बुरे काम का बुरा नतीजा | Hindi Kahani | Best Long Hindi Story | Sad Hindi Story

Hindi Kahani : मेरा नाम रमेश है कुछ दिनों से मैं अपने पापा की हरकतों को नोटिस कर रहा था देख रहा था कि वह बड़ी अजीब अजीब सी हरकतें कर रहे हैं वह घर में भी अपनी फैमिली को बहुत कम टाइम देते थे ढंग से खाना भी नहीं खा रहे थे अपने पापा की इतनी अजीब हरकतों पर मेरी कड़ी नजर थी और मैं उनकी हर एक बात को नोटिस कर रहा था मेरे पापा गांव के जमीदार थे गांव के लोग मेरे पापा की बहुत इज्जत करते थे पापा दोपहर को खाना खाने के लिए घर से निकल जाते और रात को भी देर से ही घर आते थे

 

 मैं तो शहर में रहकर पढ़ाई कर रहा था और दो महीने की छुट्टियों पर अपने गांव आया हुआ था देर रात तक जब पापा घर में आते थे तो मैं सो चुका होता था अगर गलती से पापा घर आ भी जाते थे तो बार-बार उनके नंबर पर ना जाने किसकी कॉल्स आती रहती थी और इसी तरह मोबाइल की आवाज सुनते सुनते पापा घर से बाहर निकल जाते थे फिर रात को देर से वह घर आते थे मम्मी से तो उनकी बातचीत बहुत ही कम होती थी मम्मी और मैं उनके इस चेंजेज पर हैरान और परेशान थे

 

 कुछ तो था जो बुरी तरह से खटक रहा था लेकिन क्या यह हम दोनों की भी समझ से बाहर था घर के मेंबर्स में तो उनकी दिलचस्पी ना होने के बराबर ही रह गई थी उनकी लापरवाही को देखते हुए मम्मी ने भी उनसे बातचीत करना कम कर दी थी मैंने दिल में ठान लिया था कि जो भी हो मैं अपने पापा के इस चेंजेज की वजह जानकर ही रहूंगा

 

 

एक दिन मैंने मम्मी से कहा कि मैं जमीनों पर जा रहा हूं मम्मी ने मुझे जल्दी से पापा का टिफिन तैयार करके दिया और कहा कि यह अपने पापा को दे देना ताकि मैं जमीनों पर जाऊं और अगर मुझे पापा मिल जाए तो मैं उनको यह टिफिन दे दूं

 

 मेरे पास टिफिन देने का बहाना बहुत अच्छा था इस मौके की तो ना जाने में कब से तलाश में था मैं टिफिन लेकर पापा की सच्चाई के बारे में जानने के लिए घर से निकल गया था मैं हमारी जमीनों पर चला गया था जहां पर गांव के सारे ही बड़े लोग बैठते थे उस जगह जाकर मैं खड़ा हो गया था मुझे पता था कि पापा हर रोज यहीं पर बैठते हैं

 

 

इसलिए मैं आसानी से उनके पास पहुंच गया था मैं जब पंचायत में बैठे हुए लोगों के पास गया तो वह लोग मुझे देखकर चौक गए थे मैंने उनसे पापा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि चौधरी साहब तो आज यहां आए ही नहीं है

 

 फिर किसी ने मुझे बताया कि उन्हें हमने छोटी हवेली के पास जाते हुए देखा था मैं हैरान रह गया था कि छोटी हवेली में पापा का क्या काम है छोटी हवेली पर तो कोई जाता भी नहीं है क्योंकि वह तो हमेशा खाली ही पड़ी रहती है शहर से अगर कुछ मेहमान हमारे गांव रुकने के लिए आते हैं तो वह लोग छोटी हवेली में ही ठहरते हैं मैंने सोचा कोई बात नहीं मैं पापा को छोटी हवेली में देखने के लिए चला जाता हूं मैं जब वहां गया तो मुझे बाहर ही चौकीदार बैठा हुआ नजर आया था

 

 मैंने उसे जब पापा के बारे में पूछा तो उसने मुझे साफ इंकार कर दिया था कि वह तो यहां पर आए ही नहीं है क्योंकि मुझे चौकीदार के चेहरे से साफ लग रहा था कि वह झूठ बोल रहा है उसके चेहरे का रंग सफेद हो गया था और उसका चेहरा पड़ गया था मैंने दोबारा से चौकीदार से पूछा बताओ ना क्या चौधरी साहब हवेली के अंदर गए हैं

 

 

 

तो वह फिर से वही बात दोहराने लगा नहीं मालिक बड़े मालिक हवेली के अंदर नहीं है मैंने हैरान होकर कहा अगर पापा यहां पर भी नहीं है तो फिर वह कहां गए क्योंकि वह क्या तो जमीनों पर गए हुए होते थे या फिर हवेली पर ही कुछ समय बिताने के लिए आ जाते थे 

 

जवाब में चौकीदार ने कहा कि छोटे मालिक आप चले जाओ अगर बड़े मालिक आ जाएंगे तो मैं आपको खबर दे दूंगा अभी तो वह यहां पर नहीं है मैं ना चाहते हुए भी चौकीदार की बात मानने के लिए तैयार हो गया था इसी कंफ्यूजन से मैं पीछे की तरफ पलटा ही था कि मेरे कानों में हवेली के अंदर से किसी औरत के चिल्लाने की आवाज आई थी मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था मैं हवेली के अंदर जाने लगा था कि चौकीदार ने मेरा हाथ पकड़कर रोक लिया और वह कहने लगा

 

 छोटे मालिक आप जाते क्यों नहीं हो मैंने कहा हट जाओ मेरे रास्ते से मुझे देखना है कि अंदर कौन है वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा चौकीदार फिर भी मेरी बात को नहीं सुन रहा था फिर मैंने उसको धक्का दे दिया और मैं हवेली के अंदर भाग कर चला गया था चौकीदार भी भागते हुए मेरे पीछे ही आया था

 

 

इससे पहले वह मुझे रोकता मैं हवेली के ऊपर वाले पोर्शन की तरफ भागने लगा था क्योंकि चिल्लाने की आवाज ऊपर की तरफ से ही आ रही थी मैं कमरे के अंदर चला गया लेकिन कमरे के अंदर जाते ही मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी और मेरे होशो हवास ने काम करना बंद कर दिया था

 

 मैंने फटी फटी आंखों से सामने की तरफ देखा तो सामने का नजरा मुझे परेशान करने के लिए काफी था मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं पापा को कभी इस हाल में भी देखूंगा मुझे अपने पिता से नफरत होने लगी थी क्योंकि आदमी पिता कहलाने के लायक ही नहीं था

 

 

मैं इस मामूली से गांव में पैदा हुआ था मैं अपने पिता का इकलौता और लाडला बेटा था मेरे पिता ने कभी मुझसे ऊंची आवाज तक में बात नहीं की थी मेरे दो चाचा भी थे वो भी जमींदार थे हम लोगों की गांव में बहुत इज्जत थी और हमारी बहुत सारी हवेलियां भी थी हम बहुत ज्यादा अमीर थे 

 

हमारे पास किसी चीज की कोई कमी नहीं थी मैं वकील बनना चाहता था इसीलिए पापा ने मुझे शहर पढ़ने के लिए भेज दिया था मैं यहां पर दो महीने की छुट्टियों पर आया हुआ था मेरी लाइफ मेरे हिसाब से गुजर रही थी मेरा कोई बहन भाई नहीं था मैं चाहता था कि मेरा कोई बहन या भाई हो मम्मी पापा मुझे बहुत प्यार करते थे

 

 

लेकिन उनके अलावा भी मुझसे घर में प्यार करने वाली मेरी बुआ थी जो कि मुझसे बहुत प्यार करती थी वह तीन भाइयों की इकलौती बहन थी उनके तीनों भाइयों ने उनसे बहुत प्यार किया था मेरी बुआ जी भी अमेरिका में पड़ी लिखी थी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मम्मी पापा उनके लिए रिश्ता देख रहे थे क्योंकि मेरे पापा सब भाइयों में सबसे ज्यादा बड़े थे 

 

इसलिए उन्होंने अपने छोटे बहन भाइयों का ख्याल माता-पिता की तरह रखा था दोनों चाचा की तो शादी हो चुकी थी और दोनों ही अपने अलग-अलग घर में रह रहे थे यह घर सिर्फ हमारा था इसमें पापा मम्मी मैं और बुआ हमारे साथ रहती थी जिंदगी बहुत अच्छी गुजर रही थी बुआ की पढ़ाई कंप्लीट हो गई थी एक दिन बुआ मुझसे मिलने के लिए शहर मेरे कॉलेज आ गई थी उन्हें देखते ही मैं हैरान रह गया था मेरी बुआ बहुत खूबसूरत थी उनकी उम्र 35 साल हो चुकी थी लेकिन उनकी उम्र को कोई नहीं कह सकता था कि वह 35 साल की है पढ़ाई की वजह से उन्होंने अभी तक शादी नहीं की थी 

 

क्योंकि वह पढ़ना लिखना चाहती थी हमारे गांव में लड़कियों को ज्यादा पढ़ने लिखने की परमिशन नहीं दी जाती थी लेकिन पापा ने बुआ की हर ख्वाहिश को पूरा किया था बुआ काफी काफी दिन तक मेरे फ्लैट में मेरे साथ रहकर जाती थी बुआ की जब पढ़ाई कंप्लीट हो गई तो फिर वह परमानेंट गांव में ही रहने लगी थी अब तो मैं भी गांव ही आया हुआ था मुझे यहां पर आए हुए दो दिन गुजरे थे कि पापा ने कहा कि गांव से कुछ लोग बुआ का रिश्ता लेकर आ रहे हैं शायद बुआ को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई थी उन्होंने पापा को बता दिया कि वह किसी और को पसंद करती हैं 

 

पसंद ही नहीं करती बल्कि उस इंसान से शादी कर चुकी है यह बात सुनकर तो हम लोगों के होश उड़ गए थे बुआ ने गांव में ही रहने वाले सुनील से शादी कर ली थी जो कि पिछले दिनों बुआ के साथ ही पढ़कर आया था इन दोनों ने एक दूसरे को अपने कॉलेज में ही पसंद कर लिया था उसके बाद इन दोनों की बातचीत शुरू हो गई थी

 

 

ना जाने एक दिन इन लोगों के दिमाग को क्या हुआ कि इन दोनों ने खामोशी से कोर्ट मैरिज कर ली थी इस बात पर काफी हंगामा हुआ था सुनील अंकल भी हमारे घर पर आ गए थे क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि पापा बुआ की शादी कहीं और करवाना चाहते हैं 

 

मेरे पापा को इस बात पर कोई खास ऐतराज नहीं हुआ था लेकिन मैंने देखा था कि व थोड़ी देर के लिए सुनील अंकल के चेहरे पर से नजरें नहीं हटा सके थे ना जाने क्यों वह इनको इतनी घोर घोर कर देख रहे थे हम लोगों को तो कुछ समझ ही नहीं आया था पापा ने कभी बुआ की आंखों में आंसू नहीं आने दिए थे इसलिए उनकी इस गलती को पापा ने बड़ी आसानी से माफ कर दिया था हालांकि मेरे चाचा चाची ने इस बात पर बहुत हंगामा किया था पापा ने उन लोगों को भी खामोश कर दिया था

 

 बुआ विदा होकर अपने ससुराल चली गई थी लेकिन कुछ दिनों बाद वह घर पर वापस आ गई थी उनका कहना था कि उनका इस घर में हिस्सा है उनका जितना भी हिस्सा है उनको दे दिया जाए यह बात सुनकर पापा को बहुत अफसोस हुआ था बुआ ने कहा कि ऐसा मैं इसलिए कह रही हूं क्योंकि मैं यहीं पर इस घर में रहना चाहती हूं मेरी बुआ ने पापा से कहा कि उनका उनकी ससुराल में दिल नहीं लगता इसलिए वह हमारे घर में अपने हिस्से की जगह पर रहना चाहती हैं यह बात सुनकर मेरे पापा को गुस्सा भी आया था मगर कानूनी तौर पर इस घर में बुआ का भी बराबर से हिस्सा था 

 

इसलिए उन्होंने बुआ को घर में रहने से रोक टोक नहीं की सुनील अंकल बहुत अच्छे इंसान थे वह तो हमेशा बुआ की हा में हां मिला दिया करते थे और उनसे बहुत प्यार करते थे सुनील अंकल ने बहुत ही जल्द हम हमारे घर के फैमिली मेंबर्स के दिल में अपनी जगह बना ली थी सभी लोगों को सुनील अंकल बहुत पसंद आए थे और उनका बिहेवियर भी उनका काम भी बहुत अच्छा था बुआ हमारे घर में सिर्फ इसीलिए रहने के लिए आ गई थी क्योंकि उनके ससुराल में उनका मन नहीं लग रहा था 

 

हालांकि उनके पति के पास किसी चीज की कोई कमी नहीं थी वो बुआ को हर तरीके से खुश रखने की कोशिश कर रहे थे उन दोनों के बीच बहुत ही गहरी मोहब्बत थी अब बुआ अपने पति के साथ हमारे ही घर में शिफ्ट हो गई थी मैंने महसूस किया था कि पापा का बिहेवियर सुनील अंकल के साथ बहुत ही गुस्से भरा था जबकि बाकी के दोनों चाचा और चाच और साथ ही साथ उनके बच्चे भी सुनील अंकल से बहुत इंप्रेस हुए थे हालांकि मैं भी उनसे काफी इंप्रेस था क्योंकि वह बहुत अच्छे थे 

 

मेरी मम्मी भी सुनील अंकल से काफी खुश रहती थी क्योंकि उन्होंने मेरी मम्मी को अपनी बहन बना लिया था मुझे तो बस यह बात समझ नहीं आती थी कि मेरे पापा को सुनील अंकल को एक्सेप्ट करने में क्या प्रॉब्लम थी जबकि उनके सारे घरवाले सुनील अंकल को एक्सेप्ट कर चुके थे और जब बुआ हमारे घर शादी करके आई थी उन्होंने बताया था कि उन्होंने सुनील अंकल से शादी कर ली है तब तो मेरे पापा को कोई प्रॉब्लम नहीं थी उन्होंने सब लोगों के सामने ऐसे रिएक्ट किया था

 

 जैसे उन्हें सृष्टि से कोई ऐतराज ही ना हो सुनील अंकल ने अपने अच्छे बिहेवियर से अपनी ससुराल वालों के दिल में जगह बना ली थी इधर बुआ भी अपनी नई जिंदगी की शुरुआत से बहुत खुश थी जबकि दूसरी तरफ शुरू के कुछ दिन तो हमारे घर में अच्छे गुजरे थे थे मैंने नोटिस किया था कि बुआ के सामने तो पापा सुनील अंकल के साथ बहुत अच्छे तरीके से बिहेव करते हैं और उनके पीछे सुनील अंकल की बातों ही बातों में खूब इंसल्ट करते हैं सुनील अंकल इतने अच्छे इंसान थे कि उन्होंने इस बात के बारे में अभी तक अपनी पत्नी से कोई बात नहीं की थी 

 

मैं तो इस बात से परेशान भी हुआ था कि इन दोनों की लव मैरिज के बीच सबसे ज्यादा बोझ मुझे सुनील अंकल पर ही लग रहा है क्योंकि उन्होंने बुआ की खुशी की खातिर अपने परिवार वालों से भी अलग रहने की ठान ली थी कभी वह अपनी फैमिली वालों को मनाते हैं तो कभी पापा का मूड उनसे खराब हो जाता है पापा ने सुनील अंकल पर काफी सारी पाबंदियां लगानी शुरू कर दी थी वह जहां पर नौकरी करते थे पापा ने कहा था कि मुझे तुम्हारी इस जगह नौकरी करना बिल्कुल पसंद नहीं है 

 

उन्होंने गांव के एक सरकारी स्कूल में सुनील अंकल को जॉब दिलवा दी थी हालांकि वह गांव के ही एक बैंक में नौकरी करते थे वह हर बात पर उन्हें झड़प कर रख दिया करते थे और बेचारे सुनील अंकल बुआ को इस बारे में कुछ भी नहीं बताते थे वह यही कहते थे कि वह उनके साथ शादी करके बहुत खुश हैं सुनील अंकल पापा की हर बात को खामोशी से सहन करते थे अंकल को कभी भी पापा पर गुस्सा नहीं आया था वह अपनी इंसल्ट भी सहन करते रहते थे सुनील अंकल को देखकर मुझे लगता था कि उनकी परवरिश अच्छी तरह से की गई है

 

 पापा ने मुझे सुनील अंकल से बात करने के लिए भी मना किया हुआ था वह कहते थे कि इससे ज्यादा करीब होने की जरूरत नहीं है यह तुम्हा तुम्हारी बुआ का पति जरूर है मगर मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है इसको सिर्फ मैंने तुम्हारी बुआ की खातिर ही एक्सेप्ट किया है पापा की इस बात पर मुझे बहुत गुस्सा आया था मुझे तो पहले दिन से ही सुनील अंकल बहुत पसंद आए थे पापा पता नहीं क्यों ऐसी बातें किया करते थे लेकिन मैं यह बात समझ गया था कि बुआ के सामने पापा सुनील अंकल के साथ अच्छे बिहेवियर का नाटक सिर्फ इसलिए करते थे कि कहीं बुआ को बुरा ना लग जाए पता

 

 नहीं पापा को सुनील अंकल से क्या प्रॉब्लम थी वह जब भी हमारे घर में होते पापा का मूड खराब हो जाता था और उनके पीठ पीछे व उन्हें खूब बुरा भला कहते थे उनके इस स्टाइल ने मुझे बहुत परेशानी में डाल दिया था बुआ अब प्रेग्नेंट हो गई थी इस खुशी से हमारे घर में रौनक आ गई थी लेकिन पापा को इस बात पर बहुत गुस्सा आया था मैंने इस बारे में अभी तक बुआ को कुछ नहीं बताया था कि वह सुनील अंकल से नफरत करते हैं क्योंकि मैं अपनी बुआ के हंसते खेलते हुए चेहरे को मुरझाया हुआ नहीं देख सकता था मगर इस सब में सुनील अंकल बहुत ज्यादा खामोश रहने लगे थे

 

 जिसको देखते हुए मैं सुनील अंकल से पापा के पीछे थोड़ी बहुत बातें कर लिया करता था सुनील अंकल भी मेरे साथ बहुत खुश रहने लगे थे अंकल शायद पापा की बताई गई नौकरी से खुश नहीं थे अब जबकि बुआ को भी इस बात से कोई ऐतराज नहीं था इसलिए अंकल को पापा और बुआ की हर बात को एक्सेप्ट करना पड़ा था सुनील अंकल कुछ भी करते पापा उनसे खुशी नहीं होते थे और तो और उन्हें उनका हमारे घर में रहना भी बिलक बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन सुनील अंकल तो हमारे घर में ही रह रहे थे पापा के लाख मना करने के बावजूद भी वह अपने घर नहीं गए थे

 

 लेकिन मुझे सुनील अंकल का यह अंदाज बहुत अच्छा लगता था क्योंकि मैंने अभी तक अंकल के अंदर कोई भी बुराई नहीं देखी थी इसलिए मैं खुश था कि मेरी बुआ को सुनील अंकल जैसा हमसफर मिला है मगर पापा तो किसी ना किसी तरह से सुनील अंकल और बुआ को हमारे घर से निकाल देना चाहते थे लेकिन गुजरते हुए वक्त के साथ मैंने देखा था कि अब तो सुनील अंकल भी पापा की इन हरकतों से तंग आकर उन्हें पलटक जवाब देने लगे थे अब तो मैंने उन दोनों के बीच कुछ और महसूस करना शुरू कर दिया था

 

 मुझे पापा की सुनील अंकल से नफरत की वजह अभी तक समझ नहीं आई थी लेकिन पापा का इस तरह से उनके पीछे पड़ जाना उनकी जिंदगी को तंग कर देना और बेवजह उनको परेशान करना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था मैं कभी-कभी सोचता था कि मुझे इस बारे में बुआ से बात करनी चाहिए लेकिन फिर मैं कुछ सोचकर पीछे हट जाता था हमारे घर में कोई भी मेरे पापा के खिलाफ नहीं जा सकता था बस यही सब सोचते हुए मैं कोई बड़ा कदम नहीं उठा सकता था एक दिन मैंने देखा कि छत पर पापा और सुनील अंकल आपस में बैठे हुए बातें कर रहे थे

 

 मैं छत पर ही जा रहा था लेकिन छत पर जाने से पहले उन दोनों की बातें सुनकर मैं सीढ़ियों पर ही रुक गया था मुझे उन लोगों को देखकर यह लगा कि यह दोनों एक दूसरे के आमने-सामने होने से पहले भी एक दूसरे को जानते हैं यह बात मेरे लिए बहुत हैरान कर देने वाली थी सुनील अंकल तो बचपन से ही शहर में पढ़े-लिखे थे उनके पिता ने उन्हें बचपन में ही शहर पढ़ने के लिए भेज दिया था और बुआ के साथ वह शहर से ही शादी करके यहां आए थे उसके बाद उन्होंने यहां के गांव में नौकरी करना शुरू कर दिया यह बात मेरे लिए बहुत हैरान कर देने वाली थी

 

 घर में सुनील अंकल का बिहेवियर जो सबके साथ बहुत अच्छा था वह भी अब धीरे-धीरे बदलने लगा था जिस पर हम लोग बहुत परेशान थे यहां तक कि सुनील अंकल का बिहेवियर बुआ के साथ भी गुस्से भरा रहने लगा था जो इंसान अपनी मोहब्बत की खातिर अपनी पत्नी से इतना प्यार करता था आज वह अपनी पत्नी से ढंग से बात तक नहीं करता था मुझे यह सब कुछ बहुत अजीब लग रहा था और अब धीरे-धीरे लगने लगा था कि पापा शायद इसी वजह से सुनील अंकल को ज्यादा पसंद नहीं करते थे बुआ भी बेचारी सुनील अंकल के इस बिहेवियर से दिन बदन घुलती चली जा रही थी

 

 हालांकि उनके पेट में बच्चा भी था एक दिन बुआ मुझे अपने जिंदगी की कहानी बताकर बहुत रो रही थी मैंने उनको तसल्ली दी उन्होंने मुझे बताया था कि मैं सुनील से बहुत प्यार करती थी लेकिन मुझे नहीं पता था कि एक दिन सुनील मेरे साथ ऐसा भी करने लगेगा उसकी खातिर मैंने क्या नहीं किया मैंने बुआ को तसल्ली दी और उन्हें समझाया कि सब कुछ ठीक हो जाएगा आप फिक्र मत करो अब तो सुनील अंकल बुआ से मिलने के लिए यहां पर भी नहीं आ रहे थे अब वह ज्यादातर अपनी फैमिली के पास ही रहने लगे थे

 

 बुआ प्रेगनेट प्रगनेंसी के दिनों में और सुनील अंकल की इस तरह से दूरी को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी ऐसा करने की वजह से उनका बिहेवियर अब चिड़चिड़ा सा हो गया था मैं सोच रहा था कि मुझे सुनील अंकल से इस बारे में बात करनी चाहिए लेकिन काफी दिन हो गए थे वह तो हमारे घर पर ही नहीं आ रहे थे

 

 

लेकिन इस दौरान पापा का बिहेवियर सबके साथ बहुत अच्छा था पापा अब घर में खुशी-खुशी रहने लगे थे और तो और बुआ जब उनके सामने रोने बैठ जाती तो पापा उन्हें समझाते थे कि मैं तो कहता हूं अपने इस बच्चे को भी खत्म कर दो और उस घटिया इंसान से अपनी जान छुड़ा लो 

 

लेकिन जब बच्चा खत्म करने की बात आती तो बुआ और जोर से चिल्लाती थी और कहती थी कि यह मेरा और सुनील का बच्चा है मैं इसे कभी खत्म नहीं कर सकती मैं समझ गया था कि पापा चाहते हैं कि बुआ इस बच्चे को खत्म कर दे और फिर पापा सुनील अंकल से उन्हें डिवोर्स दिलवाकर अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे

 

 

क्योंकि पापा तो सुनील अंकल को पहले से ही पसंद नहीं करते थे मैं सुनील अंकल की तलाश में था सुनील अंकल मुझे कहीं नहीं मिल रहे थे ना जाने अंकल कहां चले गए थे मैं उनको देखने के लिए जहां वह नौकरी करते थे वहां पर भी गया था एक दिन रात के ई बज रहे थे

 

 अचानक मेरी एक फ्रेंड की शहर से कॉल आ गई मैं उससे बात कर रहा था और बात करते-करते मैं छत पर चला गया क्योंकि छत पर बहुत अच्छी हवा चल रही थी मैं काफी देर तक छत पर बैठकर अपने फ्रेंड से बात करता रहा मैंने नोटिस किया कि रात के इस टाइम पर पापा घर का दरवाजा खोलकर कहीं बाहर जा रहे थे

 

 

पापा को देखकर मैं हैरान रह गया मैंने जल्दी से कॉल कट की और पापा का पीछा करने के लिए चला गया कि आखिर इतनी रात को व कहां जा रहे हैं इतनी रात को उन्हें घर से निकलने का ऐसा क्या अर्जेंट काम पड़ गया मैंने देखा कि पापा कच्ची सड़क वाले रास्ते पर जा रहे थे

 

 यह रास्ता तो जंगल की ओर जाता था पापा सड़क के एक किनारे की तरफ को रुक गए थे मैं भी उनका पीछा कर रहा था और धीमे-धीमे चल रहा था कि कहीं पापा को शक ना हो जाए कि मैं उनका पीछा कर रहा हूं पापा रुक गए थे और फिर उन्होंने अपने कुर्ते की जेब से मोबाइल निकाला और उन्होंने किसी का नंबर डायल किया था

 

 

वह कॉल पर बात करके कह रहे थे कि आ जाओ मैं यहां पर खड़ा हुआ तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं मैं चौक गया था कि आखिर पापा से कौन मिलने के लिए आ रहा है लगभग 15 मिनट के इंतजार के बाद वह इंसान पापा से मिलने के लिए आ गया

 

 लेकिन यह देखकर मैं हैरान रह गया था कि दो हफ्तों से जो इंसान गायब था वह पापा से मिलने के लिए आ गया था और यह कोई और नहीं बल्कि सुनील अंकल थे पापा और सुनील अंकल मुझसे काफी दूरी पर खड़े हुए थे इसलिए मुझे उनकी ज्यादा कोई बात साफ-साफ सुनाई नहीं दे रही थी वह दोनों किसी बात पर बहस कर रहे थे मैंने सिर्फ इतना सुना था कि पापा सुनील अंकल से कह रहे थे कि तुम बहुत बिगड़े हुए इंसान हो तुम मेरी बहन की जिंदगी से चले जाओ पापा ने तेज आवाज से कहा था जवाब में सुनील अंकल भी पापा पर पर चिल्लाए थे

 

 उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ आपकी बहन की खातिर ही आपकी बहुत इज्जत करता हूं वरना आज तक मैं किसी के आगे नहीं झुका हूं सुनील अंकल ने कहा कि आप कितने शरीफ हो यह तो मैं भी जानता हूं बेहतर होगा कि आप मुझे मुंह खोलने पर मजबूर मत करो वरना दोनों का नुकसान हो जाएगा पापा बोले अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं

 

 

तुम देख लेना पापा ने बहुत गुस्से में आकर सुनील अंकल से यह बात कही थी उसके बाद पापा पलटकर वापस आने के लिए मुड़ गए थे मैं जल्दी से पेड़ की आड़ में छुप गया था ताकि वह मुझे देख ना सके उनकी बातों ने मुझे और ज्यादा कंफ्यूज कर दिया था

 

 मुझे सुनील अंकल के बोलने के अंदाज पर बहुत हैरत हुई थी मैंने उन्हें कभी पापा से इस तरह से बात करते हुए नहीं देखा था आज पहली बार उनको इस तरह से बात करते हुए देखकर मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था क्योंकि अभी तक उन्होंने पापा की हर गलत बात को भी खामोशी से और मुस्कुराते हुए एक्सेप्ट किया था

शायद ऐसा इसलिए हो सकता है कि वह बुआ के सामने पापा के साथ अच्छा बिहेव रखते हो मैंने सोचा था कि मैं घर जाकर बुआ को इस बारे में सब कुछ बता दूंगा मैं पापा के घर जाने से पहले ही घर चला गया था लेकिन यह देखकर मैं हैरान रह गया कि घर की सारी लाइट्स ऑन थी 

 

बुआ की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी मां उनके लिए परेशान हो रही थी मैं जल्दी से बुआ को गोद में लेकर अस्पताल जाने वाला था कि थोड़ी देर बाद ही पापा भी घर पर आ गए उन्होंने जब बुआ की ऐसी हालत देखी तो गाड़ी में बिठाकर उन्हें अस्पताल लेकर चले गए हम लोग बुआ के लिए बहुत परेशान थे क्योंकि हम सभी उनसे बहुत प्यार करते थे

 

बुआ की ऐसी हालत देखकर मैंने उनको इस बारे में कुछ भी ना बताने का फैसला कर लिया था मैं भी थोड़ी देर के बाद पापा के साथ अस्पताल चला गया था मैंने वहां जाकर पापा से कहा कि हमें सुनील अंकल को बुआ की तबीयत के बारे में बता देना चाहिए

 

 पापा को मेरी इस बात पर बहुत गुस्सा आ गया था और उन्होंने कहा कि तुम खा मोश खड़े रहो तुम्हें ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है डॉक्टर बुआ का चेकअप कर रहे थे एक घंटा चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने आकर बताया कि बुआ अपने बच्चे को खो चुकी है यह बात सुनकर मैं हैरान रह गया था हालांकि मेरी आंखों में आंसू भी आ गए थे

 

 

मैंने अभी भी पापा से कहा था कि हमें इस बारे में सुनील अंकल को बता देना चाहिए क्योंकि यह बहुत बड़ी बात है लेकिन पापा मुझसे लगातार मना किए जा रहे थे मैंने खुद ही एक कोने में जाकर चुपके से सुनील अंकल को क लगानी चाहि कि मगर उनका नंबर स्विच ऑफ जा रहा था मैं बहुत परेशान था कि सुनील अंकल को ऐसे मोमेंट पर बुआ के साथ होना चाहिए था

 

 सुबह हो गई थी और जब बुआ को होश आया और उन्हें पता चला कि उनका बच्चा इस दुनिया में नहीं है तो वह बहुत रो रही थी और बार-बार सुनील अंकल को याद कर रही थी पापा को तो जैसे उनके रोने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था सभी लोग अस्पताल आ गए थे और बुआ के लिए बहुत परेशान थे साथ ही साथ सुनील अंकल कल को भी बुरा भला कह रहे थे कि ऐसे वक्त पर उन्हें बुआ के साथ होना चाहिए था बड़े चाचा जी तो कह रहे थे कि ऐसा लापरवाह इंसान हमने कहीं नहीं देखा जिसको ना तो अपनी पत्नी की चिंता है

 

 और ना ही अपने होने वाले बच्चे की मुझसे अब लोगों की बातें इस तरह से और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रही थी मैं फौरन ही सुनील अंकल के घर चला गया और वहां जाकर मैंने थोड़ा हंगामा भी किया था कि आप लोगों को कोई फिक्र है या नहीं उधर मेरी बुआ किस कंडीशन में है और ना ही सुनील अंकल को कोई परवाह है वह इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं अपनी पत्नी और अपने बच्चे के लिए मैंने कहा कि अगर सुनील अंकल घर पर हैं

 

 तो उन्हें मेरे साथ अस्पताल भेज दीजिए क्योंकि उनका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा बुआ की भी बहुत ज्यादा तबीयत खराब है सुनील अंकल की मम्मी ने मुझे बताया कि बेटा वह तो कल रात से ही घर नहीं आया है हालांकि कल रात तो सुनील अंकल पापा से मिलने के लिए आए थे अब वह सच कह रही थी या झूठ पहले तो मुझे उनकी बात पर यकीन भी नहीं आ रहा था मुझे लगा शायद वह अपनी शर्मिंदगी छुपाने के लिए यह बात कह रही हैं कि उनका बेटा घर में नहीं है पर मुझे उनके चेहरे पर परेशानी साफ नजर आ रही थी

 

 उन्हें देखकर लग रहा था कि इस बात का अफसोस तो उन्हें भी है कि उनका खून उनसे जुदा हो गया मैं ज्यादा कुछ नहीं कह पाया था और वापस अस्पताल आ गया था हालांकि एक दो जगह रास्ते में भी सुनील अंकल को ढूंढ कर आया था सुनील अंकल मुझे कहीं नहीं मिल रहे थे तीन दिन बाद बुआ घर वापस आ गई थी बुआ की तबीयत ठीक नहीं थी वह बार-बार सुनील अंकल को याद कर रही थी और अपने बच्चे को भी याद करके बहुत रो रही थी उनकी हालत अब दिन बदिनी चली जा रही थी हम लोगों से बुआ की हालत देखी ही नहीं जा रही थी

 

 मेरी कोशिशें लगातार यही थी कि मैं सुनील अंकल को ढूंढ सकूं सुनील अंकल मुझे कहीं भी नहीं मिल रहे थे एक दिन बुआ इन परेशान हालात से तंग आकर खुद को मारने की कोशिश कर रही थी जब पापा ने बुआ से कहा कि तुम जिस इंसान के लिए पागल हो रही हो वह तुम्हें छोड़कर शहर भाग चुका है और तुम्हें बता दूं कि उसने शहर में ही किसी लड़की के साथ शादी भी कर ली है यह बात सुनकर तो हम लोगों के पैरों तले से जमीन निकल गई थी बुआ का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया था 

 

मां ने बुआ को बहुत समझाया कि तुम्हारे भाई सही कह रहे हैं जो इंसान तुम्हारे बच्चे के मरने पर भी नहीं आया वह इंसान बेवफा ही हो सकता है सुनील को तुम जितना अच्छा समझती थी व इतना अच्छा नहीं है उसने तुम्हारे साथ इसीलिए तो बोलचाल बंद कर दी थी कि ताकि वह तुम्हें छोड़कर चला जाए अब देखा ना वह तुम्हें छोड़कर चला गया पापा कहने लगे कि मोहब्बत की शादी का यही नतीजा होता है हम लोग तुम्हारे लिए कुछ गलत नहीं सोचते लेकिन तुमने तो हमें बिना बताए शादी कर ली थी यह सब उसी का ही तो नतीजा है

 

 अब तुम्हें यही करना चाहिए कि उस इंसान के लिए तुम्हें अपनी जिंदगी खराब नहीं करनी चाहिए बल्कि तुम अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करो और हम तुम्हारा रिश्ता दूसरी जगह तय कर देते हैं वहां पर तुम खुशी-खुशी शादी कर लो पापा की बात सुनकर तो बुआ पागल सी हो गई थी काफी दिनों तक उनकी हालत ऐसी ही रही थी मैं भी घर के इस माहौल की वजह से शहर नहीं जा पा रहा था क्योंकि शहर जाकर मुझे पता था कि मैं और ज्यादा परेशान हो जाऊंगा मेरा ध्यान बार-बार घर पर ही पड़ा रहेगा

 

 इसलिए मैंने यहीं पर रुकने का फैसला कर लिया था अभी कुछ ही दिन गुजरे थे कि सुनील अंकल के घर वाले हमारे घर पर आकर खूब हंगामा काटने लगे थे उन्होंने कहा कि हमारे बेटे को तुम लोगों ने कहां पर कैद किया है उनका कहना था कि सुनील काफी दिनों से लापता है और वह घर पर भी नहीं आया है उसका नंबर भी बंद जा रहा है हमने उसको काफी जगह तलाश कर लिया लेकिन वह तो कहीं भी नहीं मिल रहा पापा ने उन लोगों से कहा कि आपका बेटा तो यहां पर भी नहीं आया 

 

वो लोग बहुत ज्यादा हंगामा काट रहे थे जिसकी आवाज बुआ को भी चली गई थी पापा इस हंगामे को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मैं कंफ्यूज था कि पापा ने हम लोगों को तो यह बताया था कि सुनील अंकल ने दूसरी शादी कर ली है शहर में जाकर तो फिर वह यह बात उनकी फैमिली को क्यों नहीं बता रहे थे यह हंगामा काफी देर तक इसी तरह से चलता रहा फिर उसके बाद वह लोग अपने घर चले गए थे 

 

ना जाने पापा ने उनसे ऐसी क्या बात कह दी थी कि वह लोग खामोश होकर वहां से चले गए यह सोच सोच कर मेरा दिमाग खराब हो गया था कि आखिर सुनील अंकल कहां गए इन दिनों पापा भी मुझे बहुत परेशान जान लग रहे थे वह ठीक से घर में ना तो बैठ रहे थे और ना ही हम लोगों के साथ अच्छी तरह से बातचीत कर रहे थे यहां तक कि वह ढंग से खाना भी नहीं खा रहे थे बिना खाना खाए ही ना जाने कहां पर चले जाते थे उनका बिहेवियर तो शुरू से ही बहुत कड़क था 

 

लेकिन आजकल तो वह हम लोगों के साथ और भी ज्यादा गुस्से से बात करने लगे थे इधर सुनील अंकल के घर वालों का अभी तक उनको पता नहीं चल पाया था मुझे लगता था कि सुनील अंकल ने शहर में जाकर कोई शादी-वादी नहीं की है बल्कि वह कहीं पर गुम हो गए हैं मुझे कुछ गड़बड़ लग रही थी अब जो करना था वह मुझे ही करना था मैंने पापा पर कड़ी नजर रखने के बारे में सोच लिया था क्योंकि इसके अलावा मेरे पास और कोई चारा नहीं था

 

 यही वजह थी कि जब एक दिन में पापा का टिफिन उनको देने के बहाने जमीनों पर चला गया था यह मौका मेरे लिए बहुत अच्छा था ताकि मैं पापा का पीछा कर सकूं और देख सकूं कि वह हर रोज ज्यादातर टाइम कहां पर दे रहे थे मैं जब जमीनों पर लोगों के पास गया तो उन्होंने मुझे बताया कि आज तो तुम्हारे पापा जमीनों पर आए ही नहीं है मैं उनकी बात सुनकर हैरान रह गया था जबकि सुबह ही तो वह घर से जमीनों के बारे में कहक निकले थे फिर एक आदमी ने बताया कि पापा को उसने छोटी हवेली की तरफ जाते हुए देखा था 

 

मैं थोड़ा कंफ्यूज भी हुआ था कि पापा को आखिर छोटी हवेली में ऐसा क्या काम पड़ गया जब मैं छोटी हवेली गया तो चौकीदार ने मुझे रोकने की बहुत कोशिश की पहले तो व झूठ भी बोल रहा था कि पापा हवेली में नहीं है लेकिन जब मैं वहां से पलटकर घराने के लिए मुड़ रहा था तो मुझे किसी के चिल्लाने की आवाज आई थी बचाओ बचाओ मुझे कुछ गड़बड़ का एहसास हुआ था ये चिल्लाने की आवाज किसकी थी मेरी कुछ समझ नहीं आया था 

 

लेकिन मैं दौड़ता हुआ हवेली के अंदर जाने लगा था मुझे चौकीदार रोकने की बहुत कोशिश कर रहा था मैंने उसको धक्का देकर गिरा दिया था मैं जब भागकर हवेली के ऊपर वाले पोर्शन में छोटे से बने हुए कमरे के अंदर गया तो वहां यह देखकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी कि पापा के हाथ में एक बंदूक थी और एक तरफ सुनील अंकल कुर्सी से बंधे हुए थे उनके हाथ-पैर मजबूती से बांधकर उन्हें यहां पर रखा गया था और वह काफी जख्मी हालत में थे पापा बंदूक से उन्हें मारने की कोशिश कर रहे थे

 

 मैंने जाकर उनके हाथ से बंदूक छीनने की कोशिश की और उनसे कहा कि आप यह सब कुछ क्या कर रहे हो पापा ने कहा कि मुझे छोड़ दो वरना यह बंदूक मैं तुम तुम्हारे ऊपर चला दूंगा मैंने कहा पापा आप ऐसा नहीं कर सकते पापा से मैं बंदूक छीनने की कोशिश कर रहा था वह कह रहे थे कि बस बहुत हो गया आज तो मैं इसको जान से मार कर ही रहूंगा मैं लगातार पापा के हाथ से बंदूक ले रहा था हम दोनों के बीच बहुत ज्यादा बहस हो रही थी इस दौरान बंदूक की गोली अचानक मेरे कंधे पर लग गई

 

 मेरे कंधे से खून निकलने लगा था और मैं जमीन पर गिर गया पापा ने जब मेरी हालत देखी तो वह घबरा गए थे थे चौकीदार भी वहां पर आ गया था वह लोग सुनील अंकल को तो भूल गए थे और फिर मुझे जल्दी से अस्पताल लेकर जाने लगे जब मैं अस्पताल गया तो वहां पर मेरे कंधे का ऑपरेशन हुआ था और मेरे कंधे से गोली निकाल ली गई थी मेरी तबीयत जब बेहतर हुई तो मुझे अपने पिता पर काफी शर्मिंदगी महसूस हो रही थी घर वाले बहुत परेशान हो गए थे मेरी हालत पर कि मुझे गोली कैसे लग गई सब लोग मेरे पास थे पापा मुझे देखकर काफी शर्मिंदा हो रहे थे

 

 क्योंकि उनके हाथ से गोली उनके बेटे को जो लग गई थी बुआ भी मेरे लिए बहुत परेशान थी मैं बुआ के मासूम से चेहरे को देखकर परेशान हो रहा था लेकिन मैं इस बात को भी जानना चाहता था कि आखिर पापा सुनील अंकल को क्यों मारना चाहते थे भगवान की करनी अच्छी थी कि सुनील अंकल सही सलामत थे और वह अस्पताल मुझसे मिलने के लिए आ गए वहां पर मौजूद सारे लोग सुनील अंकल को अचानक देखकर हैरानी में पड़ गए थे

 

 हालांकि सारे ही लोग सुनील अंकल से बदतमीजी करने की कोशिश कर रहे थे मैंने सबको शांत करवाया था कि सुनील अंकल से कोई कुछ नहीं कहेगा मैं सब लोगों को बताता हूं कि आखिर सुनील अंकल कहां गए थे मैंने सुनील अंकल के बारे में सब कुछ बता दिया था तो सब लोग परेशान हो गए मेरे पापा बहुत शर्मिंदा हो रहे थे बुआ ने पापा से कहा कि क्या आपका बेटा सच कह रहा है पापा को एहसास हो गया था कि उनका बेटा उनकी लगी हुई गोली से मर भी सकता था

 

 इसलिए उन्होंने यही बेहतर समझा कि अब उन्हें अपने मुंह से ही स बता देना चाहिए बु अपने पति को देखकर बहुत ज्यादा रो रही थी पापा ने बताया कि मुझे सुनील शुरू से ही पसंद नहीं था क्योंकि अपनी जवानी में सुनील का पिता और मैं इस गांव के सबसे बड़े बदमाश थे उसके घर का माहौल भी बहुत खराब था वह खानदानी लोग नहीं हैं फिर हमें पता चला कि विक्रम ने अपने बेटे सुनील को भी अपनी तरह बनाया हुआ है सुनील को मैंने एक दो बार चोरी करते हुए भी पकड़ा था सुनील को मैं पहले से जानता था जब इस गांव में उसकी करतूत ज्यादा फैलने लगी और वह बदनाम होने लगा

 

 तो गांव की पंचायत में फैसला हुआ था कि सुनील को शहर भेज दिया जाए क्योंकि सुनील की वजह से गांव का माहौल बिगड़ता चला जा रहा था गांव के और भी बच्चे बिगड़ रहे थे लेकिन जिस शहर में मैंने अपनी बहन को पढ़ाने के लिए भेजा था वहां पर ही सुनील भी था इन दोनों ने कब और किस तरह से शादी कर ली मुझे कुछ पता ही नहीं चला जब यह दोनों शादी करके यहां पर आ गए तो मैं हैरान रह गया था मैं नहीं चाहता था कि मेरी बहन की शादी एक चोर के साथ हो मेरी बहन इतनी पढ़ी-लिखी और इंटेलिजेंट लड़की थी मेरी बहन को कोई भी अच्छा लड़का मिल सकता था 

 

लेकिन इसने सुनील जैसे घटिया इंसान को ही अपने लिए क्यों चुना यह तो भोली है सुनील के बारे में कुछ नहीं जानती काफी सालों पहले मैं भी चोड़ था यह बात सुनील के पिता ने उसे बता दी थी फिर यह मेरी बहन को लेकर इस घर में मेरे घर में रहने के लिए आ गया मुझे सुनील का अपने घर में रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं था सुनील के घर का माहौल बि बिल्कुल भी अच्छा नहीं है मैं अपनी बहन का रिश्ता ऐसी जगह बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था जहां के लोग खानदानी चोर हो मैं चोर जरूर था

 

 लेकिन मैंने हमेशा अपने बहन भाइयों को और अपने बेटे को अच्छी सीख दी थी मैं अपनी बहन को इससे दूर रखने की कोशिश कर रहा था लेकिन मेरी बहन तो मेरी बात कभी मानने वाली ही नहीं थी इसीलिए मैंने फैसला किया कि मुझे सुनील को ही अपनी बहन से दूर करना चाहिए मैंने इसे कहा था कि यह मेरे घर से चला जाए लेकिन यह मेरे घर से नहीं जा रहा था इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे इसके साथ कुछ ना कुछ तो करना ही होगा मैंने पहले इसे मौका दिया था कि तुम मेरी बहन के करीब मत आओ

 

 और उससे दूर रहो हो सके तो उसे छोड़ दो लेकिन यह मेरी बात नहीं मान रहा था मैंने इससे कहा अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मैं तुम्हारी सच्चाई अपनी बहन को बता दूंगा फिर वह खुद तुझे छोड़ देगी वह मेरी बात सुनकर परेशान हो गया था क्योंकि यह नहीं चाहता था कि इसकी सच्चाई खुलकर मेरी बहन के सामने आ जाए

 

मैंने इसको लाख मना किया कि मेरी बहन को डाइवोर्स दे दे पर यह तो उसके और ज्यादा करीब आ रहा था यह मेरी एक दो बार की धमकी में तो आ भी गया था और कुछ दिन के लिए चला गया था लेकिन जब इसे पता चला कि मेरी बहन प्रेग्नेंट है तो फिर यह मेरी बहन से मिलने के लिए बेचैन हो गया था 

 

यह चाहता था कि यह मेरी बहन को लेकर अपने घर चला जाए हालांकि मैं भी यही चाहता था कि यह मेरे घर में ना रहे लेकिन मैं अपनी बहन को इस चोर के घर नहीं भेजना चाहता था मैंने इसको किडनैप करवा दिया मैंने इसे समझाने की कोशिश की थी लेकिन यह नहीं समझा मैंने इसे धमकी दी थी कि मैं इसे छोडूंगा नहीं मैं जान गया था कि यह अभी भी मेरी बहन का पीछा नहीं छोड़ेगा इसलिए मैंने उसको गुंडों से कहकर आधी रात को बीच रास्ते से किडनैप करवा दिया और अपनी बहन को उधर खाने में बच्चा गिराने की दवाई खिलवा दी मेरी बहन की तबीयत बिगड़ गई 

 

और उसका बच्चा भी इस दुनिया से खत्म हो गया इधर सुनील को मैं पहले ही किडनैप करवा चुका था मैं सुनील को मारने से पहले समझाने की कोशिश कर रहा था और ज्यादातर उसके साथ ही टाइम गुजार रहा था ताकि इसको समझा सकूं कि यह मेरी बहन को छोड़ दे अभी भी इसके पास वक्त है वरना मैं इसको मार दूंगा यह इस गांव से गायब होकर वापस शहर चला जाए और वहां पर दूसरी शादी कर ले ताकि मेरी बहन को यकीन हो सके कि मैंने उसे झूठ नहीं कहा था

 

 इस तरह से तो मैं उसकी जिंदगी बख्श वा सकता था लेकिन इसे मौत ज्यादा प्यारी थी मेरी बहन को भी सबर आ गया था मैंने फैसला किया कि अब मुझे इसे मार देना चाहिए मैं आज उसको मारने ही वाला था कि तुमने इसको बचा लिया जब बुआ ने पापा की यह सारी बात सुनी तो बुआ फूट-फूट कर रोने लगी और उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं पता था कि आप दो मोहब्बत करने वालों के इतने ज्यादा दुश्मन बन सकते हो सुनील सुधर गया है और अब वह मेहनत से पैसे कमाता है आपने देखा नहीं कि आपने उसे कहां से कहां नौकरी पर लगा दिया था फिर भी वह मेहनत से पैसे कमा रहा था

 

 वह अब मेरी खातिर बदल गया था था बुआ ने पापा से कहा कि मुझे आपसे कोई रिश्ता नहीं रखना उन्होंने फैसला किया था कि वह हमारे घर को छोड़कर हमेशा के लिए चली जाएंगी और कभी अपने भाई से वास्ता नहीं रखेंगी पापा को अपनी गलती पर बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी उन्होंने बुआ से माफी मांगने की बहुत कोशिश की लेकिन शायद पापा की किए की सजा यही थी कि बुआ ने उनसे अपने सारे रिश्ते नाते खत्म कर दिए थे बुआ हमारे घर से सुनील अंकल के साथ शहर जा चुकी थी

 

 और अब वह शहर में हंसी खुश अपनी जिंदगी गुजार रही है पापा को उनके किए की सजा मिल गई कि उनकी इकलौती बहन जिसको उन्होंने इतने लाट प्यार से पाला था अब वह उनसे दूर हो गई बुआ ने उस दिन के बाद कभी पापा को पलट कर नहीं देखा क्योंकि उन्होंने उनके बच्चे की जान ली थी वह उन्हें कभी माफ नहीं कर सकती थी बुआ के जाने के बाद पापा बहुत ज्यादा बीमार रहने लगे थे और अपनी गलती की माफी बुआ से मांगना चाहते थे लेकिन बुआ ने कभी पापा की तरफ पलट कर ही नहीं देखा

 

 और अब वह अपने पति के साथ बहुत खुश है लेकिन इधर सारे गांव में मेरे पापा की अच्छी खासी बदनामी हुई है वह अब घर में ही रहते हैं और ज्यादा घर से बाहर नहीं निकलते और बस हमेशा बीमार रहते हैं आप लोग मेरे पापा के लिए प्रार्थना कीजिए कि उनको बहुत बड़ी बीमारी लग गई है वह ठीक हो जाएं और मेरी बुआ हमेशा अपनी ससुराल में अपने पति के साथ खुश रहे इस कहानी से यह नतीजा निकलता है कि बुरे लोगों के साथ हमेशा बुरा ही होता है

 

 और बुरे लोगों के बुरे कर्मों की वजह से अच्छे लोग लोग उनका साथ देना छोड़ देते हैं हम लोगों ने भी अपने पापा से ज्यादा बातचीत करनी छोड़ दी है मैं तो शहर में ही आकर रह रहा हूं उधर मेरे दोनों चाचा ने भी अपने भाई से सारे संबंध खत्म कर दिए अब मेरे पापा अकेले अपनी बीमारी से लड़ रहे हैं 

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