पहली नजर का प्यार: Mastram Book Pdf | Mastram Kahani | Sad Story In Hindi

Mastram Book Pdf : रिया हर रोज मेरे मोहल्ले के कोने वाले रास्ते से होकर गुजरती थी उस दिन शहर में एक बड़ा मेला था और रिया गहरे हरे रंग की साड़ी पहनकर मेले में आई थी मैं थोड़ी देर से पहुंचा था और जैसे ही अपनी जगह पर पहुंचा मेरी नजर सीधे रिया पर जाट की उसकी साड़ी में वह बेहद खूबसूरत लग रही थी और मैं उसकी ओर देखता ही रह गया मेरे लिए अपनी नजरें हटाना मुश्किल हो गया था कि इसी तरह मैंने खुद को संभाला और बाहर निकल आया

लेकिन मेरा दिल बार-बार उसी का चेहरा याद कर रहा था कुछ देर बाद रिया अपनी दोस्तों के साथ बाहर आई और मैं फिर से उसकी ओर देखने लगा वह मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखी और मैंने जल्दी से अपनी नजरें हटा ली मेले में रिया मंदिर की ओर चली गई मैं भी कुछ कदम पीछे पीछे गया लेकिन ध्यान केवल उसी पर था पूजा के दौरान भी मेरा मन भटकता रहा जैसे ही पूजा खत्म हुई मैं फिर से बाहर आया और उसका इंतजार करने लगा

थोड़ी देर में रिया अपनी सहेलियों के साथ मंदिर के द्वार से बाहर निकली और मेरे सामने आ खड़ी हुई जैसे ही रिया मेरे सामने आई उसकी नजरें मुझसे टकराई कुछ पल के लिए हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे बिना कोई शब्द कहे मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई थी लेकिन मैंने अपने आप को को शांत रखा रिया ने हल्की सी मुस्कान दी और अपनी सहेलियों के साथ आगे बढ़ गई मैंने सोचा कि शायद यही कहानी खत्म हो जाएगी

लेकिन ऐसा नहीं हुआ कुछ ही देर बाद रिया की सहेली ने मुझे इशारा करके बुलाया मैं थोड़ा हिचकिचाना फिर हिम्मत करके उनके पास चला गया रिया की सहेली ने हंसते हुए कहा तुम रिया से कुछ कहना चाहते हो मैंने एक पल के लिए रिया की ओर देखा जो थोड़ा सा शर्मा गई थी और फिर मैंने खुद को संयत करते हुए कहा कुछ खास नहीं बस मेले में तुम बहुत सुंदर लग रही हो रिया ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया धन्यवाद उसकी आंखों में एक खास चमक थी

जिसे मैं समझ नहीं पाया इसके बाद हम दोनों धीरे-धीरे बात करने लगे समय जैसे थमसा आ गया था और हम दोनों को यह एहसास भी नहीं हुआ कि बाकी लोग हमें देख रहे थे बातें होती रही और मुझे सासास हुआ कि रिया सिर्फ खूबसूरत नहीं थी बल्कि उसका व्यक्तित्व भी उतना ही आकर्षक था शाम ढलने लगी थी और हम दोनों को अपने अपने रास्ते पर लौटना था मैंने रिया से विदा ली लेकिन दिल में एक नई उम्मीद जाग गई थी कि शायद यह मुलाकात आखिरी नहीं होगी

उस शाम के बाद रिया मेरे ख्यालों में बस गई थी हर दिन मैं उसी रास्ते से गुजरता जहां से रिया अक्सर जाती थी इस उम्मीद में कि शायद फिर से उसकी एक झलक मिल जाए और ऐसा कई बार हुआ भी कभी-कभी हम दूर से एक दूसरे को देख लेते और हल्की सी मुस्कान के साथ बस आगे बढ़ जाते कुछ हफ्ते इसी तरह बीत गए लेकिन मेरे मन में उससे बात करने की ख्वाहिश बढ़ती जा रही थी आखिरकार एक दिन मैंने हिम्मत जुटाई

और जैसे ही मैंने रिया को उसी पुराने रास्ते पर अकेले देखा मैं उसके पास गया रिया कुछ बातें करनी थी मैंने थोड़ी घबराहट के साथ कहा वह पल भर के लिए रुकी फिर मुस्कुराते हुए बोली क्या बात है आज तो तुम बड़े संजीदा लग रहे हो मैंने एक गहरी सांस ली और कहा तुमसे पहली बार मंदिर में मिलने के बाद से मैं हमेशा तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूं मुझे नहीं पता कि यह क्या है लेकिन शायद मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूं रिया थोड़ी चौक गई

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लेकिन उसके चेहरे पर कोई नाराजगी नहीं थी उसने कुछ पल सोचा फिर बोली तुमने यह सब मुझे आज बताया लेकिन क्या तुम जानते हो मैं भी तुम्हें उसी दिन से नोटिस कर रही हूं मुझे भी तुम्हारी बातें अच्छी लगने लगी थी मेरे दिल की धड़कने और तेज हो गई मैंने कहा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी रिया ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया दोस्ती हां लेकिन एक शर्त पर हम सिर्फ दोस्त नहीं रहेंगे बल्कि एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझेंगे उस दिन से हमारी मुलाकातें बढ़ने लगी

हम मंदिर के आसपास या मेले में मिलते बातें करते और धीरे-धीरे हमारे बीच का रिश्ता और गहरा होता गया रिया के साथ समय बिताने से मुझे उसकी सादगी और खूबसूरती के साथ उसकी समझदारी भी दिखने लगी थी वक्त गुजरता गया और अब वह राह सिर्फ एक गुजरने की जगह नहीं रह गई थी बल्कि हमारी खास यादों का हिस्सा बन चुकी थी समय बीतता गया और मेरे और के बीच की दोस्ती धीरे-धीरे गहरे रिश्ते में बदल गई अब हम सिर्फ मुलाकातें नहीं करते थे

बल्कि अपनी जिंदगी की छोटी-छोटी बातें सपने और उम्मीदें भी एक दूसरे से साझा करने लगे थे हमारे बीच एक खास समझ बन गई थी जहां बिना कहे भी हम एक दूसरे की भावनाओं को समझ जाते थे एक दिन रिया ने मुझे बताया कि उसके परिवार में उसकी शादी की बातें शुरू हो गई हैं यह सुनकर मेरा दिल धड़क उठा मैं उसे खोने का ख्याल भी नहीं कर सकता था लेकिन मैंने उसकी बात को ध्यान से सुना उसने कहा मेरे परिवार वाले चाहते हैं कि मैं एक अच्छे लड़के से शादी करूं

लेकिन मैं तुम्हारे बिना इस बारे में कोई फैसला नहीं कर सकती मैंने उसकी आंखों में देखा और महसूस किया कि यह वही पल था जब हमें अपने रिश्ते के बारे में कोई फैसला लेना था मैंने गहरी सांस लेते हुए कहा रिया मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मैं तु तुम्हारे बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता अगर तुम तैयार हो तो मैं तुम्हारे परिवार से बात करना चाहूंगा रिया ने कुछ देर मेरी बातों को सुना फिर मुस्कुराते हुए बोली तुम सचमुच मेरे लिए खास हो और मैं भी तुमसे प्यार करती हूं

अगर तुम मेरे साथ हो तो मुझे कोई डर नहीं है इसके बाद हमने तय किया कि मैं रिया के परिवार से मिलूंगा कुछ दिनों बाद मैं रिया के घर गया जहां मैंने उसके माता पिता से मुलाकात की शुरुआत में वे थोड़ा संकोच कर रहे थे लेकिन जैसे-जैसे हम बातें करते गए वे मुझे समझने लगे मैंने ईमानदारी से अपने दिल की बात रखी मैं रिया से प्यार करता हूं और मैं उसकी हर खुशी का ख्याल रखूंगा अगर आप हमें अपनी दुआएं देंगे

तो मैं जीवन भर रिया का साथ निभाऊंगा रिया के माता-पिता ने हमारी बातों को ध्यान से सुना और फिर एक दूसरे की ओर देखा कुछ पलों की खामो के बाद उन्होंने कहा अगर तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो और एक दूसरे की खुशी में अपनी खुशी देखते हो तो हमें इस रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं है उस दिन रिया और मैं दोनों बहुत खुश थे हमें अपने प्यार को समाज और परिवार की स्वीकृति मिल गई थी जल्द ही हमारी शादी की तैयारियां शुरू हो गई

शादी के दिन वही रास्ता जहां हम पहली बार मिले थे फूलों से सजाया गया था उस रास्ते से होकर हम मंदिर तक पहुंचे जहां हमारी शादी की रस्में पूरी हुई वह पल जैसे एक सपने जैसा था एक खूबसूरत शुरुआत हमारे जीवन की नई यात्रा की अब हर बार जब मैं उस रास्ते से गुजरता हूं तो मुझे हमारी पहली मुलाकात की याद आ जाती है रिया अब सिर्फ मेरी प्रेमिका नहीं बल्कि मेरी जीवन संगिनी बन चुकी थी और हमारे बीच का रिश्ता हर दिन और मजबूत होता जा रहा था

शादी के बाद हमारी जिंदगी ने एक नई दिशा ले ली रिया और मैं एक दूसरे के साथ हर दिन नए अनुभवों से गुजर रहे थे हमारी दोस्ती और प्यार अब शादी के बंधन में बंध चुका था लेकिन उसमें वह ताजगी और अपनापन हमेशा बना रहा हर सुबह रिया की मुस्कान के साथ मेरी नींद खुलती और उसके साथ बिताए हर लमहे में एक नई खुशी होती थी शुरुआती दिनों में हम दोनों ने एक दूसरे की छोटी-छोटी आदतों को समझा रिया को सुबह की चाय बहुत पसंद थी

और मुझे शाम की सैर कभी-कभी हमारे बीच छोटी मोटी नोक झोंक भी हो जाती थी लेकिन यह झगड़े भी प्यार से भरे होते थे एक दिन जब मैंने रिया से मजाक में कहा कि उसकी चाय में हमेशा ज्यादा चीनी होती है तो उसने हंसते हुए कहा तुम्हें मीठी चीजें पसंद नहीं लेकिन मुझे तो पसंद है और तुम भी मुझे वैसे ही पसंद हो हमारी जिंदगी में हर दिन एक नई कहानी होती थी एक दिन रिया ने मुझसे कहा क्या तुमने कभी सोचा है कि हम दोनों की जिंदगी में सबसे खास पल कौन सा था

मैंने थोड़ी देर सोचा और जवाब दिया वह पल जब मैंने पहली बार तुम्हें मंदिर में देखा था रिया मुस्कुराई और बोली मेरे लिए वह पल था जब तुमने मेरे परिवार के सामने अपने प्यार को जताया तुम्हारी हिम्मत और सच्चाई ने मुझे यकीन दिलाया कि तुम मेरे लिए सही साथी हो समय बीतता गया और कुछ सालों बाद हमारी जिंदगी में एक नई खुशखबरी आई रिया गर्भवती थी यह सुनकर मेरे पैर जैसे जमीन पर नहीं थे मैं एक पिता बनने जा रहा था हमने उस पल को पूरी तरह से जीने का फैसला किया

रिया का ख्याल रखना डॉक्टर के चेकअप और हम दोनों के बीच की बातचीत अब एक नए अध्याय की ओर इशारा कर रही थी वह दिन भी आया जब हमारे घर में एक नन्ही जान आई हमारी बेटी जिसका नाम हमने आव्या रखा जब मैंने उसे पहली बार गोद में लिया तो मेरी आंखों में आंसू थे और रिया मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी आव्या की मासूम मुस्कान ने जैसे हमारी जिंदगी को और भी खूबसूरत बना दिया था अब हमारे दिन आव्या की हंसी और उसकी मासूमियत से भर गए थे

रिया और मैं अपनी बेटी के हर छोटे-छोटे पल को संजोने लगे थे हम दोनों उसकी हर हर हरकत पर खुश हो जाते उसकी पहली मुस्कान उसका पहला कदम उसका पहला शब्द हमारी जिंदगी अब और भी पूरी हो गई थी रिया और मैं अब सिर्फ एक दूसरे के लिए नहीं बल्कि अपनी बेटी के लिए जी रहे थे आव्या हमारे प्यार का सबसे खूबसूरत प्रमाण थी और उसके साथ हर दिन एक नया उत्सव जैसा लगता था आज भी जब हम तीनों उसी पुराने रास्ते से गुजरते हैं

तो मैं रिया की ओर देखता हूं और सोचता हूं कि किस्मत ने कैसे हमें मिलाया था वह रास्ता जो कभी सिर्फ एक मुलाकात का गवाह था अब हमारी पूरी जिंदगी की कहानी का हिस्सा बन चुका था एक कहानी जिसमें दोस्ती प्यार परिवार और अब हमारी प्यारी बेटी का साथ शामिल था और इस तरह हमारा सफर हमेशा के लिए जारी है नई कहानियों नई खुशियों और नए अनुभवों के साथ आव्या के आने से हमारी जिंदगी एक नए मोड़ पर थी और हर दिन उसके साथ बिताया गया समय हम और ज्यादा खुशी और संतोष देता था रिया और मैं अब पहले से भी ज्यादा करीब आ गए थे

क्योंकि हम दोनों एक नई जिम्मेदारी साझा कर रहे थे एक मां और पिता होने की आव्या की हर नई शरारत और उसकी मासूमियत ने हमारे जीवन को और भी रंगीन बना दिया था आव्या बड़ी हो रही थी और उसके साथ-साथ हमारे रिश्ते में भी नए पहलू जुड़ते जा रहे थे रिया अब एक मां के रूप में अपना नया रोल निभा रही थी और उसे देखकर मुझे गर्व महसूस होता था वह ना केवल एक बेहतरीन पत्नी थी बल्कि एक आदर्श मां भी थी जो हर पल अपने प्यार और देखभाल से हमारी बेटी को संवार रही थी

एक दिन हम तीनों पार्क में सैर करने गए थे आव्या अब चलने लगी थी और वह छोटी-छोटी चीजों को देखकर बेहद उत्साहित होती थी कभी फूलों की ओर दौड़ती कभी तितलियों के पीछे भागती उसकी चहकती हंसी हमारे को और भी गरमाहट से भर देती थी उस दिन जब आव्या ने पहली बार मेरे हाथ को छोड़कर खुद से दौड़ लगाई रिया ने मेरी ओर देखा और कहा देखो हमारी बेटी अब अपने कदमों पर चलने लगी है

उस पल में हम दोनों ने महसूस किया कि जिंदगी का सफर आगे बढ़ रहा है और हमारी जिम्मेदारियां भी जैसे जैसे समय बीतता गया आव्या स्कूल जाने लगी उसकी पढ़ाई दोस्ती और छोटी-छोटी सफलताएं हमारे जीवन का हि बन गई उसके स्कूल के पहले दिन रिया उसे तैयार कर रही थी और मैं उसके बगल में खड़ा देख रहा था तुम इसे संभाल लोगी मैंने मजाक में रिया से पूछा और उसने हंसते हुए जवाब दिया जैसे हमने अब तक सब कुछ संभाला है

वैसे ही इसे भी आव्या ने हमें फिर से बच्चों जैसा बना दिया था हम तीनों अब साथ में खेलते हंसते और नए अनुभवों को जीते जब वह स्कूल से लौटती तो उसकी कहानियां सुनकर हमें एहसास होता कि कैसे वह दुनिया को अपनी नजरों से देख रही है एक दिन जब हम रात के खाने पर बैठे थे आव्या ने अचानक कहा पापा आप मम्मी से कब मिले थे रिया और मैं एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कुराए मैंने कहा हम पहली बार एक मंदिर के पास मिले थे और उस दिन से हमारी कहानी शुरू हुई

आव्या ने उत्सुकता से पूछा क्या आपकी भी एक कहानी है रिया ने उसे गोद में बैठा हुए कहा हां और अब तुम भी उस कहानी का हिस्सा हो उस रात हमने आव्या को हमारी मुलाकात और प्यार की पूरी कहानी सुनाई कैसे हम मिले कैसे हमारा रिश्ता बना और कैसे उसने हमारी जिंदगी को पूरा किया वह कहानी सुनकर वह खुश हो गई और सोते सोते बोली मैं आप दोनों को बहुत प्यार करती हूं समय अपनी रफ्तार से चलता रहा और हमारी जिंदगी में हर दिन नई चुनौतियां और खुशियां लेकर आता गया

आव्या अब बड़ी हो रही थी और उसके साथ हमारी जिंदगी में एक नया रंग आ चुका था उसकी मासूमियत और जिज्ञासा हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को रोशन कर रही थी वह हर दिन कुछ नया सीख और हमें भी उसकी आंखों से दुनिया को एक नए नजरिए से देखने का मौका मिलता जब आव्या ने स्कूल जाना शुरू किया तो उसकी पहली दिन की तैयारियां हमारे लिए खास थी रिया ने उसके लिए एक प्यारी सी यूनिफार्म तैयार की और मैंने उसे स्कूल छोड़ने का जिमा उठाया

जब उसे पहली बार स्कूल के गेट पर छोड़ते हुए देखा तो मेरे दिल में वही पुरानी भावनाएं उमड़ आई जैसे पहली बार रिया से मिला था एक नन्ही सी दुनिया को छोड़ने का एहसास भी उतना ही खास था जितना कि पहली बार प्यार में पढ़ने का वक्त के साथ रिया और मेरी जिम्मेदारियां भी बढ़ी लेकिन हमारे बीच का प्यार और भी मजबूत हो गया था हम दोनों ने अपने अपने करियर और घर के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की रिया अब अपने काम में भी सफल हो रही थी

और मैं उसके साथ हर कदम पर खड़ा था हमने सीखा कि शादी सिर्फ प्यार और रोमांस तक सीमित नहीं होती बल्कि एक दूसरे के साथ हर मुश्किल और हर खुशी को साझा करने का नाम है एक दिन रिया ने मुझसे कहा तुम्हें याद है जब हम पहली बार मंदिर में मिले थे मैंने कभी सोचा नहीं था कि हमारी जिंदगी इतनी बदल जाएगी मैंने हंसते हुए कहा हां और देखो अब हमारे पास आव्या जैसी प्यारी बेटी भी है हमारी जिंदगी उस दिन से ही खूबसूरत होती जा रही है

लेकिन जिंदगी हमेशा सिर्फ खुशियों का ही सफर नहीं होता एक दिन रिया के पिता बीमार हो गए और हमें उनके पास गांव जाना पड़ा यह समय हमारे लिए बहुत कठिन था रिया अपने पिता के बहुत करीब थी और उन्हें इस हालत में देखना उसके लिए बहुत तकलीफ देह था मैंने उसकी हर संभव म मदद की और उसके साथ इस मुश्किल समय में खड़ा रहा रिया ने अपने पिता की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी और मैं भी उसके साथ था हमने मिलकर परिवार को संभाला और धीरे-धीरे हालात सुधरने लगे इस मुश्किल दौर ने हमें और भी करीब ला दिया

हमने महसूस किया कि जब जिंदगी में मुश्किलें आती हैं तब असली रिश्ता सामने आता है वो रिश्ता जो हर चुनौती का सामना करने की ताकत रखता है जब रिया के पिता स्वस्थ हुए तो हमने राहत की सांस ली उस दिन रिया ने मुझे गले लगाते हुए कहा तुम्हारे बिना मैं यह सब नहीं कर पाती मैंने मुस्कुराते हुए कहा हम हमेशा एक दूसरे के साथ हैं चाहे कुछ भी हो यही तो हमारी जिंदगी का असली मतलब है अब कुछ सालों बाद हम एक खुशहाल परिवार के रूप में जी रहे हैं

आव्या बड़ी हो गई है और उसकी मासूमियत अब समझदारी में बदल रही है हम उसे अपने जीवन के अनुभव सिखा रहे हैं ताकि वह भी प्यार और रिश्तों की अहमियत को समझे रिया और मैं ने हर उस पल को संजोया जो हमने साथ बिताए थे वह मंदिर से शुरू हुआ सफर अब एक पूरे परिवार की कहानी बन चुका था एक ऐसी कहानी जिसमें प्यार समझ संघर्ष और साथ की ताकत थी हम दोनों ने सीखा कि जिंदगी में सबसे कीमती चीज वह इंसान होता है

जो हर मुश्किल और खुशी में तुम्हारे साथ खड़ा होता है और अब जब हम भविष्य की ओर देखते हैं तो हमें यकीन है कि हमारा सफर अभी भी जारी है नए सपने नई खुशियां और नए अनुभव हमारे इंतजार में है लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हम इस सफर को एक दूसरे के साथ जी रहे हैं और यही हमारे जीवन की असली खूबसूरती है

 

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