पत्नी की सहेली | Heart Touching Hindi Story | Patni ki saheli | Manohar Kahaniyan

Heart Touching Hindi Story : मेरी पत्नी को काम शुरू किए कुछ महीने हो गए थे और वह बहुत व्यस्त हो गई थी हमारे बीच की नजदीकी बिल्कुल कम हो गई थी वह अब मुझसे बहुत कम बातें करने लगी थी शाम को जब वह ऑफिस से आती तो बहुत थकी हुई नजर आती उसका काम भी बढ़ गया था और अब वह मुझे पति का हक भी नहीं दे रही थी धीरे-धीरे मुझे चिड़चिड़ापन होने लगा 

फिर एक दिन प्रिया अपनी ऑफिस की दोस्त अनु को घर लेकर आई अनु खूबसूरत और जवान थी और उसे देखकर मेरी नजरें उस पर रह गई अनु बहुत बातूनी थी और आते ही मुझे हाय हेलो किया प्रिया ने बताया कि अनु अगली कॉलोनी में घर देखने आई है अनु ने वहां एक घर भाड़े पर लिया और वह अकेली ही रह रही थी अनु का स्वभाव मुझे बहुत पसंद आया

 उसके बाद से वह अक्सर ऑफिस के कामों के सिलसिले में घर आती रही समय बीतने लगा और 1 महीने बाद प्रिया ने अपने ऑफिस के दोस्तों को एक पार्टी दी प्रिया ने मुझे इसके बारे में कुछ बताया नहीं था लेकिन अनु के जरिए मुझे पता चला शाम को मैं भी प्रिया की पार्टी में पहुंचा वहां पहुंचते ही मैंने देखा कि प्रिया बहुत शौकीन हो गई थी वहां उसके कई दोस्त और सहकर्मी थे 

लेकिन उसने मेरी उनसे कोई खास पहचान नहीं कराई इसके बावजूद मुझे उसकी प्रतीक्षा पर बुरा नहीं लगा पार्टी में अनु हमेशा मेरे आसपास रही पार्टी के दौरान प्रिया की बॉस आई और उसने अपनी भाभी को गले लगाया मुझे लगा कि मैं पुराने विचारों का हूं इसलिए मैंने इतना ध्यान नहीं दिया रात को घर आकर जब मैंने प्रिया से पार्टी के फोटो देखने के लिए कहा तो उसने अपना फोन लॉक कर लिया

 और सो गई इसके बाद दो दिनों में प्रिया का जन्मदिन आ रहा था मैंने उसे खूबसूरत फूलों का गुलदस्ता देकर शुभकामनाएं दी और उसके लिए एक बर्थडे प्लान किया था मैंने अनु को अपने घर बुलाया था ताकि वह घर की सजावट में मेरी मदद कर सके प्रिया रात को 10:00 बजे घर आई जबकि मैं उसकी राह देख रहा था मैंने उसके लिए बेडरूम में एक सुंदर ड्रेस रखी थी

 और कहा आओ तैयार हो जाओ हम केक कट करने वाले हैं लेकिन उसने कहा आज मैंने बहुत से केक काट लिए हैं और मैं थक गई हूं और वह कमरे में चली गई कुछ देर बाद जब मैं कमरे में गया तो मैंने देखा कि वह सो गई थी मैंने उसके लिए इतनी सजावट की और उसे इस बारे में कोई ध्यान नहीं था मैं अपने कमरे से बाहर आया ना जाने क्या सोचकर मेरे चेहरे पर उदासी छा गई 

उदासी को देखकर अनु ने समझ लिया कि मेरी पत्नी और मेरे बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है अनु ने कहा रोहन नाराज मत हो आज तो सेलिब्रेशन होगा चलो हम अपनी दोस्ती का सेलिब्रेशन करते हैं मुझे नहीं पता था कि अनु के दिमाग में क्या चल रहा है वह किचन में जाकर मेरे लिए केक लेकर आई जिस पर हैप्पी बर्थडे प्रिया लिखा था उसने उस टैग को अलग करके उस पर रोहन अनु फ्रेंडशिप लिखा था

 उसने मेरा हाथ पकड़ कर वह केक काटा और उसकी आंखों में मेरे लिए कुछ अलग ही भावनाएं थी उसने केक मुझे खिलाते वक्त थोड़ी मस्ती भी की और मेरे गाल पर भी केक लगा दिया तब मैं भी उसके पीछे दौड़ने लगा मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया लेकिन जब मुझे एहसास हुआ कि मैं बहुत करीब जा रहा हूं तो मैं तुरंत उससे दूर हो गया रात काफी हो गई थी

 इसलिए मैंने उसे अपनी बाइक पर घर छोड़ने का फैसला किया प्रिया को इस सब का कोई अंदाजा नहीं था मैंने अनु को उसके घर छोड़ा तो गाड़ी से उतरते ही उसने कहा “रोहन मुझे लगता है कि प्रिया तुम्हारे लिए सही नहीं है तुम क्यों अपना समय बर्बाद कर रहे हो मुझे अनू की बात पसंद नहीं आई क्योंकि वह अपने दोस्त के पति की तरफ देख रही थी मैंने उसके बोलने पर कोई रिएक्शन नहीं दिया और वहां से निकल गया

 घर आकर मैंने देखा कि प्रिया पानी पीने उठी थी और कमरे में गई मैं भी उसके पीछे गया और उसे उसके जन्मदिन का गिफ्ट दिया मैंने उसके नाम का एक सोने का लॉकेट और सोने की चैन बनाई थी मैंने अपने हाथों से वह चैन उसके गले में डाली उसके बाद मैंने उसके साथ थोड़ा समय बिताने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे दूर हो गई और बोली आज मैं बहुत थक गई हूं 

बाद में बात करते हैं और फिर वह सो गई अब मेरा चिड़चिड़ापन बढ़ने लगा था प्रिया ने जॉब में आने के बाद मुझे पति का हक भी नहीं दिया और वह मुझे समय देने को तैयार नहीं थी क्या अब उसे पति की कोई जरूरत नहीं थी अब लगभग एक महीना हो गया था जब मैंने अपनी पत्नी के साथ समय नहीं बिताया था और प्रिया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था 

उसकी ऐसी हरकतों के कारण मैंने खुद को समझाने की कोशिश की कि मैं अनु की तरफ क्यों आकर्षित हो रहा हूं अनु हर दो-तीन दिन में हमारे घर आती थी और वह मुझसे थोड़ी तीखी बात करती थी अगले दिन सुबह जब मैं जॉब जाने वाला था मैंने प्रिया से कहा “प्रिया कुछ दिन की छुट्टी ले लो मैं भी छुट्टी पर जा रहा हूं और सोच रहा हूं कि तुम्हारे साथ थोड़ा समय बिताऊं

 प्रिया ने कहा “मैं छुट्टी नहीं ले सकती ” ऑफिस में बहुत काम है बॉस ने मुझे काफी काम दिया है मैंने कहा क्या तुम्हारा बॉस पिछले कुछ महीनों से तुम्हारे ऊपर ज्यादा काम का बोझ नहीं डाल रहा है उस पर इतना आगे बढ़ने की जरूरत नहीं है नहीं तो वह सब काम तुम पर ही डाल देगा 

प्रिया ने कहा जो लोग काम करने लायक होते हैं उनके पास ही काम होता है और मेरे बॉस की नजर में मैं काम करने के लिए योग्य हूं मुझे प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोतरी चाहिए तो मुझे बॉस के सामने रहना पड़ेगा मैंने उस पर गुस्सा नहीं किया

 बल्कि उसकी काम के प्रति ईमानदारी को समझा देखतेदेखते एक महीना बीत गया महीने की पहली तारीख को मेरा जन्मदिन था और मुझे पूरा विश्वास था कि प्रिया मेरे लिए कुछ सरप्राइज प्लान कर रही होगी मेरे जन्मदिन की सुबह अनु मेरे दरवाजे पर फूलों का गुलदस्ता ली खड़ी थी

 मेरी पत्नी ने उसे पहले ही बर्थडे विश किया था मैंने अनु से पूछा तुझे मेरा जन्मदिन कैसे पता चला बिल्कुल तुम्हें प्रिया ने बताया होगा कि दीप ने तुम्हारे जन्मदिन के लिए कुछ प्लान किया है अनु ने मुस्कुराते हुए कहा नहीं रोहन मैं तुम्हारे सोशल मीडिया अकाउंट पर जुड़ी हुई हूं 

वहीं से मुझे तुम्हारे जन्मदिन का पता चला उस दिन प्रिया ने सुबह भी मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं दी थी शाम को अनु ने मुझे फोन करके 4:00 बजे घर बुलाया मुझे लगा प्रिया ने मेरे लिए कुछ सरप्राइज प्लान किया होगा इसलिए मैंने हाफ डे लेकर घर आ गया

 अनु ने मुझे अपने घर बुलाया था जब मैं वहां पहुंचा तो देखा कि अनु बिल्कुल तैयार थी उसने छोटा सा ड्रेस पहना हुआ था जिसमें वह बहुत सुंदर लग रही थी जैसे ही मैं अंदर गया मेरे ऊपर गुलाब की पंखुड़ियां बिखेर दी गई थी मैं यह सब देखकर बहुत खुश हुआ

 लेकिन जब मैंने अंदर देखा तो मुझे पता चला कि यह सब प्रिया ने नहीं बल्कि अनु ने मेरे लिए प्लान किया था अनु ने मेरे जन्मदिन को खास बनाने के लिए काफी खर्च किया था उसने अपने काम से छुट्टी ली थी और मेरे लिए कई अच्छे पकवान बनाए थे मैंने उसकी मेहनत को नकारना नहीं चाहा और मुस्कुराकर उसके साथ अपना जन्मदिन मनाया काफी देर बाद मैंने अनु से कहा कि अब मुझे घर जाना है 

जैसे ही मैं निकलने वाला था मुझे प्रिया का फोन आया उसने कहा आज मैं घर नहीं आ पाऊंगी ऑफिस में बहुत काम है और रात को मैं एक दोस्त के घर रुक रही हूं उस समय मुझे यह साफ लग रहा था कि प्रिया को अपने पति के जन्मदिन का ध्यान नहीं था और यह सुनकर मैं नाराज हो गया 

अनु ने यह देखकर मुझे अपने बेडरूम में ले जाकर मेरा हाथ थाम लिया और कहा रोहन तुम प्रिया के बारे में इतना क्यों सोचते हो वह तो काम में व्यस्त होगी तुम्हारी दोस्त ने तुम्हारा जन्मदिन खास बनाया है तो फिर तुम क्यों नाराज हो जब अनु ने मेरा हाथ पकड़ा तो मेरे मन में अलग-अलग विचार पैदा होने लगे अनु वाकई सुंदर लग रही थी और मैंने उसे पहले कभी उस नजर से नहीं देखा था 

अनु थोड़ी देर तक बोल्ड ड्रेस में मेरे सामने घूमती रही तभी उसका मोबाइल नीचे गिर गया ऐसा लग रहा था जैसे उसने जानबूझकर ऐसा किया हो वह जल्दी से झुककर उसे उठाने लगी और अपने अनावश्यक अदाओं को दिखाने लगी मैं एक पुरुष था और जब कोई महिला इतनी प्रकट रूप से सामने आई तो स्वाभाविक रूप से नजरें उस ओर खींची जाती हैं उस समय मैं उसे देखकर खुद को रोक नहीं पा रहा था 

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वह धीरे-धीरे फिर से मेरे पास आ गई मैं भी उसकी ओर आकर्षित हो रहा था तभी मुझे अपनी समझदारी पर ध्यान आया और मैंने खुद को उससे दूर कर लिया मैंने कहा अनु तुम यह क्या कर रही हो और मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही हो हमारे बीच यह सब नहीं हो सकता क्योंकि तुम मेरी पत्नी की दोस्त हो मुझे अपनी पत्नी से बहुत प्यार है अनु ने जवाब दिया

 ठीक है रोहन मैं तुम्हें किसी भी चीज के लिए नहीं कहूंगी जब तुम चाहोगे तब तुम मुझसे बात करने आ सकते हो अनु के शब्दों का मतलब मुझे बहुत अच्छे से समझ में आया प्रिया ने अगले दिन घर आकर भी मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं दी थी मैंने खुद ही उसे बताया प्रिया कल मेरा जन्मदिन था और तुमने मुझे बर्थडे विश तक नहीं किया

 उसने जवाब दिया हां जन्मदिन था तो क्या हुआ जन्मदिन तो हर साल आता है उसमें क्या खास है एक पत्नी अगर एक साल अपने पति का जन्मदिन भूल जाए तो इसमें इतना बोलने की जरूरत है मैंने प्रिया को ऐसा कुछ नहीं कहा था जिससे वह नाराज हो जाए फिर भी वह मुझ पर चिड़चिड़ा गई थी 

उसे शांत करने के लिए मैंने उसके करीब जाने की कोशिश की और उसके साथ समय बिताने की कोशिश की लेकिन इस बार भी उसने मेरा हाथ जोर से झटक दिया उस समय मेरे मन में एक अलग ही इच्छा जागृत हुई लेकिन प्रिया ने मुझे खुद से दूर कर दिया 

जिससे मेरी इच्छाओं का भंग होने लगा प्रिया मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रही थी इसीलिए मैंने सीधे अनु के घर जाने का फैसला किया मैंने उसे फोन नहीं किया और जब वहां पहुंचा तो रात के 9:00 बज रहे थे अनु मुझे नाइट सूट में दिखाई दी जो कि शॉर्ट था वह बेहद खूबसूरत लग रही थी और मुझसे काफी जवान थी 

जब मैं अनु को देख रहा था शायद उसने मेरी नजरें महसूस की इसलिए वह भीतर अपने कमरे में जाकर शॉल ओढ़ने लगी उसने कहा मैं घर में अकेली रहती हूं इसलिए कभी-कभी ऐसे कपड़े पहन लेती हूं आप अचानक आ गए इसीलिए मुझे बदलने का मौका नहीं मिला अनु बहुत शर्मा लग रही थी

 उसने किचन में जाकर मेरे लिए पानी लाने की कोशिश की तभी उसका पैर शॉल में फंस गया शॉल उसके शरीर से फिसल गई और फिर से मेरी नजर अनु के ऊपर पड़ गई जैसे ही उसने फिर से शॉल ओढ़ा मैं उसके पास गया और कहा अनु तुम्हें शॉल ओढ़ने की जरूरत नहीं है मैं तो तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड हूं मेरी बात सुनकर वह हंस पड़ी और मैं धीरे-धीरे उसके करीब होता चला गया 

अनू को भी मेरी नजदीकी का एहसास था क्योंकि उसने मुझे छूने से मना नहीं किया दूसरे दिन मुझे अनु का फोन आया उसने मुझे तुरंत ऑफिस में बुलाया आज तक प्रिया मुझे अपने ऑफिस में ले जाने के लिए कभी राजी नहीं हुई थी अनु ने कहा रोहन यह बहुत जरूरी है ऑफिस में आओ 

मैं तुरंत प्रिया के ऑफिस पहुंचा अनु मुझे कॉन्फ्रेंस हॉल में ले गई जैसे ही मैं वहां पहुंचा मैंने प्रिया का एक ऐसा नजारा देखा जो मुझे बिल्कुल चौंका देने वाला था कल रात जब मैं प्रिया के करीब गया था तब उसने मुझे दूर धकेल दिया था और इसी गुस्से में मैं अनु के पास गया था

 अब मेरे मन ने अनु के साथ समय बिताने की अनुमति दी थी लेकिन जैसे ही मैंने उसे छुआ मुझे यह महसूस हुआ कि मैं प्रिया को धोखा दे रहा हूं इस भावना के बाद मैंने तुरंत अनु से दूरी बना ली जब मैंने प्रिया को देखा वह पूरी तरह से शॉक में थी उसने कहा “रोहन तुम यहां कैसे आए 

मैंने तुम्हें ऑफिस में आने से मना किया था तुम बिना बताए यहां क्यों आए तुम मेरे ऑफिस में अपनी इज्जत गिरा रहे हो मैंने देखा प्रिया अपने कुछ सहकर्मियों के सामने मेरी बेइज्जती कर रही थी उसने अपने दोस्तों से कहा मैं अपने पति को चप्पल की तरह समझती हूं उसकी मेरे सामने कोई वैल्यू नहीं है क्योंकि वह मुझसे कम कमाता है मुझे पहली ही नौकरी में उससे 10,000 ज्यादा पगार मिली है

 मैं महीने में 300 कमाती हूं जबकि वह सिर्फ 20,000 कमाता है तो उसकी मेरे सामने कोई इज्जत ही नहीं है यह सब सुनकर मैंने कहा प्रिया एक बात याद रखो जब हमारी शादी हुई थी तब तुम सिर्फ 12वीं पास थी मैंने तुम्हारी ग्रेजुएशन की फीस अपनी 20,000 की सैलरी से भरी थी तुम ही मेरे खर्चे पर यहां नौकरी पाने में सफल हो पाई हो कुछ दिनों से मैं तुम्हारे व्यवहार पर नजर रख रहा था 

और मैं नहीं जानता था कि तुम मेरे बारे में ऐसे सोचती हो इसीलिए तुम मुझे पति का हक नहीं दे रही थी ठीक है कोई बात नहीं आज के बाद इस पल से तुम मुझसे मुक्त हो तुम्हारे स्टेटस में ना होने वाले इंसान के साथ तुम्हें यहां रहने की जरूरत नहीं है आज मैं तुम्हें हमारे रिश्ते से मुक्त कर रहा हूं

 पिछले कुछ दिनों से मुझे तुम्हें एक खुशखबरी देनी थी यह मेरे लिए खुशखबरी है लेकिन तुम्हारे लिए बुरी खबर है सुनो 1 महीने पहले मेरा प्रमोशन हुआ है और मुझे मैनेजर का पद मिला है और हां मेरा सैलरी 20,000 से बढ़कर 70,000 हो गया है इतना ही नहीं कंपनी ने मुझे रहने के लिए एक लग्जरी फ्लैट भी दिया है लेकिन तुम्हारा दुर्भाग्य यह है कि अब इन सब की मालिक तुम नहीं हो

 बल्कि अनु होगी जब प्रिया ने मेरा प्रमोशन सुना तो वह मेरे पैरों में गिरकर माफी मांगने लगी उसने कहा रोहन मैं तुम्हारी पत्नी हूं तो क्या मेरे पास तुम्हारे ऊपर हक नहीं होना चाहिए अनु हमारे बीच में नहीं आ सकती प्रिया हमेशा पैसों को प्राथमिकता देती थी 

जबकि अनु अपने लोगों के लिए हमेशा खड़ी रहती थी मैंने प्रिया से कहा तुम अपने काम और पैसों में व्यस्त रहो अनु ने पहले ही मुझसे अपने प्यार का इजहार किया था प्रिया का असली चेहरा पहले ही अनु ने देख लिया था इसलिए वह मुझे हमेशा सलाह देती थी कि मैं प्रिया से दूर रहूं

 कई महिलाएं जैसे प्रिया जब थोड़ा सा पैसा कमाने लगती हैं तो अपने पति को उनकी चप्पल समझने लगती हैं मुझे उनसे उचित जवाब देने में कोई परेशानी नहीं है कुछ ही दिनों बाद मैंने प्रिया को तलाक दे दिया और अनु के साथ शादी कर ली शादी के बाद अनु ने अपनी नौकरी छोड़ दी उसका कहना था कि उसे अपने पति से ज्यादा प्यार है और अगर वह उसे समय नहीं दे सकती तो उसके लिए नौकरी और पैसे का कोई मतलब नहीं है

 अनु सच्चे प्रेम की परिभाषा बन गई जो मुझे अपेक्षित था उसे कहीं ज्यादा प्यार और सम्मान मुझे मिला मुझे हर महिला से यह कहना है कि अपने पति का सम्मान पैसों से कभी मत करो एक बार अगर पुरुष का अहंकार टूट गया तो फिर उसके जैसा सख्त कोई नहीं होता 

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