Parivarik Hindi Story : दोस्तों मेरा नाम अश्विनी है और मेरी उम्र 25 साल है मैं अभी भी जवान थी मेरा अभी तक शादी नहीं हुई थी कुछ सालों तक मुझे ऐसा लगता था कि शादी नहीं करनी है लेकिन जब मेरी जिंदगी में बॉस आए तब मुझे एहसास हुआ कि लड़कियों की कुछ इच्छाएं होती हैं कुछ जरूरतें होती हैं जो लड़कों से ही पूरी होती हैं और हम उस चीज को इग्नोर नहीं कर सकते
आज पहली बार मैंने कंपनी के बॉस को देखा हमारा बॉस 28 साल का एक जवान लड़का था वो दिखने में बहुत हैंडसम और शरीर से हट्टा कट्टा था जब वे पहली बार यहां आए तब उनका स्वागत करने के लिए मैंने उन्हें फूलों का गुलदस्ता दिया उस वक्त मैं बस बॉस की तरफ ही देख रही थी पहले दिन बॉस ने मुझे उनके केबिन में बुलाया मैं कंपनी की एडमिन थी
इसलिए कंपनी के बारे में सारी जानकारी बॉस ने मुझसे पूछ कर ली साथ ही काम के बारे में भी बॉस ने मुझसे चर्चा की लगभग 2 से 3 घंटे मैं बॉस के केबिन में थी जब मैं बॉस के केबिन से बाहर निकली तब सारे लोग मुझे आश्चर्य से देख रहे थे लेकिन मैंने किसी की ओर ध्यान नहीं दिया और अपनी जगह पर जाकर बैठ गई मैं दिखने में ठीक-ठाक थी मैं ज्यादा पतली नहीं थी और ज्यादा मोटी भी नहीं थी मैं हर तरह के फैशन के कपड़े पहनती थी
मैं किसी भी बंधन में नहीं थी मेरे घर में सिर्फ मैं मम्मी और मेरा छोटा भाई हम तीन लोग ही रहते थे शाम को ऑफिस छूटने के बाद मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ कॉफी पीते हुए गप्पे मार रही थी तभी सभी ने अपनी-अपनी सिगरेट नीचे फेंक कर वहां से चले गए मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अचानक सभी सिगरेट फेंक कर कहां चले गए होंगे मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मेरे पीछे बॉस खड़े थे मैंने उन्हें देखकर भी अपने हाथ में पकड़ी सिगरेट नीचे नहीं फेंकी
क्योंकि अब ऑफिस का टाइम खत्म हो गया था और यह मेरा अपना टाइम था मुझे जो करना था वह मैं कर सकती थी मैं उनके सामने खड़ी होकर आराम से सिगरेट पी रही थी बॉस ने भी मेरे साथ खड़े होकर वहीं कॉफी पी इतनी बड़ी कंपनी का बॉस मेरे जैसी साधारण लड़की के साथ खड़ा होकर कॉफी पी रहा था उन्होंने मुझे कहा अश्विनी तू बहुत बिंदास है मुझे तेरे जैसी लड़कियां बहुत पसंद है तेरा यह स्वभाव हमेशा ऐसा ही रखना
उनके इस बात पर मैंने मुस्कुरा कर जवाब दिया सर मुझे नहीं पता था कि मेरी आपके सामने कैसी इंप्रेशन पड़ेगी लेकिन आश्चर्य की बात है कि आपको मेरी यह बात पसंद आई थोड़ी देर हम ऐसे ही गप्पे मारते रहे और फिर घर जाने के लिए निकल पड़े तब बॉस भी अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए उस रात मेरे दिमाग में सिर्फ बॉस का ही ख्याल आ रहा था मैं उस ख्याल को बंद करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उनका ख्याल मेरे दिमाग से जा ही नहीं रहा था
देखतेदेखते रात के 2:00 बज गए और तब जाकर मेरी आंख लगी अगले दिन मैं रोज की तरह ऑफिस में काम करने लगी कुछ दिन ऐसे ही बीत गए एक दिन मैं बहुत अच्छे से तैयार होकर ऑफिस गई थी ऑफिस के सारे लड़के मेरी तरफ ही देख रहे थे तभी बॉस ऑफिस में आए और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराए फिर उन्होंने बहाना बनाकर मुझे जानबूझकर अपने केबिन में बुलाया अब यह हमेशा होने लगा था
वे कोई ना कोई बहाना बनाकर मुझे अपने केबिन में बुलाते थे कुछ दिनों बाद ऑफिस में क्रिसमस पार्टी थी हम सभी कर्मचारी बहुत अच्छे से तैयार होकर आए थे हमारे ऑफिस में सिर्फ छह महिलाएं थी जिनमें मैं एक थी बाकी पांच महिलाएं मुझसे बड़ी थी यानी 35 साल से ऊपर आज मैं पार्टी में बहुत सुंदर लाल रंग की साड़ी पहनकर आई थी इस साड़ी में मैं बहुत खूबसूरत लग रही थी ऑफिस के सारे लड़के मेरी तरफ ही देख रहे थे
थोड़ी देर बाद बॉस पार्टी हॉल में आए उन्होंने सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी और फिर सभी पार्टी में मस्ती करने लगे पार्टी एंजॉय करने लगे कुछ कर्मचारियों ने अपनी बीवियों को तो कुछ ने अपनी गर्लफ्रेंड्स को लाया था और वे अपनेप पार्टनर के साथ डांस कर रहे थे मैं अपनी टेबल पर बैठकर ड्रिंक ले रही थी तभी अचानक बॉस मेरी टेबल के पास आए उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे डांस फ्लोर पर ले गए
हम दोनों डांस करने लगे डांस करते-करते बॉस ने मेरी कमर पर हाथ रखा और हम दोनों डांस करने लगे मैंने थोड़ा ज्यादा ड्रिंक कर लिया था इसलिए मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं बस उनके साथ नाच रही थी और मुझे उनके साथ बहुत मजा आ रहा था अगले दिन जब मैं नींद से उठी तब मैं एक बेड पर थी मैंने थोड़ा इधर-उधर देखा तो मुझे एहसास हुआ कि यह तो मेरा रूम नहीं है और मेरे कपड़े भी बदल गए थे
मुझे नहीं पता था कि मैं किसके घर आई हूं मुझे थोड़ा-थोड़ा याद आ रहा था कि रात को मैं बॉस के साथ डांस कर रही थी उसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं था मेरा सिर भी बहुत दुख रहा था भारी-भारी लग रहा था धीरे-धीरे मैं खुद को संभालते हुए बाहर आई बाहर आते ही मैंने देखा कि एक लड़की उस घर में काम कर रही थी जब उसने मुझे देखा तब वह मेरे पास आई और बोली मैडम आप यहां बैठिए मैं आपके लिए चाय लेकर आती हूं
मैंने उससे कहा “मुझे चाय नहीं चाहिए ” तभी पीछे से आवाज आई दो कप कॉफी लेकर आओ मैंने पीछे मुड़कर देखा तो पीछे बॉस खड़े थे मुझे देखकर उन्होंने मुस्कुराया और बोले अश्विनी आराम से बैठ अब तुझे ठीक लग रहा है ना मैंने उनसे पूछा मुझे क्या हुआ था और मैं यहां कैसे आई तब बॉस ने मुझे बताया “कल रात तूने थोड़ा ज्यादा ड्रिंक कर लिया था तुझे ठीक से चलना भी नहीं आ रहा था इसलिए मैं तुझे अपने घर ले आया इतने में वह लड़की कॉफी लेकर आ गई
हम दोनों ने कॉफी पी और फिर मैंने अपने घर जाने का सोचा मेरी मम्मी घर पर मेरा इंतजार कर रही होगी और कल रात मैं घर नहीं गई थी इसलिए मम्मी को बहुत टेंशन हुआ होगा मैं बॉस के घर से निकली तभी बॉस ने मुझसे कहा आज तू ऑफिस की छुट्टी ले और घर जाकर आराम कर मैं तुरंत अपने घर आई घर पहुंचकर देखा तो मम्मी बहुत टेंशन में बैठी थी मम्मी ने मुझसे सिर्फ इतना पूछा कल रात तू किस पार्टी में गई थी तूने मुझे मैसेज करके बताया कि ऑफिस की पार्टी में है
और रात को एक दोस्त के घर रुकेगी अरे कॉल करके तो बता देना चाहिए था मैसेज क्यों किया मैं एकदम हैरान रह गई क्योंकि मैंने तो ऐसा कोई मैसेज नहीं किया था मैंने तुरंत अपना मोबाइल निकाल कर देखा तो मम्मी को मैसेज डिलीवर हो गया था बॉस ने ही मम्मी को मैसेज किया था ताकि मम्मी परेशान ना हो मैंने मम्मी से कहा अरे ऑफिस में एक पार्टी थी और वहां रेंज नहीं आ रही थी इसलिए मैंने तुझे मैसेज किया रात को बहुत देर हो गई थी
इसलिए मैं एक दोस्त के घर रुक गई थी मम्मी ने पूछा उसका नाम क्या है मैंने कहा “अंकिता उसके घर थी ” इसके बाद मैं अपने रूम में गई कपड़े वगैरह बदले और थोड़ी देर सो गई दोपहर में मम्मी ने दरवाजा खटखटाया बाहर जाकर मैंने खाना वगैरह खाया और फिर आकर बेड पर लेट गई मेरे दिमाग में सिर्फ बॉस का ही ख्याल आ रहा था कि मेरे कपड़े किसने बदले होंगे शाम को मम्मी मेरे रूम में आई मेरे पास बैठी और बोली देख अश्विनी मैं तेरे भले के लिए कह रही हूं
इस उम्र में लड़कियों का पांव फिसल जाता है और वे गलतियां कर बैठती हैं तेरी शादी की उम्र हो गई है अब शादी कर ले कब ना कब लड़कियों को पुरुषों की जरूरत पड़ती ही है अब तेरे पापा नहीं है तो मुझे उनकी कितनी जरूरत महसूस होती है तेरा तो अभी आगे बहुत उम्र है बेटा अब तू शादी का सोच जिंदगी आगे बहुत बड़ी है अगर तुझे जिंदगी का आनंद नहीं मिला तो तेरा जिंदगी कैसे सार्थक होगा तुझे भी एक जोड़ीदार की जरूरत है
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मम्मी की यह बात सुनकर मुझे भी ऐसा लगने लगा कि हां सही बात है मुझे भी अब एक जोड़ीदार की जरूरत महसूस हो रही थी मुझे भी अब एक पुरुष का स्पर्श चाहिए था इसके बाद मैं सो गई और हमेशा की तरह अगले दिन ऑफिस आई ऑफिस आते ही वहां का एक चपरासी मुझसे बोला “अश्विनी मैडम आपको बॉस ने केबिन में बुलाया है मैं तुरंत केबिन में गई मुझे आया देखकर बॉस बोले अश्विनी ऑफिस खत्म होने के बाद थोड़ा रुकना मुझे तुझसे काम के बारे में कुछ बात करनी है
मैंने बॉस को ठीक है कहकर बाहर निकल आई मुझे नहीं पता था कि आज मेरे साथ क्या होने वाला था शाम हो गई और ऑफिस के सारे कर्मचारी चले गए अब ऑफिस में सिर्फ मैं और बॉस ही थे मैं उनके केबिन में गई उन्होंने मेरे हाथ में कुछ फाइल्स दी और बोले इन फाइल्स को लेकर मेरी गाड़ी में बैठ पिछले दो महीने से यह काम पेंडिंग है और हमें इसे जल्दी पूरा करना है अश्विनी कुछ दिन तू अपने घर मत जा अपनी मम्मी को फोन करके बता कि हमें एक अर्जेंट मीटिंग के लिए नाशिक जाना है
उनकी यह बात सुनकर मैं एकदम हैरान रह गई लेकिन नौकरी मेरे लिए बहुत जरूरी थी इसलिए मैंने हां कहकर सिर हिलाया इसके बाद मैं उनके साथ उनकी गाड़ी में बैठ गई उस वक्त मुझे मम्मी की वह बात याद आई मैं बॉस की तरफ देख रही थी बॉस मुझसे 2 साल छोटे थे गाड़ी में बैठने के बाद मैंने मम्मी को फोन किया और बताया कि मुझे ऑफिस के कुछ काम के लिए नाशिक जाना है मम्मी ने पूछा तू किसके साथ जा रही है तब मुझे अब कुछ छुपाना नहीं था
इसलिए मैंने मम्मी से डायरेक्ट कहा मैं अपने बॉस के साथ नासिक जा रही हूं इसलिए तू मेरी कोई चिंता मत करना मम्मी ने भी हामी भरी और मैंने फोन रख दिया इसके बाद हम दोनों बॉस के घर पहुंचे बॉस ने मुझसे कहा आज तू यहां आराम कर कल दोपहर को हम नाशिक जाएंगे मैंने खाना वगैरह खाया और फिर अपने रूम में चली गई मैं सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए मैं गैलरी में आकर बाहर का नजारा देख रही थी
तभी बॉस मेरे रूम में आए उनके हाथ में जूस था उन्होंने मुझसे कहा तुझे शायद नींद नहीं आ रही यह जूस पी ले तुझे अच्छी नींद आएगी मैंने जूस पी लिया इसके बाद हम दोनों ने थोड़ी देर गप्पे मारी मैं और बॉस सब बहुत करीब आ गए थे मेरे मन में बॉस के बारे में बहुत कुछ चल रहा था अचानक बॉस मेरे पास आए और उन्होंने मुझे होठों पर चुंबन दिया मेरे जिंदगी में यह सब पहली बार हो रहा था मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है मैं बस बॉस के प्यार में बहती जा रही थी
मुझे उस वक्त सही और गलत का कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था उस रात मैं बॉस की बाहों में ही सो गई अगले दिन मैं उठकर बैठी तभी काम वाली मेरे रूम में आई और सफाई करने लगी मुझे बॉस के बारे में उसे कुछ जानकारी लेनी थी इसलिए मैंने उससे पूछा तेरे मालिक के घर में और कौन-कौन रहता है तब उसने कहा नहीं मालिक यहां अकेले रहते हैं इसके बाद वह रूम से बाहर चली गई
मैं भी बाहर आई बॉस ने मुझसे कहा आज दोपहर को हम नाशिक जाएंगे जल्दी तैयार हो जा इसके बाद मैं अपने रूम में आई नहा धोकर तैयार हो गई और वहां जो मेरे लिए कपड़े रखे थे वह पहन लिए बॉस तैयार होकर गाड़ी के पास मेरा इंतजार कर रहे थे मैं भी तैयार होकर जब गाड़ी की तरफ जा रही थी तब बॉस मुझे एक तक देख रहे थे मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वे मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं इसके बाद मैं गाड़ी में बैठ गई बॉस का ध्यान मेरी तरफ ही था
हम नाशिक पहुंचे नाशिक में उनका एक फार्म हाउस था वहां हम दोनों गए जब मैंने घर में कदम रखा तभी एक छोटा 4 साल का लड़का मुझे देखकर मम्मी मम्मी कहता हुआ मेरे पास आया और मुझे गले लगाया मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ यह क्या हो रहा है मैं एकदम हैरान होकर बॉस की तरफ देखने लगी बॉस मेरी तरफ ही देख रहे थे मैंने कहा बॉस यह सब क्या है यह लड़का कौन है तभी बॉस ने वहां के काका को उस लड़के को अंदर ले जाने के लिए कहा
और फिर मुझे गार्डन में ले गए हम दोनों बेंच पर बैठे इसके बाद बॉस मुझे बताने लगे यह मेरा बेटा है सचिन मुझे एकदम झटका लगा मैंने उनकी तरफ देखा मैंने उनसे कहा तो यह मुझे मम्मी क्यों कह रहा है उन्होंने कहा मेरी बीवी सविता का चेहरा बिल्कुल तुझ जैसा ही है तुम दोनों का चेहरा बहुत मिलताजुलता है 4 महीने पहले एक कार एक्सीडेंट में वो भगवान को प्यारी हो गई मेरे बच्चे को नहीं पता कि उसकी मम्मी अब इस दुनिया में नहीं है
वो अपनी मम्मी की याद में हमेशा बीमार रहता है जब मैंने तुझे पहली बार ऑफिस में देखा तब मैं एकदम शॉक हो गया क्योंकि मुझे तुझ में मेरी बीवी का चेहरा दिखा तुझे देखते ही मुझे तुझसे प्यार हो गया मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूं अश्विनी क्या तू मुझसे शादी करेगी मैं तुझे हर सुख दूंगा मैं एकदम शॉक हो गई क्योंकि मैं एक साधारण कर्मचारी थी और वे एक बड़े बॉस थे वे मुझसे शादी के लिए प्रपोज कर रहे थे
तभी उनका बेटा मेरे पास आया और मम्मी कहकर मुझे गले लगा लिया उसके उस स्पर्श से मेरा मातृत्व जाग उठा और मैंने बॉस को शादी के लिए हां कह दिया शादी की तैयारियां हुई और हम दोनों ने शादी कर ली हम तीनों खुशी-खुशी रहने लगे मैं जिस कंपनी में कर्मचारी थी अब मैं उस कंपनी की मालकिन बन गई थी दोस्तों कहानी कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं