पति के दोस्त ने अंधेरे में किया | Motivational Story | Mastram Kahaniyan | Best Hindi Story

Mastram Kahaniyan : गांव से शहर में आकर मेरे पति के लिए अकेले घर का किराया देना बहुत कठिन हो गया था इसलिए उन्होंने अपने एक दोस्त रमन को हमारे साथ रूममेट के तौर पर रहने के लिए बुला लिया रमन हमेशा मेरे साथ भाभी भाभी कहकर बातें करता और मेरे आसपास घूमता रहता था मैंने भी उसे छोटे भाई जैसा मान लिया था लेकिन एक दिन उसने कुछ ऐसा किया जो मैं कभी भूल नहीं सकती एक एक रात बहुत तेज बारिश हो रही थी और उसी समय बिजली भी चली गई थी

घर में गहरा अंधेरा छा गया था अचानक रमन मेरे कमरे में आ गया और उसका हाथ मेरे हाथ से टकरा गया अंधेरे में मैंने गलती से उसे अपने पति अर्जुन समझ लिया ठंड और बारिश के उस माहौल में रमन ने रात भर मेरा साथ दिया हेलो दोस्तों मेरा नाम सोनिया है और मैं एक शादीशुदा हूं मैं और अर्जुन जब शहर आए थे तब मूसलधार बारिश हो रही थी हम जैसे ही अपने कमरे में पहुंचे मैंने अपने भीगे कपड़े बदलने का सोचा बैग रखते ही मैंने अपनी साड़ी की पिन खोली और किचन में कपड़े बदलने चली गई

जैसे ही मैंने किचन का दरवाजा खोला सामने एक अजनबी लड़के को खड़ा पाया उसे देखकर मैं बहुत घबरा गई क्योंकि मैं बिना कपड़ों के थी डर के मारे मैंने जोर से चीख मारी और भागकर बाहर आ गई उस लड़के ने मुझे इस नाजुक हालत में देख लिया था हॉल में पहुंचते ही मैं अर्जुन के पीछे छिप गई तभी मुझे पता चला कि अर्जुन यहां अकेले नहीं रहता बल्कि उसका एक रूममेट भी है उस रूम मेंट रमन को देखकर मुझे बहुत गुस्सा आया जैसे ही वह लड़का बाहर गया

मैंने अर्जुन से तुरंत शिकायत शुरू कर दी तब अर्जुन ने मुझे समझाया और शांत करने की कोशिश की और कहां सोनिया रमन हमारा दोस्त है उसने जानबूझकर कुछ नहीं किया वह बस यहां रह रहा है ताकि हमें किराए में मदद मिल सके लेकिन मैं अभी भी गुस्से में थी मैंने अर्जुन से कहा तुम्हें मुझे पहले बताना चाहिए था कि यहां कोई और भी रहता है और यह क्या तरीका है वो बिना इजाजत कमरे में आ गया

अर्जुन ने समझाने की कोशिश की शायद वो भी अचानक हुई बिजली कटौती और बारिश से परेशान था उसने गलती से दरवाजा खोला होगा मैं उससे बात करूंगा ऐसा दोबारा नहीं होगा मैंने कुछ देर तक चुप रहकर सोचा लेकिन अंदर ही अंदर मैं परेशान थी रमन का इस तरह से मेरे कमरे में आना और फिर उस अंधेरे में हाथ टकराना मुझे बार-बार उस पल की याद दिला रहा था अर्जुन ने फिर कहा देखो सोनिया मैं समझता हूं कि यह गलत हुआ

लेकिन हम उसे छोटे भाई जैसा मानते हैं तुम भी उसे हमेशा देवर की तरह ही देखती आई हो मुझे मुझे यकीन है कि वह तुम्हारी इज्जत करता है और यह सिर्फ एक हादसा था मैं उससे इस बारे में बात करूंगा अर्जुन की बातों ने मुझे थोड़ा शांत किया लेकिन अंदर ही अंदर में असज महसूस कर रही थी अगली सुबह मैंने देखा कि रमन भी बहुत शर्मिंदा था उसने मुझसे दूर दूर रहना शुरू कर दिया लेकिन मैं उसके पास जाकर खुद उससे बात करना चाहती थी

उस दिन जब अर्जुन काम पर चला गया मैंने रमन से अकेले में बात की मैंने उससे कहा रमन कल रात जो हुआ वह गलत था लेकिन मैं जानती हूं कि तुमने जान बूझकर ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि दोबारा ऐसी कोई स्थिति ना बने हम एक परिवार की तरह हैं और मुझे उम्मीद है कि तुम मेरे इस रिश्ते की इज्जत करोगे रमन ने सिर झुकाकर कहा भाभी मुझे बहुत अफसोस है मैंने सच में कोई गलत इरादा नहीं रखा था

अंधेरे में मैंने गलती से दरवाजा खोला और मुझे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है मैं वादा करता हूं कि ऐसा कुछ दोबारा नहीं होगा उसकी बातें सुनकर मुझे लगा कि वह वाकई शर्मिंदा था और अपनी गलती मान रहा था मैंने भी उसे माफ कर दिया लेकिन साथ ही मैंने खुद से ठान लिया कि अब से सावधानी से हर कदम उठाऊंगी उस घटना के बाद घर का माहौल धीरे-धीरे सामान्य होने लगा लेकिन मैं अब अब भी सतर्क थी रमन ने भी हमारी प्राइवेसी का सम्मान करना शुरू कर दिया और अपनी हदें पहचान ली

अर्जुन और मैंने एक दूसरे के साथ ज्यादा खुलकर बात करने की कोशिश की ताकि कोई भी गलतफहमी दोबारा ना हो अंत में हम सभी ने यह समझा कि रिश्ते कितने नाजुक होते हैं और उनकी देखभाल करना कितना जरूरी है उस घटना के कुछ दिनों बाद घर का माहौल फिर से सामान्य हो गया रमन अब अपने कामों में व्यस्त रहने लगा और हमारे साथ ज्यादा समय नहीं बिताता था अर्जुन और मैं भी पहले की तरह अपने जीवन में लौटने की कोशिश कर रहे थे

लेकिन मेरे मन में कहीं ना कहीं उस रात की यादें अब भी ताजा थी हालांकि मैंने इन बातों को अपने रिश्ते पर हावी नहीं होने दिया लेकिन सतर्कता बरतना मेरी आदत बन गई थी एक दिन जब अर्जुन ऑफिस में था रमन अचानक मेरे पास आया और कहा भाभी मैं कुछ कहना चाहता हूं उसकी आवाज में गंभीरता थी और उसके चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी मैंने सोचा कि शायद वह अब भी उस घटना के लिए माफी मांगना चाहता है लेकिन उसकी बातें सुनकर मैं हैरान रह गई

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रमन ने कहा भाभी मुझे अब यहां और नहीं रहना चाहिए मैं जानता हूं कि मेरे यहां होने से आप असज महसूस करती हैं और यह बात मेरे मन में बहुत दिनों से चल रही है मुझे ऐसा लग रहा है कि अगर मैं यहां और रहा तो कहीं हमारे रिश्तों में और दरार ना आ जाए मैंने उसकी बात सुनी और महसूस किया कि वह सही कह रहा था हालांकि उस रात की घटना एक हादसा थी फिर भी कहीं ना कहीं हमारे बीच की सहजता खो चुकी थी मैंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की

क्योंकि मैं भी जानती थी कि इससे हमारे लिए सब कुछ आसान हो जाएगा मैंने कहा रमन मैं समझती हूं कि तुम क्या कह रहे हो अगर तुम्हें लगता है कि यह सही है तो मैं तुम्हारे फैसले का सम्मान करती हूं कुछ ही दिनों में रमन ने नया घर ढूंढ लिया और हमारे घर से जाने की तैयारी करने लगा जाते वक्त उसने अर्जुन और मुझसे माफी मांगी और कहा भाई साहब भाभी आपने मुझे बहुत सहयोग दिया और मैं इसके लिए हमेशा आभारी रहूंगा लेकिन अब मुझे अपनी राह खुद बनानी चाहिए

अर्जुन ने उसे गले लगाया और कहा रमन तुम्हें जो भी सही लगे वही करो हम हमेशा तुम्हारे साथ है रमन के जाने के बाद घर में एक अलग सा सुकून छा गया था अर्जुन और मैंने फिर से एक नई शुरुआत की हम दोनों ने महसूस किया कि किसी तीसरे व्यक्ति के घर में रहने से रिश्तों में अनजाने में तनाव पैदा हो सकता है चाहे इरादे नेक ही क्यों ना हो रमन के जाने के बाद अर्जुन और मेरे बीच की नजदीकियां और बढ़ गई हमने एक दूसरे को पहले से ज्यादा समझना और समय देना शुरू किया

धीरे-धीरे वह पुरानी घटना भी धुंधली पड़ गई और हमारी जिंदगी सामान्य पटरी पर लौट आई इस पूरे अनुभव ने मुझे सिखाया कि रिश्ते संवेदनशील होते हैं और उन्हें संभालने के लिए पारदर्शिता समझ और संचार बहुत जरूरी है गलतफहमियां से बचने के लिए हमें अपनी सीमाओं का सम्मान करना चाहिए और एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए

रमन के जाने के बाद जिंदगी में जैसे एक नया अध्याय शुरू हो गया अर्जुन और मैं अब पहले से ज्यादा समय एक दूसरे के साथ बिताने लगे थे हम दोनों ने महसूस किया कि घर में किसी तीसरे व्यक्ति के होने से जो तनाव था वह अब पूरी तरह से खत्म हो चुका था हालांकि रमन एक अच्छा इंसान था फिर भी उसके जाने से हमें राहत महसूस हुई समय बीतता गया और हमारे बीच का रिश्ता और भी मजबूत होता चला गया लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ

जिसने हमारे जीवन को एक बार फिर बदल दिया एक शाम जब अर्जुन और मैं साथ बैठकर चाय पी रहे थे अर्जुन ने अचानक कहा सोनिया क्या तुमने कभी सोचा है कि हम रमन को फिर से बुला सकते हैं उसने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और शायद अब वह अपना घर ढूंढ चुका होगा मैंने थोड़ी देर चुप रहकर सोचा फिर कहा अर्जुन मुझे रमन से कोई शिकायत नहीं है वह एक अच्छा इंसान था लेकिन उसके साथ हुई घटना ने मुझे मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि हमें अपनी निजी जिंदगी में कितनी जगह देनी चाहिए

मैं उसे भाई मानती थी लेकिन अब शायद मैं उस सहजता से जी नहीं पाऊंगी अर्जुन मेरी बातों को समझ गया और उसने फिर उस विषय पर बात नहीं की लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद हमें रमन से एक फोन आया उसने अर्जुन से कहा कि वह शहर से बाहर जा रहा है एक नई नौकरी के सिलसिले में और हमें अलविदा कहना चाहता है हमने उसे घर पर बुलाया और जब वह आया तो माहौल पहले से बिल्कुल अलग था वह अब और ज्यादा आत्मविश्वास और परिपक्व दिख रहा था

उसने हमें बताया कि उसे एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई है और वह शहर छोड़ने वाला है उसने कहा भाई साहब भाभी मैं यहां से जा रहा हूं लेकिन मैं आपकी मदद और समर्थन को कभी नहीं भूलूंगा अगर कभी किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे जरूर बताइएगा हमने ने उसे शुभकामनाएं दी और उसे अलविदा कहा रमन के जाने के बाद मुझे लगा कि जिंदगी में कुछ रिश्ते समय के साथ बदल जाते हैं लेकिन उनका महत्व और हमारी उनसे जुड़ी भावनाएं हमेशा बनी रहती हैं

अब हम दोनों ने अपने रिश्ते को और मजबूत करने की थानी हमने एक दूसरे से ज्यादा बातें करनी शुरू की और छोटी-छोटी बातों को भी खुलकर साझा करने लगे अर्जुन ने महसूस किया कि मुझे उस रात के बाद से कई सवाल और चिंताएं थी जिनका मैंने कभी जिक्र नहीं किया था उसने मुझसे पूछा क्या तुम अब भी उस घटना के बारे में सोचती हो मैंने ईमानदारी से जवाब दिया कभी-कभी वह रात मुझे याद आ जाती है लेकिन अब मैं उसे पीछे छोड़ चुकी हूं

हमारे रिश्ते में भरोसा सबसे महत्त्वपूर्ण है और मुझे खुशी है कि हम दोनों ने इसे बनाए रखा है अर्जुन ने मेरे हाथ को थामकर कहा हमने जो कुछ भी झेला वह हमारे रिश्ते को और मजबूत ही करेगा मुझे खुशी है कि तुम मेरे साथ हो हमारी जिंदगी फिर से अपने सामान्य ढर्रे पर चलने लगी लेकिन इस बार हमारे बीच और भी ज्यादा विश्वास और प्यार था हम दोनों ने यह सीखा कि किसी भी रिश्ते में मुश्किलें आ सकती हैं लेकिन अगर हम एक दूसरे के साथ खड़े रहे तो कोई भी चुनौती हमें अलग नहीं कर सकती समय के साथ अर्जुन और मैं ने अपने जीवन में खुशियों को प्राथमिकता दी

हमने नई यादें बनाई पुराने जखम भर गए और हमारा रिश्ता पहले से ज्यादा मजबूत हो गया और इस तरह एक कठिन दौर से गुजरने के बाद हमने अपनी जिंदगी में एक नई शुरुआत की जहां प्यार विश्वास और आपसी समझ ने हमें और करीब ला दिया समय बीतता गया और हमारी जिंदगी में फिर से खुशहाली लौट आई अर्जुन और मैं अपने जीवन में व्यस्त थे लेकिन अब हमारे बीच का रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद था

हमने महसूस किया कि कठिन दौर ने हमें एक दूसरे की भावनाओं को और गहराई से समझने का मौका दिया कुछ महीनों बाद मेरे जीवन में एक और बड़ी खबर आई मैंने महसूस किया कि मुझे गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण हो रहे थे डॉक्टर से पुष्टि करवाने के बाद जब मुझे पता चला कि मैं मां बनने वाली हूं तो मेरे दिल में अजीब सी खुशी और उत्साह उमड़ने लगे मैंने यह बात सबसे पह अर्जुन को बताने का फैसला किया शाम को जब अर्जुन घर आया तो मैं उससे कहने के लिए सही शब्द ढूंढ रही थी

जैसे ही हम खाने की मेज पर बैठे मैंने मुस्कुराते हुए कहा अर्जुन मेरे पास तुम्हारे लिए एक बड़ी खबर है अर्जुन ने मेरी ओर ध्यान से देखा और बोला क्या हुआ तुम इतनी खुश क्यों दिख रही हो मैंने उसकी आंखों में देखा और कहा हमारी जिंदगी में एक नया मेहमान आने वाला है मैं मां बनने वाली हूं अर्जुन कुछ पलों के लिए चुप रह गया फिर उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान फैल गई उसने तुरंत मुझे गले लगाया और कहा सोनिया यह तो सबसे बड़ी खुशखबरी है

मैं बहुत खुश हूं उसकी आंखों में चमक और चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था इसके बाद हमारे जीवन में एक नया दौर शुरू हुआ हम दोनों ने मिलकर आने वाले बच्चे के लिए तैयारियां करनी शुरू कर दी और अर्जुन ने अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ली ताकि वह मेरे साथ ज्यादा समय बिता सके और मेरी देखभाल कर सके हम दोनों ने मिलकर बच्चे के कमरे के लिए सामान खरीदा दीवारों का रंग चुना और हर छोटी बड़ी चीज की योजना बनाई गर्भावस्था के नौ महीने एक नए अनुभव से भरे हुए थे

अर्जुन ने मुझे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया वह हमेशा मेरी छोटी-छोटी जरूरतों का ध्यान रखता और मेरा हौसला बढ़ाता हमने एक साथ कई डॉक्टरी जांचे करवाई और हर बार डॉक्टर से सुनने पर कि सब कुछ ठीक है हमारी चिंता थोड़ी कम होती जाती आखिरकार वह दिन भी आ गया जब हमें अस्पताल जाना पड़ा अर्जुन मेरे साथ था और उसकी उपस्थिति ने मुझे हर मुश्किल पल में हिम्मत दी कुछ घंटों बाद हमारे जीवन में एक प्यारी सी बेटी का आगमन हुआ

जब मैंने उसे पहली बार अपनी बाहों में लिया तो मुझे ऐसा लगा जैसे हमारी जिंदगी पूरी हो गई हो अर्जुन की आंखों में खुशी के आंसू थे उसने कहा सोनिया हमारी बेटी बहुत प्यारी है हमने उसका नाम अन्वी रखा अनवी के आने के बाद हमारी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई अब हमारा पूरा दिन उसकी देखभाल और उसकी मासूम हरकतों में बीतने लगा अर्जुन एक जिम्मेदार पिता के रूप में उसके साथ हर पल बिताने की कोशिश करता हम दोनों ने महसूस किया कि अनवी ने हमारे रिश्ते को और भी गहरा बना दिया है अर्जुन और मैं अब अपनी छोटी सी दुनिया में खुश थे

वह बीती बातें और मुश्किल हालात अब बहुत दूर लगने लगे थे हमने सीखा कि जीवन में हर चुनौती के बाद एक नई शुरुआत होती है और अगर हम एक दूसरे के साथ खड़े रहे तो हम किसी भी परिस्थिति से पार पा सकते हैं हमारे परिवार में अब खुशियों का दौर था अनवी हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी थी और उसके साथ बिताया हर पल हमारे लिए एक नई याद बनता जा रहा था हमने अपने रिश्ते में जो भी कठिनाइयां झेली थी

वह अब हमें और भी मजबूत बना चुकी थी इस तरह हमारी कहानी ने एक सुखद अंत पाया जहां प्यार विश्वास और आपसी समझ ने हमें हर मुश्किल से पार पाने में मदद की और अब हमारा भविष्य नई उम्मीदों और खुशियों से भरा हुआ था

 

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