मेरी नजर बल्ब के होल्डर पर जाती थी बल्ब के होल्डर पर एक ब्लैक कलर का स्पॉट था बल्ब तो हमारे गांव में भी थे हालांकि लाइट और बल्ब्स मैंने हर जगह देखे थे मगर वो ब्लैक कलर का स्पॉट मुझे कुछ अजीब ही लगता था ना जाने क्यों मुझे उस पर शक होने लगा था हर बार वह मेरी आंखों के सामने था

मगर कभी मैंने उसे ध्यान से देखने की कोशिश ही नहीं की कि आखिर यह ब्लैक स्पॉट क्या चीज है उसी समय मैं बाथरूम में गई और मैंने तुरंत ही उस बल्ब को उतारा उस होल्डर को उतारा और उसे ध्यान से चेक किया तो मुझे पता चला कि यह कोई ब्लैक स्पॉट नहीं बल्कि यह तो कोई हिडन कैमरा है जिसे इस होल्डर में लगाया गया है मैं पढ़ी लिखी लड़की थी भले ही गांव से रिलेटेड थी मगर हर बात को अच्छी तरह से जानती थी आखिर किसने यह स्पाई कैमरा यहां बाथरूम में लगाया था

और इसका क्या मतलब बनता है यह सब कुछ बिल्कुल भी ठीक नहीं था और ना ही कोई मामूली बात थी किसकी यह हरकत थी गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में इस स्पाई कैमरे का यहां होना मतलब कि कोई यहां की लड़कियों पर नजर रखे हुए था लड़कियां तो बाथरूम में नहाने भी आती हैं और वॉशरूम भी यूज करती हैं इसका मतलब यह था कि कोई हम लड़कियों की इज्जत के साथ खेल रहा था हमें देख रहा था मैं तो टेंशन में आ गई थी कि आखिर क्या करूं

इसलिए मैंने पुलिस की मदद लेना ज्यादा बेहतर समझा मैं फौरन ही बाथरूम से बाहर आई रूम में लगभग सारी ही लड़कियां मौजूद थी मैंने किसी भी लड़की को कुछ नहीं बताया था मैं मैंने अपने बैड पर आकर खामोशी से अपना मोबाइल उठाया और 112 नंबर पर कॉल मिलाई क्योंकि मैं यह शिकायत अगर हॉस्टल के वर्डन से करती तो पता नहीं मेरी बात की सुनवाई होती भी या नहीं ऐसा भी तो हो सकता था कि मुझे ही गलत ठहरा दिया जाता मुझे लगा कि पुलिस इस केस की तफ्तीश करेगी

तब ज्यादा बेहतर रहेगा जैसे ही मेरा फोन पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंचा तो हॉस्टल में ही मौके पर पुलिस पहुंच गई थी फिर उन लोगों ने वहां आकर मुझसे पूछताछ करनी शुरू कर दी कि आखिर क्या बात है और क्या परेशानी है पुलिस को देखकर हॉस्टल में मौजूद सारी लड़कि और वहां का स्टाफ घबरा गए थे कि आखिर हॉस्टल में क्या हुआ है जो पुलिस आई है और फिर पुलिस मुझसे पूछताछ क्यों कर रही है

यह सारे ही सवाल हॉस्टल की बहुत सारी लड़कियां और हॉस्टल के स्टाफ के दिमाग में थे सबसे पहले तो पुलिस ने मुझे मेरी पूरी इंफॉर्मेशन पूछी थी मैंने पुलिस को अपने बारे में सब कुछ बता दिया था कि मैं कहां की रहने वाली हूं और यहां यूपीएससी की पढ़ाई पूरी करने के लिए आई हूं और इस कमरे में रह हूं मैंने पुलिस को इस कैमरे वाली बात के साथ-साथ अपना whatsapp2 कैमरा मिला है इस हिसाब से तो लड़कियों की एक-एक एक्टिविटी पर नजर रखी जाती है

और बाथरूम में होने वाली एक-एक एक्टिविटी इस हिडन कैमरा में रिकॉर्ड हो रही है यह बात जब पुलिस को पता चली तो पुलिस भी दंग रह गई थी कि आखिरकार यह काम हॉस्टल में आने के बाद किसने किया होगा इन बातों से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तरह का कोई घिनौना काम कोई मर्द ही कर सकता है जिसे औरतों की इज्जत का ख्याल नहीं है और वह उनकी इज्जत के साथ हिडन कैमरा लगाकर खिलवाड़ कर रहा है

मैंने नोटिस किया था कि कमरे में मौजूद सारी ही लड़कियां पुलिस को देखकर बहुत घबरा गई थी और जब यह बात सभी लड़कियों के सामने खुलकर आई कि हमारे कमरे में मौजूद बाथरूम में हिडन कैमरा मिला है तो इस तरह हम लोगों की भी रिकॉर्डिंग इस कैमरे में जरूर हुई है ये सुनकर सारी ही लड़कियां घबरा गई थी मगर सबसे ज्यादा घबराई हुई श्रद्धा थी जिसके चेहरे पर पसीने की बूंदे मुझे साफ नजर आ रही थी लेकिन वह तो एक लड़की थी

वह भला किसी गलत काम में कैसे शामिल हो सकती है हॉस्टल के पूरे ही स्टाफ से पुलिस पूछताछ कर रही थी यहां तक कि लड़कियों के हर कमरे में जाकर उनकी चेकिंग की जा रही थी वॉशरूम बाथरूम और एक-एक कमरे को बहुत अच्छी तरह से चेक किया जा रहा था कि कहीं इस जैसा और कैमरा किसी और जगह तो नहीं लगा हुआ हमारा कमरा भी दोबारा से पुलिस चेक कर रही थी चेकिंग के दौरान पुलिस को पता चला कि कमरे में भी एक हिडन कैमरा लगा हुआ है

इस तरह हमारे रूम में भी पुलिस को कैमरा मिला था और बाथरूम में भी इसका मतलब यह था कि कोई हम सब लड़कियों पर नजर रखे हुए था कि किस तरह हम रूम में रहते हैं और किस तरह बाथरूम में जाते हैं यहां तक कि मेरे तो हरकत है क्योंकि अगर कॉलेज स्टाफ या हॉस्टल स्टाफ में से हरकत किसी की हुई तो कॉलेज का नाम काफी बदनाम होगा और कॉलेज के स्टाफ से भी ढेर सारे सवाल किए जाएंगे इस रूम में हम जितनी भी लड़कियां थी हमारी हर चीज की डिटेल ली गई थी

हमसे मिलने कौन आता है कौन जाता है उसकी भी हर डिटेल हमें पुलिस को देनी थी क्योंकि पुलिस जब अपनी तफ्तीश करने पर आती है तो बारीक से बारीक चीज पर ध्यान देती है मैं भी बहुत परेशान हो रही थी यह खबर मेरे पेरेंट्स को भी पता चल गई थी क्योंकि खबरों और सोशल मीडिया के जरिए यह खबर पूरी दुनिया में फैल गई थी कि कॉलेज के ही कुछ स्टूडेंट्स जिन्होंने इस खबर की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी और टीवी पर भी हमारे कॉलेज की न्यूज़ दिखाई जा रही थी

काफी हद तक हमारा कॉलेज बदनाम हो रहा था लेकिन कॉलेज का स्टाफ भी यही चाहता था कि आरोपी को हिरासत में लिया जाए आरोपी जो भी है उसे सबके सामने लाया जाए ताकि उसे सजा मिले सारी ही लड़कियां बहुत ज्यादा घबराई हुई थी मामा जीी में मेरे पास आ गए थे और उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया था कि कुछ नहीं होगा तुमने बहुत अच्छा कदम उठाया है यह बात तुम्हें छुपानी नहीं चाहिए थी अच्छा हुआ तुमने इस केस में पुलिस को इवॉल्व कर दिया

पुलिस अब अपने तरीके से आरोपी को पकड़ लेगी और इस तरह तुम ही नहीं बल्कि काफी सारी लड़कियां बेइज्जत होने से बच जाएंगी अब बात आती है आरोपी की तो आरोपी कौन था कुछ दिनों बाद पुलिस ने आरोपी को अपनी हिरासत में ले लिया था क्योंकि मेरा हमारे कॉलेज में ही पढ़ने वाला एक लड़का था जो एक गरीब फैमिली से बिलोंग करता था और इसी शहर में रहता था जब उस लड़के का चेहरा सब लोगों के सामने बेनकाब हुआ तो पता चला कि इस लड़के का अफेयर तो श्रद्धा के साथ चल रहा है

यह श्रद्धा का बॉयफ्रेंड था और इस लड़के के साथ-साथ श्रद्धा भी मिली हुई थी जब यह खबर हम सब लोगों को पता चली तो हम लोगों के होश उड़ गए थे श्रद्धा का बॉयफ्रेंड था यह बात तो हम लोग जानते थे लेकिन श्रद्धा इस घटिया इंसान के साथ मिली हुई थी यह बात हम सोच भी नहीं सकते ते थे हम सारी ही लड़कियां श्रद्धा को बुरा भला कहने लगे लेकिन पुलिस ने हमें पूरी सच्चाई के बारे में बताया पुलिस का कहना था कि अब हम इस लड़की को भी अरेस्ट करेंगे

और यह लड़कियां हमें पूरी बात बताएंगे कि आखिर इसने अपने ही रूममेट्स के साथ ऐसा क्यों किया और क्यों उसने कैमरा लगाया था और आखिर यह सब कुछ कब से चल रहा था श्रद्धा ने बताया कि उसका हमारे कॉलेज में पढ़ने वाले राहुल नाम के इस लड़के के साथ अफेयर चल रहा था श्रद्धा बनारस की रहने वाली थी और यहां पढ़ाई करने के लिए आई थी जबकि ये लड़का राहुल यहीं का रहने वाला था इस कॉलेज में रहते इस लड़के से मोहब्बत हो गई थी

एक दिन यह लड़का श्रद्धा को अपने साथ एक होटेल में ले गया था इस लड़के ने वहां के होटल में पहले ही हिडन कैमरा लगा दिया था जिसके बारे में श्रद्धा को कुछ पता नहीं चल सका और वहां उसने श्रद्धा को नशीला पधार देकर उसकी इज्जत को तारतार कर दिया यहां तक कि उसकी वीडियो भी बना ली जब यह वीडियो बनाकर श्रद्धा को दी गई तो श्रद्धा दंग रह गई थी उसने इस चीज का ऑब्जेक्शन उठाया और उसने ने कहा कि वह राहुल की शिकायत कॉलेज के स्टाफ से करेगी और पुलिस के पास भी जाएगी

लेकिन राहुल इसकी वीडियो बना चुका था उसने उसे ब्लैकमेल किया अगर तुमने पुलिस के पास जाने की कोशिश की तो मैं तुम्हारा वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दूंगा जो कि मैंने अपने हिडन कैमरा से बनाया है व लड़का दिमागी तौर पर पागल था उसे लड़कियों की इज्जत के साथ खेलना गंदी वीडियोस देखना लड़कियों पर गंदी नजर रखना बहुत अच्छा लगता था इसलिए तो उसने श्रद्धा को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उसके साथ अपनी हवस पूरी कर ली

लेकिन उस दिन के बाद उसने श्रद्धा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया एक दिन उसने श्रद्धा से कहा कि वह रूम की किसी भी एक लड़की का मोबाइल नंबर उसे दे दे मेरा मोबाइल नंबर तो श्रद्धा के पास पहले से ही था इसलिए उसने मेरा मोबाइल नंबर राहुल को दे दिया जिस पर राहुल ने हैकिंग लिंक मेरे whatsapp2 से कहा कि वोह इस हैकिंग लिंक को फॉलो करें मैं उस समय किसी काम में बिजी थी वैसे भी मेरी आदत थी कि मैं अपने मोबाइल पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी और यही मेरी सबसे बड़ी गलती साबित हुई थी

मैं अपना मोबाइल रूम में खुलेआम छोड़कर कहीं भी चली जाती थी रूम की लड़कियां गलत नहीं थी लेकिन मेरे मोबाइल का कोई गलत इस्तेमाल भी कर सकता है इस बात के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था मैं रूम से बाहर किसी काम के लिए गई हुई थी राहुल ने मेरे फोन पर हैकिंग लिंक भेजा तो फौरन श्रद्धा ने उस लिंक का इस्तेमाल किया जिससे मेरा whatsapp2 से कहा था कि श्रद्धा चोरी चुपके वो हिडन कैमरा बाथरूम में लगा दे और एक कैमरा कमरे में लगा दे

यह दोनों कैमरे श्रद्धा ने हम लड़कियों की गैर मौजूदगी में लगाए थे व लड़का श्रद्धा को मजबूर करके उससे अपने काम करवाता रहता था श्रद्धा मजबूर थी क्योंकि उसके पास उसका वीडियो था इसलिए वह उसका कहना मान लिया करती थी ताकि वह वीडियो डिलीट कर दे मगर वह इंसान उसकी मजबूरी का फायदा उठा रहा था लेकिन अब उसकी नजर मुझ पर थी अब वह मुझे ब्लैकमेल करना चाहता था उसका अगला टारगेट मैं थी

ऊपर वाले की कृ से मेरी आंखें जल्दी ही खुल गई थी और मुझे इस बारे में जल्द ही पता चल गया और मैंने केस में पुलिस को इवॉल्व कर दिया तभी तो पुलिस ने साइबर जांच करके राहुल को पकड़ निकाला था और राहुल के साथ-साथ श्रद्धा ने भी पुलिस को अपने बारे में सब कुछ बता दिया था इस तरह राहुल को अरेस्ट कर लिया गया था और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था उसकी वजह से पूरे कॉलेज में बदनामी हुई थी

मैं भगवान का लाख-लाख शुक्रिया अदा कर रही थी कि अगर मैं कोई एक्शन नहीं उठाती तो आज मैं भी श्रद्धा की तरह राहुल के हाथों ब्लैकमेल हो रही होती राहुल कॉलेज की काफी सारी ऐसी लड़कियों को पैसों के लिए ब्लैकमेल करता था वह श्रद्धा से भी काफी समय से पैसे मांग रहा था लेकिन श्रद्धा ने अभी तक उसे पैसे नहीं दिए थे उसके पास पैसे थे ही नहीं इसलिए वह उसे सारे काम करवा रहा था पैसे के लिए इंसान क्या-क्या घिनौने काम कर लेता है

राहुल की वजह से पूरे कॉलेज की बदनामी हुई थी उसे सजा तो मिल ही गई थी साथ ही साथ कॉलेज में लड़कियों के लिए काफी सारे सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई थी मैं अपने कॉलेज की एक अच्छी और समझदार लड़की साबित हुई थी जिसकी प्रशंसा पूरा कॉलेज कर रहा था और जिसकी वजह से एक आरोपी पकड़ में आ गया था ऐसी बहुत सारी लड़कियां थी जो राहुल के हाथों ब्लैकमेल हो रही थी लेकिन किसी ने आज तक इतनी हिम्मत नहीं की थी कि कोई भी लड़की आवाज उठा सके

मेरे कॉलेज के प्रिंसिपल ने मेरी बहुत तारीफ की थी मुझे कुछ नहीं चाहिए था बस मुझे आगे पढ़ना था और आगे बढ़ना था इसलिए मुझे स्कॉलरशिप दी गई थी मेरे बारे में सारी जानकारी जब कॉलेज के पूरे स्टाफ को हुई तो मुझे काफी हद तक मदद दी गई थी और इसका सिला आज मुझे यह मिल गया कि मेरी यूपीएससी की पढ़ाई कंप्लीट हो गई और मेरे घरवाले मेरे लिए परेशान तो बहुत हुए थे यह हादसा होने के कुछ दिनों बाद फौरन ही वह लोग शहर आ गए थे

लेकिन अब उनको डर हो गया था कि उनकी बेटी के साथ अब और कुछ गलत ना हो जाए इसलिए मेरा पूरा परिवार बड़ी मुश्किल से शहर आकर रहने लगा था सिर्फ मेरी खातिर मैंने भी अपने पापा का सपना पूरा कर दिखाया था जैसे ही मे पढ़ाई पूरी हुई तो मैं एक अच्छी नौकरी से लग गई थी लेकिन मेरी कामयाबी के बारे में आज भी इस शहर में हर कोई जानता है

मेरी मेहनत और काबिलियत से मैंने आज अपना सपना पूरा कर लिया और मैं आज 2025 में इसी शहर में रह रही हूं यहां नौकरी करती हूं बड़े घर में अपने परिवार के साथ रहती हूं मेरी शिक्षा पूरी होने में मेरे कॉलेज प्रशासन का पूरा-पूरा हाथ रहा है जिसने राहुल के पकड़े जाने के बाद मेरी शिक्षा पूरी करने में आसा नियां पैदा कर दी मुझे स्कॉलरशिप दी दी गई और आज भी पूरा कॉलेज मेरी इज्जत करता है ऊपर वाले की कृपा से मैं नौकरी भी अच्छी करती हूं अच्छा कमाती हूं

मेरे पिता को अपनी बेटी पर गर्व महसूस होता है और मेरे भाइयों को भी इस बात का एहसास होता है कि पढ़ाई जिंदगी में कितनी अहमियत रखती है मेरी छोटी बहन भी अब पढ़ाई में दिल लगाने लगी है मैं आप सभी लड़कियों से यही बात कहना चाहूंगी कि अगर आपको अपने आसपास कुछ भी संगीत दिखाई देता है तो उसके बारे में पुलिस को जरूर बताएं

पुलिस अपने तरीके से आरोपी को ढूंढ निकालेगी खामोश रहने से कोई हल नहीं निकलेगा बल्कि ऐसा भी हो सकता है कि खामोशी इख्तियार करने से आप लोग किसी बड़ी मुसीबत का शिकार हो सकती है दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी

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