Sasur Bahu Hindi Story : मेरा नाम नैना है और हाल ही में मेरी शादी हुई थी शादी के बाद ससुराल में कदम रखते ही मुझे एक अलग तरह की दुनिया का सामना करना पड़ा मेरा पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता था जिससे घर में अधिकतर समय सिर्फ मैं और मेरे ससुर ही होते थे मेरे ससुर एक गंभीर और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे लेकिन उनकी आंखों में हमेशा एक अजीब सा रहस्य और चमक छिपी रहती थी मैंने कई बार इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की
लेकिन उनका मेरे प्रति रवैया कुछ अलग ही था फिर एक दिन ऐसा हुआ कि उन्होंने मेरे साथ कुछ ऐसा कर दिया जो नहीं होना चाहिए था लेकिन मैं भी हिचकिचाहट मैंने सोचा कि मैं नहा लू ताकि दिन की शुरुआत तरोताजा महसूस कर सकूं मैंने बाथरूम में जाकर गर्म पानी का शोवर चालू किया और पानी की बूंदे जब मेरे तन पर पड़ने लगी तो मुझे बहुत सुकून महसूस हो रहा था अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई पहले तो मैंने सोचा कि शायद कुछ मामूली बात होगी
लेकिन फिर दरवाजा दोबारा खटखटाया गया बाहर से सुरेश अंकल की आवाज आई नैना दरवाजा खोलो मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है उनकी आवाज में कुछ अजीब सी बेचैनी और गहराई थी मैंने जल्दी से कहा पापा मैं नहा रही हूं थोड़ी देर में आती हूं लेकिन वह जिद्द करने लगे और बोले नहीं नैना मुझे अभी बात करनी है यह सुनकर मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई और मुझे कुछ अनहोनी का आभास होने लगा फिर उनकी आवाज और भी धीमी और गहरी हो गई
उन्होंने कहा नैना तुम बहुत खूबसूरत हो जब मैं तुम्हें देखता हूं तो दिल कुछ अजीब सा महसूस करता है मैं उनकी बात सुनकर कांप उठी उनकी आवाज में छिपी गहराई और उन शब्दों का अर्थ मेरे दिल और दिमाग को हिला गया मुझे एक पल के लिए समझ नहीं आया कि मैं क्या करूं डर और असमंजस के बीच मैंने खुद को शांत करने की कोशिश की लेकिन उनके शब्द गूंजते रहे नैना तुम बहुत खूबसूरत हो मैंने जल से शोवर बंद किया और एक तौलिए से खुद को ढक लिया
मेरे दिल की धड़कन तेज हो चुकी थी और मैं दरवाजे के पास जाकर रुक गई उन्होंने फिर दरवाजे पर दस्तक दी नैना दरवाजा खोलो इस बार उनकी आवाज और भी धीमी थी जैसे कोई दबाव बना रहे हो मैंने साहस जुटाया और धीरे से दरवाजा खोला सुरेश अंकल दरवाजे के पास खड़े थे उनके चेहरे पर एक अलग ही भाव था जिसे मैं पहले कभी नहीं देख पाई थी उनकी आंखों में वही अजीब सी चमक थी जो मुझे अक्सर असज कर देती थी
वह धीरे-धीरे मेरे पास आए और मेरे हाथ को पकड़ते हुए बोले मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं नैना उनके हाथ की पकड़ से मुझे और भी डर लगने लगा मैंने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उनका पकड़ और मजबूत हो गया प्लीज पापा आप ऐसा क्यों कर रहे हैं मैंने काप हुई आवाज ने कहा उन्होंने धीरे से मेरे चेहरे की तरफ देखा और बोले नैना तुम समझ नहीं रही मुझे तुम्हारे प्रति एक अजीब सा आकर्षण महसूस होता है मैं इसे नजरअंदाज नहीं कर पा रहा हूं
मैंने तुरंत पीछे हटने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मुझे और पास खींच लिया उस पल मुझे लगा जैसे सब कुछ थम गया हो डर और घबराहट ने मुझे जकड़ लिया था और मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूं उनकी पकड़ से खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए मैंने गुस्से में कहा यह गलत है पापा आप ऐसा नहीं कर सकते मेरी आवाज में घबराहट और आक्रोश था और मैंने पूरी ताकत से खुद को उनसे अलग किया इस बार मैं सफल रही और तेजी से बाथरूम से बाहर भाग गई
मैंने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और अंदर से कुंडी लगा दी बाहर से सुरेश अंकल की आवाज आ रही थी लेकिन मैं मैं अब उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं थी मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था और मेरे दिमाग में बस यही सवाल गूंज रहा था कि अब क्या होगा उस घटना ने मेरे ससुराल के माहौल को पूरी तरह बदल दिया अब मैं हर वक्त असहज और डरी हुई महसूस करती थी कमरे के अंदर खुद को बंद करके मैं बिस्तर पर बैठ गई कांपती हुई सांसों के साथ मेरे मन में हजारों सवाल उमड़ रहे थे
लेकिन सबसे बड़ा सवाल था अब मैं क्या करूंगी सुरेश अंकल की हरकतों ने मेरे दिल और दिमाग को झकझोर कर रख दिया था मैं समझ नहीं पा रही थी कि इस हालात का सामना कैसे करूं बाहर से अब कोई आवाज नहीं आ रही थी शायद वह चले गए थे लेकिन मुझे अभी भी उनके शब्दों की गूंज महसूस हो रही थी कुछ देर बाद मैंने अपने आप को थोड़ा संभाला और सोचा कि अब मुझे इस बारे में कुछ करना पड़ेगा यह सिलसिला और नहीं चल सकता था
मैंने अपने पति को फोन करने का फैसला किया वह शहर से बाहर थे लेकिन मेरे लिए यह महत्त्वपूर्ण था कि मैं उन्हें सब कुछ बता दूं मेरे हाथ कांप रहे थे जब मैंने उनका नंबर डायल किया और इंतजार करती रही कि वह फोन उठाएं जब मेरे पति ने फोन उठाया उनकी आवाज में एक सामान्य सा उत्साह था कैसी हो नैना सब कुछ ठीक चल रहा है ना उनका सवाल सुनकर मेरे दिल में दर्द सा उठा और मैंने तुरंत कुछ नहीं कहा कुछ सेकंड की चुप्पी के बाद मैंने रोते हुए सारी बात बता दी
शब्दों को ढूंढते हुए कि कैसे कहूं कि उनके पिता ने मेरे साथ यह गलत किया है शुरू में वह चौक गए और यकीन नहीं कर पाए उन्होंने कहा नैना तुम क्या कह रही हो यह यह कैसे हो सकता है पापा ऐसा नहीं कर सकते उनकी आवाज में घबराहट और संदेह दोनों था और मैं समझ गई कि वह भी इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे मैंने अपनी सारी ताकत जुटाकर उन्हें यकीन दिलाने की कोशिश की मैं मजाक नहीं कर रही हूं यह सच है
आज सुबह जो हुआ मैं उसे नजरअंदाज नहीं कर सकती मुझे नहीं पता अब क्या करना चाहिए लेकिन मैं इस घर में अब अकेले नहीं रह सकती कुछ देर तक हमारे बीच चुप्पी रही और फिर उन्होंने गंभीरता से कहा नैना मैं कल ही वापस आ रहा हूं तुम घबराओ मत मैं इस स्थिति को संभाल लूंगा उनकी आवाज में एक जिम्मेदारी की झलक थी जो थोड़ी राहत लेकर आई लेकिन मेरे भीतर का डर अब भी बाकी था उस रात मैं ठीक से सो नहीं पाई हर छोटी सी आवाज पर मैं चौनी हो जाती थी
मेरे दिमाग में सुरेश अंकल की आंखों की वह अजीब सी चमक बार-बार आ रही थी और मैंने खुद को कमरे में कैद कर लिया था अगले दिन मेरे पति के लौट ने तक मैंने घर में किसी से बात नहीं की और सारा वक्त अपने कमरे में बंद रही जब मेरे पति घर लौटे तो वह सीधे मेरे पास आए उनके चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी मैंने उन्हें सारी बातें फिर से बताई हर एक पल जो मैंने महसूस किया था उन्होंने बिना कुछ कहे मेरी बातें सुनी और फिर बोले हम इस बारे में खुलकर बात करेंगे
मैं पापा से इस बारे में पूछूंगा और अगर यह सच है तो मैं तुम्हारे साथ हूं तुम्हें कोई गलत महसूस नहीं करने दूंगा अगले कुछ दिन बहुत तनावपूर्ण रहे मेरे पति ने अपने पिता से बात की लेकिन सुरेश अंकल ने सब कुछ नकार दिया उन्होंने कहा कि मैंने गलत समझा और वह कभी ऐसा कुछ नहीं कर सकते यह मेरे पति के लिए एक मुश्किल घड़ी थी
एक तरफ उनकी पत्नी थी और दूसरी तरफ उनके पिता लेकिन उन्होंने आखिरकार मेरा साथ दिया और फैसला किया कि हमें कुछ वक्त के लिए इस घर से दूर रहना चाहिए हम दोनों ने मिलकर यह तय किया कि मैं कुछ समय के लिए माइके चली जाऊं ताकि मैं अपने आप को संभाल सकूं और वह स्थिति को समझ सके इस घटना ने मेरे रिश्तों में एक गहरी दरार डाल दी थी हालांकि मेरे पति ने मेरा साथ दिया लेकिन ससुराल के माहौल में अब वह पहले जैसी सहजता नहीं रही
मैंने तय किया कि मैं अपनी हिफाजत और सम्मान के लिए आवाज उठाऊंगी चाहे इसके लिए मुझे किसी भी मुश्किल का सामना क्यों ना करना पड़े शायद मेरे ससुर ने माफी नहीं मांगी लेकिन मैं अपने अंदर की हिम्मत को फिर से खड़ा करने में सफल रही मेरे मायके जाने के बाद कुछ दिनों तक मेरे मन में एक अजीब सा खालीपन था ससुराल में जो हुआ उससे मैं आहत थी लेकिन अब मैं अपने आप को धीरे-धीरे संभालने लगी थी परिवार और दोस्तों का साथ मुझे हिम्मत दे रहा था
लेकिन एक सवाल हर वक्त मेरे मन में घूम रहा था क्या अब मेरे रिश्ते कभी पहले जैसे हो पाएंगे मेरे पति रोज फोन पर मुझसे बात करते थे वह भी तनाव में थे लेकिन उन्होंने मुझसे वादा किया था कि हम इस समस्या का हल ढूंढेंगे हालांकि सुरेश अंकल ने अपनी हरकतों से इंकार कर दिया था मेरे पति को अब मुझ पर पूरा विश्वास था वह समझ गए थे कि मैं किसी झूठे आरोप के साथ उनके सामने नहीं खड़ी हो सकती थी
कुछ हफ्ते बाद मेरे पति ने मुझसे कहा कि वह चाहते हैं कि हम किसी काउंसलर से मिले यह बात सुनकर मैं थोड़ी हैरान हुई लेकिन उन्होंने समझाया कि वह चाहते हैं कि हम दोनों इस कठिन परिस्थिति का सामना मिलकर करें काउंसलिंग से हमें अपने अंदर के डर चिंता और तनाव को समझने और इससे उभरने में मदद मिल सकती है काउंसलिंग की पहली मीटिंग में मेरे पति और मैं दोनों गए काउंसलर ने हमें हम बहुत ध्यान से सुना और हमें हमारी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने का मौका दिया
इस दौरान मुझे एहसास हुआ कि मेरे पति भी इस स्थिति से उतने ही प्रभावित थे जितनी मैं वह अपने पिता के प्रति गुस्सा और निराशा महसूस कर रहे थे लेकिन साथ ही वह एक जटिल भावनात्मक द्वंद में भी थे अपने पिता को खो देने का डर और मेरी सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे थे काउंसलर ने हमें कुछ सुझाव दिए उन्हो ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में सिर्फ एक पक्ष को दोषी ठहराना हल नहीं है
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बल्कि हमें यह समझना होगा कि रिश्तों को फिर से कैसे मजबूत बनाया जा सकता है या सही रास्ता कैसे अपनाया जा सकता है काउंसलिंग के जरिए मुझे खुद को सशक्त महसूस करने में मदद मिली और मैंने यह ठान लिया कि अब मैं अपने लिए खड़ी रहूंगी चाहे कोई भी परिस्थिति हो कुछ समय बाद मेरे पति ने सुरेश अंकल से फिर से बातचीत की इस बार वह पहले से ज्यादा गंभीर और सख्त थे उन्होंने अपने पिता से साफ-साफ कहा कि अगर उन्होंने मेरी सीमाओं का सम्मान नहीं किया
तो यह उनके और मेरे पति के रिश्ते को भी खत्म कर सकता है यह उनके लिए बहुत कठिन फैसला था लेकिन वह मेरे साथ खड़े रहे सुरेश अंकल ने अंतत यह स्वीकार किया कि शायद उन्होंने अपनी सीमाओं को पार किया था लेकिन वह अभी भी अपने व्यवहार को पूरी तरह गलत मानने के लिए तैयार नहीं थे हालांकि उन्होंने हमसे दूरी बनाए रखने का फैसला किया और कहा कि वह अब हमारे निजी जीवन में हस्तक्षेप नहीं करेंगे कुछ महीनों के बाद मैंने और मेरे पति ने एक नई शुरुआत करने का निर्णय लिया
हम दोनों ने अपने रिश्ते को फिर से मजबूत करने की कोशिश की हमने एक नया घर लिया जहां हमने अपने आप को सुकून और सुरक्षा के साथ जीवन जीने का मौका दिया इस पूरी घटना ने मुझे यह सिखाया कि कभी भी हमें अपनी आवाज उठानी होती है चाहे स्थिति कितनी भी कठिन क्यों ना हो मैंने अपने लिए अपने सम्मान के लिए और अपने रिश्ते के लिए लड़ाई लड़ी मेरे पति ने मेरे साथ खड़े होकर यह साबित किया कि सच्चे रिश्ते विश्वास और सम्मान पर आधारित होते हैं
इस मुश्किल सफर के बाद मैं पहले से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही थी मैंने अपने अंदर की हिम्मत को पहचाना और समझा कि जिंदगी में चाहे कितनी भी मुश्किलें आए अगर हम सच्चाई और अपने आत्मसम्मान के साथ खड़े रहते हैं तो हम हर मुश्किल से जीत सकते हैं नई शुरुआत के बाद धीरे-धीरे मेरी जिंदगी फिर से पटरी पर आने लगी थी मेरे पति और मैंने अपने नए घर में कुछ खुशहाल पल बिताने की कोशिश की हालांकि बीते हुए दिनों की कड़वी यादें कभी-कभी मुझे परेशान कर देती थी
लेकिन मैंने ठान लिया था कि अब मैं अपने भविष्य पर ध्यान दूंगी और उन घावों से उभरने की कोशिश करूंगी समय बीतने के साथ मेरे पति और मेरे रिश्ते में एक नई मजबूती आई हम एक दूसरे के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए थे और वह लगातार मेरे लिए सहारा बने रहे उन्होंने मुझसे कभी इस घटना के बारे में दोबारा बात नहीं की लेकिन उनके छोटे-छोटे प्रयास यह जताने के लिए काफी थे कि वह मेरे दर्द को समझते हैं और मुझे अपने जीवन में सुरक्षित और सम्मानित महसूस कराना चाहते हैं
कुछ महीने बाद मैं अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करने लगी मैंने सोचा कि अगर मैं खुद को काम में व्यस्त रखूं तो शायद मेरे मन में बार-बार आने वाले ख्याल और डर कम हो जाएंगे मैंने एक नई नौकरी जवाइन की और वहां मेरा अनुभव बहुत सकारात्मक रहा ऑफिस में मुझे एक नया आत्मविश्वास मिला और मैंने महसूस किया कि मैं सिर्फ एक पत्नी या बहू ही नहीं बल्कि एक मजबूत स्वतंत्र और आत्मनिर्भर इंसान भी हूं मेरी नौकरी ने मुझे एक नई पहचान दी
ऑफिस के काम के दौरान मुझे कुछ अद्भुत सहकर्मी मिले जिन्होंने मुझे अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने के लिए प्रेरित किया उनके साथ बातचीत और सहयोग ने मुझे यह एहसास दिलाया कि मैं अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों को पीछे छोड़कर भी एक नई राह चुन सकती हूं इस बीच मेरे पति ने भी अपने परिवार से दूरी बनाए रखी सुरेश अंकल से हमारा संपर्क बहुत कम हो गया था मेरे पति ने साफ कर दिया था कि वह तब तक अपने पिता से रिश्ते में सुधार नहीं कर सकते
जब तक वह अपने व्यवहार के लिए जिम्मेदारी नहीं लेते यह निर्णय हमारे लिए दोनों के लिए कठिन था लेकिन यह जरूरी था ताकि हम दोनों मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रह सके कुछ समय बाद एक महत्त्वपूर्ण घटना हुई मुझे पता चला कि मैं गर्भवती हूं यह खबर हमारे जीवन में एक न रोशनी की तरह आई पहले तो मैंने इस खबर को लेकर खुशी के साथ-साथ थोड़ा डर भी महसूस किया मैं सोचने लगी कि क्या मैं अपने बच्चे को एक सुरक्षित और खुशहाल वातावरण दे पाऊंगी
लेकिन मेरे पति ने मुझे तुरंत गले लगाकर भरोसा दिलाया कि हम इस नई जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं उनकी आंखों में गर्व और प्यार देखकर मुझे फिर से यकीन हुआ कि हम दोनों इस सफर को साथ मिलकर पूरी हिम्मत से पार करेंगे गर्भावस्था के नौ महीने हमारे रिश्ते के सबसे खूबसूरत और भावनात्मक पल लेकर आए इस दौरान मेरे पति ने मेरा पूरा ख्याल रखा और हमने अपने भविष्य के बारे में कई सपने देखे मैं एक नई उम्मीद के साथ अपने बच्चे के आने का इंतजार कर रही थी
जो हमारे जीवन में खुशियों का एक नया अध्याय लिखेगा जब हमारा बच्चा पैदा हुआ तो हमारी जिंदगी पूरी तरह बदल गई वह छोटा सा नन्हा जीवन हमारी हर खुशी का का केंद्र बन गया हमने उसके साथ हर छोटी बड़ी बात को सेलिब्रेट किया उसकी पहली मुस्कान पहला कदम और उसकी मासूम हरकत इस नए जीवन ने हमें पुरानी तकलीफों से आगे बढ़ने का मौका दिया सुरेश अंकल से हमारा संपर्क अब भी बहुत कम था लेकिन हम अपने बच्चे के साथ एक नई दुनिया में रम गए थे
हमारा घर अब एक सुरक्षित और प्यार भरा स्थान बन गया था जहां बीते हुए दुखों की कोई जगह नहीं थी इस सफर ने मुझे एक गहरी समझ दी कि जिंदगी में कितनी भी बड़ी चुनौतियां क्यों ना आए अगर हमारे पास सही समर्थन और आत्मविश्वास हो तो हम हर दर्द से उभर सकते हैं मेरा परिवार अब मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत बन गया था और मैंने सीखा कि अपने आत्मसम्मान और हक के लिए आवाज उठाना कभी गलत नहीं होता आज मैं अपने बच्चे के साथ इस नई जिंदगी में पूरी तरह से खुश हूं और मुझे यकीन है कि मेरे अंदर की यह ताकत और समझ मुझे आने वाले हर सफर में काम आएगी
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