ससुर जी ने… | Mastram Story Hindi | Mastram Hindi Story | Best Hindi Story

Mastram Story Hindi  : शादी को हुए मुझे छ महीने बीत चुके थे अब मैं अपने घर में अपने पति अर्जुन और ससुर जी के साथ रहती थी मेरी सास सरला देवी का निधन मेरी शादी से पहले ही हो चुका था हालांकि ससुर जी की कुछ आदत मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आती थी एक रात अर्जुन घर पर नहीं थे और मैं अपने कमरे में अकेली लेटी थी

तभी गोपाल जी दबे पाव मेरे कमरे में आए और उनकी आहट मुझे बिल्कुल भी सुनाई नहीं दी मैं बिस्तर पर उल्टी लेटी हुई थी और अपने मोबाइल पर एक सीरियल देख रही थी अचानक मुझे हल्की सी आवाज सुनाई दी तो मैंने मुड़कर देखा कि गोपाल जी मेरे कमरे में खड़े थे उन्हें

देखते ही मैं चौक कर उठ खड़ी हुई मैंने देखा कि उनकी नजरें सीधे मेरे शरीर के उभार पर थी उनकी इस हरकत से मुझे गुस्सा आया लेकिन मैंने अपनी भावनाओं को काबू में रखा और पूछा पापा जी आपको कुछ चाहिए गोपाल जी ने मेरी ओर देखते हुए कहा कि उन्हें दूध चाहिए उनकी बात सुनकर मैं थोड़ी घबराई और बोली आपका दूध तो पहले ही आपके कमरे में रख दिया है तब उन्होंने कहा मुझे साधारण दूध नहीं बादाम वाला दूध चाहिए यह सुनकर मैं हैरान रह गई लेकिन फिर भी मैं उठी और बादाम वाला दूध गर्म करके उन्हें दे दिया इसके बाद मैंने कई बार महसूस किया

कि कि गोपाल जी मुझे अजीब तरीके से देख रहे थे उनकी निगाहें और उनके बर्ताव में कुछ बदलाव साफ दिखाई दे रहा था जो मुझे अंदर से डराने लगा एक दिन मैं बाथरूम में नहाकर बाहर आई और टॉवल लपेटे हुए अपने कमरे में चली गई मेरा कमरा बाथरूम से अटैच था इसलिए मैं अक्सर कमरे में आकर आराम से कपड़े बदल लेती थी मैं अभी कपड़े बदलने ही जा रही थी कि अचानक गोपाल जी बिना दरवाजा खट घटाए कमरे में आ गए शुरुआत में मैं चौक गई और घबराहट के मारे स्तब्ध रह गई मैंने जल्दी से टॉवल को और कसकर लपेट लिया और पीछे हट गई पापा जी आप बिना दरवाजा खटखटा

कैसे अंदर आ सकते हैं मैंने थरथरा आवाज में पूछा गोपाल जी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी उन्होंने मेरी तरफ देखते हुए कहा मैंने सोचा कि तुम अकेली हो कुछ मदद चाहिए होगी उनकी इस बात से मेरा मन और बेचैन हो गया मैं तेजी से अलमारी की ओर बढ़ी और कपड़े निकालने लगी लेकिन अंदर से डर महसूस कर रही थी जैसे ही मैं कपड़े उठाकर बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी गोपाल जी ने अचानक कहां तुम्हें मुझसे डरने की जरूरत नहीं है मैं तो तुम्हारा पापा हूं उनकी यह बात सुनकर मैं और भी असहज हो गई मैंने बाथरूम के दरवाजे की तरफ दौड़ लगाई और अंदर जाकर

दरवाजा बंद कर लिया अंदर से सांसे तेज चलने लगी और मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई कुछ देर तक मैं वहीं बाथरूम में खड़ी रही जब तक मुझे यकीन नहीं हो गया कि गोपाल जी कमरे से चले गए हैं जब मैं बाथरूम से बाहर आई तो गोपाल जी जा चुके थे लेकिन उनकी हरकतों ने मेरे मन में एक दर और बेचैनी पैदा कर दी थी

अब मुझे उनके इरादों पर शक होने लगा था उस दिन के बाद से मैंने खुद को अपने कमरे में बंद रखना शुरू कर दिया जब भी अर्जुन घर पर नहीं होते मैं बहुत सतर्क हो जाती थी गोपाल जी की मौजूदगी में मैं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती थी हर बार उनका

बर्ताव और ज्यादा अजीब हो जाता और मैं खुद को असहाय महसूस करने लगी थी फिर एक दिन मैंने फैसला किया कि अब और नहीं मुझे अर्जुन से इस बारे में बात करनी होगी जब अर्जुन रात को घर आए तो मैंने उन्हें सब कुछ साफ-साफ बता दिया मैंने उनसे कहा अर्जुन मुझे पापा जी की कुछ हरकत बहुत अजीब लग रही हैं वे मुझे लगातार गलत निगाहों से देखते हैं और कई बार बिना वजह मेरे कमरे में आ जाते हैं अर्जुन पहले तो चौक गए लेकिन फिर उन्होंने गंभीरता से मेरी बात सुनी तुम्हें इस बारे में पहले क्यों नहीं बताया उन्होंने पूछा मैं डर गई थी कि कि तुम क्या सोचोगे मैंने जवाब दिया

अर्जुन ने कुछ देर सोचा और फिर बोले तुम्हारे साथ ऐसा होना बिल्कुल गलत है मैं इस बारे में उनसे बात करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि तुम्हें कभी असज महसूस ना हो अर्जुन की बातों से मुझे थोड़ी राहत मिली लेकिन अंदर से मैं अभी भी डरी हुई थी मुझे यकीन नहीं था कि यह सब इतनी आसानी से सुलझ जाएगा अर्जुन ने मेरी बात को गंभीरता से याया और अगले दिन उन्होंने गोपाल जी से अकेले में बातचीत करने का फैसला किया जब अर्जुन ने उनसे बात की तो गोपाल जी ने पहले तो हैरान होने का नाटक किया जैसे कि उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा हो लेकिन अर्जुन ने साफ शब्दों

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में कहा पापा मैंने सब कुछ सुना है आपकी हरकतों से समृद्धि बहुत असहज महसूस कर रही है यह ठीक नहीं है आपको अपनी सीमा में रहना होगा गोपाल जी थोड़ी देर चुप रहे फिर अचानक उन्होंने गुस्से में कहा क्या तुम अपनी बीवी की बातों पर मुझ पर शक कर रहे हो मैं तुम्हारा बाप हूं मैंने तुम्हें पाला है और अब तुम मुझे इस तरह की बातें सुना रहे हो उनका चेहरा लाल हो गया और उन्होंने गुस्से से अर्जुन को घूरते हुए देखा अर्जुन ने शांत रहते हुए कहा पापा बात मेरी बीवी की नहीं बल्कि सही और गलत की है मैं चाहता हूं कि हमारा परिवार

सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल में रहे अगर आपने अपनी हरकतें नहीं बदली तो हमें कुछ कठोर कदम उठाने पड़ेंगे गोपाल जी ने अर्जुन की बातों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन उनकी आंखों में गुस्सा साफ झलक रहा था वे चुपचाप कमरे से बाहर चले गए अर्जुन ने उस रात मुझे सारी बात बताई और कहा कि अगर गोपाल जी का व्यवहार नहीं बदला तो हम घर छोड़कर अलग रहने का फैसला करेंगे कुछ दिन त घर में अजीब सा सन्नाटा छाया रहा गोपाल जी अब मुझसे नजरें मिलाने से कतराते थे लेकिन मुझे यह बात समझ आ रही थी कि उनकी मन स्थिति में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया था

मैंने खुद को और ज्यादा सतर्क कर लिया था और अर्जुन भी अब मुझे अकेला छोड़ने में असज महसूस करने लगे थे फिर एक रात जब अर्जुन को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा तो मैं भीतर से बेहद घबराई हुई थी मैंने दर को अच्छी तरह से बंद कर लिया और अपने कमरे में बैठी थी तभी अचानक दरवाजे पर हल्की सी दस्तक हुई मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई मैंने आवाज देकर पूछा कौन है बाहर से गोपाल जी की आवाज आई समृद्धि मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है दरवाजा खोलो मेरे हाथ पसीने से भीग गए मैंने जवाब दिया पापा जी अर्जुन घर पर नहीं है

आप कल बात कर सकते हैं लेकिन गोपाल जी ने दरवाजे को जोर से खटखटाया और बोले दरवाजा खोलो मैं अभी बात करना चाहता हूं इस बार मैं डर गई लेकिन मैंने तुरंत अपने फोन से अर्जुन को कॉल किया मेरी घबराई हुई आवाज सुनकर अर्जुन समझ गए कि कुछ गड़बड़ है उन्होंने मुझे कहा तुम दरवाजा मत खोलना मैं पुलिस को कॉल कर रहा हूं मैंने अर्जुन की बात मानी और दरवाजा नहीं खोला कुछ मिनटों बाद दरवाजे पर दस्तक बंद हो गई और मैंने दरवाजे के नीचे से देखा कि गोपाल जी वहां से चले गए थे थोड़ी देर बाद पुलिस घर पहुंच गई और अर्जुन भी जल्द ही वापस आ गए उस रात के बाद अर्जुन

ने फैसला किया कि हम अब और वहां नहीं रह सकते हमने अलग घर में शिफ्ट होने का निर्णय लिया और गोपाल जी से दूरी बना ली अर्जुन ने उनसे साफ कहा कि वे अब हम जीवन से दूर रहे और अगर उन्होंने कोई गलत हरकत की तो हम कानूनी कारवाई करेंगे उसके बाद से हमारी जिंदगी थोड़ी शांत हो गई गोपाल जी की छाया से बाहर आने के बाद मुझे धीरे-धीरे मानसिक शांति मिलनी शुरू हुई अर्जुन ने हमेशा मेरा साथ दिया और मुझे यह एहसास दिलाया कि मैं अकेली नहीं हूं हमारी नई जिंदगी में मैंने अपनी सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देना सीखा और अर्जुन के साथ एक नई शुरुआत की नए

घर में शिफ्ट होने के बाद धीरे-धीरे हमारी जिंदगी सामान्य होने लगी अब मैं पहले से ज्यादा सुरक्षित और संतुलित महसूस कर रही थी अर्जुन ने मेरा हर कदम पर साथ दिया और उनके समर्थन ने मुझे मानसिक तौर पर काफी मजबूत बना दिया हालांकि गोपाल जी के साथ हुई घटनाएं मेरे मन पर गहरी छाप छोड़ चुकी थी और कई बार उन बातों को याद करके डर का एहसास हो जाता था एक दिन अर्जुन ने मुझसे कहा समृद्धि मुझे पता है कि तुमने बहुत कुछ सहा है लेकिन अब हमें आगे बढ़ने की जरूरत है अगर तुम चाहो तो हम काउंसलिंग ले सकते हैं ताकि तुम्हें मानसिक शांति मिले अर्जुन की यह बात सुनकर

मैं सोच में पड़ गई मुझे एहसास हुआ कि उन घटनाओं ने मुझ पर गहरा असर डाला था और अब समय आ गया था कि मैं उस दर्द से उभरने की कोशिश करूं मैंने काउंसलिंग का फैसला किया और कुछ हफ्तों बाद ही मैंने देखा कि मेरी मानसिक स्थिति में सुधार हो रहा था मैं धीरे-धीरे अपने डर और असुरक्षा हों से बाहर आ रही थी अर्जुन और मेरे बीच का रिश्ता पहले से भी मजबूत हो गया हमारी बातचीत में पारदर्शिता आ गई थी और हमने एक दूसरे के साथ अपने विचारों और भावनाओं को साझा करना सीख लिया था यह प्रक्रिया हमें एक दूसरे के और करीब ले आई एक दिन जब मैं

घर के कामों में व्यस्थ अर्जुन ने अचानक मुझसे कहा समृद्धि तुम्हें पता है मैं तुम पर बहुत गर्व करता हूं तुमने जो कुछ भी झेला है उसके बाद भी तुम इतनी मजबूत बनी रही हो मैं जानता हूं कि यह सब आसान नहीं था लेकिन तुमने जिस तरह से स्थिति का सामना किया है वह सच में प्रशंसा के काबिल है उनकी बात सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए लेकिन इस बार यह आंसू दुख के नहीं बल्कि सुकून और संतोष के थे मुझे अब यकीन हो चला था कि मैं सही रास्ते पर हूं जीवन ने चाहे जितनी भी मुश्किलें दी हो मैं अर्जुन के साथ उन सभी का सामना कर

सकती थी समय के साथ हमने अपने भविष्य की ओर ध्यान देना शुरू किया हमने नए सिरे से अपने जीवन को संवारने का प्रयास किया एक दिन अर्जुन ने कहा समृद्धि मुझे लगता है कि अब हमें परिवार को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए मैंने उसकी बात पर मुस्कुराते हुए सिर हिलाया अब मुझे भी एहसास हो गया था कि जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का समय आ चुका था कुछ महीनों बाद मैं गर्भवती हो गई हमारे जीवन में एक नई उम्मीद और खुशियां आई हम दोनों ने मिलकर इस नए सफर की तैयारी शुरू की अर्जुन का साथ मुझे हर कदम पर मिला और उसने सुनिश्चित किया कि मैं हर स्थिति में

खुश और सुरक्षित महसूस करूं जब हमारा बच्चा इस दुनिया में आया तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी सारी तकलीफें और डर अब पूरी तरह से खत्म हो गए हो हमारे जीवन में खुशियों का एक नया दौर शुरू हुआ था और हमने पिछली घटनाओं को एक नए अध्याय के साथ पीछे छोड़ दिया अर्जुन और मैंने अपने बेटे का नाम विवान रखा जिसका मतलब होता है नई शुरुआत और सच में हमारे लिए यह एक नई शुरुआत थी हमने एक साथ उन मुश्किलों को पार किया था और अब एक नई खुशहाल और सुरक्षित जिंदगी की तरफ बढ़ रहे थे जीवन ने हमें कई चुनौतियां दी लेकिन उन चुनौतियों का सामना करते हुए हमने यह सीखा

कि जब साथ हो तो हर मुश्किल को पार किया जा सकता है विवान के जन् के बाद हमारी जिंदगी में एक नया सवेरा आया उसकी मुस्कान ने हमारी दुनिया को रोशन कर दिया उसके साथ बिताए हर पल में हम अपनी पुरानी तकलीफों और डर को धीरे-धीरे भूलने लगे थे अर्जुन और मैं दोनों अब अपनी जिम्मेदारियों में डूब गए थे लेकिन इन जिम्मेदारियों में एक अजीब सी खुशी और संतोष था विवान की देखभाल में अर्जुन ने मेरा भरपूर साथ दिया हम दोनों अपने बच्चे की परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते थे विवान के साथ हर दिन कुछ नया सीखने को मिलता था उसकी मासूमियत

और खिलखिलाती हंसी ने मेरे दिल को सुकून दिया मानो उसने हमारे जीवन से सारे अंधेरे हटा दिए हो उसकी छोटी-छोटी हरकत पहली बार चलना पहली बार बोलना यह सब हमारी जिंदगी के सबसे कीमती पल बन गए थे एक दिन जब विवान लगभग एक साल का था तो मैंने अर्जुन से कहा अर्जुन मुझे लगता है अब हमें फिर से अपने जीवन में सामान्यता लानी चाहिए मैं बहुत दिनों से घर पर ही हूं और मुझे लगता है कि मुझे फिर से काम शुरू करना चाहिए अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा यह तो बहुत अच्छी बात है तुमने बहुत समय से खुद के लिए कुछ नहीं किया है अगर तुम काम पर वापस जाना

चाहती हो तो मैं तुम्हारे साथ हूं हम मिलकर इसका इंतजाम कर लेंगे अर्जुन की यह बात सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई मैंने फैसला किया कि अब वक्त आ गया है कि मैं अपने करियर की तरफ भी ध्यान दूं और खुद के लिए भी कुछ करूं मैंने फिर से अपनी पुरानी नौकरी पर लौटने का मन बनाया अर्जुन और मैंने मिलकर इस बात की योजना बनाई कि कैसे हम दोनों काम और घर की जिम्मेदारियों को साथ-साथ संभालेंगे कुछ ही हफ्तों में मैंने अपनी नौकरी फिर से शुरू कर दी हालांकि काम पर लौटना मेरे लिए आसान नहीं था क्योंकि इतने समय के बाद फिर से उसी माहौल में खुद को

ढालना थोड़ा चुनौतीपूर्ण था लेकिन अर्जुन और मेरे सहकर्मियों के सहयोग से मैं धीरे-धीरे फिर से अपनी लय में आ गई काम पर लौटने से मुझे आत्मविश्वास और संतुलन मिला जो मैंने पिछले कुछ समय में खो दिया था विवान की देखभाल में अर्जुन ने मेरी भरपूर मदद की हम दोनों ने तय किया कि हम अपने समय को इस तरह से मैनेज करेंगे कि एक दूसरे के काम और परिवार दोनों का ध्यान रख सके इस प्रक्रिया ने हमारे रिश्ते को और मजबूत बना दिया एक दिन जब मैं काम से घर लौटी तो मैंने देखा कि अर्जुन और विवान दोनों सोफे पर बैठे खेल रहे थे विवान जोर-जोर से हंस

रहा था और अर्जुन उसे हंसाने के लिए तरह तरह के मजेदार चेहरे बना रहे थे यह नजारा देखकर मेरे दिल में एक अजीब सी शांति और खुशी महसूस हुई विवान के आने के बाद जीवन में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन हमने हर मुश्किल को एक नई सीख की तरह लिया अर्जुन और मेरे बीच का प्यार और समझदारी अब और भी गहरी हो चुकी थी हमारी जिंदगी में कई मुश्किलें आई लेकिन हमने एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ा हमने सीखा कि परिवार प्यार और विश्वास से हर चुनौती को पार किया जा सकता है अब हम अपनी जिंदगी को एक नई दिशा में ले जा रहे थे और यह सफर पहले से कहीं

ज्यादा सुखद और संतोष जनक था समृद्धि और अर्जुन के रिश्ते की यह यात्रा केवल एक संघर्ष से नहीं बल्कि उस संघर्ष को पार करके एक नई शुरुआत की कहानी थी एक कहानी जिसमें प्रेम समझदारी और विश्वास ने हर अंधेरे को पीछे छोड़ दिया और उनके जीवन को एक नई रोशनी दी विवान के साथ जीवन आगे बढ़ता गया और हर दिन नई खुशियां लेकर आता था उसके छोटे-छोटे कदम उसकी मासूम बातें और उसकी खिलखिला हट ने हमारे घर को जीवंत कर दिया था अर्जुन और मैं ने विवान की परवरिश में अपना पूरा दिल लगा दिया था हम दोनों ने मिलकर यह तय किया था कि चाहे

कितनी भी व्यस्तता हो हम एक दूसरे और अपने परिवार के लिए हमेशा समय निकालेंगे जैसे-जैसे विवान बड़ा हो रहा था मैं और अर्जुन अपने जीवन में स्थिरता महसूस करने लगे थे हमने अपने सपनों और आकांक्षाओं को फिर से गहराई से सोचना शुरू किया एक दिन अर्जुन ने मुझसे कहा समृद्धि मुझे लगता है अब समय आ गया है कि हम अपने घर का विस्तार करें एक बड़ा घर जहां विवान खुलकर खेल सके और हम भी अपने सपनों को पूरा कर सके मैंने उसकी बात पर सहमति जताई और हम दोनों ने नए घर की तलाश शुरू की यह सफर आसान नहीं था लेकिन यह एक नया और रोमांचक कदम था हमने

कई घर देखे पर कोई भी हमें पूरी तरह से पसंद नहीं आया आखिरकार एक दिन हमें एक ऐसा घर मिला जो हमें पहली नजर में ही भा गया वह घर खुला हवादार और एक सुंदर बगीचे के साथ था वही घर जिसका हम हमेशा सपना देखते थे उस नए घर में शिफ्ट होने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि हमारी जिंदगी एक और खूबसूरत अध्याय में प्रवेश कर रही है

हमने घर को अपनी पसंद के अनुसार सजाया और उसका हर कोना हमें अपनेपन का एहसास दिलाने लगा विवान का कमरा विशेष रूप से हमने उसकी पसंद के अनुसार सजाया जहां वह अपने खिलौनों और किताबों के साथ खेलने में घंटों बिताता था नए घर में आने के कुछ

महीनों बाद हमारी जिंदगी और भी खूबसूरत हो गई जब मुझे पता चला कि मैं फिर से गर्भवती हूं यह खबर अर्जुन और मेरे लिए खुशी का एक और बड़ा कारण थी हमने सोचा कि विवान को अब एक भाई या बहन का साथ मिलेगा और हमारे परिवार की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी अर्जुन ने कहा यह सचमुच एक आशीर्वाद है समृद्धि हमारा परिवार अब और बड़ा और खुशहाल होगा गर्भावस्था के दौरान अर्जुन ने मेरा पूरा ध्यान रखा वह हर कदम पर मेरे साथ था मेरे स्वास्थ्य का ध्यान रखने से लेकर घर के छोटे बड़े कामों में मदद करने तक विवान भी इस बदलाव को समझने लगा था और

वह अपने आने वाले भाई या बहन के लिए उत्सुक था कभी-कभी वह मेरी गोद में आकर कहता मम्मा बेबी कब आएगा उसकी मासूमियत और उत्सुकता देखकर मेरा दिल भर आता था समय बीतता गया और फिर वह दिन आ गया जब हमारे घर एक नन्ही सी परी ने जन्म लिया हमने उसका नाम आन्या रखा जिसका मतलब होता है आनंद आन्या के आने से हमारा परिवार पूरा हो गया विवान ने अपनी छोटी बहन को बहुत प्यार दिया और वह दोनों जल्दी ही एक दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त बन गए अर्जुन और मैं अब अपने दो प्यारे बच्चों के साथ एक संतुलित और खुशहाल जीवन जी रहे थे हमें पता था कि जीवन में अभी भी चुनौतियां

आएंगी लेकिन हमने यह भी सीखा था कि प्यार साथ और धैर्य से हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है समृद्धि और अर्जुन की यह यात्रा संघर्षों से शुरू होकर एक खुशहाल परिवार तक पहुंचने की कहानी थी उन्होंने मिलकर अपने जीवन के हर उतार चढ़ाव का सामना किया और यह समझा कि असली खुशिया छोटे छोटे पलों में छिपी होती है अब उनके पास वह सब कुछ था जिसकी उन्हें कभी चाहत थी एक सुरक्षित सुखी और प्यार भरा घर जहां हर दिन एक नई शुरुआत की तरह था अब उनकी जिंद में हर दिन नई उम्मीदों और खुशियों के साथ शुरू होता था

 

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