पत्नी हो तो ऐसी | Sad And Emotional Hindi Story | Long Hindi Story | Manohar Hindi Story

Emotional Hindi Story : मेरा नाम विशाल है मेरा इस दुनिया में मेरी मां के अलावा कोई भी नहीं था मैं एक बहुत दुबला पतला और कमजोर इंसान था मेरी अकेली मां ने ही मुझे पाल पोस करर बड़ा किया था मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता था मैं अपनी मां का इकलौता बेटा था जब मेरी उम्र 12 साल थी तब मेरे पिता मुझे इस दुनिया से छोड़कर चले गए थे मेरी मां ने दूसरी शादी सिर्फ मेरी खातिर ही नहीं की थी

 क्योंकि उन्हें लगता था कि दूसरी शादी कर ने से उनके 12 साल के बेटे की जिंदगी पर बुरा असर पड़ सकता है फिर जब मैं जवान हुआ और मेरी उम्र 22 साल हुई तो मेरी मां ने मेरी जल्दी ही शादी करने का फैसला कर लिया था क्योंकि मेरी मां बीमार रहती थी और उन्हें ऐसा लगता था कि वह ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएंगी हालांकि उनका इलाज एक अच्छे अस्पताल में चल रहा था वह चाहती थी कि वह मेरी शादी अपने जीते जी कर दें अपने इकलौते बेटे की खुशी वह अपनी आंखों से देखना चाहती थी 

और अपने हाथों से ही मेरी जिंदगी की सारी खुशियों का फैसला करके जाना चाहती थी उन्होंने मेरे लिए लड़कियां तलाश करनी शुरू कर दी थी फिर फाइनली उन्हें एक लड़की पसंद आ गई थी जिसका नाम अर्पिता था मां ने मुझे अर्पिता की फोटो दिखाई थी वो मुझे पसंद आ गई थी और फिर वह मेरी मां की पसंद की थी इसीलिए मेरे लिए उसे पसंद करना बहुत जरूरी था वो एक गरीब फैमिली से बिलोंग करती थी जबकि हम मिडिल क्लास लोग थे मैं ₹1000000 महीने की सैलरी कमाता था

 जिससे हम दोनों मां बेटे का गुजरा अच्छे तरीके से चल रहा था लेकिन जब से मेरी मां बीमार हुई थी तब से ही मेरी आधी सैलरी तो मेरी मां के इलाज में ही उठ जाती थी बाकी जो पैसे बचते उससे मेरी मां जैसे-तैसे घर का गुजारा कर लिया करती थी मेरी मां मेरी शादी अपनी आंखों से देख चुकी है क्योंकि यह उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश थी मेरी मां के मर जाने के बाद मैं बहुत दुखी हो गया था

 और सारा दिन अफसोस में ही बैठा रहता था अर्पिता ने इस कड़े वक्त में मुझे सहारा दिया था मुझे तसल्ली दी थी और मुझे दिलासा दिया था वह मुझे हमेशा समझाती रहती थी कि जाने वाला इंसान चला जाता है उसे कोई नहीं रोक सकता और अब आगे आपको अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सोचना चाहिए ऐसे कब तक आप अपनी मां का दुख मनाते रहोगे एक तरह से अर्पिता ठीक ही कह रही थी कि किसी जाने वाले का दुख आखिर कब तक मनाया जा सकता है क्योंकि आगे अब मेरी सारी जिंदगी पड़ी हुई थी

 बल्कि मेरे साथ मेरी पत्नी भी थी मुझे अपनी पत्नी के अच्छे बुरे को समझना था उसका ख्याल रखना था पर मां के दुख को मैंने दिल से निकाल कर तो खत्म नहीं किया था लेकिन मुझे मेरी मां आज भी याद आती है हां पर मैं जिंदगी में आगे जरूर बढ़ गया था मेरे लिए ऐसा करना थोड़ा मुश्किल साबित हुआ था क्योंकि मेरी मां ने मुझे बचपन से लेकर जवानी तक अकेले ही पाला था उन्होंने लोगों के घरों में काम किया था मुझे पढ़ाया लिखाया था मेरी हर ख्वाहिश को पूरा किया था इसीलिए मेरी मां से बढ़कर मेरे लिए कोई नहीं हो सकता था 

 

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अर्पिता भी बहुत अच्छी लड़की थी हम दोनों की जिंदगी हंसी खुशी गुजर रही थी हमारी शादी को अब 4 महीने हो गए थे मैं ऑफिस से घर आ गया था तभी अचानक से दरवाजे पर रुक गया था क्योंकि मुझे अपने घर के अंदर से कुछ औरतों के बोलने की आवाज आ रही थी एक औरत कह रही थी कि अच्छे तरीके से काम तो करेगा ना देख लो हमें तुम पर बहुत भरोसा है तुम हमारी जिंदगी खुशियों से भर दोगी ना 

तभी एक औरत कहने लगी कि मेरा पति तो बस अब क्या बताऊं मेरी तो जिंदगी ही बर्बाद हो गई है उससे शादी करने के बाद मेरी तो सारी रातें करवटें बदलते हुए ही गुजर जाती है मेरा पति तो नींद का बहाना करके सो जाता है भला कोई ऐसा मर्द भी होगा जैसा कि मेरा है आज तो मैं खामोशी से पीछे लौट गया था और अपने एक दोस्त के घर जाकर बैठ गया था क्योंकि घर में कुछ औरतें आई हुई थी ये औरतें कौन थी

 और कहां से आई थी मुझे इनके बारे में कुछ पता ही नहीं था मैं काफी देर के बाद अपने घर में गया था मुझे लगा था कि कहीं मेरी पत्नी को यह ना पता चल जाए कि मैं आज दरवाजे से ही वापस लौट गया था और इन औरतों के जाने के बाद ही घर में आया हूं और ना ही मेरी पत्नी ने मुझे इन औरतों के बारे में कुछ बताया था फिर दो-तीन दिन लगातार ऐसा ही होता रहा जब भी मैं ऑफिस से घर वापस आता तो मेरे घर से औरतों के बोलने की आवाज आती थी

 लेकिन आज तो एक औरत मेरे घर से निकल रही थी और उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी आज तो जो बातें मैंने सुनी थी उनको सुनकर तो मेरे कान खड़े हो गए थे मैं थोड़ा शर्मा भी गया था क्योंकि औरतें भी जब अकेले एक साथ बैठती हैं तो यह सारी बातें तो करती ही है मैं अपनी बाइक खड़ी कर चुका था और आज मैं घर के अंदर जाने के बारे में सोच रहा था मैं घर के अंदर जाने ही वाला था इतनी ही देर में वह औरतें मुस्कुराती हुई मेरे घर से बाहर निकल गई थी

 एक औरत मुझे देखते ही अपने बराबर वाली औरत के कान में कहने लगी यह है अर्पिता का पति देखो तो कितना हट्टा टा किया हुआ है अर्पिता ने इसको यह कहकर वह दोनों हंसती हुई वहां से चली गई मैं बहुत हैरान हो गया था कि औरतें कैसी बातें कर रही थी मैंने एक नजर अपने ऊपर डाली पता नहीं मैं इन औरतों को कहां से हटा कट्टा लग रहा था मैं तो एक मामूली सा इंसान था हालांकि मेरी सेहत ज्यादा नहीं थी बस नॉर्मल सी शक्ल वाला था और मेरी सिंपल सी पर्सनालिटी थी जैसे ही मैं घर में दाखिल हुआ तो अर्पिता कमरे से बाहर निकली थी

 और वह भी मुस्कुरा रही थी मुझे देखकर वोह कहने लगी आ गए आप उसने मेरे हाथ से बैग ले लिया था मैंने आज उसे कह ही दिया था कि औरतें कौन थी और यह हर दिन हमारे घर पर क्यों आती हैं मेरी बात सुनकर अर्पिता घबरा गई थी ऐसा लगा जैसे उसे यकीन नहीं हो रहा था कि मुझे पता है ये औरतें हर रोज हमारे घर पर आती हैं मैंने जब उससे दोबारा सवाल किया तो वह मुझसे कहने लगी कि क्या हो गया है 

आपको वो मेरी जानने वाली थी मुझसे मिलने के लिए आई थी कह रही थी कि जब से तुम्हारी शादी हुई है तुम तो हमें भूल ही गई हो मैंने दिल में सोचा कि क्या जानने वाले लोग हर दिन घर में आते हैं मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मेरे लिए खाना लगा दो मुझे बहुत भूख लग रही है वह कहने लगी कि अभी लाई यह कहकर वह किचन में चली गई और मैं बस उसे घूरता रह गया कि अर्पिता अभी तो थोड़ी देर पहले किस तरह से हंस-हंस कर उन औरतों से बातें कर रही थी मुझसे पहले ना जाने व इन औरतों को मेरे बारे में क्या कुछ बता चुकी होगी

 मेरी पत्नी उनका पूरा-पूरा साथ भी दे रही थी मैं जैसे ही अपनी पत्नी को रात के समय हाथ लगाता तो वह कोमल सी लड़की मेरी तरफ खिंची चली आती थी मेरा तो इस दुनिया में मेरी मां के अलावा कोई भी नहीं था लेकिन मेरा एक दोस्त था जिसने मां के मरने के बाद मेरा काफी साथ दिया था और हमारे घर पर भी हफ्ते में वह एक बार चक्कर लगा लिया करता था अभी उसकी शादी नहीं हुई थी वह देखने में बहुत स्मार्ट था और मेरी पत्नी की भी बहुत इज्जत करता था अभी वह जॉब ढूंढ रहा था 

उसके बाद ही शादी करना चाहता था अर्पिता को पाकर तो मैं बहुत खुश था वह खूबसूरत थी और घर के काम में भी बहुत तेज थी लेकिन यह जो हर रोज के हादसे हो रहे थे इन सब ने मुझे उलझाना शुरू कर दिया था और इन औरतों का मुझे इस तरह से मुस्कुराते हुए घर से निकलना कुछ शक में डाल रहा था मैंने सोचा कि कोई आस पड़ोस की औरत होगी आज भी मैं जब घर आया तो ऐसा ही हुआ था दो औरतें मुझे देखकर मुस्कुराई और हमारे घर से चली गई थी जब मैं घर के अंदर आया तो अर्पिता कमरे में थी

 मैं सीधा कमरे में चला गया उस समय वह बैठ की चादर ठीक कर रही थी मुझे देखकर अर्पिता मुस्कुराने लगी और मुझसे कहने लगी कि आप आ गए मैंने उससे कहा कि औरतें कौन थी वह आज भी यही कह रही थी कि वह मेरी जानने वाली थी मैंने अपनी पत्नी की इस बात को इग्नोर कर दिया था लेकिन अगले दिन फिर वही सब कुछ हुआ था और अगले दिन भी मैंने इग्नोर कर दिया था लेकिन तीसरे दिन भी जब मैंने दो औरतों को अजीब शब्दों में बात करते हुए सुना और मुस्कुराते हुए अपने घर से बाहर निकलते हुए देखा तो मैं कुछ ठिठक सा गया था

 वो आपस में कुछ अजीब सी बातें भी कर रही थी और मुझे भी देखकर बार-बार मुस्कुराई जा रही थी मैं उनकी मुस्कुराहट को समझ नहीं पाता था फिलहाल मैं घर के अंदर गया तो अर्पिता खाना बनाने की तैयारी कर रही थी मैंने किचन में जाकर उससे पूछा यह औरतें कौन है और यह हर रोज हमारे घर से कोई ना कोई औरत क्यों बाहर निकल रही है मेरी बात पर ना जाने क्यों अर्पिता का मूड ऑफ हो गया था और वह बहुत ज्यादा घबराई हुई लग रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मेरी बातें सुनकर वह डर गई थी 

वह कांपती हुई आवाज में कहने लगी मेरे माइकी की तरफ की कुछ औरतें हैं यह मुझसे बहुत मोहब्बत करती हैं इसलिए मिलने के लिए आ जाती हैं यह कहते हुए वह बार-बार अपनी नजरें मुझसे बदल रही थी मैं बड़े गौर से उसी को देख रहा था ना जाने क्या वजह थी जो वह मेरी नजरों से बहुत नर्वस हो रही थी हालांकि मैंने तो उसे कुछ कुछ भी नहीं कहा था वह बार-बार खाना बनाते हुए मुझे सफाइड असल मेरा सबके साथ ही हंसी खुशी वाला बिहेवियर रहता है 

इसलिए अपने मायके के आस पड़ोस के लोगों से भी मेरा काफी मिलना झुलना था हम बहुत प्यार मोहब्बत से रहते थे बस अभी कुछ दिन पहले ही इन आंटी की कॉल आई वह मुझसे कहने लगी तुमसे मिलना है शादी के बाद तो तुम बिल्कुल बदल गई हो मैं उनसे इंकार नहीं कर सकी और उन्हें अपने घर का एड्रेस दे दिया मैंने अपनी पत्नी की बात पर कोई जवाब नहीं दिया मैं तो बस उसके चेहरे पर छाई हुई परेशानी देख रहा था ना मैंने उससे कोई सफाई मांगी थी

 और ना ही कोई पूछताछ की थी उसका मुझे इस तरह से सफाई देना बहुत अजीब लग रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि वह मेरी बातों से बहुत परेशान हो गई थी मेरे घर में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी वैसे तो मैं नौकरी करता था अच्छी कमाई करता था घर भी अपना ही था इसीलिए ज्यादा टेंशन लेने वाली कोई बात नहीं थी लेकिन इन दिनों मुझे कुछ परेशानी हो रही थी क्योंकि मेरे ऑफिस में ठीक से काम भी नहीं हो रहा था

 और फिर शादी का खर्चा उसके बाद मेरी मां के इलाज का खर्चा इन सारे खर्चों को एक साथ आ जाने से मैं अभी तक संभल नहीं पाया था लेकिन फिर भी मेरी पत्नी मुझसे किसी तरह की कोई शिकायत नहीं करती थी और इन दिनों तो मुझे घर में राशन लिए हुए भी एक महीना गुजर गया था पर मेरी पत्नी ने घर को इतने अच्छे तरीके से संभाला हुआ था कि मुझे किसी बात की टेंशन ही नहीं थी थी वो मुझसे कभी पैसों की भी कोई शिकायत नहीं करती थी लेकिन मेरे लिए तो परेशानी बढ़ गई थी अभी मेरे पास पत्नी थी 

कल को बच्चे भी होने हैं लेकिन मेरे ऑफिस में काम बड़ी मुश्किल से हो रहा था वैसे तो मैं सारे घर का खर्चा खुद ही किया करता था लेकिन जब से मेरे पास पैसों की कमी होने लगी थी मेरी पत्नी ने मुझे इस बात का एहसास तक नहीं होने दिया था शायद वह पैसों को जोड़कर रखती थी लेकिन मैंने अभी तक अपनी पत्नी के हाथ में पैसे नहीं रखे थे मेरी शादी को हालांकि अब 6 महीने होने वाले थे लेकिन अभी तक मेरी पत्नी ने मुझसे खर्चे के पैसे नहीं मांगे थे 

अगले दिन फिर से मैंने घर से एक औरत को निकलते हुए देखा उस दिन हमारे पड़ोसी गुजर रहे थे उन्होंने मुझसे मुलाकात की मुझसे मेरे हालचाल पूछने लगे वह कहने लगे कि तुम्हारी पत्नी के बहुत रिश्तेदार हैं जब तुम्हारी मां यहां रहती थी तो उनसे मिलने के लिए तो कोई भी नहीं आता था लेकिन जब से तुम्हारी शादी के बाद तुम्हारी मां का देहांत हुआ तब से तुम्हारे घर में हर रोज कोई ना कोई औरत आती जाती रहती है फिर वह कहने लगे कि अपनी पत्नी की हमारे मोहल्ले की औरतों से भी जान पहचान करवाओ

 हमारे मोहल्ले की तो कोई भी औरत अगर तुम्हारे घर का दरवाजा खटखटा है तो तुम्हारी पत्नी दरवाजा ही नहीं खोलती बल्कि अंदर से ही जवाब दे देती है कि मैं काम में बिजी हूं मिल नहीं सकती बड़ी अजीब है तुम्हारी पत्नी हालांकि मेरी बेटी भी और मेरी पत्नी भी तुम्हारे यहां तुम्हारी पत्नी से मिलने के लिए गई थी पर तुम्हारी पत्नी ने दरवाजा ही नहीं खोला यह बात सुनकर मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई थी

 मुझे बहुत अजीब लगा था मैं तो समझा था कि वह औरतें तभी आती है जब मैं ऑफिस से वापस आता हूं लेकिन सारा दिन किसी ना किसी औरत का आना जाना मुझे अपने मोहल्ले के शर्मा जी से पता चला था वह तो काफी अच्छे थे उनकी पूरी फैमिली पढ़ी लिखी है और सभी लोग समझदार थे मुझे यह भी बुरा लगा था कि मेरी पत्नी ने उनकी बेटी और उनकी पत्नी को दरवाजे से ही वापस भेज दिया था उसने ने उन्हें अंदर क्यों नहीं आने दिया अगर व मेल झोल रखती है

 तो फिर अपने मायके की तरफ की औरतों से ही क्यों रखती है उसे यहां भी सबसे मिल झुल करर रहना चाहिए था मैंने घर जाकर जैसे ही चाबी से घर का दरवाजा खोलना चाहा तो घर का दरवाजा अंदर से लॉक था लेकिन अंदर से औरतों के हंसने की आवाजें और बातें करने की आवाजें आ रही थी जो बातें मैंने इन औरतों के बीच सुनी तो मेरा सर चकरा कर रह गया था यह मैं क्या सुन रहा था यह बातें सुनकर मेरा गुस्से से बुरा हाल हो गया था मैंने अपने कमरे के दरवाजे का नौक घुमाया तो दरवाजा अंदर से बंद था

 दरवाजा खटखटा ही मेरी पत्नी ने दरवाजा खोला था उसने मुझे बाहर खड़ा हुआ देखा तो वह घबरा गई थी उसके चेहरे पर पसीना आने लगा था वह अपने चेहरे पर आने वाले पसीने को पोछने लगी मैंने कहा कौन है कमरे में तो वह कहने लगी कि मेरी एक जानने वाली है मैंने कहा हटो पीछे लेकिन मेरी पत्नी सामने ही खड़ी रही मैंने कहा अर्पिता पीछे हटो यह कहकर मैंने ने अपनी पत्नी को पीछे हटाया था मैं जैसे ही कमरे में दाखिल हुआ तो मेरे होश उड़ गए कमरे के अंदर एक 45 साल की औरत बैठी हुई थी 

उसकी हालत बहुत बुरी हो रही थी वह मुझे देखकर फौरन से अपने कपड़े ठीक करने लगी मैंने अपनी नजरें झुका दी और कमरे से बाहर आ गया मेरा चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था वह औरत अपने आप को ठीक करने के बाद कमरे से बाहर निकल गई और उस औरत के जाने के बाद मेरी पत्नी ने घर का दरवाजा बंद कर लिया मैं बड़े गुस्से से अपने कमरे में चला गया था मैंने देखा तो बैड की चादर बहुत खराब थी मैं बैड पर बैठकर दोनों हाथों में अपना सर पकड़ कर बैठ गया

 मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी पत्नी ऐसा भी कुछ कर सकती है अर्पिता बहुत डरी सहमी स कमरे के अंदर दाखिल हुई मैं उस समय इतना गुस्से में था कि उस पर भी हाथ उठा सकता था मैंने चिल्लाकर कहा कि ये सब कुछ क्या है और हमारे घर में क्या हो रहा है और यह कमरे की हालत कैसी हो रही है कमरे में क्या कर रही थी तुम उस औरत के साथ अर्पिता कहने लगी कुछ भी तो नहीं कर रही थी मैंने कहा झूठ मत बोलो मैंने तुम्हारी बातें सुनी हैं अर्पिता कहने लगी आपको कुछ गलतफहमी हो रही है 

मैंने कहा इस औरत के कपड़े इतने खराब हालत में क्यों हो रहे थे तो वह कहने लगी क्या हो गया है विशाल आपको मैंने कहा ना वह मेरी जानने वाली थी मैं घर में अकेली रहती हूं इसलिए वह हमारे बिस्तर पर लेट गई थी मैंने कहा बैट की चादर क्यों खराब है इस तरह से बिखरी हुई क्यों है वह कहने लगी आप क्या समझते हो मुझे हम दोनों बातें कर रहे थे और लेटक आराम कर रहे थे इसलिए चादर खराब हो गई होगी मैंने अपनी पत्नी से कहा तुम लोग क्या बातें कर रही थी 

क्योंकि जो बातें मैंने सुनी वह तो बहुत अजीब थी मेरी पत्नी कहने लगी क्या सुन लिया है आपने जाहिर सी बात है जैसे आप मर्द लोग एक साथ बैठकर अपनी पत्नी की बातें आपस में डिस्कस करते हो इसी तरह से वही बातें हम औरतें बैठकर अकेले में कर लेते हैं पता नहीं ही आपने क्या सुन लिया और क्या सोच लिया यह कहते हुए अर्पिता रोने लगी थी मुझे खुद पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी मैंने सोचा जो मैंने सुना वह मेरा वहम हो वैसे भी वह दोनों औरतें थी अगर वह औरत हमारे बैड पर लेट गई थी 

तो इसमें कोई गलत बात नहीं थी बेट पर तो बैठने से भी बैट की चादर खराब हो जाती है और वह दोनों ऐसे ही नॉर्मली बातें कर रही थी वो औरत किसी चीज की बात कह रही थी मेरी पत्नी से कि जब से मेरे पति ने वह चीज इस्तेमाल करना शुरू की है उनमें काफी ताकत आ गई है और उनको अब कमजोरी भी महसूस नहीं होती पूरी रात उन्होंने मेरे साथ वह हंसकर यह बात मेरी पत्नी को बता रही थी मेरी पत्नी भी उसकी बात का हंसकर ही जवाब दे रही थी मेरी पत्नी ने कहा देखा मेरा कमाल अब तुम मजे ही मजे करोगी

 और अपने पति की दीवानी हो जाओगी उस औरत ने मेरी पत्नी से कहा कि चलो हटो मुझे तुम्हें बताते हुए शर्म आ रही है यह बात सुनकर मेरी पत्नी अर्पिता कहने लगी अरे शर्मा ना कैसा आंटी बताओ ना मुझे क्या हुआ था रात को वह 40 साल की औरत अपनी सारी रात की कहानी मेरी पत्नी को बता रही थी जो मैंने थोड़ी सी सुनी थी तो मेरा दिमाग घूमकर रह गया था पता नहीं मुझे ऐसा लगा कि वो औरत मेरी पत्नी के साथ कुछ गलत कर रही है या वो दोनों मिलकर कुछ गलत कर रही है

 क्योंकि उन दोनों के बोलने का स्टाइल थोड़ा अजीब सा था शायद मैं ही गलत था मुझे अपनी सोच पर अफसोस होने लगा था अर्पिता शायद ठीक ही कह रही थी जब हम मर्द आपस में बैठकर अपने घरेलू बातें और अपनी पत्नी के साथ गुजरी हुई पर्सनल मैटर्स एक दूसरे के सामने डिस्कस कर लेते हैं तो औरतें भी आपस में डिस्कस कर लेती होंगी यह कोई अनहोनी बात तो नहीं थी लेकिन वह शायद मेरी बहुत बड़ी गलतफहमी थी कि मैंने अपनी पत्नी पर भरोसा किया था

 रात को सोने से पहले मैंने अपनी पत्नी से पूछा कि तुम मोहल्ले की औरतों को घर में आने से क्यों मना कर देती हो सिर्फ अपनी जान पहचान वाली औरतों को ही घर में क्यों आने देती हो मुझे पड़ोस वाले शर्मा जी ने तुम्हारी शिकायत की है वह हमारे बहुत अच्छे पड़ोसी हैं जब मां जिंदा थी मेरी शादी से पहले तो वह हम लोगों का बहुत ख्याल रखते थे और उनकी पत्नी भी मेरी मां के साथ बातें करती रहती थी 

वह और उनकी बेटी तुमसे मिलने के लिए आई थी और तुमने उन्हें दरवाजे से ही वापस भेज दिया दरवाजा तक नहीं खोला कितनी बुरी बात है तुम्हारी वह कहने लगी मैं उस टाइम नहा रही थी इसलिए आवाज देकर मना कर दिया आप उनको कह देना कि वह अब आ जाएं मैं उनसे मिल लूंगी यह बात भी मेरी पत्नी की ठीक थी वह इस तरह से तो बाहर नहीं आ सकती थी मैं सोने के लिए लेटा तो अचानक मुझे उस औरत की बातें याद आने लगी

 वह मेरी पत्नी से किसी सिरप की बात कर रही थी ना जाने किस तरह की सिरप की बात कर रही थी इससे पहले भी जब मैंने इन औरतों की बातें छुपकर सुनी थी तो उसमें भी सिरप का जिक्र आया था जो सिरप इन औरतों के पति इस्तेमाल कर रहे थे आखिर ऐसा भी उस सिरप में क्या था जो उसके पति में ताकत आ गई थी कि उसने अपनी पत्नी की चीखें निकलवा कर रख दी थी मेरे दिल में भी अजीब अजीब से ख्याल उठने लगे क्योंकि जब से मेरी शादी हुई थी मैं खुद को थका थका महसूस करने लगा 

मैं पहले से भी काफी पतला दुबला था लेकिन शादी के बाद और ज्यादा कमजोरी महसूस करने लगा था वैसे तो मुझे कभी मेरी पत्नी ने इस बात पर ताना नहीं दिया था लेकिन मुझे ऐसा लगता था जैसे थोड़ी बहुत कमी मुझ में है और हमारी शादी को छ महीने होने के बावजूद भी अभी तक मेरी पत्नी को भी कोई गुड न्यूज़ नहीं थी मेरे दिमाग में यह ख्याल उभरने लगा कि क्यों ना मैं भी अपनी पत्नी से उस सिरप के बारे में पूछूं जिसके बारे में सारी औरतें मिलकर बातें करती हैं लेकिन ना जाने क्यों मैं अपनी पत्नी से यह बात नहीं पूछ पाया था

 शायद मर्द की पर्सनालिटी इस बात की परमिशन नहीं देती कि व औरत के सामने अपनी इस तरह की कमजोरी का जिक्र करें वैसे तो मेरी पत्नी यह बात इन छह महीनों में जान ही चुकी थी मगर अगर कभी पलटकर उसने मुझसे ऐसा कुछ नहीं कहा था कि मैं उसकी जरूरत को पूरी नहीं कर पा रहा था तभी तो अर्पिता आज आने वाली इस औरत से पति-पत्नी के बीच होने वाले संबंध का पूछ रही थी लेकिन अब मैं इस बारे में सीरियस होकर सोचने लगा था क्योंकि एक बार जब मैं अपने घर आया तो मेरी पत्नी किसी से फोन पर बातें कर रही थी

 मेरी पत्नी फोन पर किसी से कह रही थी कि औरत हमेशा बाहर की मोहब्बत तलाश करने लगती है जिसे उसका पति खुश नहीं कर सकता जिन औरतों के पति कमजोर हो और सारा दिन थकावट होने के बाद रात को ना सिर्फ अपनी पत्नी को मायूस करें बल्कि खुद भी आधे अधूरे हो इस सब की वजह से ही पत्नियां गैर मर्दों से रिश्ते रखती हैं हमारी दवाई इस सब का ही इलाज करती है यह सुनकर मेरा दिमाग हैरान हो गया था मुझे अंदर आता हुआ देखकर मेरी पत्नी ने घबराकर फोन बंद कर दिया था

 मैंने उससे कहा कि तुम किससे बात कर रही हो वह कहने लगी बस अपनी बहन से मैंने महसूस किया था कि मेरी पत्नी शायद मुझसे डरती है तभी तो वह मुझसे कभी खुलकर बात नहीं करती खामोश सी रहती है दूसरी पत्नियों की तरह मेरे साथ घुल मिलकर नहीं रहती जैसा कि वह औरतें रहती हैं मैं उसके करीब जाकर बैठता तो उसके ऊपर एक अजीब तरह की घबराहट हो जाती थी पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लगता था जैसे कहीं ना कहीं कोई ना कोई तो गड़बड़ जरूर है 

अभी उसका इस तरह से बात करना मुझे अजीब बेचैन कर गया था अर्पिता किचन में खड़ी हुई बर्तन धो रही थी मैं उसके पीछे चला गया और जाकर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया मेरी सांसे खुद पर महसूस करके शायद वह मेरी फीलिंग्लेस के कान के पास धीमी सी आवाज में कहने लगा क्या बातें कर रही थी तुम अपनी बहन से कॉल पर पहले तो वह मुझे खुद से छुड़वा रही थी लेकिन अब मेरे सवाल पर उसके दिल की धड़कन तेज हो गई थी वह कहने लगी शर्म करो 

आप वह मेरी बहन है उसकी और मेरी प्राइवेट बातें मैं आपको क्यों बताऊं अपनी पत्नी के इस बात पर मैं झुंझला गया था और फिर उसका चेहरा अपनी तरफ करके कहने लगा कि जब तुम दोनों और तुम्हारे माइके की आस पड़ोस वाली औरतें एक दूसरे के पतियों और उनके बिस्तर तक की बातें कर सकती हो तो फिर तुम अपने पति को यह बात क्यों नहीं बता सकती मेरे इस सवाल पर उसने मुझे पीछे धकेल दिया था और कहने लगी कि आप भी बहुत अजीब बातें करते हो 

मेरी पत्नी ने मुझे कमरे में जाने के लिए कह दिया था उसने तो मेरी फीलिंग्लेस के लिए तो पत्नियां तरसती हैं और अर्पिता तो औरतों से ऐसी बातें उगलवाने मेरे साथ बात करते हुए उसे क्या उलझन हो रही थी ना जाने असल बात क्या थी फिलहाल मैं अपने कमरे में वापस आ गया था वैसे भी आज काम का लोड ज्यादा होने की वजह से मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा था मैंने सोचा कि मैं नहा लेता हूं 

जब से मेरी शादी हुई थी मेरे कपड़े मेरी पत्नी ही निकाल कर रख दिया करती थी मुझे कभी जरूरत ही नहीं पड़ी थी कि मैं खुद अलमारी खोलकर अपने कपड़े निकाल सकूं मेरी पत्नी घर को अच्छे तरीके से चलाने वाली औरत थी इन दिनों वह मेरे करीब आने पर अजीब तरह से घबरा जाती थी कपड़े निकालने के लिए जैसे ही मैंने अपनी अलमारी खोली तो अचानक ही मेरी नजर अलमारी में बने लॉकर पर गई 

मैंने लॉकर को खोलना चाहा तो वह लॉक था मुझे बड़ी हैरानी हुई थी कि आखिर उसमें ऐसा क्या पड़ा हुआ था जिसमें मेरी पत्नी ने ताला लगा दिया था तभी अचानक से मेरा ध्यान उस सिरप की तरफ गया जिसका जिक्र वह घर में आने वाली औरतों से किया करती थी मेरा इंटरेस्ट अब और भी ज्यादा बढ़ने लगा था मैंने उस लॉकर को खोलने की कोशिश की मगर उसकी चाबी गायब थी मैंने अलमारी में वहीं पर उसकी चाबी को तलाश करना शुरू कर दिया तो अलमारी में ही रखे हुए कपड़ों के नीचे वह चाबी रखी हुई थी

 यह बात मेरे लिए बड़ी हैरान कर देने वाली थी कि आखिर मेरी पत्नी ने इस चाबी को यहां पर क्यों छुपाया हुआ है उसमें आखिर ऐसी कौन सी खुफिया चीज थी इस घर में मेरे और अर्पिता के अलावा कोई तीसरा नहीं रहता था इसमें जरूर कुछ तो ऐसा था जो यह मुझसे छुपाना चाह रही थी मैंने जैसे ही लॉकर खोला तो सामने सब कुछ मेरी सोच के मुताबिक ही था लॉकर के अंदर काफी सारे सिरप की छोटी-छोटी बॉटल्स रखी हुई थी 

उस पर किसी भी तरह का कोई लेबल नहीं लगा हुआ था हां लेकिन एक मार्कर से उस पर कुछ जरूर लिख लिखा हुआ था मैंने जैसे ही एक बोतल उठाई और उसको खोलकर उसको सूंघने लगा तभी अचानक मेरा हाथ वहीं पर रुक गया था मेरी पत्नी ने अचानक एक सेकंड भी वेस्ट किए बिना ही मेरे हाथ से वो बोतल छीन ली थी और लॉकर में रखकर उसे बंद कर दिया और वो कहने लगी कि यह आप क्या कर रहे हो 

आपको मेरी चीजों में इस तरह से नहीं घुसना चाहिए जब मैंने लॉक लगाया हुआ था तो आप क्यों इस लॉकर को खोल रहे हो अर्पिता आज पहली बार मुझसे काफी ऊंची आवाज में बात कर रही थी मैंने अपने माथे पर बल डाल लिए और अर्पिता की तरफ घूरते हुए कहने लगा यह तुम मुझसे किस अंदाज में बात कर रही हो यह मेरा घर है और यह मेरी अलमारी है और यह लॉकर भी मैंने खुद बनवाया था 

यह बॉटल्स तुमने इसके अंदर क्यों छुपा कर रखी हुई है और यह किस चीज की बॉटल्स हैं मेरे सवाल पर मेरी पत्नी थोड़ी घबराई हुई लग रही थी और मुझे देखकर आंखें चुराने लगी फिर वह कहने लगी कि कुछ भी नहीं बस यह मेरी दवाई है मैंने कहा इतनी ढेर सारी दवाई आखिर तुम्हें क्या परेशानी हो गई जो तुम्हें दवाई की जरूरत पड़ गई मेरी पत्नी कहने लगी मैं इस बारे में आपको नहीं बताना चाहती थी मेरी कुछ तबीयत ठीक नहीं है

 इसलिए मैंने इसको लॉकर में छुपाकर रख दिया था वह नजरें चुराकर मुझसे बात कर रही थी मैंने अपनी पत्नी से कहा और कितना झूठ बोलोगी अब मुझे सच-सच बता दो कि आखिर क्या बात है उसकी बातों से साफ जाहिर हो रहा था कि वह झूठ बोल रही है जैसे ही वह अलमारी बंद करके वहां से जाने लगी मैंने उसे जोर से जकड़ करर अपनी तरफ खींच लिया मेरे इस रिएक्शन पर वह थोड़ी घबरा चुकी थी 

मैंने कहा झूठ मत बोलो बताओ क्या है इस बॉटल्स में मैंने हमेशा तुम्हें उन औरतों के साथ किसी सिरप की बात करते हुए सुना है जिसे पीने के बाद उनके पतियों में बहुत ज्यादा ताकत आ जाती है बताओ यह सिरप कहां से आया तुम्हारे पास और तुम यह सब कुछ क्या करती फिर रही हो मुझे लगा था कि मेरे सवाल पर मेरी पत्नी डर जाएगी और मुझे सच्चाई बता देगी 

लेकिन अगले ही पल वह मुस्कुरा करर कहने लगी कि चलो आप जान ही गए हो तो मैं आपको सब कुछ बता देती हूं अर्पिता ने मुझे बताया कि मेरे दादाजी एक वेद थे मैं बचपन से ही गांव में अपने दादाजी के पास रही हूं मेरे दादाजी गांव के बहुत मशहूर वेद थे जिनके पास काफी सारी ऐसी बीमारियों की दवाइयां थी जिनको लोग दूर-दूर से खरीदने के लिए आते थे 

यही वजह थी कि मेरे दादाजी सारे गांव में ही नहीं बल्कि बाकी के गांव और शहर में भी फेमस हो गए थे मेरे दादाजी के पास जो औरतें बांझ होती थी वह अपना इलाज करवाने के लिए आती थी और कुछ ऐसे मर्द आते थे जो नामर्द होते थे और उनका इलाज होना नामुमकिन था कुछ ऐसे भी शादीशुदा जोड़े आते थे जो उम्र होने के साथ-साथ शारीरिक संबंध बनाने के काबिल नहीं रहे थे

 मेरे दादाजी के पास हर बीमारी का इलाज था वह अपनी आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी बूटियों से इस तरह की सिरप और तेल बनाते थे मेरे दादाजी से लोग दवाई खरीदने के बाद अपनी बीमारियों से मुक्त हो जाते थे और इसीलिए उनको दुगनी कीमत देकर जाते थे क्योंकि उनकी बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती थी मैं जब अपने दादाजी के साथ उनकी दुकान पर बैठती थी तो यह सब कुछ देखकर काफी हैरान होती थी

 मेरे दादाजी के पास एक डायरी थी जिसमें उन्होंने अपनी सारी औषधियों की विधि लिखी हुई थी और हर बीमारी में बनाई जाने वाली दवाई के बारे में लिखा हुआ था इसका फायदा नुकसान सब कुछ उस डायरी में लिखा हुआ था फिर कुछ ऐसा हुआ कि मेरे दादा जी इस दुनिया से चल बसे मेरे दादाजी की दुकान फिर बंद हो गई थी क्योंकि उन जैसा वेद पूरे गांव में कोई भी नहीं था उस समय मेरी उम्र 18 साल थी

 मुझे मेरे मम्मी पापा अपने साथ यहां इस शहर में लेकर आ गए थे फिर मैं अपनी मम्मी पापा के साथ रहने लगी और मेरा यहीं के ही स्कूल में एडमिशन हो गया धीरे-धीरे मेरी पढ़ाई बढ़ती गई और फिर जब मैं कॉलेज गई तो वहां जाने के बाद मैंने अपने दादाजी के इस्तेमाल की जाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से ऐसा सिरप बनाया जिसमें मर्द और औरतों के लिए काफी सारे फायदे हो मुझे वैसे भी साइंस में बहुत इंटरेस्ट था

 इसलिए मैंने अपने दादाजी की औषधियों का एक नए तरीके से इस्तेमाल किया और उनकी डायरी जो कि मेरे पास थी उसी से कुछ अलग-अलग विधियां देख देखकर मैंने एक अलग तरीके का एक्सपेरिमेंट करके यह सिरप बनाया इस सिरप को पीने के काफी सारे फायदे हैं जो मर्द इस सिरप को पी लेगा वह अपनी पत्नी को हर रात खुश करेगा और उसके अंदर दुगुनी ताकत आ जाएगी और ये सिरप अगर अगर औरत अपने पेट पर लगाकर इस्तेमाल करेगी तो उसके पेट की सारी बीमारियां दूर हो जाएंगी 

मेरे पास जो औरतें आती हैं वह अपने पेट पर इससे सिरप को लगाने के बाद इसकी मालिश करवाती हैं जिससे उनके पेट की सारी चर्बी खत्म हो जाती है और औरतों को होने वाली जितनी भी महावारी की बीमारियां हैं वह सारी भी दूर हो जाती हैं कुछ ऐसी औरतें होती हैं जो ज्यादा उम्र हो जाने के बाद शारीरिक संबंध में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं रखती जिसकी वजह से उनके रिलेशन उनके पति के साथ खराब हो होने लगता है 

वही दुखी औरतें मेरे पास आती हैं फिर मैं इस सिरप से उनके पेट की मालिश कर देती थी यह एक सिरप अलग-अलग बीमारी में अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल होता है इसे पी भी सकते हैं और लगा भी सकते हैं ताकि उनके पेट की बीमारी दूर हो जाए और वह अपनी उम्र के साथ-साथ शारीरिक संबंध बनाने के काबिल भी बन जाएं इसी तरह से मैंने ना जाने कितने ऐसे लोग हैं जिनको ठीक कर दिया बहुत सी ऐसी औरतें हैं

 और बहुत से ऐसे मर्द हैं जो औरतें मुझसे यह सिरप खरीदकर अपने पति को पिलाती हैं उनके अंदर दुगनी ताकत आ जाती है और वह ज्यादा उम्र के होने के बावजूद भी अपनी पत्नी को संतुष्ट कर पाते हैं दूसरी तरफ अगर कोई औरत ऐसी होती है जिसकी उम्र कम है या ज्यादा है और वह किसी कारण अपने पति को संतुष्ट नहीं कर पा रही उसको घर के काम करने के बाद थकान महसूस हो जाती है 

तो उसके लिए भी यह सिरप बहुत काम का है और इस सिरप को पीने के बाद औरत की थकान उतर जाती है और वह अपने पति के साथ आसानी से शारीरिक संबंध बना सकती है मैंने अपना यह सिरफ तुम्हारी मां के मर जाने के बाद ही बनाया था क्योंकि मैंने देखा कि हमारी शादी में तुमने काफी सारा पैसा खर्च किया था और तुम्हारी मां के इलाज पर भी तुम्हारा काफी सारा पैसा खर्च हो गया था मुझे तुम परेशान नजर आने लगे थे इसीलिए मैंने यह तरीका आजमाया

 जिसको मैंने कभी नहीं आजमाया था पर शायद मुझे लग रहा था कि अब मेरे लिए अपने दादाजी की डायरी का निकालना जरूरी हो गया है ताकि मैं उनकी सारी विधियां देखकर इस दवाई को बना सकूं और इसको बेच सकूं मैंने अपने कॉलेज में इस चीज का एक्सपेरिमेंट पहली बार किया था जब यह कामयाब हुआ था और मेरे टीचर्स ने मुझे बहुत सराहा था इसीलिए मैंने इसका एक्सपेरिमेंट यहां करके चोरी चुपकी औरतों को य सिरप बेचनी शुरू कर दी ताकि इस सिरप से मेरे पास पैसे आ सके

 और उन औरतों के घर भी बच सके जहां पर पति-पत्नी अपने पति या पत्नी से संतुष्ट ना करने पर दूसरी जगह अपने आप को खुश करने जाते हैं और ना जाने कितने पैसे बर्बाद करते हैं तभी काफी सारी ऐसी औरतें होती हैं जो मुझसे मालिश करवाने भी आती हैं और यह सिरफ भी अपने पतियों के लिए लेकर चली जाती है और इसके बदले वह मुझे काफी सारे पैसे देकर जाती है मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है

 मैंने काफी सारे पैसे जोड़कर रख लिए हैं ताकि आगे चलकर मुश्किल वक्त में वह हम दोनों के काम आ सके मैं आपको परेशान नहीं देख सकती थी मैं आपकी परेशानी में बरा बराबर से आपका साथ देना चाहती हूं मैं पढ़ी लिखी भले ही हूं लेकिन अपने दादाजी के नुस्खे में अच्छी तरह से जानती हूं और इसी तरीके से मैंने लोगों की परेशानी को दूर करना शुरू कर दिया मेरे सिरफ के बारे में अभी हर कोई नहीं जानता क्योंकि मैं सिर्फ ऐसे लोगों को ही अपना यह सिरप बेचती हूं जिनको या तो मैं जानती हूं 

और उन्हें जिन्हें सच में इस चीज की जरूरत है मैंने कुछ गलत नहीं किया इस दुनिया में ऐसे भी मर्द हैं जो शर्म की वजह से किसी को कुछ बताते भी नहीं है और अपना इलाज भी नहीं करते हैं लेकिन उनकी इस कमी को सिर्फ उनकी पत्नी ही जान सकती है हमारे देश में हर 10 में से चार लोगों में यह कमी जरूर पाई जाती है कि वह अपनी परेशानी किसी को नहीं बताते और अंदर ही अंदर घुट रहते हैं 

बल्कि अपने दिल की बात दिल में ही रखते हैं मेरी पत्नी इतनी बात कहकर खामोश हो गई थी मैं बिना पलके झपकाए अपनी पत्नी को ही देख रहा था जो फर फर जुबान चलाती हुई मेरे सामने बोल रही थी मेरी पत्नी ने बताया कि काफी सारी औरतें अपने पतियों से और काफी सारे मर्द अपनी पत्नियों से बहुत खुश हैं क्योंकि वह दोनों ही अपना रिश्ता एक दूसरे के साथ भरपूर तरीके से कायम कर रहे हैं

 मैं अपनी पत्नी की पूरी बात सुन चुका था इस बार वह अलमारी की तरफ गई और लॉकर से सिरप की एक बोतल निकाल करर मेरे पास ले आई कहने लगी इसको सिर्फ एक चम्मच पीने से ही मर्द के अंदर दुगनी ताकत आ जाती है और मर्द कभी भी कमजोरी महसूस नहीं करता मैं अपनी पत्नी के हाथ में वह प्लास्टिक की की बोतल देख रहा था मैंने अपनी पत्नी से कहा माना कि तुम यह काम कर रही हो लेकिन अगर तुम मुझे इस बारे में पहले बता देती तो इसमें कोई परेशानी वाली बात नहीं थी

 मैं अपनी पत्नी के टैलेंट पर आज बहुत खुश हुआ था मैंने अपनी पत्नी से कहा तुम लोगों का भला कर रही हो लेकिन तुम्हें यह पता है कि तुम्हारा पति भी कमजोरी महसूस करता है तुम्हें एक पल के लिए भी यह ख्याल नहीं आया कि तुम यह सिरफ अपने पति को भी दे दो ताकि हमारी जिंदगी कुछ बदल सके और अभी हमारी शादी को सातवां महीना चल रहा है लेकिन अभी तक तुम्हें भी कोई गुड न्यूज़ नहीं है

 इसका मतलब यही है कि हम दोनों में से किसी के अंदर प्रॉब्लम है मैं चाहता हूं कि तुम एक बोतल मुझे दे दो मैं देखना चाहता हूं कि यह सिरफ आखिर इतना असर कैसे करता है मेरी इस बात पर मेरी पत्नी शर्मा गई और कहने लगी आप जैसे हो मुझे वैसे ही पसंद हो भला आपको इस सिरप की क्या जरूरत मगर मैं जानता था कि मेरे अंदर ही कमी है क्योंकि मेरी पत्नी तो घर के सारे काम करती थी और एक मिनट के लिए भी आराम नहीं करती थी फिर भी बहुत फुर्ती थी काम तो मैं भी बहुत करता था

 ऑफिस जाता था और घर के भी काफी सारे काम किया करता था लेकिन फिर भी मेरे अंदर बहुत थकावट थी एक काम कर लेता तो दूसरा काम करने का मन ही नहीं करता था मैं समझ गया था कि मेरे अंदर कमी है मैं अपने इलाज के बारे में भी बहुत सीरियस था मैंने ठान लिया था कि मैं भी अपनी पत्नी के इस टैलेंट को आजमाना चाहता हूं मैं इस सिरप का इस्तेमाल करके ही रहूंगा

 मेरी पत्नी ने एक सिरप मुझे दे दिया था वह तो यह कह रही थी कि आपको इसकी कोई जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी अगर आप मुझे आजमाना चाहते हो तो आप आजमा सकते हो मैंने रात को सोते समय सिरप पी लिया था और सुबह जब मैं उठा तो यह देखकर हैरान रह गया था कि मेरे अंदर बहुत फुर्ती थी मैंने सारा दिन ऑफिस में भी थकान महसूस नहीं की थी रात को जब मैं घर आया तो अपनी पत्नी के साथ भी मैंने अच्छे तरीके से रिलेशन बनाया था 

आज मुझे बहुत खुशी हुई थी कि मेरी पत्नी बहुत टैलेंटेड है और उसने सिर्फ मेरी मदद करने के लिए और घर के खर्चे में मेरा हाथ बटा के लिए ही यह सब कुछ किया था मेरी पत्नी सच में बहुत अच्छी है उसने ना जाने कितनी ऐसी औरतों के घर बसा दिए थे जो अपने पतियों से नाराज थी मैंने अपनी पत्नी से माफी मांगी थी कि मैंने उस पर शक किया था और कई बार इस वजह से हम दोनों के बीच थोड़ी सी नोक झोक भी हो गई थी

 पर सबसे ज्यादा हैरानी तो मुझे एक महीने बाद हुई जब पता चला कि मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं और मेरी पत्नी भी प्रेग्नेंट हो गई है ऐसा सिर्फ मेरी पत्नी के बनाए गए इस सिरप की वजह से ही हुआ था आज इस बात को 5 साल हो गए मेरी पत्नी हर उस जरूरतमंद इंसान को अपना सिरप बेच रही है जिसको इसकी खास जरूरत है इस तरह से मेरी भी मदद हो रही है और मेरी पत्नी भी लोगों के घरों में खुशियां वापस लेकर आ रही है 

मेरी जिंदगी मेरी पत्नी के साथ बहुत अच्छी गुजर रही है और मुझे पक्का यकीन हो गया है कि यह सिर्फ सच में अच्छा काम करता है अभी तो हम लोग अपने ही शहर में इसको बेच रहे हैं लेकिन हमारा इरादा है कि हम लोग इसको सर्टिफाइड करने के बाद दूसरे शहरों में भी इसकी सेल करेंगे ताकि ऐसे बहुत सारे शादीशुदा जोड़े जो एक दूसरे से निराश रहते हैं वह खुशी-खुशी अपनी जिंदगी गुजार सके 

 

 

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