Manohar Kahaniyan Pdf : मेरा नाम कविता है और मैं 35 साल की है मैं एक साधारण हूं लेकिन खुशहाल महिला हूं आज मैं आपको अपनी और अपने बेटे की एक असाधारण घटना सुनाने जा रही हूं जैसा कि आप जानते हैं मेरे पति ने कुछ समय पहले मुझे छोड़ दिया था उसने एक 18 साल की लड़की के साथ भागकर नया जीवन शुरू कर लिया यह सुनकर आप हैरान होंगे कि एक 40 साल का आदमी आखिर क्यों एक जवान लड़की के लिए अपनी पत्नी को छोड़ देता है
खैर ऐसा लगता है कि आजकल का जमाना ही ऐसा है जहां मन भटकता है लोग वहां अपना ध्यान लगा लेते हैं अब कहानी की ओर आते हैं यह एक दिन की बात है जब मैं और मेरा बेटा खेत में धान रोपने के काम में लगे हुए थे शाम होने को थी और तभी अचानक आसमान में बादल घिरा आए कुछ ही समय बाद तेज बारिश शुरू हो गई और हम खेत में ही फंस गए खेत के पास एक छोटा सा पंप हाउस था और हम दोनों वहीं बारिश रुकने का इंतजार करने लगे
धीरे-धीरे अंधेरा छा रहा था और आसपास के सभी लोग पहले ही अपने घर जा चुके थे बारिश थोड़ी कम हुई लेकिन अब तक मेरे कपड़े पूरी तरह भीग चुके थे ठंड लगने लगी थी और मैंने अपने भीगे कपड़ों को ठीक करने की कोशिश की इसी दौरान मेरा बेटा थोड़ा विचलित हो गया और अजीब बर्ताव करने लगा उसकी सांसे तेज हो गई और वह मुझे बड़ी-बड़ी आंखों से घूरने लगा उसकी इस प्रतिक्रिया से मैं खुद भी थोड़ा असहज हो गई मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उसे अचानक क्या हो गया
मैंने उससे पूछा क्या हुआ तुम ठीक तो हो लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया बस मुझे ऐसे देखता रहा जैसे कुछ कहना चाह रहा हो लेकिन कह नहीं पा रहा हं बारिश अब भी हल्की-हल्की हो रही थी और हम दोनों अभी भी पंप हाउस में फंसे हुए थे मैंने सोचा कि शायद ठंड की वजह से उसका बर्ताव ऐसा हो रहा हो इसलिए मैंने उसे अपनी ओर बुलाया और कहा तुम्हें ठंड लग रही होगी पास आकर बैठो वह धीरे-धीरे मेरे पास आ गया और मैंने उसे गले से लगा लिया
ताकि वह गर्माहट महसूस कर सके मुझे भी ठंड महसूस हो रही थी लेकिन इस अजीब स्थिति ने मुझे और भी असहज कर दिया कुछ पल बीतने के बाद बारिश थमने ललगी थी और मैंने सोचा कि अब हमें घर के लिए निकल जाना चाहिए मैंने अपने कपड़े ठीक किए और उससे कहा चलो अब घर चलते हैं वह चुपचाप उठ खड़ा हुआ और हम दोनों खेत से बाहर निकलने लगे रास्ते में मैं सोच रही थी कि आखिर उसे क्या हुआ था और क्यों उसने ऐसा अजीब बर्ताव किया
लेकिन मैंने यह फैसला किया कि इस बारे में घर जाकर उससे बात करूंगी ताकि स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकूं घर पहुंचते ही मैंने उससे सीधे पूछा तुम्हें क्या हो गया था वहां तुम इतने विचलित क्यों हो गए थे वह कुछ पल चुप रहा और फिर धीरे से बोला मुझे माफ कर दो मां मुझे समझ नहीं आया कि मुझे क्या हो रहा था मुझे अजीब सी घबराहट होने लगी थी उसकी बात सुनकर मैं थोड़ी राहत महसूस की
क्योंकि मुझे लगा कि यह सिर्फ एक अस्थाई स्थिति थी जो शायद उस समय की परिस्थिति की वजह से उत्पन्न हुई थी मैंने उसे दिलासा दिया और कहा कोई बात नहीं बस आगे से ध्यान रखना अगर कभी भी तुम अजीब महसूस करो तो मुझे तुरंत बता देना उस रात मैंने उसे आराम से सोने दिया और खुद भी सोने की कोशिश की लेकिन मेरे मन में सवाल अब भी घूम रहे थे क्या वह सचमुच घबराहट थी या कुछ और इस बारे में सोचना मैंने अगले दिन के लिए टाल दिया
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क्योंकि कभी-कभी कुछ सवालों के जवाब समय के साथ खुद बखुदा बना रही थी और मेरा बेटा अपने कमरे से निकला जैसा कि हर रोज होता था उसकी हरकतें पूरी तरह से सामान्य थी जैसे कल रात कुछ हुआ ही नहीं था मैंने सोचा शायद वह सच में अस्थाई घबराहट थी और इस पर ज्यादा ध्यान देना सही नहीं होगा दिन का समय था और हम दोनों अपने-अपने कामों में लगे हुए थे लेकिन मेरे मन में अब भी कहीं ना कहीं वह सवाल बना हुआ था
इसलिए जब मुझे एक मौका मिला मैंने उससे हल्के-फुल्के अंदाज में फिर से बात शुरू की मैंने कहा तुम्हें याद है कल खेत में क्या हुआ था मैंने देखा था कि तुम अचानक घबरा गए थे वह कुछ क्षण के लिए शांत रहा और फिर बोला मां मुझे खुद नहीं समझ आ रहा कि क्या हुआ था शायद बारिश ठंड और उस अंधेरे ने मुझे थोड़ा डरा दिया था मैंने उसकी बात को ध्यान से सुना उसकी आवाज में एक ईमानदारी झलक रही थी और मैं समझ सकती थी कि वह खुद इस अनुभव को लेकर उलझन में था
मैं भी उसे और ज्यादा परेशान नहीं करना चाहती थी इसलिए मैंने बात बदल दी और कहा कोई बात नहीं बेटा हम सब कभी-कभी अजीब महसूस करते हैं कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य चलता रहा लेकिन एक दिन जब हम फिर से खेत में काम कर रहे थे एक ऐसा पल आया जिसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया वह मेरे पास आया और अचानक से बोला मां मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं मैंने उसे ध्यान से देखा और पूछा क्या बात है उसने थोड़ा हिचकिचाना लेकिन अब मुझे समझ आ रहा है कि वह घबराहट नहीं थी शायद मैं आपको ऐसे हालात में देखकर खुद को संभाल नहीं पाया था
उसकी यह बात सुनकर मैं चौक गई मेरे मन में कई सवाल उठने लगे क्या यह सिर्फ एक संकोच भरी स्थिति थी या कुछ और मैं उसकी उम्र और मनोस्क्यू कि तुम ऐसी भावनाओं का सामना कर रहे हो यह उम्र ही ऐसी होती है लेकिन तुम्हें अपने भावनाओं को सही ढंग से समझना और उन्हें सही दिशा देना आना चाहिए उसने मेरी बात को ध्यान से सुना और सिर हिलाते हुए कहा मैं समझ गया मां मुझे माफ कर देना मैं अब से इन चीजों पर ध्यान दूंगा
इस बातचीत के बाद हमारे बीच एक नई समझदारी और नजदीकी पैदा हुई उसने अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से संभालना सीखा और मैंने भी यह महसूस किया कि एक मां के रूप में मुझे उसकी मानसिक स्थिति को ध्यान से समझने की जरूरत है समय बीतता गया और हमारा रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद हो गया उस घटना के बाद हमारे बीच हर बात को खुलकर कहने और समझने का एक नया रास्ता खुला जिसने हमारी जिंदगी को और भी बेहतर बना दिया समय के साथ हमारा जीवन धीरे-धीरे सामान्य होता गया वह घटना जिसने हमें असहज और अनिश्चित बना दिया था
अब पीछे छूट चुकी थी मेरे बेटे और मेरे बीच अब एक नई समझ विकसित हो चुकी थी हम एक दूसरे के प्रति और भी खुलकर बात करने लगे जिससे हमारा रिश्ता और भी मजबूत हुआ कई बार जिंदगी में ऐसी घटनाएं आती हैं जो हमें कुछ नया सिखाती है और उस घटना ने मुझे यह सिखाया कि हर रिश्ते में संवाद सब से महत्त्वपूर्ण होता है मेरा बेटा अब बड़ा हो रहा था और उसके जीवन में बदलाव आ रहे थे यह वह समय था जब उसे सही दिशा दिखाने और उसका साथ देने की जरूरत थी
एक दिन हम दोनों शाम को बैठकर चाय पी रहे थे उसने अचानक कहा मां मैं आपसे कुछ और बात करना चाहता हूं मैंने उसकी ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा बिल्कुल कहो क्या कहना है वह थोड़ा गंभीर हो गया और बोला आप ने उस दिन मुझे जिस समझदारी से समझाया मैं उसके लिए आपका बहुत आभारी हूं मैं समझता हूं कि कभी कभी मेरे अंदर की भावनाएं मुझे उलझा देती हैं लेकिन आप हमेशा सही राह दिखाती हैं मुझे उसकी यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई मैंने महसूस किया कि वह अब समझदार हो रहा है और अपने विचारों को सही दिशा में ढालने की कोशिश कर रहा है
मैंने उसे प्यार से कहा तुम्हें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि कोई भी भावना गलत नहीं होती बस उसे सही ढंग से समझना और संभालना जरूरी है उसने सहमति में सिर हिलाया और बोला मां अब मैं और भी कोशिश करूंगा कि मैं अपनी भावनाओं को समझूं और उन्हें सही तरीके से प्रकट करूं इस बातचीत के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे बेटे ने वाकई में खुद को बेहतर ढंग से समझना शुरू कर दिया है
हम दोनों ने एक साथ बैठकर कई और विषयों पर बात की जिसमें उसके भविष्य के सपने उसकी पढ़ाई और उसका जीवन शामिल था समय बीतता गया और हमने उस दिन की घटना को पीछे छोड़ते हुए जीवन में आगे बढ़ना सीख लिया मेरे बेटे के अंदर एक नई परिपक्वता आ गई थी और हमारे बीच का रिश्ता पहले से कहीं ज्यादा गहरा और विश्वसनीय हो गया मुझे गर्व था कि मैंने एक ऐसा वातावरण तैयार किया जहां वह अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर सके और यह हमारे परिवार की मजबूती की निशानी बन गया आखिरकार यह घटना हमारे जीवन का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा बनकर रह गई
जिसने हमें बेहतर इंसान और माता-पिता बनने में मदद की समय का पहिया अपनी गति से चलता रहा और मेरे बेटे में हर दिन एक नई परिपक्वता आती गई उसके व्यवहार में एक ठहराव और समझदारी दिखने लगी थी जो मुझे गर्व और संतोष देती थी हमारी जिंदगी अब एक नई दिशा में बढ़ रही थी जहां आपसी संवाद और समझ ही हमारी सबसे बड़ी ताकत बन चुकी थी एक दिन कुछ वर्षों बाद मेरे बेटे ने मुझसे आकर कहा मां अब मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका हूं
और मैं सोच रहा हूं कि अब नौकरी के लिए बाहर जाऊं मैंने यह बात सुनकर थोड़ा भावुक महसूस किया क्योंकि मां का दिल अपने बच्चों को हमेशा अपने पास ही रखना चाहता है लेकिन मैंने उसकी आंखों में आत्मविश्वास और जोश देखा और मुझे लगा कि अब उसे अपने जीवन में आगे बढ़ने देना चाहिए मैंने मुस्कुराते हुए कहा तुम्हें जो सही लगता है वही करो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं वह मेरे पास बैठ गया और बोला आपकी वजह से ही आज मैं इतना आत्म विश्वासी हूं
आपने मुझे सही समय पर समझाया जब मुझे सबसे ज्यादा जरूरत थी मैं नहीं जानता था कि जिंदगी के उन मोड़ों पर मैं कैसे खुद को संभालता अगर आप मेरे साथ ना होती उसकी यह बात सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए लेकिन वे आंसू खुशी और गर्व के थे मैंने उसकी पीठ थपथपाई और कहा मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी चाहे तुम कहीं भी जाओ तुम्हारी खुशियां मेरी खुशियां है और तुम्हारी सफलता ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है
कुछ ही समय बाद वह नौकरी के सिलसिले में दूसरे शहर चला गया उसके जाने के बाद घर में एक खालीपन जरूर था लेकिन मुझे मुझे यह खुशी थी कि वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहा है और अपने सपनों को पूरा करने की राह पर चल रहा है वह अक्सर मुझसे फोन पर बातें करता और हम अपनी जिंदगी की छोटी बड़ी बातें शेयर करते वह अपने नए अनुभवों और काम के बारे में बताता और मैं उसे हमेशा सही मार्गदर्शन देने की कोशिश करती हमारा रिश्ता भले ही दूरी के कारण थोड़ा बदल गया था
लेकिन हमारी भावनाएं और आपसी समझ कभी कम नहीं हुई कुछ साल बीत गए और एक दिन मेरे बेटे ने मुझे एक बड़ी खबर सुनाई उसने मुझसे कहा मां मैं एक लड़की से मिला हूं और मुझे लगता है कि मैंने अपनी जिंदगी का हमसफर चुन लिया है मैं उसे आपसे मिलवा चाहता हूं उसकी यह बात सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा मैंने उसे दिल से आशीर्वाद दिया और कहा मैं तुम्हारे फैसले का स्वागत करती हूं मैं उसे देखने और जानने के लिए बहुत उत्साहित हूं
कुछ ही दिनों बाद वह अपनी होने वाली पत्नी के साथ घर आया जब मैंने उससे मुलाकात की तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे बेटे ने वाकई एक सही इंसान का चुनाव किया है वह लड़की बेहद समझदार और स्नेही थी और मेरे बेटे के लिए एक उपयुक्त साथी थी हमने जल्द ही उनकी शादी की तैयारियां शुरू कर दी शादी का दिन हमारे जीवन का सबसे खास दिन बन गया मैंने अपने बेटे को दुलहे के रूप में देखकर गर्व और खुशी महसूस की वह अब पूरी तरह से बड़ा और जिम्मेदार हो चुका था
और अपने नए जीवन की शुरुआत कर रहा था शादी के बाद मेरे बेटे और बहू ने अपने नए जीवन की शुरुआत की लेकिन उन्होंने मुझे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया हम सभी मिलकर खुशहाल जीवन बिताने लगे और हमारे रिश्ते की वह बुनियाद जो हमने वर्षों पहले बनाई थी और भी मजबूत हो गई अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे एहसास होता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयां क्यों ना आए अगर प्यार समझ और संवाद हो तो हर मुश्किल का हल मिल सकता है
मेरे बेटे के साथ मेरे रिश्ते की यह कहानी ना सिर्फ हमारी यात्रा थी बल्कि यह भी दिखाती है कि सही समय पर सही तरीके से संवाद हर रिश्ते को मजबूत और खूबसूरत बना सकता है और इसी तरह हमारा परिवार खुशियों और संतोष के साथ आगे बढ़ता रहा
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