नमस्कार दोस्तों , अगर आप sunderkand pdf download को सर्च कर रहें हैं तो आपको इस आर्टिकल के नीचे सुंदरकांड का पीडीऍफ़ मिल जायेगा , जिसे आप निःशुल्क अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।
PDF नाम | sunderkand pdf download |
PDF credit | गोस्वामी तुलसीदास, गीता प्रेस गोरखपुर |
भाषा | हिंदी , संस्कृत |
टाइप | धार्मिक |
साइज | 1.9 MB |
page | 130 |
Format | |
Download | Available |
sunderkand pdf download
सुन्दरकाण्ड पाठ
सुन्दरकाण्ड में हनुमान जी के द्वारा किये गए असंभव कार्यो को बहुत ही विवेक और सुंदरता से वर्णित किया गया है। जिसे पढ़ने के बाद भक्त हनुमान जी के बारे में बहुत ही विस्तार से सब कुछ जान सकते है और उनके दिल में हनुमान जी के लिए स्थान और भी अधिक बढ़ जाता है।
श्रीरामचरितमानस में कुल 7 सोपान है जिसमे 5वां सोपान सुन्दरकाण्ड पाठ है। इस पाठ में 3 श्लोक , 60 दोहे और 526 चौपाई है। इस श्लोक के बारे में बोला जाता है कि ” सुंदरे सुंदरो रामा, सुंदरे सुंदरी कथा ||
सुंदरे सुंदरी सीता, सुंदरे किम ना सुंदरम || इसका मतलब हुआ की श्रीराम सुन्दर है और उनकी कथा भी सुन्दर है , सीता जी सुन्दर है अगर ये सब सुन्दर है तो सुन्दककांड सुन्दर कैसे नहीं हो सकता। Sunderkand PDF Download ऊपर दिया है जिसे आप अपने मोबाइल में ज़रूर से डाउनलोड कर लें।
सुन्दरकाण्ड पाठ के लाभ
महान कवि तुलसीदास के अनुसार जिसने भी सुन्दरकाण्ड को ध्यान और मन से सुन लिया उसने बिना किसी जहाज़ के ही इस संसाररूपी भव सागर को पार कर लिया।
आगे उन्होंने कहा कि श्रीराम जी की शरण लेने पर प्रभु न सिर्फ हमारी रक्षा करते हैं बल्कि उन्हें जन और धन से भी परिपूर्ण कर देते हैं। जैसे की उन्होंने विभीषण को रावण की अग्नि से जलने से बचा लिया और उसे पूरा राज्य सौंप दिया था।
सुन्दरकाण्ड पाठ के विधि और नियम
- जिस दिन भी आप सुन्दरकाण्ड का पाठ उस दिन लहसुन , प्याज या किसी भी नशे की चीज़ो से परहेज़ करो।
- यदि किसी विशेष मंगलकामना के लिए पूजा कर रहे है तो हनुमान जी विनती करे की वह प्रसन्न हो जाये और आपकी कामना को पूर्ण कर दें।
- हो सके तो सुन्दरकाण्ड पाठ से पहले हनुमान जी का चोला धारण कर लें और सिंदूर में चमेली का तेल मिलकर हनुमान जी को लगाए
- सुन्दरकाण्ड आरम्भ करने से पहले पुस्तक को चौकी पर लाल वस्त्र के ऊपर रखकर, गंध अक्षत , पुष्प डीप से पुस्तक की पूजा करे और आदर के साथ अपने समरूप मस्तक से लगाए।
- पाठ के अंत में हनुमान चालीसा , बजरंग बाण का पाठ श्री रामायण जी की आरती आदि करनी चाहिए।
सुन्दरकाण्ड पाठ के लिए उपयुक्त समय
सुंदरकांड पाठ के समय को लेकर एक यह संदेह है कि इसका पाठ प्रातः काल में नहीं करना चाहिए। संदेह के पीछे का कारण इसकी निम्नलिखित चौपाई है जो हनुमानजी विभीषण से बोले।
प्रातः लेइ जो नाम हमारा तेहि दिन ताहि ना मिले अहारा।
अर्थ है: जब विभीषण ने हनुमानजी को पूछा की क्या आप प्रभु श्रीराम है तो हनुमानजी बोले कि प्रभु श्रीराम इस सम्पूर्ण जगत के पालन करने वाले है मै तो एक तुच्छ वानर हूँ अगर कोई गलती से भी सुबह के समय मेरा नाम भी ले तो उसे पूरे दिन भोजन भी नहीं मिलता है। यहाँ पर हनुमान जी के कहने का अर्थ यह है कि वह श्री राम की तुलना में अपने आपको बहुत ही छोटा मानते है।
नासै रोग हरै सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा।
अर्थ है: हनुमानजी के नाम का निरंतर जप सभी रोग और पीड़ाओं को हरने वाला है। भगवान् हनुमानजी के सभी पाठ तीनो काल और आठों पहर में कभी भी किया जा सकता है।
हनुमानजी के दो प्रिय दिन मंगलवार व् शनिवार है इसलिए इन दोनों दिनों में सुंदरकांड का पाठ करना काफी अच्छा माना जाता है।
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