देवर जी इंतज़ार करिये ,अभी आपके भैया रूम में हैं। Mastram Best Story | Romantic Hindi Story

Mastram Best Story : पत्नी के गांव लौट जाने के बाद मैं अकेला पड़ गया था मेरी भी कुछ ऐसी जरूरतें थी जो मैं पूरी करना चाहता था मेरे फ्लैट के नीचे वाले फ्लोर पर एक भाभी रहती थी मैं अक्सर उनसे हंसी मजाक कर लेता था एक दिन मेरी तबीयत बिगड़ गई और मैं ऑफिस नहीं गया मैंने सोचा भाभी के पास जाकर टाइम पास कर लेता हूं उनसे बात करूंगा तो अकेला भी नहीं लगेगा और घर की याद भी नहीं आएगी

मैं उनके घर गया तो भाभी चाय बनाने लगी और जैसे ही वह चाय का कप देने के लिए झुकी तो उनका पल्लू गिर और उनके उभार का ज्यादातर भाग मेरी आंखों के सामने आ गया मैं बेकाबू हो गया और उनके दोनों संतर को हेलो दोस्तों आज की इस रोमांचक कहानी में आप सभी का स्वागत है मेरा नाम विशाल है मेरी उम्र 30 साल है और मैं एक शादीशुदा आदमी हूं मेरे दो बच्चे भी हैं और मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं मैं झारखंड के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं

लेकिन पिछले 10 साल से मैं बिहार में रहकर जॉब करता हूं मैं एक बहुत ही शर्मीला किस्म का इंसान हूं इसलिए मुझे लड़कियों से बात करने में भी शर्म आती है शादी से पहले भी मैंने किसी लड़की से बात नहीं की थी एक बार मेरे दोस्त की चचेरी बहन ने मुझसे बात करने की कोशिश भी की थी तो मैंने ही उसे मना कर दिया था मेरा मन तो बहुत करता था लेकिन मैं किसी भी लड़की से कुछ बोल नहीं पता था

हालांकि मैं आपको यह बता दूं कि मेरी दिलचस्पी शुरू से ही लड़कियों से ज्यादा भाभियों में रही थी यह उस समय की बात है जब मैं बिहार में किराए के मकान में अपने पूरे परिवार के साथ रहता था शुरू में हमारे घर की माली हालत काफी अच्छी थी क्योंकि मैं अच्छे पैसे कमा लेता था लेकिन फिर धीरे-धीरे हमारे घर के हालात बिगड़ते गए दरअसल हुआ यह था कि मेरी मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी मेरी मां गांव में ही रहती थी

जब उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो मुझे अपने पूरे परिवार के साथ गांव वापस लौटना पड़ा हम थोड़े दिन गांव में ही रहे और मां की सेवा की जब मां की तबीयत में सुधार आने लगा तो मैं अपने पूरे परिवार को छोड़कर वापस बिहार आ गया लेकिन इस बार मैं अकेले ही आया था मैं अपनी पत्नी और अपने बच्चों को साथ नहीं लाया था पत्नी के साथ ना होने की वजह से मेरी कुछ जरूरतें अधूरी सी रहती थी अब मैं सोचता था कि काश मुझे कोई ऐसा मिल जाए जो मेरी जरूरतें पूरी कर सके

पर मैं इतना शर्मीला था कि किसी से बात करने में भी मुझे बहुत शर्म आती थी मैं आपको अपनी एक खासियत और बता दूं कि मेरे परिवार की हर एक भाभी से मेरी बहुत अच्छी बनती है मैं जिस फ्लैट में रहता था उसी फ्लोर के नीचे एक भाई साहब अपने परिवार के साथ रहते थे उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां थी मेरी उन लोगों से कभी-कभी हाय हेलो हो जाती थी जब मुझे वहां रहते-रहते छ महीने से ज्यादा हो गए तो उन लोगों के साथ मेरे घरेलू संबंध हो गए थे

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हम कभी-कभी साथ मिलकर लंच और डिनर किया करते थे और कभी-कभी साथ में घूमने भी जाया करते थे भाई साहब मुझ पर बहुत भरोसा करने लगे थे और वैसे भी मैं एक भरोसे वाला इंसान हूं मैं किसी को धोखा नहीं देता हूं भाभी मुझसे बहुत अच्छे से बात किया करती थी और मैं भी उनसे हंसी मजाक कर लिया करता था जब भाई साहब घर पर नहीं होते थे और भाभी को हॉस्पिटल या बाजार जाना होता था तो वह मेरे साथ ही जाती थी इस बीच हम आपस में बहुत सारी बातें किया करते थे

और मुझे भाभी का स्वभाव बहुत पसंद आने लगा था भाभी जब भी अपने घर पर कुछ स्पेशल खाना बनाती थी तो वह मेरे लिए भी भिजवा थी एक बार की बात है कि तबीयत खराब होने की वजह से मैं काम पर नहीं गया भाभी की दोनों बेटियां स्कूल चली गई थी और भाई साहब भी ऑफिस जाने के लिए निकल गए थे मैं अपने कमरे पर अकेला ही रहता था पर जब सब चले गए तो मैंने सोचा कि भाभी के पास जाकर ही टाइम पास करता हूं उनसे थोड़ी देर बात करूंगा

तो मेरा भी मन अच्छा हो जाएगा और मुझे घर की याद भी नहीं आएगी जब मैं भाभी के पास गया तो वह किचन में कुछ काम कर रही थी मुझे देखते ही वह बोली क्या हुआ देवर जी आज आप काम पर नहीं गए मैंने कहा नहीं भाभी आज थोड़ी तबीयत खराब है और मुझे घर की भी बहुत याद आ रही है बहुत दिन हो गए हैं मैं अपने बच्चों से नहीं मिला हूं और अपनी पत्नी प्रिया को भी नहीं देखा है मैं भाभी से किसी भी तरह की बात करने में नहीं शर्माता था

इसीलिए मैंने उनसे कहा भाभी आपको को तो पता ही है कि हर आदमी की एक जरूरत होती है और मेरी पत्नी भी बहुत दिनों से मेरे पास नहीं है कभी-कभी तो लगता है कि उड़कर उसके पास पहुंच जाऊं और इतना कहकर मैं हंसने लगा वह बोली बात तो आप सही कह रहे हो देवर जी मैं समझ सकती हूं कि आप पर क्या बीत रही है आप थोड़ी देर यहीं बैठो मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूं आपको चाय पीकर छोड़ा अच्छा लगेगा इतना कहकर भाभी चाय बनाने लगी मैं भाभी को भी देख रहा था

वह बहुत ही प्यार से मेरे लिए चाय बना रही थी थोड़ी देर बाद वह कुछ लेने के लिए झुकी तो उनके गोरे उभार मुझे दिख गए वह नजारा बहुत ही सुंदर था और उसे देखकर मेरी तबीयत भी थोड़ी-थोड़ी ठीक होने लगी थी उनके भारी और गोरे उभार का ज्यादातर भाग बाहर झांक रहा था मेरी निगाहें रह-रहकर उनके इन कया माती उभार की ओर उठ जाया करती थी और जब भी ऐसा होता था तो मेरे तन बदन में एक हलचल सी मच जाती थी भाभी कहने को तो काम कर रही थी

पर उनका पूरा ध्यान मेरी हरकतों पर था मेरी नजरों का भाव समझकर वह मन ही मन खुश हो रही थी भाभी समझ चुकी थी कि मैं क्या देखने की कोशिश कर रहा हूं और वह भी इस बात पर खुश हो रही थी थोड़ी देर बाद भाभी मेरे लिए चाय लेकर आए और मुझसे बोली यह लीजिए पी लीजिए मैंने कहा अगर आप पिलाओ गी तो जरूर पिऊंगा भाभी और इतना कहकर हम दोनों हंसने लगे भाभी बोली आप बहुत ही शैतान हो रहे हो मैंने कहा अगर आपको अच्छा लग रहा है

तो मैं और भी शैतानिया कर सकता हूं मेरी तबीयत खराब है अगर आप मेरी बात मान लोगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा मुझे पता था भाभी का भी मन है लेकिन वह दिखावे का विरोध करने लगी थोड़ी देर बाद जब वह चाय का कप उठाने के लिए झुकी तो उनका पल्लू गिर गया अब तो मेरी हालत और भी ज्यादा खराब हो चुकी थी मैंने कुछ ना सोचते हुए उनको गोद में उठाया और कमरे में ले गया और उनसे जी भरकर प्यार किया मैंने बहुत मेहनत की थी

तब जाकर उनको खुश कर पाया मेरी मेहनत देखकर वह बोली अरे आपकी पत्नी तो आपसे बहुत खुश रहती होगी भाभी बोली तुम्हारे भाई साहब तो मुझ पर ध्यान ही नहीं देते हैं मैं बिन पानी मछली की तरह तड़पती रहती हूं पर उनका मुझ पर तो कोई ध्यान ही नहीं रहता है वह ऑफिस से आते हैं और खाना खाकर चुपचाप सो जाते हैं मैं उनके लिए तैयार बैठी रहती हूं पर वह मेरी तरफ देखते भी नहीं है मैंने कहा कोई बात नहीं अब से मैं आपको वह सब दूंगा जो आपको मिलना चाहिए इतना सुनकर भाभी मेरे गले लग गई अब यह सिलसिला रोज ही चलने लगा था

मैं भाई साहब के ऑफिस निकल जाने के बाद थोड़ी देर के लिए भाभी के पास जाया करता था और उन्हें मजे दिया करता था इन सबके बाद मैं ऑफिस जाया करता था कभी-कभी भाभी को यह डर सताता था कि मैं कहीं किसी को कुछ बता ना दूं मैंने भाभी से कहा था आप बिल्कुल भी फिक्र मत करो मैं एक बहुत ही भरोसे वाला इ सान हूं मैं औरतों की बहुत कद्र करता हूं और मैं आपको कभी भी धोखा नहीं दूंगा यह सिलसिला चलता रहा और हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे

कुछ दिनों बाद हमारी जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला था क्योंकि मेरी पत्नी मेरे पास वापस आ गई थी पत्नी के आ जाने के बाद मैं ज्यादातर समय उसी के साथ बिताता था और भाभी को बहुत ही कम समय दे पाता था कभी-कभी तो मैं उनके पास जा ही नहीं पता था मेरी पत्नी को शक होने लगा था कि जरूर उसकी पीठ पीछे मैं कुछ अजीब हरकतें कर रहा था वह बोली क्या आपको मेरी याद नहीं आती थी

मैंने कहा भला ऐसा हो सकता है क्या कि मैं तुम्हें याद ना करूं मुझको पता था कि उसे मेरी बातों पर यकीन नहीं है लेकिन मैं कर भी क्या सकता था पत्नी के आ जाने के बाद मैं भाभी के पास जा ही नहीं पता था और मैं उन्हें बहुत याद करने लगा था एक बार जब मैं उनके पास गया तो भाभी बोली आप बहुत ही चेंज हो गए हो जब से आपकी पत्नी वापस आई है तब से आप तो मुझे भूल ही गए हो मैंने कहा ऐसी कोई बात नहीं है भाभी उसको मुझ पर थोड़ा-थोड़ा शक होने लगा है

और वह मुझको आपके पास नहीं आने देती है मैं फिर भी आपके लिए समय निकाल लेता हूं और आपके पास चला आता हूं थोड़ी देर बातें करने के बाद हम दोनों आपस में समा गए और फिर मैं ऑफिस चला गया कुछ दिनों बाद मेरी पत्नी को मेरी शर्ट पर लिपस्टिक के निशान मिले अब तो उसका शक यकीन में बदल चुका था जो बोली मुझे पहले से ही पता था कि तुम्हारा उस चुड़ैल के साथ चक्कर चल रहा है मैं अभी जाकर सब कुछ भाई साहब को बता दूंगी और तुम दोनों का पर्दाफाश कर दूंगी

मैंने कहा प्लीज तुम ऐसा कुछ भी मत करो मैं आप कभी भी उनसे बात नहीं करूंगा वह इतना गुस्से में थी कि रोने लगी और बोली मैं गांव में आपकी माता जी की सेवा करने में लगी हुई थी आपके बच्चों को पालने में लगी हुई थी और आप इधर मुझे धोखा दे रहे थे क्या आपको शर्म नहीं आती क्या यह जरूरतें हैं आपके लिए इतनी ज्यादा जरूरी है कि आप अपनी पत्नी को धोखा दे दोगे अरे अगर मैं इतने दिनों तक आपके बिना रह सकती हूं तो आप क्यों नहीं रह पा रहे थे

आपने मेरे बारे में एक बार भी नहीं सोचा अपने बच्चों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा अगर फिर भी आपको उस औरत से इतना ही प्यार है तो आप मुझसे कह दीजिए मैं अभी के अभी यह घर छोड़कर चली जाऊंगी और आपकी जिंदगी में कभी भी वापस नहीं आऊंगी औरत सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है पर अपने पति का बंटवारा बर्दाश्त नहीं कर सकती और मैं भी बर्दाश्त नहीं करूंगी अगर आपको मेरे साथ रहना है तो मेरा ही बनकर रहना होगा नहीं तो आप मुझसे कह दीजिए

मैं गांव चली जाऊंगी और वहीं रहकर माता जी की सेवा करूंगी मैं समझ चुका था कि मैंने अपनी कुछ पलों की जरूरतों के लिए अपनी पत्नी का दिल दुखाया है मैंने उससे माफी मांगी और बोला आगे से कभी भी ऐसा नहीं होगा तुम कहीं भी मत जाओ और मेरे साथ रहो तुम मेरे लिए सब कुछ हो हमारे बच्चे मेरे लिए सब कुछ हैं मैं तुम लोगों के बिना जिंदगी नहीं जी पाऊंगा इसके बाद से मैं कभी भी भाभी के पास नहीं गया मैंने उनको भी सारी बात बताई और उनसे भी माफी मांगी

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