जेठ जी। Suvichar Hindi Kahaniyan | Best Hindi Story | Moral Kahaniyan

Suvichar Hindi Kahaniyan : मेरा नाम नेहा है और मैं 25 साल की हूं। मेरे जेठ मेरे पति को अपनी जायदाद में से कुछ भी नहीं देना चाहते थे। वजह यह थी कि मेरे पति उनके सौतेले भाई थे। मेरे जेठ अकेले ही चार फैक्ट्रियों के मालिक थे। लेकिन वह अक्सर बीमार रहते थे। डॉक्टर ने बता दिया था कि मेरे जेठ के दिल में कोई परेशानी है और वह कभी भी हमें छोड़कर चले जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा बस 2 साल तक ही जिंदा रह पाएंगे। मैंने अपनी छोटी बहन से कहा कि वह मेरे जेठ से शादी कर ले।

2 साल बाद जब वह मर जाएंगे तो उनकी सारी जायदाद पत्नी की हैसियत से तुम्हारी होगी और फिर हम खूब ऐश करेंगे। मेरी बहन ने मेरी बात मान ली और फिर मैंने अपनी बहन की शादी अपने जेठ से करवा दी। लेकिन जेठ तो अब पहले से ज्यादा जवान होने लगे थे। 2 साल गुजर गए लेकिन मेरे जेठ की मौत नहीं हुई। मेरी बहन मुझे बुरा भला कहती रहती कि तुम्हारे जेठ कब मरेंगे। उन्होंने तो मेरा जीना हराम कर दिया है।

एक दिन रात के वक्त बहन के कमरे में से चीखों की आवाजें आने लगी। मैं भागकर अपने जेठ के कमरे में गई तो देखकर मेरी जान निकल गई। क्योंकि जेठ ने तो मेरी बहन को मैं एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हूं। हम तीन ही बहनें हैं। मेरी बहन गुनगुन मुझसे एक साल छोटी थी। हम दोनों बहनों में बहुत ज्यादा मोहब्बत थी। हमारी आपस में बहुत बनती थी। एक दूसरे के बिना हम खाना भी नहीं खाते थे। हमारे माता-पिता भी हमारी हर ख्वाहिश पूरी करते थे।

हमारा बहुत ज्यादा ख्याल रखते थे। कुदरत ने हम दोनों बहनों को बहुत सुंदर बनाया था। जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी तो मेरे लिए रिश्तों की लंबी लाइन लगी रहती थी। लड़के मुझसे बात करने के लिए मरे जाते थे। मगर मैं किसी को भी अपने मुंह नहीं लगाती थी। मैं किसी से भी बात नहीं करती थी। इसकी वजह यह थी कि मैं बहुत अमीर लड़के से शादी करना चाहती थी। मेरे ख्वाब बहुत ऊंचे थे। लेकिन मैं अपने सपने पूरे करने के लिए कोई गलत रास्ता अपनाना नहीं चाहती थी।

मैं डॉक्टर था, एक लड़की… Moral Kahaniyan In Hindi | Best Hindi Story

मैं सही तरीके से अपनी मंजिल को हासिल करना चाहती थी। मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना था कि एक राजकुमार आए और मुझे शादी करके लेकर जाए और वह राजकुमार मेरी जिंदगी सुकून और खुशियों से भर दे। आज भी मुझे वह दिन याद है जब कॉलेज में एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई थी। वो लड़की बहुत अमीर घर की लड़की थी लेकिन वह सुंदर नहीं थी। वो मेरी खूबसूरती को देखकर मेरी दोस्त बन गई और मैंने भी उससे दोस्ती कर ली थी।

वह मुझसे बहुत बातें किया करती थी। अब मैं अक्सर उसके घर आती जाती रहा करती थी। उसके घर में मेरी उसके एक कजिन से मुलाकात हुई। वह बहुत अमीर और खूबसूरत इंसान था। मुझे देखकर उसकी नजर मुझ पर ही अटक गई थी। कुछ देर के बाद वह होश में आया तो मुझसे कहने लगा आप कौन हैं? मैंने आपको इस घर में पहले यहां कभी नहीं देखा। तभी मेरी सहेली ने उसे बताया कि यह नेहा है। यह मेरी बहुत अच्छी दोस्त है।

वो जाते-जाते मुझे देखता रहा और कहकर गया आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई। रात को ही उसका मैसेज आ गया। उसने कहा कि वो मुझे पसंद करने लगा है। वो मेरी सुंदरता पर मर गया था। और मुझे क्या चाहिए था। मैं यही चाहती थी कि कोई अमीर लड़का मुझसे शादी कर ले और बाकी की जिंदगी मैं ऐशो आराम के साथ गुजार दूं। मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी। मेरी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था। दिन तो जैसे पर लगाकर उड़ रहे थे।

अपनी खुशियों में मगन मैंने अपनी सहेली के बिहेवियर को भी नहीं देखा था। वह दिन-बदिन मुझसे दूर होती जा रही थी। वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी। अब उसने बहुत सी दोस्तें बना ली थी और मुझसे बात तक नहीं करती थी। मैंने इस बात को ज्यादा नहीं सोचा। फिर एक दिन मैं कैंटीन में बैठी हुई थी। जब मेरी दोस्त रीना मेरे पास आई।

उस वक्त मेरे साथ एक लड़की बैठी हुई थी। रीना ने मुझसे कहा कि मैं तुमसे अकेले में बात करना चाहती हूं। मैं उठकर उसके साथ अलग में चली गई। वह आज ज्यादा सीरियस लग रही थी। उसने मुझसे कहा कि बात करना मुझे अच्छा तो नहीं लग रहा लेकिन मैं क्या करूं? मुझे तुम्हें यह बात बतानी भी जरूरी है। तुमसे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती रह चुकी है। नेहा, मैंने सच्चे दिल से तुम्हारी तरफ अपनी दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। क्योंकि तुम मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगी थी।

लेकिन तुमने फिर मेरे कजिन आर्यन की दोस्ती का हाथ पकड़ कर अच्छा नहीं किया। इस बार मैंने चौंक कर रीना की तरफ देखा था क्योंकि आर्यन ने कहा था कि हमारी दोस्ती का किसी को पता नहीं चले। फिर रीना को कैसे पता चल गया? वो मुस्कुराई और कहने लगी कि ज्यादा हैरान होने की जरूरत नहीं। जिस दिन उसने तुम्हें पहली बार मैसेज किया था,

उसने मुझे चैलेंज किया था कि वह तुम्हें फंसा कर रहेगा। मगर मैंने उसकी बात को सीरियस नहीं लिया था और मैंने कह दिया था कि नेहा ऐसी लड़की नहीं है। मगर तुमने तो मुझे शर्मिंदा करवा दिया। तुमने तो उसे बहुत अच्छा रिस्पांस दिया था। आर्यन मेरा मंगेतर है। कुछ महीनों बाद हमारी शादी होने वाली है। लेकिन मैं उसकी इन घटिया हरकतों की वजह से उसे पसंद नहीं करती। मुझे लगा था नेहा तुम दूसरों से अलग हो। लेकिन मेरे सारे दावे बेकार रह गए।

तुम भी आम सी लड़कियों जैसी निकली जो मर्द की जरा सी तारीफ पर उनके सामने बिछ जाती है। रीना अपनी बात करके चली गई थी। लेकिन मुझे सोच में धकेल गई थी। हर कोई मुझे अपना मजाक उड़ाता हुआ नजर आता था। ऐसा लगता था जैसे सारी दुनिया मुझ पर हंस रही है। घर आने के बाद जब मैंने आर्यन को इन सब बातों का बताया तो पहले तो उसने मुझे झुठलाने की कोशिश की। फिर उसने इन सब बातों को मान लिया था और फिर मैंने उसे बहुत बुरी-बुरी सुनाई।

फिर उसे ब्लॉक कर दिया और उसके बाद उससे कभी भी बात नहीं की। यह मेरी जिंदगी का बहुत घटिया तजुर्बा था और मैंने इस तजुर्बे से बहुत बड़ा सबक हासिल किया था। उसके बाद मैं अपनी पढ़ाई में लग गई थी। मुझे इधर-उधर का कोई होश ही नहीं था। मैंने बहुत अच्छे नंबरों से ग्रेजुएशन पास किया था। एक बार हमारे कॉलेज में बहुत बड़ा फंक्शन हुआ था। तो यहां बहुत अमीर लोग गेस्ट बनकर आए थे। उनमें से एक इंसान जिसका नाम राहिल था।

मुझ पर अपना दिल हार बैठे थे। उन्होंने कॉलेज के रिकॉर्ड से मेरा एड्रेस और फोन नंबर पता करा था। रात को ही मुझे उनकी कॉल आ गई थी। जब उन्होंने मुझे अपना बताया तो मैं एक पल को तो हैरान रह गई थी। लेकिन मैंने जल्दी ही खुद पर काबू पा लिया था। वह मुझे पसंद करने लगे थे। उन्होंने अपनी मोहब्बत का इजहार मुझसे किया था।

यह सब बातें मेरे लिए नई नहीं थी। मैं एक भयानक तजुर्बे से गुजरी थी। मेरा दिल अभी तक उस सदमे को भी नहीं भूल पाया था। इसीलिए मैंने उनकी किसी भी बात का कोई जवाब नहीं दिया और फोन बंद कर दिया। उसके बाद वह रात भर मुझे मिनट-मिनट पर कॉल और मैसेज करते रहे। हैरत का झटका तो मुझे तब लगा जब अगले दिन वह अपना रिश्ता लेकर आ गए। मेरे घर वाले तो हैरान थे कि इतने बड़े लोगों को कहां बैठाएं।

उन्होंने मेरे रिश्ते की बात कर दी और पेपर्स के बाद शादी की डेट भी रख दी। सब कुछ इतना अचानक से हुआ था कि मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था। उस घर में बस मेरे होने वाले पति और मेरे जेठ थे। मेरी जेठानी इस दुनिया में नहीं थी। मेरी ननंद इंडिया से बाहर रहती थी। उस घर में कोई भी औरत नहीं थी। शादी की सारी शॉपिंग मैंने खुद की थी। मेरे घर पर उनका ड्राइवर आ जाता था।

तो मैं कभी अपनी बहन गुनगुन के साथ तो कभी मम्मी के साथ और तो कभी उनके साथ जाकर शॉपिंग करती थी। इसीलिए मैंने हर चीज अपनी मर्जी और पसंद से ली थी और फिर मेरी शादी का दिन भी आ पहुंचा। अपनी किस्मत पर बहुत खुश थी मैं। जिंदगी बहुत अच्छी लग रही थी। मुझे यकीन नहीं आ रहा था। जिस जिंदगी के बारे में जो मैंने सोचा था, जो मैं चाहती थी, वह सब मुझे मिल गया था। अब हर चीज मेरे पास थी। जब भी गुनगुन घर आती है,

वह मेरी हर चीज को देखती रहती और मुझसे कहती, दीदी, तुम कितनी खुशकिस्मत हो। मैं इस बात पर मुस्कुरा देती। मैं गुनगुन की भी किसी ऐसे ही इंसान से शादी करवाना चाहती थी। लेकिन वह पागल वहीं पास के एक लड़के को पसंद करती थी। दोनों एक दूसरे पर जान देते थे। सोहन की बहुत मामूली सी जॉब थी। मैं कहती थी कि सोहन तुम्हें क्या दे सकता है? वह तो तुम्हारी कोई भी जरूरत पूरी नहीं कर सकता। मेरी मानो उसे छोड़ दो।

मैं तुम्हारा किसी अच्छे घर में रिश्ता करवा दूंगी। लेकिन वह हर बार मना कर देती थी और कहती थी कि दीदी मोहब्बत और दिल की खुशी सबसे बढ़कर होती है। अक्सर मेरे जेठ और गुनगुन का आमनासामना हो जाता था। वह एक भरपूर नजर उस पर डालते और अपनी नजर बदल देते थे। इस बात को गुनगुन ने नोट किया था और जब उसने इस बात का जिक्र मुझसे किया तो मैंने हंसकर टाल दिया। मेरे जेठ अच्छी खासी उम्र के थे।

लेकिन वह अपने आप का बहुत ज्यादा ख्याल रखते थे। रोजाना जिम जाते थे। रोजाना सुबह शाम एक्सरसाइज करते और अपने खानपान के बारे में बहुत ज्यादा ख्याल रखते थे। देखने में वह मेरे पति से कुछ साल ही बड़े लगते थे। मेरी शादी को 3 साल होने वाले थे और अब तो मैं एक बच्चे की मां बनने वाली थी। हम दोनों इस बात से बहुत ज्यादा खुश थे।

मेरे पति ने मुझे बताया कि मेरे जेठ को हार्ट का मसला है और उनके दिल में कोई बड़ी परेशानी है और उनका दिल उनका साथ कभी भी छोड़ सकता है। यह सुनकर तो मेरे पांव के नीचे से जमीन निकल गई। मेरे पति बहुत ज्यादा दुख में थे। अपने भाई की वजह से वह रो भी रहे थे। जेठ जी का व्यवहार भी मेरे साथ बहुत अच्छा था।

वह मेरा बहुत ख्याल रखते थे। यह खबर सुनकर मुझे भी बहुत बड़ा झटका लगा था। लेकिन अब क्या होगा? यह सुनकर मेरे जेठ खुद ही डॉक्टर के पास जाते थे और उन्होंने खुद ही कहा कि उनके पास जीने के लिए 2 साल बचे हैं। मेरे पति ने कहा कि किसी बाहर देश में चलते हैं और वहां पर आपका इलाज कराते हैं। मगर मेरे जेठ ने एक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जिंदगी हुई तो उन्हें कुछ भी नहीं होगा।

एक दिन मेरे जेठ ने एक वकील को घर पर बुलाया और वसीयत लिखवा दी कि मेरे मरने के बाद चार फैक्ट्रियां किसी और के नाम पर कर दी जाएंगी। क्योंकि राहिल मेरा सगा भाई नहीं है। इसीलिए मैं चाहता हूं कि सारी जायदाद मैं गरीबों में बांट दूं। राहिल के नाम बस यही बंगला रहेगा। जेठ की ऐसी वसीयत से मैं और राहिल दोनों परेशान हो गए। उनके मरने के बाद हमारे हालात बहुत खराब होने वाले थे।

तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि मैं अपनी बहन गुनगुन की शादी अपने जेठ से करवा दूंगी। 2 साल की ही तो बात है। 2 साल के बाद जब मेरे जेठ मर जाएंगे तो बीवी की हैसियत से सारी जायदाद गुनगुन की हो जाएगी और हम सब ऐश करेंगे। राहुल और मैंने बहुत मुश्किल से जेठ जी को शादी के लिए मनाया और जब मैंने गुनगुन से यह बात की तो वह यह सुनकर हैरान रह गई। वह शादी के लिए तैयार नहीं थी।

वह सोहन के साथ सच्ची मोहब्बत करती थी और उसी से शादी करेगी। मैंने उसे मनाने की हर मुमकिन कोशिश की। फिर आखिर वह मेरी बात मान गई। फिर मैंने अपने माता-पिता से भी बात की और उन्हें भी मैंने बहुत मुश्किल से मना लिया था कि मेरे पति मेरे जेठ के सगे भाई नहीं थे। इसीलिए मेरी बहन की शादी मेरे जेठ से हो सकती थी।

गुनगुन विदा होकर उस घर में आ गई थी। और दिन बहुत रफ्तार के साथ गुजर रहे थे। दिन तो 2 साल से आगे जा रहे थे। दिन तो 2 साल से आगे जा रहे थे। मैं और गुनगुन तो परेशान थे कि क्या हो रहा है। हम दिन उंगलियों पर गिनगिन कर गुजार रहे थे। लेकिन जेठ जी तो हट्टे कट्टे थे। वह जब घर पर होते तो ज्यादातर वक्त अपनी पत्नी यानी कि गुनगुन के साथ गुजारते थे। और जब बाहर होते तो मेरे बेटे को उठाए रखते थे।

उन्हें अपने भतीजे के साथ बहुत ज्यादा मोहब्बत थी। पहले तो गुनगुन बुझी बुझी सी रहती थी। लेकिन अब ऐसा लगता था कि वह अपनी जिंदगी की तरफ वापस लौट रही है। लेकिन हमारे ज़हन में यही बात रहती थी कि आखिर क्या वजह है कि मेरे जेठ कहीं से भी बीमार नहीं लगते। तब मैंने गुनगुन से कहा कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स को ढूंढो और देखो कि उनमें क्या लिखा है। एक दिन गुनगुन के हाथ एक फाइल लग गई थी। लेकिन अचानक से मेरे जेठ ऊपर आ गए।

उन्होंने वह फाइल गुनगुन के हाथ से ले ली थी और लॉकर में रख दी थी और गुनगुन को उन्होंने प्यार से बुलाया था। गुनगुन को वह कभी डॉक्टर के चेकअप के लिए अपने साथ नहीं लेकर जाते थे। एक बात जो मुझे बहुत परेशान करती थी कि मेरे पति बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे। वो बहुत ज्यादा गुस्सा करने लगे थे। उनका अपने बड़े भाई के साथ भी किसी ना किसी बात पर झगड़ा रहने लगा था। उस दिन भी वह कमरे में किसी बात पर झगड़ रहे थे।

मेरे कमरे में अचानक जाने पर वह चुप हो गए। मुझे अंदाजा हो गया था कि यहां पर कोई सही बात नहीं हो रही थी। लेकिन मैं सोच में पड़ गई थी कि मेरे पति को अपने भाई से आखिर किस बात पर मसला है। वह तो अपने भाई से बहुत ज्यादा मोहब्बत करते थे। उनकी हर बात मानते थे। वह अपने भाई के साथ ऊंची आवाज में बात तक नहीं करते थे।

लेकिन उन्हें अब क्या हो गया था? वह ऐसा व्यवहार क्यों करते थे? मैंने इस बारे में कई बार उनसे पूछा। मगर उन्होंने मुझे कुछ भी सही जवाब नहीं दिया। आज जब मैंने उनसे कमरे में आने के बाद इस बारे में पूछा तो पहले तो वह चुप हो गए। फिर वह कहने लगे तुम जानती हो भाई की बीमारी के बारे में और तुम यह सोचती होगी कि उन्हें डॉक्टर ने यह कहा था कि वह 2 साल तक ही जिंदा रहेंगे।

लेकिन अभी उनकी बात पूरी नहीं हुई थी कि दरवाजे पर कोई आया था। जब मैंने दरवाजा खोला तो सामने गुनगुन खड़ी थी। उसका चेहरा पीला पड़ रहा था। वह कहने लगी, मेरे साथ अस्पताल चलो। मेरी तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। उसके खराब तबीयत देखकर मैं परेशान हो गई और उसी वक्त मैं उसे अस्पताल लेकर गई। मगर डॉक्टर की बात सुनकर हमारे पांव के नीचे से जमीन निकल गई। गुनगुन मां बनने वाली थी। यह खबर मेरे लिए किसी कयामत से कम नहीं थी।

मगर गुनगुन यह सुनकर बहुत खुश हो गई थी और मैं उसकी खुशी पर हैरान रह गई थी। घर आने के बाद जब मैंने यह बात अपने पति को बताई, उनके बदलते चेहरे की रंगत देखकर मैं डर गई थी। उनके चेहरे पर तनाव आ गया था। वह बहुत ज्यादा गुस्से में लग रहे थे। मैंने उन्हें देखकर कुछ भी कहना सुनना या पूछना जरूरी नहीं समझा और लाइट ऑफ कर दी और सोने के लिए लेट गई।

अगले दिन भी उनका व्यवहार ऐसा ही हो रहा था। वह बिना नाश्ता किए ही चले गए थे। जबकि मेरे जेठ बहुत ज्यादा चमक रहे थे। खुशी-खुशी से अपने ऑफिस के लिए चले गए। जबकि मैंने सारा दिन अपने पति की अधूरी बात को समझने में निकाल दिया। आखिर वह मुझे क्या कहने लगे थे? वह मुझे कुछ बताने वाले थे। मगर फिर ऊपर से गुनगुना गई। मैं भी तो उनसे कुछ पूछ ही नहीं सकती थी। वह बिना नाश्ता करे हुए ही चले गए थे।

मैं उनके बारे में सोचसच कर परेशान हो रही थी। मैंने दो-तीन बार कॉल की लेकिन उन्होंने मेरा फोन ही नहीं उठाया। मैं गुनगुन के होने वाले बच्चे के बारे में सोच रही थी। लेकिन इससे पहले मेरे जेठ को कुछ हो गया तो वह अकेली इस बच्चे को कैसे संभालेगी? उसका कैसे ख्याल रखेगी? और मैं अपने माता-पिता को क्या जवाब दूंगी? वो गुनगुन की शादी इतनी उम्रदराज आदमी से करना नहीं चाहते थे। मगर मैंने उन्हें बहुत मुश्किल से मनाया था।

अब मैं उनके सामने क्या झूठ बोलूंगी, मगर हैरत तो मुझे गुनगुन के व्यवहार से थी। वो जरा भी परेशान नहीं थी। वो बहुत मुतमईन और सुकून से लग रही थी। सच कहूं तो वह बहुत खुश लग रही थी। लेकिन क्यों यह बदलाव कैसे आया? मैं यह समझ नहीं पा रही थी। अभी कुछ दिन पहले तक तो वह बहुत परेशान थी। अब आज मैंने जब गुनगुन से अपने जेठ की रिपोर्ट के बारे में पूछा तो वह चुप हो गई। उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया और बात ही बदल दी।

मुझे अपनी बहन गुनगुन, अपने जेठ और अपने पति का व्यवहार बहुत परेशान कर रहा था। उनके बदलते व्यवहार से मैं बहुत परेशान थी और सोचस कर मैं पागल होने को थी। मगर कोई भी मेरी बात का जवाब देने को तैयार ही नहीं था। आखिर चल क्या रहा था यहां पर जो मुझे समझ में नहीं आ रहा था। कुछ तो ऐसा था जो मैं समझ नहीं पा रही थी जो मेरे सामने था। मगर मुझे नजर नहीं आ रहा था। मैं इस राज से पर्दा हटाने को बेताब थी।

अगले आने वाले दिन मुझे और हैरत में डाल गए थे। जब मेरे पति ने कहा कि हम लोग नए घर में शिफ्ट हो रहे हैं। इस घर में मेरा दिल नहीं लग रहा। मगर हैरत का झटका तो मुझे तब लगा जब मुझे पता चला कि गुनगुन और मेरे जेठ इसी घर में रहेंगे। सिर्फ हम लोग ही यहां से जा रहे हैं। हम लोग उनसे अलग हो रहे हैं। मगर क्यों? कोई मुझे इस बात का जवाब देने को तैयार ही नहीं था। हैरत तो मुझे गुनगुन को देखकर होती थी।

उसने तो अपनी आंखें जैसे माथे पर रख ली थी। मैं नहीं जानती थी कि मेरे पति और उनके भाई की आपस में क्या बात हुई है। कुछ दिन बाद हम वहां से चले गए थे। नया घर पहले घर के मुकाबले थोड़ा छोटा था। लेकिन यह बना हुआ बहुत शानदार था और यह भी मेरे ख्वाबों के महल के जैसा ही था। हमें यहां आए हुए काफी दिन हो गए थे। ना हम गुनगुन और अपने जेठ से मिलने गए और ना ही वह लोग यहां पर आए।

मैंने जब अपने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने मुझसे सख्ती से मना किया कि मैं इस बारे में उनसे ना पूछूं। मैं सारा दिन सोचती रहती और उलझती रहती। आज के दिन मेरे पति का मूड थोड़ा बेहतर था। इसीलिए मैंने सोचा कि आज इस बारे में मैं उनसे बात करती हूं। मैंने उनसे पूछा कि आप उस दिन क्या कह रहे थे? जब मुझे गुनगुन के साथ उस दिन अस्पताल जाना पड़ गया था। मेरी बात सुनकर वह चुप हो गए और कहने लगे आखिर कब तक मैं यह बात तुमसे छुपाऊंगा। आज तुम्हें बता ही देता हूं। पहली बात तो यह कि मैं उनका सगा भाई नहीं हूं।

और दूसरी बात यह कि मेरी भाभी की मृत्यु आज से 5 साल पहले हुई थी। मेरे भाई दूसरी शादी करना चाहते थे। मगर मुझे शर्म आती थी कि लोग क्या कहेंगे कि इनके बड़े भाई ने इस उम्र में शादी कर ली। इसीलिए मैंने उन्हें शादी करने नहीं दी और फिर मैंने तुमसे शादी कर ली और अपनी जिंदगी से मुतमईन हो गया। फिर उसके बाद जब मुझे पता चला कि मेरे भाई को हार्ट का मसला है और वह बस कुछ दिन ही जिंदा रह पाएंगे। तब मैं बहुत परेशान हुआ था।

मगर मुझे हैरत का झटका तब लगा कि वह अपनी जायदाद गरीबों के नाम करने वाले थे। तब हमने जायदाद के लालच में भाई की दूसरी शादी करवा दी। फिर एक दिन मैं भाई के डॉक्टर से मिला। तब मुझे उन्होंने बताया कि तुम्हारे भाई बिल्कुल ठीक हैं। बस थोड़ा सा दर्द हुआ था जिसकी दवाई मैंने उन्हें दे दी थी। और जब मैंने भाई से पूछा तो उन्होंने बताया कि यह सब कुछ झूठ था और उन्होंने इसलिए बोला था क्योंकि वह दूसरी शादी करना चाहते थे।

इसीलिए उन्होंने यह सब कुछ प्लान किया। मेरा मुंह हैरत से खुला रह गया और इसीलिए मैं तुमसे नाराज हूं और उन्हें छोड़कर मैं यहां आ गया हूं। यह सुनकर मैंने कहा, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने जो किया सो किया लेकिन आपने जो किया वह गलत है। दूसरी शादी वह कर सकते हैं। पाप करने से बेहतर है कि इंसान शादी कर ले।

उन्होंने जो किया वह पाप ना करने की वजह से किया। मैंने कहा अपना दिमाग उनकी तरफ से साफ कर लें। मेरी बहन गुनगुन अब मेरे जेठ के साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहती थी। अगले दिन हम लोग उनसे मिलने के लिए आए और वह हमें देखकर बहुत खुश हो गए। गुनगुन को खुश और सुकून दिल देखकर मुझे यह समझने में देर नहीं लगी थी कि वह हकीकत जानती है और उसने उस हकीकत को अपना भी लिया था। दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी।

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