मालकिन की मालिश। Mastram Story In Hindi | Desi Hindi Story | Best Hindi Story

Mastram Story In Hindi : मालकिन की उम्र तकरीबन 40 साल की थी लेकिन ऐसा लगता था कि वह अभी भी जवान और कुंवारी है वह रोजाना रात को मुंह से मालिश करवाती मैं भी खूब मजे से उनकी मालिश करता एक रात मालकिन ने मुझे एक तेल की बोतल पकड़ाई और कहने लगी चल राजू लाइट बंद करके मेरे पास आा उस रात मेरे होश उड़ गए क्योंकि मालकिन ने पूरी रात मालकिन एक बेवा औरत थी

लेकिन उसके रंग ढंग देखकर वह कहीं से भी बेवा मालूम नहीं हो थी आज भी मालकिन बहुत हसीन लग रही थी उसने पिंक कलर का जोड़ा पहन रखा था और साथ काफी अच्छा मेकअप भी किया हुआ था वह बड़े आराम से बिस्तर पर लेटी यह एलडी देख रही थी मैंने करीब जाकर उन्हें सलाम किया तो मालकिन ने मेरा मुंह पकड़कर मेरा माथा चूम लिया कहने लगी व तू तो बड़ा जवान हो गया है क्या खूबसूरत जिस्म निकाला है अच्छा हुआ तू यहां मेरे पास आ गया है

तेरी मां को तो तेरी जवानी का ख्याल ही नहीं है तू मेरे पास आया है ना तो तुझे जवानी के सारे गुण सिखा दूंगी चल यहां मेरे पास बैठ जा मालकिन ने अपने पैरों की तरफ इशारा किया और कहने लगी मेरे पांव दबा दे यह सुनकर मैं एकदम शर्मिंदा हो गया एक गैर औरत के पैरों में बैठना और फिर उसके पांव दबाना मेरे लिए बहुत ही शर्म की बात थी मैं तो यह सोच कर आया था कि वह घर के कामकाज करवाएगी लेकिन इन्होंने तो मुझे अपने पैरों में बिठा लिया था

और अपने पांव मेरे गोद में रख दिए थे ना चाहते हुए भी मैं धीरे-धीरे उनके पांव दबाने लगा क्योंकि मां ने कहकर भेजा था कि मालकिन को खुश रखना अगर तुम मालकिन को खुश रखोगे तो वह तुम्हें बहुत अच्छी तनख्वा देगी मां ने शक्ति से ताकत दी कि यह नौकरी हरगिज ना छोड़ना इसलिए मैं मालकिन के हर हुकुम मानता था लेकिन मुझे क्या मालूम था कि मालकिन ने मुझे यहां किस मकसद के लिए बुलाया है काफी देर तक मैं मालकिन के पांव दबाता रहा

फिर मालकिन ने कहा सामने शीशे में तेल की बोतल रखी है मैं वह उठाकर मालकिन के पास आया तो वह उल्टा लेट गई कहने लगी चल मेरी कमर की मालिश कर दे मेरी कमर में बड़ा दर्द है यह सुनकर तो मैं शर्म से लाल पीला हो गया मेरे लिए मालकिन की मालिश करना इंतहा शर्म की बात थी लेकिन मालकिन ने मेरा चेहरा देखे बगैर ही खुद को उल्टा कर दिया था और फिर मुझे मजबूरन मालकिन की कमर पर तेल की मालिश करनी पड़ी

मुझे यहां एक घंटा गुजर गया था और इस एक घंटे में मेरे सब्र की तमाम हदें पार हो गई थी यह कैसे काम थे जिनके लिए मालकिन ने मुझे यहां बुलाया था यह काम तो वह किसी और से भी करवा सकती थी मुझे मालकिन कोई बहुत ही बेशर्म मालूम हो रही थी और यहां मजीद गुजारा करना मेरे लिए मुमकिन नहीं था मैंने सोचा था कि मैं वापस लौट जाऊंगा और मां को साफ-साफ कह दूंगा कि मैं ऐसी औरत के पास काम नहीं कर सकता

लेकिन जब काफी देर में मालिश के बाद फ्री हुआ तो मालकिन ने तकिए के नीचे से हजार हजार के तीन नोट निकालकर मेरे हाथ पर रख दिए और कहने लगी शाबाश तेरे हाथ में तो बड़ा जादू है मेरी कमर का सारा दर्द खत्म कर दिया तूने यह 000 पकड़ मैं पैसे पकड़ हैरान हो गया कि सिर्फ पांव और कमर दबाने के मुझे इतने पैसे मिल गए थे जितने पैसे मैं सारा दिन मजदूरी करके भी नहीं कमा सकता था इसलिए मैंने इस वक्त यह काम छोड़ने का इरादा खत्म कर दिया था

क्योंकि उस वक्त पैसा मेरी जरूरत थी पैसे देकर मालकिन कहने लगी थी अब तुम अपने कमरे में जाकर आराम कर लो और रात के वक्त मेरे कमरे में आना मालकिन की बात सुनकर मैं कुछ हैरान हुआ कि वह रात को मुझे अपने कमरे में क्यों बुलाना चाहती है लेकिन सवाल करने की मुझ में हिम्मत नहीं थी क्योंकि मालकिन दोबारा आंखें बंद करके लेट गई थी इसीलिए मैं उनके कमरे से निकलकर अपने कमरे में पहुंच गया मुझे दिन रात यही रहना था

वापस अपने घर जाने की जरूरत नहीं थी बाकी के सारा वक्त में बिल्कुल फ्री रहा करता था करने को कुछ काम था नहीं बल्कि यहां तो मुझे खाने पीने को भी अच्छा मिल रहा था मालकिन ने खुद मुझसे कहा था कि मैं फ्रीज से निकालकर रात को दूध पिया करूं दिल करे वह खाया करूं इसलिए रात होते ही मैंने दूध पिया और फिर रात के 12 बजे के करीब मालकिन ने मुझे अपने कमरे में बुलाया तो मैं उनकी आवाज पर पहुंच गया मालकिन को देखकर एकदम ही मेरे कदमों तले से जमीन निकल गई

और मैं शर्म से नजरें झुका रहा था मालकिन ने बड़ा अजीब सा लिबास पहन रखा था बिस्तर पर लेटते हुए कहने लगी चल राजू तेल की बोतल उठाकर ले आ मैंने तेल की बोतल उठाई और मालकिन के कदमों में बैठने लगा तो वह मुस्कुराई और कहने लगी पैरों की मालिश नहीं करवानी यह तो मेरी जान ही गई कि तू पैरों की मालिश बहुत अच्छी करता है कमर की मालिश भी तूने बहुत ही खूब की है अब तो कहीं और की मालिश करवानी है

यह कह कर मालकिन ने शरारती नजरों से मुझे देखा था और मैं पसीने से शराब भुर हो गया था मालकिन तकरीबन 40 साल की उधेड़ उम्र की औरत थी लेकिन इस उम्र में भी उन्होंने अपने आप को बड़ा फिट रखा हुआ था फिर मालकिन ने अपनी नाइटी को कंधों से सरकाया और इशारा करते हुए मालिश का कहने लगी मैं जैसे ही उनके करीब हुआ तो मालकिन कहने लगी पहले लाइट बंद कर दे रोशनी में मजा नहीं आएगा

मैंने एक लम्हा घबराकर मालकिन की तरफ देखा तो उन्होंने मुस्कुराकर आंखें बंद कर ली और तकिए से टेक लगाकर बैठ गई मैंने खामोशी से उठकर लाइट बंद की और धीरे-धीरे मालकिन की मालिश करने लगा मालकिन अजीबोगरीब सी आवाजें निकाल रही थी जैसे उसे कितना सुकून मिल रहा हो और मैं बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू करके मालिश कर रहा था कुछ देर तक तो यह सब कुछ मुझे अच्छा ना लगा लेकिन फिर मैंने यह सोचकर खुद को राजी कर लिया कि इसके बदले में मुझे एक अच्छी खासी रकम मिलेगी

मालकिन जैसे-जैसे मुझे हिदायत दे रही थी मैं अपनी उंगलियों को वैसे ही हरकत दे रहा था और मालकिन की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थी घंटे तक मेरी उंगलियां मालकिन के नरम मुलायम वजूद पर हरकत करती रही और इसके बाद मुझे वापसी की इजाजत दी मैं उनके कमरे से निकलने लगा तो मालकिन ने 5000 का नोट मुझे पकड़ा दिया मेरी आंखें हैरत से फट गई थी मैंने जल्दी-जल्दी मुट्ठी में वह नोट दबाया और तेजी से मालकिन के कमरे से बाहर निकला कि कहीं वह वापस ही ना मांग ले मैं तो एक ही दिन में इतने पैसे कमाकर खुशी से पागल हो रहा था

वापस अपने कमरे में आकर लेटा तो हजारों ख्वाब देख लिए थे कि मालकिन की ऐसे ही खिदमत करता रहूंगा तो मुझे वह फिर से ऐसे ही नोट लुटाती रहेगी और मेरे घर की सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी अगली सुबह जब मैं उठा तो मालकिन घर पर नहीं थी एक मुलाजिम सफाई के लिए आया था उसने बताया कि मालकिन कहीं बाहर गई है मैं आजादी के साथ खुशी-खुशी सारे बंगले में घूमने लगा और ऐसे ही घूम घूमते घर के पिछले हिस्से में पहुंच गया

वहां दो कमरे बंद पड़े थे मैं सोचने लगा कि इतने बड़े बंगले में मालकिन का अकेले दिल कैसे लगता है हम तो एक छोटे से घर में सिर्फ दो ही कमरों में रहते थे और इसके बावजूद भी अगर कोई कहीं चला जाता तो बड़ी तन्हाई का एहसास होता जबकि मालकिन तो अपने पति के मरने के बाद से लेकर अब तक तन्हा थी अभी मैं यही सोच रहा था कि मालकिन पीछे से चली आई गुस्से से कहने लगी राजू तुम्हारा यहां क्या काम है चलो मेरे साथ मेरे कमरे में मेरा हाथ पकड़कर वह मुझे खींच कर कमरे में ले गई

और अपने साथ बिठा लिया फिर एक बड़ा सा शॉपर खोला और ढेर सारे नए जोड़े निकालकर मेरे आगे रख दिए मैं यह देखकर हैरान रह गया कि वह सारे कपड़े मेरे लिए लाई थी एक से बढ़कर एक कीमती जोड़ा था मुझे कंधों से पकड़ अपने सामने खड़ा किया और कहने लगी कि तुम इन पुराने कपड़ों में अच्छे नहीं लगते तुम मेरे बहुत खास बन गए हो इसलिए अब तुम यह कपड़े पहनो ग और फिर मालकिन के कहने पर मैंने वह कीमती कपड़े रख लिए थे

और उनमें से एक पहन भी लिया था उसे पहनकर मैंने खुद को आईने में देखा तो हैरान रह गया मैं तो अच्छा खासा गबरू जवान लग रहा था 17 साल का तो लग भी नहीं रहा था मालकिन ने मुझे देखा तो मेरी तारीफ की बिना नहीं रह सकी थी और कहने लगी कि देखो तुम कितने जवान हो इन कपड़ों में तुम्हारी मर्दानगी कितनी दिख रही है अब तुम यही कपड़े पहनना मेरी भी खुशी की इंतहा ना रही थी मैं दिल ही दिल में मालकिन को दुआएं देने लगा

फिर सारा दिन मालकिन ने मुंह से कुछ ना कहा लेकिन रात होते ही उसने मुझे अपने कमरे में बुला लिया और फिर लाइट बंद करके मालिश करने को कहा मुझे फिर से शर्म आने लगी क्योंकि मालकिन ने फिर एक अलग किस्म की नाइटी पहन रखी थी और वह पूरी की पूरी कयामत लग रही थी अब तो मालकिन को देखकर मेरे जज्बात भी बेकाबू होने लगे थे मालकिन ने लाइट बंद करवाने के बाद फिर मुझे पूरी तरह मालिश करवाई थी और मैं उनकी मालिश करता रहा था

दो घंटे बाद मेरी छुट्टी हुई तो साथ ही उसने मुझे 5000 मेरे हाथ पर रख दिए थे और यह सिलसिला कुछ दिन तक ऐसे ही चला रहा कुछ दिनों तक मुझे लगा कि शायद मालकिन ने मुझे इसी काम के लिए रखा है और मैं पूरी तरह हो मुतमइन हो गया लेकिन जब 20 दिन गुजरे तो मालकिन ने मुझे अपने पास बुलाया और जो काम करने को कहा वह सुनकर मैं हैरान रह गया मालकिन कहने लगी कि मेरा कुछ जरूरी सामान है वह तुझे दूसरे शहर पहुंचना है

मैंने परेशानी के आलम में मालकिन से कहा कि मैं तो कभी शहर से बाहर ही नहीं गया फिर आपका सामान कैसे पहुंचा आंगा मालकिन कहने लगी कि ड्राइवर और गाड़ी में तुझे दूंगी बस तुझे मेरा सामान इस पते पर पहुंचना है मुझे ड्राइवर पर भरोसा नहीं है तू तो मेरा अपना ही है इसलिए मैं आंख बंद करके तुझ पर ही यकीन कर सकती हूं

जब मालकिन ने ड्राइवर और गाड़ी देने की बात कही तो फिर मेरे लिए यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं था इसलिए मैं राजी हो गया और सोच लिया कि इसी बहाने में दूसरा शहर भी देख लूंगा मालकिन ने एक पार्सल गाड़ी में लौट करवाया और मुझे ड्राइवर के साथ ही बैठा दिया मुझे पता भी समझा दिया और कहने लगी कि बस इस पार्सल को ठीक से पहुंचा देना और फिर हम वहां से निकल गए दो घंटे बाद हम शहर की हद से बाहर थे और फिर मालकिन के बताए पते पर हमने इस पार्सल को पहुंच भी दिया था

और रात तक मैं वापस भी लौट आया था जब वापस आकर मैंने मालकिन को बताया तो वह हद से ज्यादा खुश हुई उसने मेरे हाथ पैर 000 रख दिए और कहने लगी वाकई राजू तू बड़ा ही काम का लड़का है अब तू हमेशा मेरे पास ही रहेगा चल अगर तुझे ज्यादा थकन नहीं हो रही तो मेरी मालिश कर दे मालकिन की बात सुनकर मैंने फिर से तेल की बोतल उठा ली मैं थक तो गया था लेकिन 5000 के नोट की खुशबू ने मुझे फिर से तरोता कर दिया था

काफी देर तक मैं मालकिन की मालिश करता रहा और उनकी आवाज से कमरा गूंजता रहा मैं सोच रहा था कि मालकिन ज्यादा कामकाज भी नहीं करती फिर इतनी थक कैसे जाती है सारा दिन सिवाय शॉपिंग के मालकिन के पास और ज्यादा कोई काम नहीं था क्योंकि मालकिन अक्सर ही सुबह सवेरे घर से निकल जाती और शाम के वक्त लौटती कभी-कभी तो मुझे यह सोच भी हैरान कर देती कि मालकिन के पास इतना पैसा आता कहां से है

जबकि वह तो एक बेवा औरत है और जहां तक मां ने मुझे बताया था कि मालकिन के पति भी कोई ऐसा काम नहीं करते थे मां ने यही बताया था कि मालिक के मरने के बाद ही मालकिन के हालात बदले लेकिन कैसे बदले हैं इसके बारे में किसी को कुछ मालूम नहीं है मैं मालिश करके फ्री हुआ तो मालकिन कहने लगी कल फिर एक पार्सल पहुंचना है इसी तरह अगर तू काम करता रहेगा तो देखना कितने पैसे कमाए और पार्सल का सुनकर मैं बड़ा खुश हो गया और मुझे उम्मीद हो गई कि मालकिन फिर मुझे 000 देगी

लेकिन अगला पार्सल पहुंचाने के तो मालकिन ने मुझे 00 दिए जबकि शहर से बाहर भी नहीं जाना था बल्कि शहर के अंदर ही समान पहुंचना था एक बड़ा सा बंगला था जहां मालकिन के कहने पर मैंने वह पार्सल उतरवा दिया था इतना भारी भर भक पार्सल था कि उठाया नहीं जा रहा था ना जाने मालकिन ने उसमें क्या भेजा था जब उस रात मैंने जाकर मालकिन को अपनी कारकीर्द सुनाई तो उनसे पूछ भी लिया कि पार्सल में ऐसा क्या था जो इतना भारी था

और इतना बड़ा भी मालकिन मुस्कुराकर कहने लगी कि कुछ कीमती सामान होता है जो मैं लोगों के कहने पर उन्हें पहुंचा देती हूं तेरे मालिक के जाने के बाद घर चलाने के लिए मुझे कुछ ना कुछ काम तो करना था खानदान वालों में से तो किसी ने भी मुझ बेवा की खैर खबर नहीं की यह बात तो तुझे खुद भी मालूम है कि बेटा कोई किसी के बुरे वक्त में काम नहीं आता इसलिए बस मैंने यही कारोबार शुरू कर दिया जब मेरे बदले तो सब मुझ पर उंगलियां उठाने लगे सवाल करने लगे कि मैं क्या करती हूं लेकिन अब मैं लोगों को जवाब क्यों दूं

यह कहकर मालकिन ने एक आह भरी और कहने लगी कि बस जो कारोबार मुझे समझ आया मैंने वहीं शुरू कर दिया है और अब तू मेरे साथ इसमें शामिल हो गया है क्योंकि आज तक मैंने किसी पर भरोसा नहीं किया लेकिन मुझे तुझ पर भरोसा हो गया है इसलिए अब तुझे रोजाना दो-तीन बार पार्सल पहुंचाने होंगे ताकि कारोबार तेजी से तर तरक्की करें मुझे मुनाफा मिलेगा तो फिर मैं तुझे भी खूब दूंगी ताकि तेरे घर वालों की जिंदगी भी आसान हो जाए

मैं अच्छी तरह जानती हूं कि एक बेवा औरत कितनी परेशानी उठाती है मालकिन ने मुझे कारोबार की तरक्की के साथ खुशहाली के ख्वाब दिखाना शुरू कर दिए और मैं भी उन ख्वाबों के पीछे चल पड़ा था अब मुझे समझ आ चुकी थी कि मालकिन दिन भर खरीदारी के लिए क्यों जाती थी यकीनन वह अपने कारोबार का सामान लेती थी और फिर उसे पैक करवाकर मुझसे भिजवाया करती थी मेरा काम तो सिर्फ डिलीवरी का था ड्राइवर और गाड़ी भी मालकिन की दी हुई थी

मैं खुशी-खुशी यह काम करने लगा किसी पार्सल के बदले मुझे 10000 तो किसी के बदले 50000 ऐसे ही मुझे पैसे मिल जाते और मैं खुशी-खुशी अपनी मां को हफ्ते में एक बार जाकर वह पैसे दे देता मां मुझे इतना पैसा कमाता देखकर हैरान थी बार-बार पूछती थी कि तू मालकिन के घर क्या काम करता है मैंने भी उन्हें यही बताया कि मैं मालकिन के कारोबार में शामिल हो गया हूं मां को भी तसल्ली हो गई मां ने बड़ी बहन की शादी के लिए पैसे जोड़ने शुरू कर दिए

और घर के हालात भी काफी बदल गए थे और फिर इसी तरह जिंदगी की गाड़ी चल पड़ी थी दिन में तीन-तीन पार्सल पहुंचाने जाया करता था लेकिन एक दिन अजीब बात हुई गाड़ी में पीछे पार्सल रखा था आगे मैं और ड्राइवर बैठे थे अचानक पार्सल में हरकत शुरू हो गई मैं घबरा गया क्योंकि मुझे मालूम नहीं था कि इसमें क्या सामान मान मौजूद है मैंने परेशानी से ड्राइवर की तरफ देखा तो वह भी ना इल्म था और फिर पार्सल का डिब्बा तेजी से हिलाने लगा

मुझे डर हुआ कि मालकिन का भेजा हुआ सामान कहीं खराब ना हो जाए मैंने ड्राइवर को एक तरफ गाड़ी लगाने को कहा और फिर मालकिन के सूचना के खिलाफ जाते हुए पार्सल को खोल दिया जैसे ही मैंने वह पार्सल खोला तो मेरे होश उड़ गए अंदर एक जवान लड़की बंदी हुई थी और उसके हिलने डुलने से डब्बा हिल रहा था उसके मुह पर टेप लगा था हाथ पांव बंधे थे मैंने जैसे ही उसके मोह से टेप निकाला तो वह चीखने लगी

और बचाओ बचाओ की आवाज देने लगी वह तो खुदा का शुक्र था कि दूर-दूर तक कोई नहीं था मैंने उस लड़की को कहा कि खामोश हो जाओ मैं तुम्हारी मदद करूंगा लेकिन अपनी आवाज बंद कर लो मैंने ड्राइवर की तरफ देखा तो वह भी घबराया हुआ था मैंने उसे कहा कि गाड़ी किसी सुनसान जगह ले चलो फिर हम उस लड़की से पता करते हैं कि क्या मामला है मैंने उस लड़की के हाथ पांव खोलकर उसे गाड़ी में ही बैठने को कहा था और उसने मुझ पर भरोसा कर लिया था फिर हम उसे एक सुनसान जगह पर ले गए और जब मैंने उसे मालूमात शुरू की तो मेरे होश ठिकाने आ गए

मुझे अंदाजा ही नहीं था कि मालकिन मुझे गुनाह के कैसे दलदल में धकेल चुकी थी उसने मुझे किस मकसद के लिए इस्तेमाल किया मैं तो बस नोटों की चमक और खुशबू में ऐसा गुम हो गया था कि मैंने कभी यह जानना नहीं चाहा था कि पार्सल के अंदर सामान कौन सा है और किस बात के मालकिन मुझे इतने पैसे दे रही है फिर उस लड़की ने मुझे बताया कि एक लड़के ने उसे अपनी मोहब्बत के जाल में फंसाया और फिर मुलाकात के नाम पर बुलवाकर उसे बेहोश कर दिया और फिर जब उसे होश आया तो वह एक बंगले में थी जहां उस जैसी और भी लड़कियां मौजूद थी

उनके सामने एक उधेड़ उम्र की औरत खड़ी थी और इस औरत ने उस लड़की को बताया था कि वह उसका सौदा कर चुकी है वह लड़का इस औरत का भेजा हुआ था इस लड़के ने तमाम लड़कियों को मोहब्बत के जाल में फंसाकर उस बंगले तक पहुंचाया था बैठे-बैठे वह उन सब का सौदा कर रही थी वह लड़की यह सब बताते हुए रो रही थी यह हकीकत जानकर तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए मैंने वह पार्सल दोबारा से बंद कर दिया और उस लड़की को आजाद करके खुद उसके घर पहुंचा दिया

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और उस पार्सल को मालकिन के बताए हुए पते पर पहुंचा दिया और फिर वापस बंगले पर पहुंचा तो मैंने झूठ कहा मैंने पार्सल पहुंचा दिया है माल मुझसे बहुत खुश हुई लेकिन थोड़ी ही देर बाद मालकिन के पास एक फोन आया और गुस्से से उनका चेहरा लाल हो गया मालकिन को पता चल गया था कि पार्सल खाली पहुंचा है और अंदर लड़की नहीं है मालकिन ने मुझे बाजू से पकड़ा और कहने लगी देख राजू पहले सच सच बता दे तूने क्या किया है

पार्सल के अंदर जो सामान था वह कहां गया है मैंने मालकिन को कहा कि मैंने तो हमेशा की तरह आपका हुकुम माना है मुझे क्या पता सामान कहां है मालकिन ने मेरे मुंह पर थप्पड़ मार मारा और कहने लगी मैंने खुद अपने सामने पार्सल पैक करवाया था फिर उसमें से सामान कैसे गायब हो गया क्लाइंट ने पूरे 5 लाख अदा किए थे उसे सामान नहीं मिला तो वह मुझे धमकियां दे रहा है मैंने कहा मुझे तो नहीं पता था कि आपके पार्सल के अंदर क्या था

जैसे आपने पैक करवा कर दिया था वैसा ही मैंने उन्हें पहुंचा दिया मालकिन ने गुस्से से मेरी शक्ल देखी और कहने लगी ज्यादा मासूम ना बनो मैं अच्छी तरह जानती हूं कि तुम्हारे अलावा किसी और ने इस पार्सल को नहीं खोला क्योंकि तुमने ही वह पार्सल पहुंचाया है तो तुम ही मुझे जवाब दोगे कि वह लड़की कहां है मालकिन की बात पर मैं दिल ही दिल में मुस्कुराया और मैंने जानबूझकर मालकिन से पूछा कि आप किस लड़की की बात कर रही है

आप तो सामान पहुंचाती है फिर लड़की कहां से आ गई क्या पार्सल में कोई लड़की थी मालकिन समझ गई कि मैं उनके साथ खेल खेल रहा हूं कहने लगी ज्यादा होशियार ना बनो मैं पुलिस में तुम्हा कंप्लेंट करूंगी तुम पर चोरी का इल्जाम डालूंगी कि तुमने मेरे घर से सामान चुराया है मालकिन की बात पर मैं मुस्कुराया और कहा कि ठीक है आप पुलिस को बुला ले और जो चाहे साबित कर दें लेकिन याद रखिएगा कि वह लड़की जब आपके खिलाफ गवाही देगी तो आप कहीं की नहीं रहेगी

मेरी बात सुनकर मालकिन के होश उड़ गए वह समझ रही थी कि मैं 16 साल का लड़का हूं उनकी धमकियों से डर जाऊंगा लेकिन मैं हमेशा से ही बहुत बेडर था मुझे किसी चीज का का खौफ नहीं था और फिर ड्राइवर ने भी मेरा साथ देने का वादा किया था वह भी एक नेक इंसान था जो अनजाने में मेरी तरह ही इस गुनाह में फंस गया था जब मालकिन ने मेरे तेवर देखे तो कहने लगी मैंने तो तुम्हारी मदद की थी तुम तो मेरे दुश्मन ही बना रहे हो हम दोनों मिलकर काम करेंगे तो खूब पैसा कमाएंगे

ज्यादा कुछ नहीं करना एक बंदा लड़कियों को एक जगह पहुंचा देता है वहां से उन्हें पार्सल में बेहोश करके डालना होता है बेहोशी की दवा का असर अक्सर 12 घंटे तक रहता है और लड़की को ग्राहक तक पहुंचने तक उसे होश नहीं आता इसलिए खतरे की कोई बात नहीं है ना जाने कैसे उस लड़की को होश आ गया मुझे सच्चाई का इल्म हो गया था मैंने मालकिन को साफ कहा कि मैं यतीम जरूर हूं और बेसहारा हूं लेकिन हम गुनाह का पैसा नहीं खा सकते

यह हराम की कमाई है काश मुझे पहले पता होता ताकि आपने मुझे जो पैसे दिए हैं मैं वह पैसे कभी भी आपसे ना लेता मैंने मालकिन से कि अपना यह गंदा कारोबार बंद करें वरना मैं पुलिस को बता दूंगा मेरी बात सुनकर मालकिन ने मेरे सर पर कोई जोरदार चीज मारी और मुझे बेहोश कर दिया जब मुझे होश आया तो मुझे पता चला कि मालकिन मुझे कैद कर चुकी थी मैं वहीं पीछे खाली कमरों में से किसी कमरे में कैद था मैं चीखता चिल्लाता रहा

मालकिन ने मुझे ना खोला और ऐसे ही दो दिन गुजर गए मैं बिल्कुल निडल था मालकिन कहने लगी कि अगर आजादी चाह ते हो तो मेरे साथ हाथ मिला लो मिलकर कारोबार करते हैं बाहर निकालने के लिए मुझे कुछ तो करना था इसलिए मैंने मालकिन से उस वक्त हाथ मिला दिया और फिर पार्सल पहुंचाने के बहाने मैंने अगली लड़की को पुलिस स्टेशन पहुंचा दिया उसने मालकिन के खिलाफ गवाही दी और मालकिन गिरफ्तार हो गई

मालकिन को यकीन नहीं आ रहा था कि मैंने उन्हें धोखा दिया है उन्हें यह पता था कि मुझे पैसों की लालच है लेकिन मुझे पैसों की कोई लालच नहीं थी मैं मेहनत की कमाई कमाना चाहता था आज मालकिन जेल की सलाखों के पीछे है और तमाम लड़कियों को पुलिस ने आजाद करवा लिया मैं वापस अपने घर चला आया पुलिस ने मुझे बहुत इनाम दिया और कहने लगी कि यह सरकार ने तुझे इनाम दिया है और यह तेरे लिए हक के पैसे हैं

क्योंकि तूने बहुत सारी लड़कियों की जान बचाई है उन्हें बेआबरू होने से बचा लिया है यह सुनकर मैंने पैसे पकड़े और खुश हो गया और सीधे अपने घर आ गया तो दोस्तों यह थी आज की कहानी इस कहानी के बारे में आपकी क्या राय थी यह कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए

 

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