भाई अब छोड़ भी दो.. Romantic Story In Hindi | Sad And Emotional Hindi Story

Romantic Story In Hindi : जब मैं जयनगर आया तो मैंने अपने मामा की बेटी के कमरे में रुकने का फैसला किया उसकी उम्र मुझसे कम थी हर रात जब मैं काम से थक जाता तो अपने कमरे में जाकर सो जाता और मामा की बेटी मेरे पास वाले बिस्तर पर सोती थी एक रात में थोड़ा देर से वापस आया और सीधे अपने कमरे में जाकर सो गया कुछ समय बाद मेरी कजिन वहां आ गई उसने धीरे से मेरे बालों में अपना हाथ राया और फिर मेरे पैरों के पास बैठ गई

अचानक उसने कुछ ऐसा करना शुरू किया जिससे मेरी सारी थकान कम होने लगी फिर उसने कहा जब तक तुम्हारी थकान पूरी तरह से दूर नहीं हो जाती तुम आराम नहीं कर पाओगे उस रात उसने मेरी बहुत देखभाल की ,हेलो दोस्तों आज की इस कहानी में आप सभी का स्वागत है मेरा नाम मोहित है और मैं जिस लड़की के कमरे में रुका था उसे मैंने कम का समझा लेकिन वह इतनी समझदार थी कि वह 16 से 17 साल के लड़के की भी देखभाल कर सकती थी

दरअसल मैं काम के सिलसिले में जयनगर आया था और अपने मामा के घर पर ठहरा हुआ मैं जयनगर में नई नौकरी की तलाश में आया था काम के सिलसिले में दिन भर इधर उधर भागदौड़ होती जिससे मैं शाम तक थक जाता मामा के घर पर रहना मेरे लिए एक बड़ा सहारा था क्योंकि मुझे खाने पीने और रहने की चिंता नहीं थी मामा की बेटी जिसका नाम राधा था बहुत समझदार और जिम्मेदार थी उसकी उम्र भले ही कम थी

लेकिन वह घर के सारे काम संभाल लेती थी एक दिन मुझे नौकरी के लिए एक इंटरव्यू देने जाना था सुबह जल्दी उठकर तैयार हुआ और मामा के साथ इंटरव्यू के लिए निकल पड़ा राधा ने मुझसे पूछा भैया आपको चाय बना दू मैंने हां कहा और वह तुरंत रसोई में चली गई उसने चाय बनाई और मुझे दी साथ ही कुछ अच्छे शब्दों में मुझे इंटरव्यू के लिए शुभकामनाएं दी इंटरव्यू के बाद जब मैं घर वापस आया तो राधा दरवाजे पर मेरा इंतजार कर रही थी

उसने तुरंत मेरे चेहरे के भाव से पहचान लिया कि इंटरव्यू कैसा रहा उसने कहा लगता है भैया सब कुछ अच्छा रहा मैं मुस्कुरा दिया और कहा हां बहुत अच्छा हुआ उसके चेहरे पर खुशी देखते ही बनती थी उसने मुझे अपने कमरे में आराम करने के लिए कहा राधा की परवाह और देखभाल मुझे उसके साथ के हर पल में महसूस होती थी

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वह ना केवल एक अच्छी बहन थी बल्कि मेरे लिए एक सच्ची दोस्त भी थी जो हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाती थी उस दिन के बाद जब भी मैं थका हुआ होता राधा हमेशा मुझे आराम दिलाने के लिए कुछ ना कुछ करती उसकी मासूमियत और समझदारी ने मेरे दिल में एक एक खास जगह बना ली थी इस तरह नगर में मेरी नौकरी की खोज के दौरान मामा का घर और राधा का साथ मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत बन गए थे

धीरे-धीरे मैंने वहां खुद को पूरी तरह से अपने घर जैसा महसूस करना शुरू कर दिया राधा के साथ बिताए हुए वह दिन मेरे जीवन का एक अनमोल हिस्सा बन गए थे हर दिन कुछ नया सीखने और अनुभव करने का मौका मिलता राधा का व्यवहार हमेशा इतना सरल और प्यारा होता था कि मैं उसके साथ समय बिताने के लिए उत्सुक रहता कुछ हफ्ते बाद मुझे आखिरकार एक अच्छी नौकरी मिल गई इस खुशी को सबसे पहले मैंने राधा के साथ साझा किया

उसने मुस्कुराते हुए कहा मैं जानती थी कि आप जरूर सफल होंगे भैया उसकी यह बात सुनकर मेरा दिल भर आया और मैंने महसूस किया कि उसकी विश्वास और प्रोत्साहन ने मुझे कितनी ताकत दी थी अब जब मेरी नौकरी शुरू हो गई थी मेरा दिन और भी व्यस्त हो गया लेकिन घर लौटने पर राधा हमेशा मेरी प्रतीक्षा करती थी वह मुझे शाम की चाय और कुछ हल्का नाश्ता देती और हम साथ में दिन भर की बातें करते उसकी समझदारी और उसके साथ की मिठास मेरे थके हुए मन को हमेशा ताजगी देती थी

एक दिन जब मैं काम से थक कर लौटा तो राधा ने कहा भैया आज मैंने आपके लिए कुछ खास बनाया है वह मुझे रसोई में ले गई जहां उसने मेरी पसंद की मिठाई तैयार की थी उसकी यह छोटी सी कोशिश मेरे दिल को छू गई मैंने उसे धन्यवाद दिया और कहा तुम सच में बहुत खास हो राधा तुम्हारे बिना यहां मेरा समय इतना अच्छा नहीं बीतता धीरे-धीरे समय बीतता गया और मेरी नौकरी में भी स्थिरता आ गई लेकिन राधा के साथ बिताए

हर पल को मैंने अपने दिल में संजो कर रखा उसके साथ बिताए हुए समय ने मुझे यह सिखाया कि सच्चे रिश्ते किसी भी मुश्किल परिस्थिति को आसानी से पार कर सकते हैं एक दिन मामा ने बताया कि राधा की शादी तय हो गई है यह सुनकर मेरे दिल में खुशी और उदासी दोनों का मिलाजुला एहसास हुआ खुशी इस बात की थी कि राधा अब एक नए जीवन की शुरुआत करने जा रही थी और उदासी इस बात की थी कि मैं उसकी उस मासूमियत और देखभाल से दूर हो जाऊंगा

जो उसने हमेशा मेरे लिए की थी शादी के दिन जब राधा ने विदाई ली तो उसके आंखों में आंसू थे उसने मुझसे कहा भैया आप हमेशा मेरी यादों में रहेंगे मैंने उसे गले लगाते हुए कहा तुम्हारी खुशियों से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं है है राधा हमेशा खुश रहो राधा के जाने के बाद भी उसकी यादें मेरे दिल में बसी रही उसकी मासूमियत उसकी देखभाल और उसके साथ बिताए हर पल ने मेरे जीवन को बेहतर बना दिया आज भी जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं

तो राधा के साथ बिताए वो दिन मेरी जिंदगी के सबसे सुनहरे पल थे राधा की विदाई के बाद मामा के घर की रौनक कुछ कम हो गई थी मुझे भी उसकी कमी महसूस होती थी लेकिन मैंने खुद को काम में व्यस्त रखने की कोशिश की काम में सफलता तो मिल रही थी लेकिन राधा की हंसी और उसका साथ हमेशा याद आता था कुछ महीनों बाद एक दिन राधा का फोन आया उसने अपनी नई जिंदगी के बारे में बताया वह बहुत खुश थी और उसकी आवाज में वही उत्साह और मासूमियत थी

जिसे मैंने हमेशा पसंद किया था उसने कहा भैया आप कब मिलने आओगे मैंने वादा किया कि जल्द ही उससे मिलने आऊंगा कुछ ही हफ्तों बाद मुझे एक लंबी छुट्टी मिली और मैंने तय किया कि इस मौके पर राधा से मिलने जाऊं मैंने मामा से भी बात की और उन्होंने भी मुझे जाने के लिए प्रोत्साहित किया जब मैं राधा के ससुराल पहुंचा तो वह दरवाजे पर ही मेरा इंतजार कर रही थी उसकी आंखों में वही पुरानी चमक थी उसने मुझे अंदर बुलाया और तुरंत चाय बनाने चली गई

जैसे पुराने दिनों में करती थी राधा का ससुराल भी बहुत अच्छा था उसके पति अर्जुन बहुत ही अच्छे और समझदार इंसान थे उन्होंने मेरा गर्म जोशी से स्वागत किया और मुझे तुरंत ऐसा महसूस कराया जैसे मैं अपने घर पर ही हूं राधा ने मुझे अपने नए घर की सारी बातें बताई कैसे वह घर के काम संभाल रही थी और कैसे उसने नए रिश्तों में खुद को ढाल लिया था उसकी बातें सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई यह देखकर अच्छा लगा कि वह अपनी नई जिंदगी में इतनी खुश और संतुष्ट थी

उस रात हम सबने एक साथ खाना खाया और फिर पुराने दिनों की बातें करते करते देर रात तक जागते रहे राधा ने मुझे बताया कि उसने वहां भी अपने नए दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच अपनी जगह बना ली थी वह मुझे अपने छोटे-छोटे खुशियों के किस्से सुनाती रही और मैं उसे सुनते सुनते मुस्कुराता रहा अगली सुबह जब मैं वापस जाने की तैयारी कर रहा था तो राधा ने मुझे एक छोटे से उपहार के साथ विदा किया उसने कहा भैया जब भी आपको मेरी याद आए इसे देख लिया करना

मैंने उस उपहार को संभाल कर रखा और उससे वादा किया कि मैं जल्द ही फिर मिलने आऊंगा राधा से मिलकर लौटने के बाद मुझे एहसास हुआ कि वह अपने नए जीवन में पूरी तरह से खुश थी और यह बात मुझे भी बहुत सुकून देती थी उसकी यादें और उसका उपहार आज भी मेरे पास है और जब भी मैं उसे देखता हूं मुझे हमारे साथ बिताए हुए सारे पल याद आ जाते हैं समय बीतता गया लेकिन राधा के साथ का वह अनमोल रिश्ता आज भी मेरे दिल में जिंदा है

उसकी मासूमियत समझदारी और स्नेह ने मेरे जीवन पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा है राधा और मेरी कहानी भले ही वक्त के साथ बदल गई हो लेकिन उसका प्यार और उसकी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी और वह हमेशा मेरी छोटी बहन बनी रहेगी चाहे वह कहीं भी हो समय बीतता गया और धीरे-धीरे मेरी जिंदगी में भी कई बदलाव आने लगे मैं अपनी नौकरी में अच्छी तरह से स्थापित हो गया था और जीवन की व्यस्तता बढ़ती जा रही थी

लेकिन राधा की यादें और उसका वह अनमोल उपहार मेरी जिंदगी का हिस्सा बने रहे एक दिन कुछ सालों बाद मुझे एक पत्र मिला वह राधा का था उसने लिखा था कि वह मां बनने वाली है और उसने मुझे अपने बच्चे का मामा बनने का सम्मान दिया यह खबर सुन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा मैंने तुरंत उसे फोन किया और उसकी आवाज में वही पुरानी चमक सुनाई दी उसने कहा भैया आप जरूर आना मुझे आपकी बहुत जरूरत है मैंने छुट्टी ली और राधा से मिलने उसके घर पहुंचा

वह गर्भवती थी और बेहद खुश दिख रही थी उसकी आंखों में वह चमक और भी बढ़ गई थी अर्जुन भी बहुत खुश थे और उन्होंने बताया कि राधा ने पहले ही बच्चे के लिए कई तैयारियां कर ली थी राधा की देखभाल करना अब मेरी जिम्मेदारी बन गई थी मैं उसके साथ हर समय रहता उसकी जरूरतों का ख्याल रखता और उसे आराम दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करता उसने कहा भैया आपके बिना यह समय मेरे लिए इतना आसान नहीं होता मैं मुस्कुराया और कहा तुम्हारी खुशी मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है

राधा फिर वह दिन आया जब राधा ने एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया उस छोटे से बच्चे को पहली बार गोद में लेकर मेरा दिल भराया राधा ने मुस्कुराते हुए कहा देखो भैया यह आपका भांजा है मैंने बच्चे को प्यार से देखा और कहा यह तो तुम्हारी ही तरह प्यारा है उस समय में राधा और अर्जुन की खुशी देखते ही बनती थी मैंने महसूस किया कि राधा ने एक नई भूमिका को भी उतनी ही खूबसूरती से अपनाया जैसे उसने हर जिम्मेदारी को निभाया था वह एक प्यारी मां बन गई थी

और उसे देखकर मेरा दिल गर्व से भर गया कुछ हफ्ते और राधा के साथ बिताने के बाद मुझे अपने काम पर वापस लौटना पड़ा विदा लेते समय राधा ने कहा भैया आप हमेशा हमारे साथ रहेंगे चाहे आप कहीं भी हो मैंने उसे गले लगाते हुए कहा तुम हमेशा मेरी छोटी बहन रहोगी और मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा चाहे दूरी की कितनी भी हो उस दिन के बाद राधा और मैं अक्सर फोन पर बातें करते रहते वह अपने बेटे के बारे में बताती और मैं उसकी बातों में खो जाता उसने कहा भैया जब वह बड़ा होगा

तो उसे आपकी तरह ही मजबूत और समझदार बनाऊंगी उसकी यह बात सुनकर मुझे एहसास हुआ कि उसने मुझसे कितना कुछ सीखा है और उसकी यह सीख अब उसके बेटे में भी दिखेगी समय बीतता गया और राधा का बेटा भी बड़ा होने लगा लेकिन हमारे बीच का वह अनमोल रिश्ता जो भाई बहन के प्यार और विश्वास पर आधारित था कभी नहीं बदला चाहे समय कितना भी बदल जाए राधा और मैं हमेशा एक दूसरे के दिल के करीब रहे राधा की जिंदगी की हर नई शुरुआत में मैंने उसकी खुशियों में हिस्सा लिया

और वह मेरी जिंदगी के हर छोटे बड़े पल में साथ रही हमारी कहानी एक भाई बहन के उस रिश्ते की है जिसमें प्यार समझ और एक दूसरे के लिए बिना शर्त स्नेह है यह रिश्ता यह कहानी समय के साथ और भी मजबूत होती गई और हमारे जीवन के हर पहलो में इसकी झलक मिलती रही समय के साथ मेरे जीवन में भी कई महत्त्वपूर्ण बदलाव आए नौकरी में तरक्की के साथ-साथ मैं अपनी जिम्मेदारियों में और भी व्यस्त हो गया लेकिन राधा के साथ वह अनमोल रिश्ता कभी भी कमजोर नहीं हुआ हम दोनों अपनी अपनी जिंदगी में व्यस्त थे लेकिन एक दूसरे के लिए समय निकाल ही लेते थे

कुछ सालों बाद मेरी भी शादी हो गई राधा और अर्जुन पूरे परिवार के साथ मेरी शादी में शामिल हुए शादी के दिन राधा ने मुझे एक तरफ ले जाकर कहा भैया अब आपकी जिंदगी में एक और खास रिश्ता जुड़ गया है लेकिन आप मेरे लिए हमेशा वही प्यारे भैया रहेंगे उसकी आंखों में खुशी और गर्व की चमक थी मैंने मुस्कुराते हुए कहा तुम हमें हमेशा मेरी छोटी बहन रहोगी और कोई भी रिश्ता तुम्हारी जगह नहीं ले सकता शादी के बाद मैं अपनी नई जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गया

लेकिन राधा के साथ बातचीत हमेशा जारी रही वह अपने बेटे की परवरिश में व्यस्त थी और जब भी उसे कुछ सलाह की जरूरत होती वह मुझसे बात करती फिर एक दिन राधा ने मुझे एक और बड़ी खुशखबरी दी उसने बताया कि वह दूसरी बार मां बनने वाली है मैंने उसे बधाई दी और वह फिर से वही उत्साह और खुशी से भरी हुई थी जैसे पहले थी उसने मुझसे कहा भैया इस बार भी मुझे आपकी जरूरत है मैंने वादा किया कि जैसे पहले था

वैसे ही इस बार भी मैं उसके साथ रहूंगा कुछ समय बाद राधा ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था उसने मुझे फिर से अपने बेटे और बेटी का मामा बना दिया था उस छोटे से परिवार की खुशी देखकर मैं बहुत संतुष्ट महसूस करता था राधा के बच्चों के साथ मेरा रिश्ता भी बहुत खास बन गया था जब भी मुझे मौका मिलता मैं उनके साथ समय बिताता राधा ने अपने बच्चों को हमेशा मेरे बारे में बताया और वे दोनों मुझसे बहुत प्यार करते थे

जब भी मैं उनके घर जाता वे मेरे आने का इंतजार करते रहते और मेरे साथ खेलते बातें करते राधा और अर्जुन ने अपने बच्चों को बहुत अच्छे से पाला और उनमें वही संस्कार और मूल्य डाले जो उन्होंने हमसे सीखे थे उनकी बेटी बिल्कुल राधा की तरह मासूम और समझदार थी और बेटा भी बहुत ही होशियार और जिम्मेदार था समय के साथ हमारी जिंदगी में कई खुशियां आई कुछ चुनौतियां भी आई लेकिन राधा के साथ का वह मजबूत रिश्ता हमेशा एक सहारा बना रहा

चाहे मैं किसी भी मुश्किल में होता राधा का स्नेह और उसकी समझदारी मुझे रास्ता दिखाती और जब भी राधा को कोई सलाह या मदद की जरूरत होती मैं उसके लिए हमेशा मौजूद रहता हम दोनों की जिंदगियां अपने अपने रास्तों पर चलती रही लेकिन उन रास्तों पर भाई बहन के रिश्ते का वह मजबूत पुल हमेशा बना रहा यह रिश्ता समय के साथ और भी मजबूत हुआ और हमारी कहानियां हमारे बच्चों और अगली पीढ़ियों में भी जीती रहेंगी

राधा और मेरे बी बी का यह अनमोल रिश्ता सिर्फ खून का रिश्ता नहीं था बल्कि यह हमारे दिलों का हमारे समझ और हमारे बिना शर्त प्यार का रिश्ता था इस रिश्ते की मिठास और ताकत ने हमारी जिंदगी को हर मुश्किल में भी संभल दिया और यह रिश्ता आने वाले समय में भी हमारी जिंदगियों को रोशनी देता रहेगा समय बीतता गया और हमारी जिंदगियों में एक स्थिरता आ गई राधा और अर्जुन के बच्चे बड़े होने लगे और मैं भी अपने परिवार के साथ जीवन की नई जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गया

लेकिन राधा और मेरे बीच का संबंध कभी कमजोर नहीं पड़ा हम दोनों के बीच की वह गहरी समझ और स्नेह अब हमारे बच्चों में भी दिखाई देने लगा था राधा का बेटा जिसे मैं प्यार से छोटू कहता था अब किशोर हो गया था वह पढ़ाई में बहुत अच्छा था और जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना देखता था राधा ने मुझसे कहा भैया छोटू आपकी तरह ही आत्म निर्भर बनना चाहता है उसे आपकी सलाह और मार्गदर्शन की जरूरत है मैंने उसे आश्वासन दिया कि मैं हमेशा छोटू के लिए हाजिर रहूंगा

जब छोटू का कॉलेज का समय आया तो वह एक बड़े शहर में पढ़ाई के लिए जाने की सोचने लगा राधा के लिए यह एक कठिन समय था क्योंकि उसे अपने बेटे से दूर होना पड़ रहा था उसने मुझसे कहा भैया मैं उसे जाने से रोकना नहीं चाहती लेकिन मैं उस से दूर होने के ख्याल से ही घबरा रही हूं मैंने उसे समझाया राधा यह उसका भविष्य है और तुम्हें उसे उसका सपना पूरा करने का मौका देना चाहिए वह जहां भी जाएगा वह तुम्हारे सिखाए हुए मूल्यों को साथ लेकर चलेगा

आखिरकार छोटू बड़े शहर में पढ़ाई के लिए चला गया राधा ने उसे विदा देते समय अपने आंसुओं को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन उसके दिल में बेटे के लिए चिंता और प्यार साफ लक रहा था छोटू ने राधा को गले लगाते हुए कहा मां आप बिल्कुल चिंता मत करो मैं आपसे रोज बात करूंगा और जैसे ही छुट्टी मिलेगी घर आऊंगा छोटू की पढ़ाई शुरू हो गई और राधा और अर्जुन ने उसे हर संभव सहयोग दिया इस दौरान राधा ने मुझे बताया कि उसकी बेटी जिसे मैं गुड़िया कहता था भी बड़ी हो रही थी

और उसमें राधा की ही झलक थी गुड़िया भी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और उसने संगीत में गहरी रुचि विकसित कर ली थी राधा ने मुझसे कहा भैया गुड़िया आपकी तरह मजबूत और समझदार बन रही है मुझे उस पर बहुत गर्व है गुड़िया की संगीत में रुचि को देखते हुए राधा ने उसे संगीत की शिक्षा दिलाने का फैसला किया

मैंने भी राधा का समर्थन किया और कहा यह बहुत अच्छा फैसला है संगीत एक ऐसा गुण है जो उसकी जिंदगी को और भी खूबसूरत बनाएगा इस दौरान मेरे खुद के जीवन में भी कई महत्त्वपूर्ण बदलाव आए मेरी नौकरी में पदोन्नति हुई और मुझे कई नई जिम्मेदारियां मिली लेकिन हर खुशी और हर चुनौती में राधा का समर्थन और उसकी दुआएं हमेशा मेरे साथ रही फिर एक दिन राधा ने मुझे बताया कि अर्जुन को उनके काम में एक बड़ा अवसर मिला है और अब उन्हें एक नए शहर में जाना होगा

यह सुनकर मुझे थोड़ी चिंता क्योंकि हम दोनों एक दूसरे से और दूर हो जाएंगे लेकिन राधा ने कहा भैया यह हमारे लिए एक नई शुरुआत है अर्जुन को यह मौका मिलना हमारे परिवार के लिए बहुत अच्छा है और आप जानते हैं कि हम कहीं भी रहे हमारा रिश्ता कभी नहीं बदल सकता राधा और उसका परिवार नए शहर में चले गए और वहां उन्होंने अपने लिए एक नया जीवन शुरू किया

लेकिन हमारी बातचीत हमारी यादें और हमारे रिश्ते की गहराई वही रही समय बीतने के साथ राधा और मेरे बीच की दूरियां भले ही भौतिक रूप से बढ़ गई थी लेकिन हमारे दिलों की नजदीकियां कभी कम नहीं हुई हर मुश्किल घड़ी में हर खुशी के मौके पर हम दोनों एक दूसरे के लिए हमेशा हाजिर रहे राधा की जिंदगी में जहां भी वह गई उसकी समझदारी स्नेह और बिना शर्त प्यार ने उसे हर जगह पसंद किया और उसने अपने परिवार को हर नई परिथि स्थिति में समर्पण और ताकत के साथ आगे बढ़ाया

और मैं उसके बड़े भाई के रूप में हमेशा उस पर गर्व करता रहा अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो राधा के साथ बिताए हुए हर पल को मैं अपने दिल में संजो कर रखता हूं हमारे बीच का वह बंधन समय की कसौटी पर खरा उतरा है और मुझे यकीन है कि यह रिश्ता हमेशा इतना ही मजबूत और प्यारा रहेगा हमारी कहानी सिर्फ भाई बहन के प्यार की नहीं बल्कि एक ऐसे रिश्ते की है जो जिंदगी के हर उतार चढ़ाव में मजबूती से खड़ा रहा यह रिश्ता हमारे बच्चों और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल रहेगा

और जब भी वे हमारी कहानी सुनेंगे उन्हें पता चलेगा कि सच्चे रिश्ते कभी खत्म नहीं होते वे समय के साथ और भी गहरे और खूबसूरत होते जाते हैं समय का पहिया लगातार घूमता रहा और राधा और मेरे जीवन की कहानी भी अपनी राह पर आगे बढ़ती रही राधा का बेटा छोटू अब कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके अपने करियर की शुरुआत करने वाला था वह एक बड़ा इंजीनियर बन गया था और उसे एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी का प्रस्ताव मिला था

राधा ने मुझे यह खबर बताते हुए कहा भैया आज मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है छोटू ने अपने सपने को हासिल कर लिया है यह सब आपकी आशीर्वाद और प्रोत्साहन के बिना संभव नहीं था छोटू की सफलता का जश्न मनाने के लिए मैंने राधा और अर्जुन को अपने घर बुलाया उस दिन जब हम सब एक साथ बैठे थे तो राधा की आंखों में खुशी के आंसू थे उसने कहा भैया जब आपने मुझे छोटू को उसके सपनों के लिए भेजने का हौसला दिया था तब मैं कितनी चिंतित थी

लेकिन आज देखो वह कितना सफल हो गया है आपके विश्वास ने मुझे भी मजबूती दी उस रात हमने पुरानी यादों को ताजा किया राधा ने हंसते हुए कहा याद है भैया जब मैं पहली बार मां बनी थी और आपने मेरे साथ कितना समय बिताया था तब मैं कितना घबराई हुई थी लेकिन आपके साथ होने से मुझे हमेशा हिम्मत मिलती रही मैंने मुस्कुराते हुए कहा तुम्हारी हिम्मत और प्यार ने मुझे भी जीवन की हर मुश्किल में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है राधा गुड़िया भी अब बड़ी हो गई थी

और संगीत में अपनी पहचान बना रही थी उसने कई बड़े मंचों पर प्रस्तुति दी थी और उसका नाम धीरे-धीरे मशहूर होने लगा था राधा ने मुझे गुड़िया की एक रिकॉर्डिंग सुनाई और कहा भैया मेरी बेटी का यह टैलेंट आपकी समझदारी और मार्गदर्शन का ही नतीजा है आपने मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलने की सीख दी और मैंने वही अपने बच्चों को सिखाया गुड़िया की प्रतिभा और छोटू की सफलता ने राधा और अर्जुन के जीवन को खुशियों से भर दिया था

मैंने देखा कि राधा ने अपनी भूमिका को कितनी खूबसूरती से निभाया था एक बहन एक पत्नी एक मां और एक दोस्त के रूप में उसकी जिंदगी की कहानी अब उसकी संतानों के जरिए भी आगे बढ़ रही थी और उनमें वह स्नेह समझ और समर्पण की भावना साफ झलकती थी जो राधा की खासियत थी कुछ समय बाद राधा और अर्जुन ने एक बड़ा फैसला लिया उन्होंने अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल करके एक छोटा सा रिट्रीट सेंटर खोलने का सोचा जहां लोग आकर सुकून पा सके

और जीवन की भागदौड़ से कुछ पल के लिए दूर हो सके राधा ने मुझसे कहा भैया मैं और अर्जुन हमेशा से कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे हम दूसरों की मदद कर सके यह रिट्रीट सेंटर हमारा सपना था और अब हमें इसे पूरा करने का मौका मिल रहा है मैंने राधा और अर्जुन को इस कदम के लिए समर्थन दिया और उनकी योजना में मदद की यह रिट्रीट सेंटर शर की भेड़ भाड़ से दूर एक शांत पहाड़ी इलाके में था

जब यह खुला तो बहुत सारे लोग वहां सुकून और शांति की तलाश में आने लगे राधा ने वहां आने वाले लोगों के लिए ध्यान और योग के सत्र आयोजित किए और अर्जुन ने सेंटर की व्यवस्थाओं को संभाला धीरे-धीरे यह जगह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गई राधा के इस नए प्रयास ने उसे और भी संतुष्ट और खुश कर दिया था उसने मुझे एक दिन कहा भैया अब मैं जो कर रही हूं वह मुझे बहुत संतोष देता है यहां आने वाले लोग अपनी परेशानियों को भूलकर कुछ पल के लिए खुद को पा लेते हैं

मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण काम कर रही हूं राधा और अर्जुन का रिट्रीट सेंटर अब उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका था उनके बच्चे भी कभी-कभी वहां आकर उनकी मदद करते थे छोटू ने अपनी नौकरी के साथ-साथ सेंटर के डिजिटल पहलू को संभाल लिया था और गुड़िया भी वहां आने वाले लोगों के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित करती थी इस तरह राधा और अर्जुन ने अपने जीवन के इस नए अध्याय को भी खूबसूरती से सजाया

उनकी मेहनत और समर्पण का फल उन्हें मिल रहा था और उनके जीवन की खुशियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी हम दोनों भाई बहन की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे गर्व होता है कि हमने अपने रिश्ते को हर चुनौती के बावजूद उतना ही मजबूत रखा जितना शुरू में था राधा के जीवन की यह यात्रा उसकी मेहनत और समझदारी का प्रमाण है उसने जो कुछ भी हासिल किया

वह उसकी आत्मशक्ति और परिवार के लिए उसके समर्पण का नतीजा था और मैं उसके बड़े भाई के रूप में उसकी हर सफलता में उसकी ताकत बनने पर गर्व महसूस करता हूं हमारी कहानी यहां खत्म नहीं होती बल्कि यह एक ऐसी कहानी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहेगी एक कहानी जो बताती है कि सच्चे रिश्ते समय की किसी भी कसौटी पर खरे उतर सकते हैं और उनमें एक दूसरे के लिए बिना शर्त प्यार और समर्थन होता है

 

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