भाई-बहन का अनमोल रिश्ता.. Emotional Heart Touching Story | Mastram Ki Kahaniyan

Heart Touching Story : आज भी मुझे वह खास दिन याद है जब मैंने अपनी बहन राधिका के साथ पहली बार कुछ ऐसा किया था राधिका को भी पूरा आनंद आ रहा था और वह कह रही थी अरे रोहित और तेज करो बहुत मजा आ रहा है अब राधिका की शादी हो चुकी है और वह अब अपने ससुराल कानपुर में रहती है वह दिन भी बड़े मजेदार थे मैं और राधिका एक ही स्कूल में पढ़ाई करते थे और हम दोनों खूब मस्ती करते थे राधिका मुझसे सिर्फ एक साल बड़ी थी

जब वह 20 की हुई तो मैं 19 साल का था पहले तो मैंने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा लेकिन अब जब भी मैं राधिका को देखता था मेरा उसके साथ खेल खेलने का मन करता था यह बात मैं उससे खुलकर नहीं कह पाता था क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह मम्मी पापा से मेरी शिकायत ना कर दे लेकिन उसकी कल्पना करके ही मैं अपने मन को शांत कर लेता था राधिका थोड़ी सख्त स्वभाव की थी और उसकी सभी सहेलियों के बॉयफ्रेंड थे लेकिन उसका खुद का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था

एक दिन उसकी सहेली नीता उससे कुछ पूछ रही थी और मैं पास में बैठा उनकी बातें सुन रहा था जब नीता मुझे उस दिन उनकी बातें सुनने का काफी दिलचस्पी हो रही थी नीता ने राधिका से पूछा अरे राधिका तेरे तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या तुझे कभी किसी के साथ टाइम स्पेंड करने का मन नहीं करता राधिका ने हंसते हुए जवाब दिया अरे नहीं मुझे इन सब चीजों में दिलचस्पी नहीं है वैसे भी मेरा भाई रोहित ही है

मेरे साथ मस्ती करने के लिए हम दोनों इतना टाइम साथ बिताते हैं कि मुझे और किसी की जरूरत महसूस नहीं होती यह सुनकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा लेकिन कहीं ना कहीं मुझे खुशी भी हुई कि राधिका को मेरे साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है मुझे भी अब उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की इच्छा होने लगी थी हालांकि यह सब बातें मैं किसी से शेयर नहीं कर सकता था क्योंकि मुझे डर था कि लोग गलत समझ लेंगे इसके बाद हम दोनों भाई बहन ने खूब मस्ती की

लेकिन अब जब राधिका अपने ससुराल चली गई है तो मैं उन दिनों को याद करके मुस्कुराता हूं और सोचता हूं कि वो पल कितने हसीन थे राधिका के ससुराल जाने के बाद मेरे लिए चीजें काफी बदल गई थी अब मैं अकेला महसूस करने लगा था हमारे बीच की वह मस्ती हंसी खुशी के पल और हर दिन साथ में बिताया हुआ समय अब केवल यादें बन गए थे हालांकि हम दोनों फोन पर बात करते रहते थे लेकिन वह पहले जैसा नहीं था एक दिन राधिका ने फोन किया

और कहा रोहित अब तुम्हारे बिना यहां सब सुना सुना लगता है मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है वह हमारे बचपन के दिन और खेल याद आ जाते हैं उसकी आवाज में वह पुरानी मस्ती और हंसी की झलक थी लेकिन अब जिम्मेदारियों के कारण वह पल लौट पाना मुश्किल था मुझे भी उसकी बहुत याद आती थी लेकिन मैंने उसे नहीं बताया कि मैं अब भी उन दिनों के बारे में सोचता रहता हूं जब हम दोनों घंटों बातें करते थे एक साथ खेलते थे और बेफिक्र होकर जीवन का आनंद लेते थे

समय बीतता गया और मैंने भी खुद को नए दोस्तों और शौक में व्यस्त कर लिया लेकिन राधिका के साथ बिताए व सुनहरे पल कभी भुला नहीं पाया अब मैं समझ चुका था कि जीवन में कुछ रिश्ते और लमहे हमेशा खास रहते हैं चाहे वक्त कितना भी बदल जाए समय के साथ मैंने खुद को नई चीजों में व्यस्त कर लिया लेकिन राधिका की यादें मेरे दिल में हमेशा बसी रही कभी-कभी मैं सोचता कि अगर राधिका अब भी पास होती तो हम फिर से वैसे ही मस्ती कर बिना किसी चिंता के

कुछ महीनों बाद एक दिन अचानक राधिका का फोन आया उसने कहा रोहित मुझे कुछ जरूरी बात करनी है तुमसे मिलने का मन हो रहा है तुम घर आ सकते हो उसकी आवाज में कुछ अलग था जैसे वो कुछ कहना चाहती हो लेकिन झिझक रही हो मैं तुरंत उसके घर पहुंचा वह पहले की तरह मुस्कुरा रही थी लेकिन उसकी आंखों में कुछ गहराई थी जैसे वह मुझसे कुछ छुपा रही हो बैठने के बाद उस उसने धीरे-धीरे बात शुरू की रोहित मुझे तुमसे एक बात करनी है

जो मैं काफी समय से सोच रही थी मुझे यहां नई जगह और लोगों के बीच अब भी तुम्हारी बहुत याद आती है मैंने उसे ध्यान से सुना और समझा कि भले ही हम दोनों अलग-अलग जगहों पर थे लेकिन हमारे रिश्ते की वह पुरानी मिठास अब भी कायम थी राधिका ने आगे कहा तुम्हारे बिना यह सब अधूरा सा लगता है और अब मुझे एहसास हो गया है कि हम दोनों ने जो समय साथ बिताया वह सबसे कीमती था लेकिन अब हमें अपने रास्ते पर आगे बढ़ना है और नई यादें बनानी है

 

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उसकी बातों में समझदारी थी और मुझे भी एहसास हुआ कि भले ही हम अलग हो गए हो लेकिन उन पलों की यादें हमेशा हमें जोड़े रखेंगी हमने फिर से उस दिन हंसीमजाक किया पुराने किस्से याद किए और दिल से एक दूसरे की कदर की समय चलता रहा और मैंने सीखा कि कुछ रिश्ते और समय के साथ और भी मजबूत हो जाती हैं राधिका के साथ बिताया हर पल मेरे जीवन का हिस्सा रहेगा चाहे वह अब किसी और शहर में हो राधिका से उस दिन की मुलाकात के बाद मुझे अंदर से काफी सुकून मिला

हमने अपनी भावनाओं को साझा किया और यह समझ आया कि दूरी के बावजूद हमारा बंधन अटूट था इसके बाद हमारी बातें फिर से नियमित हो गई हम फोन पर लंबी बातें करते पुराने दिनों की यादों में खो जाते और अपने अपने जीवन की जिम्मेदारियों के बारे में एक दूसरे से सलाम स्वेरा करते धीरे-धीरे मैंने महसूस किया कि वक्त ने हमें और परिपक्व बना दिया था अब हम ना सिर्फ भाई बहन थे बल्कि अच्छे दोस्त भी बन चुके थे

कुछ महीने और बीत गए एक दिन राधिका ने मुझे बताया कि वह मां बनने वाली है यह खबर सुनकर मैं बहुत खुश हुआ मैंने तुरंत कहा अरे वाह अब तो मैं मामा बन जाऊंगा राधिका हंसने लगी और बोली हां और अब तुम्हें यहां आकर अपनी भांजी या भांजे का ख्याल भी रखना पड़ेगा यह सुनकर मैं बहुत उत्साहित हो गया अब हम दोनों के रिश्ते में एक नई कड़ी जुड़ने वाली थी मैं उस नन्हे मेहमान से मिलने का बेसब्री से इंतजार करने लगा कुछ महीनों बाद जब राधिका के घर एक प्यारी सी बच्ची ने जन्म लिया

तो मैं तुरंत उसके ससुराल गया उस दिन जब मैंने अपनी भांजी को पहली बार गोद में लिया तो मुझे अपनी और राधिका की बचपन की यादें फिर से ताजा हो गई जैसे हम दोनों के बीच की दोस्ती और प्यार अब इस नए जीवन में फिर से खिल उठा हो राधिका ने मुझे देखा और मुस्कुराते हुए कहा देखो रोहित अब हमारी मस्ती की जिम्मेदारी इस नन्ही परी पर है मैंने हंसकर जवाब दिया हां और मैं इसके साथ वही सब खेल खेलूंगा जो हम बचपन में खेला करते थे

इस इस तरह जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ राधिका और मैं भले ही अपने अपने रास्तों पर आगे बढ़ चुके थे लेकिन हमारे बचपन के पल हमारा साथ और वह यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित थी और अब हमारी भांजी के साथ हम उन पलों को फिर से जीने का मौका पा रहे थे वक्त बीतता गया लेकिन हमारे रिश्ते की गहराई और प्यार कभी कम नहीं हुए जीवन के हर मोड़ पर हमने एक दूसरे का साथ दिया और यही एहसास हुआ कि असली रिश्ते वो होते हैं

जो वक्त और दूरी से नहीं टूटते बल्कि और भी मजबूत हो जाते हैं जैसे-जैसे समय बीतता गया हमारी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन मेरे और राधिका के बीच का रिश्ता और मजबूत होता गया उसकी बेटी जिसे हम सब प्यार से आशा बुलाते थे धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी और उसके साथ बिताया हर पल हमें फिर से अपने बचपन की याद दिलाता था आशा की शरारतें उसकी मुस्कान और उसके सवालों में मुझे राधिका की झलक दिखती थी

हर बार जब मैं राधिका के ससुराल जाता तो आशा मेरी गोद में आकर बैठ जाती और कहती मामा मुझे भी वही खेल सिखाओ जो आप और मम्मा खेला करते थे उसकी मासूमियत में मुझे वही पुरानी मस्ती और खेल की याद आ जाती थी जो कभी मैंने और राधिका ने साथ में की थी राधिका भी यह देखकर खुश होती थी कि कैसे अब हम उसी तरह आशा के साथ साथ खेलते और हंसते थे जैसे हम बचपन में किया करते थे

उसने एक दिन मुझसे कहा रोहित मैं तुम्हारी बहुत आभारी हूं तुम्हारे साथ बिताए वो पल अब आशा के साथ फिर से जी रही हूं मैंने मुस्कुराते हुए कहा राधिका यही तो असली खुशी है हम अपनी यादें और प्यार अगली पीढ़ी में देख रहे हैं आशा हमारी वो कड़ी है जो हमें हमेशा जोड़े रखेगी समय के साथ राधिका और मैं अपनी अपनी जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गए लेकिन हमारे दिलों में एक दूसरे के लिए जो जगह थी वह कभी नहीं बदली

जब भी मैं अपने काम या जीवन की चुनौतियों से थक जाता तो राधिका से बात करके मुझे नया जोश मिल जाता वह अब भी मेरी सबसे बड़ी ताकत थी जैसे वह बचपन में थी आखिरकार मैंने भी शादी कर ली और मेरी जिंदगी में भी नए रिश्ते और जिम्मेदारियां आ गई लेकिन राधिका के साथ वह पुराना रिश्ता और हो गया क्योंकि अब हम दोनों अपनी अपनी जिंदगी में एक दूसरे को और बेहतर समझने लगे थे आशा अब बड़ी हो चुकी थी और स्कूल जाने लगी थी

जब भी वह मुझसे मिलने आती तो मुझे वह सारे किस्से सुनाती जो उसने अपनी मां से सुने थे मामा मम्मा बताती हैं कि आप दोनों बचपन में खूब शरारतें करते थे यह सुनकर मैं और राधिका एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कुराते और सोचते कि वक्त कितना बदल गया है लेकिन हमारा रिश्ता अभी भी वैसा ही है मस्ती भरा प्यारा और मजबूत और इस तरह जीवन के हर पड़ाव पर मैंने और राधिका ने एक दूसरे का साथ दिया

और हमारी बचपन की यादें हमारे रिश्ते की नीव बनी रही चाहे वक्त कितना भी आगे बढ़ जाए हमने सीखा कि सच्चे रिश्ते वही होते हैं जो समय के साथ और गहरे होते जाते हैं और उनमें बचपन की मासूमियत और प्यार हमेशा बना रहता है समय ने अपनी रफ्तार बनाए रखी और हमारी जिंदगी के नए-नए अध्याय खुलते गए राधिका की बेटी आशा अब किशोरी हो गई थी उसकी हर हरकत में मुझे और राधिका का बचपन दिखाई देता था वह वही खेल खेलती वही सवाल पूछती

और वैसा ही जिज्ञासु स्वभाव दिखाती जैसा कभी राधिका ने किया था आशा अब बड़ी हो गई थी और जैसे-जैसे वह अपनी पढ़ाई और करियर की ओर बढ़ रही थी मैं और राधिका गर्व से उसे देख रहे थे एक दिन जब मैं राधिका से मिलने गया उसने मुझे आशा की कुछ उपलब्धियों के बारे में बताया उसकी आंखों में गर्व और खुशी की चमक साफ दिखाई दे रही थी उसने मुझसे कहा रोहित मुझे आज एहसास होता है कि जो वक्त हमने साथ बिताया वह कितना महत्त्वपूर्ण था

आज जब मैं आशा को देखती हूं तो लगता है कि हमने अपने बचपन को फिर से जी लिया मैंने राधिका की बातों को सु सुना और उसके साथ सहमत होते हुए कहा हां वह पल तो हमेशा के लिए खास रहेंगे हम दोनों के बीच का बंधन तो अब आशा के जरिए और मजबूत हो गया है इसके बाद जब भी मैं राधिका से मिलता हम अपने बच्चों की बातें करते और जीवन की नई चुनौतियों और खुशियों पर चर्चा करते अब हम सिर्फ भाई बहन ही नहीं बल्कि दो परिपक्व लोग थे

जो एक दूसरे को समझते और सहयोग करते थे फिर एक दिन राधिका ने मुझसे एक और बड़ी खबर साझा की आशा अब अपनी पढ़ाई पूरी करके विदेश जा रही थी और उसके जीवन में एक नया दौर शुरू होने वाला था राधिका भावुक हो गई क्योंकि उसे एहसास हो रहा था कि उसकी बेटी भी अब अपने पंख फैलाकर उड़ने जा रही है जैसे कभी हम दोनों ने किया था मैंने राधिका को समझाते हुए कहा देख यह जिंदगी का एक और नया मोड है जैसे हमने अपने रास्ते खुद बनाए वैसे ही आशा भी करेगी और याद रख वो हमेशा तुझसे जुड़े गी जैसे हम दोनों आज भी जुड़े हुए हैं राधिका ने मेरी तरफ देखा

और मुस्कुराई तू सही कहता है रोहित हमारे रिश्ते ने मुझे सिखाया है कि चाहे दूरी हो या समय सच्चे रिश्ते कभी नहीं बदलते आशा भी हमेशा हमारे साथ रहेगी चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो और सच में यही जीवन की सच्चाई थी हम सभी अपनी अपनी राह पर आगे बढ़ते गए लेकिन हमारे रिश्ते का वह अनमोल धागा हमें हमेशा साथ बांधे रहा समय के साथ मैंने भी अपने बच्चों के साथ वही पल जिए जो कभी राधिका के साथ बिताए थे

जिंदगी का चक्र घूमता रहा लेकिन हमारे बीच की वह दोस्ती वह प्यार और वह गहरी समझ कभी कम नहीं हुई राधिका और मैं अब भी एक दूसरे के साथ हंसते बातें करते और अपनी यादों को फिर से जीते थे और इस तरह जीवन चलता रहा लेकिन हमारे रिश्ते की वह बुनियाद जो बचपन की हंसीमजाक और प्यार पर टिकी थी कभी नहीं हिली हमने साथ में जिंदगी के हर मोड़ पर कदम रखा और अंत में यह समझा कि रिश्तों की असली ताकत वक्त और दूरी से परे होती है

आशा के विदेश जाने के बाद राधिका और मैं अपने अपने जीवन में व्यस्त हो गए लेकिन जैसे हर मोड़ पर हमारे बीच संवाद बना रहा वैसे ही अब भी बना रहा हम नियमित रूप से फोन पर बात करते कभी वीडियो कॉल्स करते और पुराने दिनों को याद करते राधिका कभी-कभी उदास हो जाती थी क्योंकि आशा अब दूर थी लेकिन वह जानती थी कि यह उसके लिए जरूरी था एक दिन राधिका ने मुझे फोन किया और कहा रोहित सोचो तो हमारी जिंदगी कितनी बदल गई है

कभी हम खेलते थे मस्ती करते थे और आज हमारी अपनी अपनी जिम्मेदारियां हैं पर एक बात समझ आई है कि हम कितने भी दूर हो जाएं हमारे रिश्ते का वह बचपन का हिस्सा हमें हमेशा जोड़ कर रखेगा मैंने जवाब दिया हां वक्त के साथ हालात बदलते हैं लेकिन हमारी यादें और हमारा प्यार कभी नहीं बदलते आशा भी अपने रास्ते पर आगे बढ़ रही है जैसे हमने किया अब हमें उसकी सफलता का हिस्सा बनकर खुश होना चाहिए

राधिका ने सहमति में सिर हिलाया और हमने फिर से अपने पुराने दिनों की बातें करनी शुरू कर दी हम दोनों ने महसूस किया कि हम अपने बच्चों के जरिए ही अपने बचपन को फिर से जी रहे थे यह एहसास हमें और भी करीब लाया और हम दोनों के रिश्ते में नई गहराई आई कुछ साल और बीते और अब मैं भी अपनी उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच रहा था जहां जिंदगी की असली अहमियत समझ में आने लगी थी एक दिन राधिका ने मुझसे कहा रोहित अब हम दोनों ने बहुत कुछ देखा

और सहा है जिंदगी का हर लम्हा हमें कुछ सिखाता है लेकिन सबसे बड़ी सीख यह है कि रिश्तों की कदर करो समय भागता जाता है और हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो समझ आता है कि वही रिश्ते और यादें सबसे ज्यादा मायने रखते हैं मैंने उसकी बातों पर गहरी सांस ली और कहा तू सही कहती है राधिका जीवन के हर उतार चढ़ाव में रिश्ते ही हमारा सहारा होते हैं और हमारा रिश्ता तो हमेशा से खास था है और रहेगा चाहे कितनी भी दूरी हो या कितने भी साल बीत जाए

हम दोनों हमेशा साथ रहेंगे उस दिन हमने घंटों बातें की हंसते हुए पुराने किस्से याद किए और जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियों का जश्न मनाया राधिका और मेरे बीच का वह गहरा बंधन जो बचपन में बना था अब और भी मजबूत हो चुका था आखिरकार हम दोनों ने समझा कि जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों में रिश्तों की गर्मजोशी में और उन यादों में बसी रहती है जो हमें हमेशा एक दूसरे के करीब लाती हैं

अब चाहे वक्त कितना भी आगे बढ़े हम दोनों जानते थे कि हमारा रिश्ता समय और दूरी से परे हमेशा के लिए अटूट रहेगा और इस तरह हम दोनों ने अपनी अपनी जिंदगियों में आगे बढ़ते हुए भी एक दूसरे को हमेशा अपने दिल के करीब रखा और जिंदगी की असली खुशियों का आनंद लिया साथ में चाहे वह दूरी में हो या यादों में समय के साथ हमारी जिंदगियों में और भी नए मोड़ आए राधिका की बेटी आशा विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने लगी

उसकी उपलब्धियों पर राधिका बेहद गर्व महसूस करती थी और मैं भी जब भी हम बात करते राधिका अक्सर कहती रोहित आशा तो बिल्कुल अपनी मम्मा जैसी निकल रही है हिम्मती और मेहनती मैं हंसते हुए कहता अरे हां पर उसमें मामा की मस्ती भी थोड़ी बहुत है हम दोनों ठहाका लगाकर हंसते और वह पुरानी यादें फिर से ताजा हो जाती अब हम दोनों अपनी-अपनी जिंदगियों में एक नई स्थिरता महसूस कर रहे थे बच्चे बड़े हो चुके थे

और हमने अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाया था लेकिन अब जब हम उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच रहे थे जहां लोग अक्सर खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं हमारे बीच का रिश्ता हमें हमेशा एक दूसरे से जोड़े रखता था राधिका के साथ मेरी बातचीत अब पहले से भी गहरी हो गई थी हम ना सिर्फ पुरानी यादें साझा करते बल्कि जिंदगी के हर पहलू पर बातें करते खुशियां दोहक सफलताएं और यहां तक कि वह चुनौतियां जिनसे हमने जूझ था

एक दिन राधिका ने मुझसे कहा रोहित तूने कभी सोचा है कि हम दोनों का रिश्ता कितना खास है बहुत कम लोग होते हैं जिनके पास किसी एक ऐसा इंसान हो जिसके साथ वह अपनी जिंदगी के हर पहलू को बिना किसी हिचक के साझा कर सके मैंने उसकी बातों पर गंभीरता से सोचा और कहा हां राधिका तूने सही कहा हम दोनों ने अपने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन एक दूसरे का साथ हमेशा बना रहा यह रिश्ता हमारे लिए सबसे बड़ी ताकत है

हम दोनों ने महसूस किया कि उम्र के इस पड़ाव पर जब कई लोग अकेलेपन से जूझते हैं हमारे पास एक दूसरे का सहारा था यह एहसास हमें और भी करीब ले आया अब हमारी बातचीत ना सिर्फ पुरानी यादों तक सीमित थी बल्कि हम भविष्य की संभावनाओं पर भी बात कर करने लगे कैसे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को समझा सके कैसे जीवन के अनुभवों से उन्हें सही राह दिखा सके कुछ सालों बाद एक दिन राधिका ने मुझे बताया कि वह और उसके पति पहाड़ों में एक छोटा सा घर लेने की सोच रहे हैं

जहां वह दोनों अपनी रिटायरमेंट के बाद शांतिपूर्ण जीवन बिता सके मैंने उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा वाह यह तो बेहतरीन योजना है और जब तू वहां शिफ्ट हो जाएगी तो मुझे भी अक्सर आना पड़ेगा तुझसे मिलने राधिका हंस पड़ी हां तू आए बिना रह भी नहीं सकता हमारे लिए यह नया अध्याय होगा जहां हम फिर से कुछ नई यादें बनाएंगे जैसे बचपन में बनाया करते थे वक्त बीतता गया

और राधिका ने पहाड़ों में अपना घर बसा लिया वह अब वहां शांति से रह रही थी किताबें पढ़ती बागवानी करती और जीवन के छोटे-छोटे पलों का आनंद लेती मैं भी अक्सर उसे मिलने जाता और वहां की ताजी हवा में हम दोनों घंटों बातें करते हंसते और जीवन के बारे में गहरे विचार साझा करते उसके साथ बिताए वह पल मेरे लिए अमूल्य थे अब हमारी बातचीत में ना सिर्फ पुरानी यादों की मिठास थी बल्कि जीवन की गहरी समझ भी थी

हमने एक दूसरे के साथ अपने जीवन के हर पहलू को जिया हर खुशी हर दुख और अब जीवन की इस शांतिपूर्ण यात्रा को भी साथ मिलकर अनुभव कर रहे थे आखिरकार हमें एहसास हुआ कि रिश्तों की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि वे समय के साथ बदलते नहीं बल्कि और गहरे हो जाते हैं राधिका और मैं जीवन के हर मोड़ पर साथ रहे और यही हमारे रिश्ते की सबसे बड़ी जीत थी चाहे वक्त कितना भी बीत जाए हमारे बीच का बंधन हमेशा के लिए अटूट था

प्यार समझ और दोस्ती से भरा हुआ और इस तरह हम दोनों ने अपनी अपनी जिंदगी में शांति और संतोष पाया यह जानते हुए कि हमने साथ मिलकर हर मोड़ पर जीवन का सामना किया और इसे पूरी तरह से जिया

 

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