दोस्तों आपको इस लेख में गीता प्रेस गोरखपुर के द्वारा प्रकाशित Ramcharitmanas PDF का लिंक दिया गया है जिसकी मदद से आप इसे अपने मोबाइल में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
श्री रामचरित मानस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रन्थ माना जाता है। आज के समय में शायद ही ऐसा कोई हिन्दू धर्म के मानने वाले हो जिन के घर में ये ग्रन्थ ना पाया जाता हो , इस ग्रन्थ को महाकवि तुलसीदास ने लिखा था जिसमे भगवान श्रीराम के सम्पूर्ण जीवन की झांकी का वर्णन किया गया है। आज के लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप रामचरितमानस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेंगे। इसके अलावा आपको Ramcharitmanas PDF का लिंक भी निचे मिल जायेगा।
Ramcharitmanas PDF Overview
PDF Name | Ramcharitmanas PDF |
No. of page | 983 |
PDF Size | 76 MB |
PDF Language | हिंदी |
PDF Category | धार्मिक (Religious ) |
PDF Credit | गीता प्रेस गोरखपुर |
Upload | Available |
रामचरितमानस। Ramcharitmanas PDF
रामचरितमानस 16वीं शताब्दी के प्रसिद्ध भारतीय कवि, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित एक महाकाव्य है। यह हिंदू धर्म की सबसे लोकप्रिय और श्रद्धेय ग्रंथों में से एक है। रामचरितमानस अवधी भाषा में रचित, भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम की कहानी और उनकी दिव्य यात्रा का वर्णन करता है।
रामचरितमानस महाकाव्य को कुल सात पुस्तकें (कांड) हैं और इसे चौपाई नामक कई छंदों में विभाजित किया गया है। रामचरितमानस प्राचीन हिंदू महाकाव्य, रामायण की कथा का अनुसरण करता है, लेकिन इसे आम लोगों के लिए अधिक सुलभ और संबंधित रूप में प्रस्तुत करता है। यह पुस्तक भगवान राम के जीवन, कारनामों और शिक्षाओं पर प्रकाश डालता है,तथा उनके गुणों, धार्मिकता और धर्म के प्रति समर्पण (नैतिक कर्तव्य) पर जोर देता है।
रामचरितमानस भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डालता है,तुलसीदास ने रामचरितमानस को १६३१ चैत्र शुल्क को 42 साल की उम्र में अयोध्या में लिखना शुरू किया था, जिसमें अयोध्या में उनका जन्म, सीता से उनका विवाह, 14 साल का वनवास , राक्षस राजा रावण द्वारा सीता का अपहरण, राम और रावण के बीच युद्ध और राम की विजयी वापसी शामिल है। रामचरितमानस का समापन तुलसीदास ने कशी में किया था तथा इसका नाम गोसाई जी ने रामचरितमानस रखा था। रामचरितमानस PDF लिंक के माध्यम से आप इस पुस्तक को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
रामचरितमानस को अखंड रामायण भी माना जाता है।
रामचरितमानस के सात कांड का नाम निम्न है ,
- बालकाण्ड
- अयोध्याकाण्ड
- अरण्यकाण्ड
- किष्किन्धाकाण्ड
- सुंदरकाण्ड
- लंकाकाण्ड
- उत्तरकाण्ड
तुलसीदास ने रामचरितमानस कैसे लिखी ?
भारत के महान कवि तुलसीदास, जिनका जन्म 16वीं शताब्दी में वर्तमान उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। तुलसीदास को रामचरितमानस की रचना के लिए जाना जाता है, ये महाकाव्य कविता तथा छंदो के माध्यम से भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम की कहानी और उनकी दिव्य यात्रा का वर्णन करती है।
तुलसीदास को भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा थी,उन्हें वह अपनी प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्त्रोत मानते थे । उनकी श्री राम के प्रति इसी श्रद्धा ने उन्हें रामचरितमानस महाकाव्य लिखने के लिए प्रेरित किया ,उनका मानना था कि भगवान राम के दिव्य कारनामों को पढ़ने और समझने के लिए एक आसान और लोगो के समझ में आने वाली काव्य की रचना की जानी चाहिए ताकि लोग भगवन राम के बारे में अधिक जानकारी अपने शब्दों में प्राप्त कर सके। इसीलिए तुलसीदास ने कहानी को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए,रामचरितमानस को पारंपरिक संस्कृत भाषा के स्थान पर हिंदी की एक बोली, अवधी भाषा में लिखा।
रामचरितमानस में कविता के माध्यम से, उन्होंने भगवान राम की शिक्षाओं और गुणों का प्रसार करने और लोगों को धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का लक्ष्य रखा। रामचरितमानस ने नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा के लिए एक माध्यम के रूप में काम किया, जिसमें धर्म (नैतिक कर्तव्य), भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत के महत्व पर जोर दिया गया।
तुलसीदास की लेखन शैली और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति ने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया, जिससे रामचरितमानस पूरे भारत में एक श्रद्धेय और व्यापक रूप से पढ़ा जाने वाला महाकाव्य बन गया।आज के समय में रामचरितमानस हर भाषा में उपलब्ध है। जिसे आप अपनी भाषा के अनुसार पढ़ सकते है। इसके अलावा इस पोस्ट के निचे आपको रामचरितमानस PDF का लिंक मिल जायेगा जहा से आप इसे निःशुल्क में डाउनलोड कर सकते हैं।
Ramcharitmanas PDF Download
Conclusion :
दोस्तों आज के लेख में आपको Ramcharitmanas PDF के साथ साथ रामचरतीतमानस के बारे में भी कई जानकारी प्राप्त हुए होगी। दोस्तों ये लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी शेयर कर दीजियेगा। धन्यवाद
FAQs Of Ramcharitmanas PDF
रामचरित मानस में कुल कितने दोहे हैं?
रामचरित मानस कुल सात कांड तथा 1073 दोहो में विभाजित है। तथा इसमें कुल 12800 पंक्तियाँ है।
रामचरित मानस में कितने अध्याय हैं?
रामचरित मानस में कुल सात कांड है जिसमे प्रत्येक कांड में श्री राम राम के प्रत्येक लीलाओ का बहुत ही सुन्दर तरीके से वर्णन किया गया है। ये सातो कांड निम्न हैं।
१- बालकाण्ड २- अयोध्याकाण्ड ३- अरण्यकाण्ड , ४ – किष्किन्धाकाण्ड , ५ – सुंदरकाण्ड , ६ – लंकाकाण्ड , ७ – उत्तरकाण्ड
रामचरित मानस किस भाषा में लिखा गया है ?
रामचरित मानस को तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखा था।
रामायण और रामचरित मानस में क्या अंतर है ?
रामायण ऋषि बाल्मीकि जी के द्वारा लिखा गया था जोकि भगवान राम के समकालीन थे तथा ये त्रेता युग में संस्कृत भाषा में लिखा गया था , जबकि रामचरित मानस तुलसीदास के द्वारा 16वीं शताब्दी में सम्राट अकबर के समय में लिखा गया था तथा ये कलियुग में अवधी भाषा में लिखा गया था।
गीता प्रेस गोरखपुर के द्वारा प्रकाशित Ramcharitmanas PDF कैसे मिलेगा ?
Ramcharitmanas PDF को निःशुल्क डाउनलोड करने के लिए आप pdfsewa.in वेबसाइट पर जाकर इसे डाउनलोड कर सकते हैं।
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