Love Story Hindi : सुहागरात पर मैंने इतने नखरे किए कि उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं हुआ कि मुझे पहले से ही काफी अनुभव था नमस्कार दोस्तों मेरा नाम मिसेस रश्मी वर्मा है और मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं मेरी उम्र 26 साल है पढ़ी लिखी खूबसूरत और आत्मविश्वास हूं और एक बड़ी कंपनी में काम करती हूं मुझे साड़ियों का बड़ा शौक है जब भी मौका मिलता है मैं अक्सर अपना पल्लू जानबूझकर कुछ ढीला छोड़ देती हूं
ताकि लोग मेरी ओर आकर्षित हो मेरे फिट शरीर को देखकर लोग अक्सर तारीफ करते हैं इसके अलावा मुझे लोवेस्ट जींस और टॉप पहनना भी काफी पसंद है कॉलेज के दिनों से ही मैं पढ़ाई में तेज थी और रोमांटिक बातें करने का बड़ा शौक था मैं अपनी सहेलियों के साथ खुलकर रोमांस की बातें किया करती थी और हमारी पूरी दोस्त मंडली भी कुछ वैसी ही थी थोड़ी बेफिक्र थोड़ी बेधड़क मुझे हमेशा से ही सुंदर लड़कियों में गिना जाता था और मैं गंदी बातें करने में भी पीछे नहीं रहती थी
प्यार से मेरी दोस्ती लड़कियों और लड़को दोनों से थी सच्चाई तो यह है कि शादी से पहले मैं लड़कों के साथ काफी मस्ती करती थी अब मेरी शादी हो चुकी है अजय गुप्ता से जो पटियाला का रहने वाला है मैं मुरादाबाद की रहने वाली हूं अजय एक स्मार्ट हैंडसम और पढ़े लिखे इंसान है उनकी अच्छी नौकरी भी है इसलिए जब शादी का प्रस्ताव आया तो मैंने कोई ऐतराज नहीं किया हमारी शादी धूमधाम से हुई और मैं पटियाला अपने ससुराल आ गई
सुहागरात पर मैंने इतने नखरे किए कि उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं हुआ कि मुझे पहले से ही काफी अनुभव था सुहागरात के बाद को मुझसे प्यार हो गया और हमारी शादीशुदा जिंदगी अच्छी चलने लगी हालांकि मैं अपनी आजाद ख्यालों वाली जिंदगी को मिस करती थी अजय अपने काम में बहुत व्यस्त रहता था और कई बार मैं खुद को अकेला महसूस करती थी मेरा पति कुछ दिन के लिए विदेश गया तभी गांव से मेरा चचेरा देवर आया
अपने दोस्त के साथ इसी बीच मेरे चचेरे देवर राजीव ने एक बार फिर हमारे घर आने का प्लान बनाया इस बार वह कुछ दिनों के लिए हमारे घर ठहरने वाला था और अपने दोस्त रोहित को भी साथ लाया था राजीव और रोहित दोनों ही जवान और मस्त मौला थे घर में उनकी उपस्थिति से माहौल बदल गया वे मुझसे हंसीमजाक करने लगे और मैं भी उनके साथ खुलकर बातें करने लगी राजीव की बातें अक्सर थोड़ी मजाकिया और चुटी होती थी लेकिन मैं भी कम नहीं थी
उनके सामने मैंने भी अपने वही पुराने बेबाक और चुलबुले अंदाज को फिर से जिंदा कर लिया राजीव और रोहित के साथ वक्त बिताना मुझे अच्छा लगने लगा वे मुझे छेड़ते मेरी तारीफें करते और मैं भी खिलखिला करर हंस पड़ती कभी-कभी मैं जानबूझकर साड़ी पहनकर उनके सामने जाती और मेरा पल्लू हल्का सा ढीला छोड़ देती वे दोनों मेरी ओर नजरें उठाते और मैं उनकी प्रतिक्रियाओं का आनंद लेती
अजय के विदेश में होने की वजह से घर पर किसी का ध्यान नहीं था कि क्या हो रहा है मैं उनके सामने खुद को थोड़ा और खुला महसूस करने लगी और धीरे-धीरे हम सबके बीच की दूरी कम होने लगी राजीव और रोहित दोनों ही मुझे आकर्षित करने लगे थे और मैं भी उन्हें अपनी ओर खींचने लगी थी लेकिन मेरे मन में यह डर भी था कि कहीं यह सब कुछ मेरी शादीशुदा जिंदगी को प्रभावित ना कर दे मेरे और राजीव के बीच बातें अब और भी निजी और गहरी होने लगी थी
कभी-कभी हम दोनों अकेले बैठकर घंटों बातें करते और मुझे लगने लगा था कि हमारे बीच कुछ और गहरा रिश्ता बन रहा है राजीव की नजरों में एक अलग सी चाहत थी और मुझे भी उस चाहत को पूरा करने का मन कर रहा था लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या करना चाहिए क्या मैं अपने शादीशुदा जीवन को इस नई चाहत के लिए खतरे में डालने को तैयार हूं या फिर मैं सिर्फ अपने अकेलेपन का फायदा उठा रही हूं राजीव और रोहित के साथ मेरा खुलापन अब पहले से ज्यादा बढ़ गया था
हमारे बीच हंसीमजाक और बातें अब और भी निजी हो चुकी थी राजीव अक्सर मुझे देखकर मुस्कुराता उसकी आंखों में कुछ अलग ही चमक होती थी मुझे भी यह अटेंशन अच्छा लगने लगा था हालांकि कहीं ना कहीं मेरे मन में यह बात भी थी कि मैं शादीशुदा हूं और मुझे एक सीमा में रहना चाहिए लेकिन अकेलापन और राजीव की मौजूदगी मुझे उस सीमा से आगे बढ़ने के लिए उकसा रही थी एक शाम की बात है
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जब अजय से मेरी बात नहीं हो पाई थी और मुझे बेहद अकेलापन महसूस हो रहा था घर में बस राजीव और रोहित थे वे दोनों हंसीमजाक कर रहे थे और मैं भी उनके साथ बैठकर बातें करने लगी बातचीत के दौरान राजीव ने अचानक मेरा हाथ पकड़ लिया पहले तो मैं थोड़ा चौकी लेकिन फिर मैंने खुद को सहज दिखाने की कोशिश की शायद मेरे दिल के किसी कोने में यह सब कुछ पसंद आ रहा था उस रात जब रोहित जल्दी सोने चला गया
मैं और राजीव अकेले बैठे थे कमरे में अजीब सी खामोशी थी लेकिन हमारी नजरों में कई सवाल और जवाब थे राजीव ने धीरे से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने करीब खींच लिया मैं उसकी इस हरकत से थोड़ा झिझक गई लेकिन कहीं ना कहीं मैं भी यही चाहती थी मेरे दिल और दिमाग के बीच जंग चल रही थी एक तरफ मेरी शादी और अजय के प्रति वफादारी थी और दूसरी तरफ राजीव के साथ इस नए आकर्षण का रोमांच मुझे पता था कि अगर मैंने आज की रात कुछ गलत किया तो मेरी शादीशुदा जिंदगी पर इसका असर पड़ेगा
लेकिन उस पल की चाहत और अपने अकेलेपन को भरने की ख्वाहिश ने मेरे मन की हर दलील को दरक कर दिया राजीव ने मुझे अपने करीब खींचा और उसकी सांसे मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थी मैं चाकर भी खुद को रोक नहीं पाई और उसके करीब चली गई अचानक मुझे याद आया कि मैं किस मोड़ पर खड़ी हूं मैंने एक गहरी सांस ली और खुद को पीछे खींच लिया राजीव भी शायद समझ गया था कि मैं इस समय उलझन में हूं मैंने उसे शांत किया
और कहा राजीव हमें इस बात की सीमा को समझना होगा मैं शादीशुदा हूं और यह जो हो रहा है यह सही नहीं है राजीव ने मेरी बात को समझा और बिना किसी नाराजगी के मेरे फैसले का सम्मान किया हमने उस रात को वहीं पर रोक दिया उसके बाद से हमारे बीच बातचीत थोड़ी बदली बदली सी हो गई राजीव और रोहित कुछ दिनों बाद वापस अपने गांव चले गए और मैं अपनी जिंदगी की ओर वापस लौट आई अजय जब विदेश से वापस लौटा तो मैंने अपने आप को उसकी बाहों में समर्पित कर दिया
मैंने यह समझा कि मेरा असली प्यार अजय के साथ है और मुझे अपनी शादी को सम्मान देना चाहिए हालांकि राजीव के साथ जो कुछ हुआ वह एक छोटा सा अनुभव था लेकिन उसने मुझे यह सिखाया कि प्यार और आकर्षण में फर्क है और मेरे लिए असली प्यार मेरे पति अजय के साथ है इस घटना के बाद मैंने खुद से यह वादा किया कि मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी को पूरी ईमानदारी और सम्मान के साथ निभाऊंगी राजीव और रोहित के जाने के बाद मेरी जिंदगी एक बार फिर सामान्य हो गई
अजय के वापस आने पर मैंने खुद को पूरी तरह से शादीशुदा जिंदगी में समर्पित कर दिया मुझे समझ आ गया था कि अजय के साथ मेरा रिश्ता ही मेरे जीवन का असली आधार है हालांकि राजीव के साथ बिताए हुए पल मेरे दिमाग में कभी-कभी लौट आते थे लेकिन मैंने ठान लिया था कि उन यादों को वहीं छोड़ दूं
अजय की विदेश यात्रा से लौटने के बाद हमारा रिश्ता और भी मजबूत हो गया था वह मुझे पहले से ज्यादा प्यार करने लगा था और मैंने भी उसमें अपनी सारी भावनाओं को बसा दिया था हमारी शादीशुदा जिंदगी अब पूरी तरह संतुलित थी लेकिन कहीं ना कहीं मेरे मन में राजीव और उसके साथ हुए उस पल की यादें गहरे छुपी थी कुछ महीनों बाद जब हम अपने मुरादाबाद गए तब राजीव से मेरी फिर से मुलाकात हुई इस बार वह थोड़ा अलग लग रहा था
हमारे बीच की अनकही बातें अब एक अजीब सी दूरी में बदल गई थी वह मुझसे हमेशा की तरह हंसीमजाक करता लेकिन अब उसकी नजरों में वह पुरानी चाहत नहीं थी जो कभी थी शायद वह भी समझ गया था कि हम दोनों की दुनिया अलग है और हमें इस रिश्ते की सीमाओं को समझना होगा वही हित भी गांव में मौजूद था और हमारे परिवार के साथ वक्त बिता रहा था उसने मुझसे हंसीमजाक किया लेकिन इस बार मुझे कोई अजीब महसूस नहीं हुआ
अब मैं खुद को पूरी तरह से अजय के साथ बंधी हुई महसूस कर रही थी एक दिन जब मैं और अजय अकेले बैठे थे मैंने सोचा कि क्या मुझे उसे राजीव के साथ हुए उस छोटे से पल के बारे में बताना चाहिए लेकिन फिर मैंने खुद को रोका मुझे लगा कि वह बीता हुआ कल था और उसकी कोई जरूरत नहीं कि मैं अजय को उस बारे में कुछ बताऊं मैंने उस पल को अपनी यादों में ही दफन कर दिया अजय और मैं अब मुरादाबाद में अपना समय बिता रहे थे
और हम दोनों एक दूसरे के साथ बेहद खुश थे मैंने अब पूरी तरह से यह स्वीकार कर लिया था कि रिश्ते में कभी-कभी छोटी-छोटी गलतियां हो सकती हैं लेकिन सबसे अहम बात यह है कि हम उनसे सीखें और अपने रिश्ते को और मजबूत बनाए कुछ समय बाद अजय ने मुझसे कहा कि वह मुझे लेकर छुट्टियों पर जाना चाहता है मैंने मुस्कुराते हुए उसकी बात मानी और हम दोनों एक नई शुरुआत की ओर बढ़ गए
उन छुट्टियों ने हमारे रिश्ते को और भी गहरा कर दिया और मैंने यह ठान लिया कि अपनी शादीशुदा जिंदगी में कभी भी किसी और को अपनी सोच में या अपनी भावनाओं में जगह नहीं दूंगी राजीव और रोहित की यादें अब मेरे लिए कल की बात थी मैंने अजय के साथ अपने रिश्ते को पूरी तरह से संवारने और संजोने का फैसला कर लिया था शादीशुदा जिंदगी की चुनौतियां होती हैं लेकिन असली प्रेम वही है जो हर चुनौती का सामना करके भी मजबूत बना रहे अजय के साथ बिताए गए
उन खूबसूरत पलों के बाद हमारी शादीशुदा जिंदगी और भी मधुर हो गई थी हम दोनों के बीच का प्यार और समझ बढ़ता गया मैं ने पूरी तरह से अपने आप को शादी में समर्पित कर दिया था लेकिन समय के साथ एक अजीब सी बेचैनी ने फिर से मेरे दिल में दस्तक दी एक दिन जब अजय अपने काम में व्यस्त था और मैं घर पर अकेली थी राजीव का अचानक फोन आया उसकी आवाज में एक हल्की सी झिझक थी
लेकिन उसने सीधे बात शुरू की उसने बताया कि वह कुछ दिनों के लिए शहर आ रहा है और हमसे मिलना चाहता है मुझे राजीव की बात सुनकर पुरानी याद फिर से ताजा हो गई मन में कई विचार घूमने लगे क्या मैं उससे मिलना चाहती हूं क्या यह सही होगा मैंने अपने आप को यह कहकर समझाया कि वह अब सिर्फ एक रिश्तेदार है और यह मुलाकात सामान्य होगी राजीव कुछ दिनों बाद हमारे शहर आया और हमारे घर पर ही रुका इस बार उसकी हरकतों में वह पुराना चुलबुला पन नहीं था
उसने मुझसे शालीनता से बात की जैसे हम दोनों के बीच कुछ ही ना हो लेकिन कहीं ना कहीं मुझे उसकी निगाहों में अब भी वह पुरानी चाहत की हल्की सी झलक दिखाई दी अजय और राजीव अच्छे से बातें कर रहे थे उन्होंने साथ में बाहर जाने की योजना बनाई और मुझे भी उनके साथ चलने का आग्रह किया मैंने सोचा कि सब कुछ सामान्य हो जाएगा इसलिए हामी भर दी हम तीनों ने एक साथ काफी अच्छा समय बिताया लेकिन मुझे बार-बार राजीव की निगाहों का एहसास हो रहा था
वह चुपचाप मुझे देख रहा था मानो उसकी आंखें कुछ कहने की कोशिश कर रही हूं रात को जब अजय सो गया राजीव और मैं बालकनी में बैठे थे उसने अचानक मुझे देखा और कहा रश्मी उस दिन जो हुआ मैं उसे भूल नहीं पाया उसकी आवाज में एक हल्की सी उदासी थी और मैं समझ गई कि वह उस पल को अब भी अपने दिल में संजोकर रखे हुए हैं मैंने उसकी ओर देखा और कहा राजीव हमें यह समझना होगा कि वह बस एक पल था और वह हमारी जिंदगी का हिस्सा नहीं बन सकता
राजीव चुप हो गया और हम दोनों के बीच कुछ देर की खामोशी छा गई मैं जानती थी कि इस खामोशी में बहुत कुछ छिपा था अधूरी बातें अनकही भावनाएं लेकिन अब मेरी जिंदगी अजय के साथ थी और मैंने यह ठान लिया था कि मुझे अपनी शादी को पूरी तरह से निभाना है अगले दिन राजीव ने हमसे विदा ली और वास अपने गांव लौट गया उसकी आंखों में एक अजीब सा खालीपन था
लेकिन उसने कोई और बात नहीं की मैं जानती थी कि उसने भी यह फैसला कर लिया था कि हमें अपने रास्ते अलग-अलग रखने हैं राजीव के जाने के बाद मैंने एक नई तरह की शांति महसूस की मैंने यह समझ लिया था कि आकर्षण और चाहत कभी-कभी हमें भटका सकते हैं लेकिन सच्चे रिश्ते वही हैं जो हमें सही राह पर वापस ले आए अजय और मैं अपनी जिंदगी में फिर से आगे बढ़ गए मैंने अपने दिल में राजीव के साथ हुई उस घटना को हमेशा के लिए दफन कर दिया
अब मेरी पूरी दुनिया अजय और हमारे रिश्ते के इर्दगिर्द घूमने लगी थी मैंने यह ठान लिया था कि किसी भी परिस्थिति में मैं अपने रिश्ते को कभी भी किसी भी वजह से कमजोर नहीं होने दूंगी हमारी जिंदगी धीरे-धीरे फिर से अपने सामान्य ढर्रे पर आ गई अजय के साथ मैंने हर पल को जीना शुरू कर दिया और अपनी शादीशुदा जिंदगी को एक नई दिशा में ले जाने का फैसला किया राजीव के जाने के बाद मैंने अपनी जिंदगी को पूरी तरह से अजय के साथ संजो लिया था
हमारी शादीशुदा जिंदगी में स्थिरता आ चुकी थी और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताना शुरू कर दिया था हम अक्सर छुट्टियों पर जाने लगे एक दूसरे के साथ छोटी-छोटी खुशियां मनाने लगे जीवन अब पहले से बेहतर लगने लगा था लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया मेरे भीतर एक खालीपन फिर से उभरने लगा यह खालीपन अजीब था जैसे कुछ अधूरा छूट गया हो या कुछ ऐसा जिसे मैं दबाने की कोशिश कर रही थी
राजीव से आखिरी मुलाकात के बाद मैंने अपनी भावनाओं को हमेशा के लिए बंद कर दिया था लेकिन कभी-कभी मन के कोने में वह यादें फिर से आ जाती थी मैं जान थी कि मुझे उन यादों से आगे बढ़ना होगा लेकिन वह पल मेरे दिल में कहीं गहरे जड़े जमा चुका था एक दिन अजय ने मुझे यह खबर दी कि उसे कुछ महीनों के लिए फिर से विदेश जाना है उसका काम ऐसा था कि वह अक्सर बिजनेस ट्रिप पर जाता था लेकिन इस बार मुझे उसकी अनुपस्थिति का डर था
मुझे लगा कि अकेलेपन की वही पुरानी भावना मुझे फिर से घेर लेगी अजय ने मुझे प्यार से समझाया कि वह जल्द ही लौटेगा और हम फिर से साथ होंगे लेकिन मेरे दिल में एक अजीब सी बेचैनी थी अजय के जाने के कुछ हफ्ते बाद मेरे पास राजीव का एक मैसेज आया उसने बस इतना लिखा था कैसी हो रश्मी उस मैसेज को पढ़कर मेरे दिल में फिर से पुरानी यादें उभर आई मैंने खुद को संयमित रखने की कोशिश की लेकिन अनजाने में मैंने उसे जवाब दे दिया ठीक हूं
तुम कैसे हो इसके बाद हमारी बातों का सिलसिला शुरू हो गया वह मुझसे पहले की तरह खुलकर बात करने लगा और मुझे यह महसूस होने लगा कि कहीं ना कहीं मेरे अंदर भी अब भी उसकी बातों के लिए जगह थी हमारी बातें धीरे-धीरे गहरी होती चली गई राजीव ने अपने दिल की बात फिर से कही रश्मी मैं अब भी तुम्हें भूला नहीं हूं तुम्हारे बिना सब अधूरा लगता है मैं जानती थी कि इस बार मुझे संभलकर चलना होगा क्योंकि यह वही मोड़ था जहां से मैं पहले भी गुजर चुकी थी
मैंने राजीव से साफ शब्दों में कहा राजीव जो कुछ भी हमारे बीच हुआ वह बीते हुए कल की बात थी अब मेरी जिंदगी सिर्फ अजय के साथ है और मुझे उसी के साथ आगे बढ़ना है राजीव ने मेरी बात सुन ली लेकिन उसकी बातों में अब भी वही पुरानी भावना थी उसने मुझसे कहा कि वह कभी भी मेरे फैसले का सम्मान करेगा लेकिन उसकी आंखों में अब भी वह अ अधूरा प्यार झलक रहा था उसके बाद मैंने राजीव से दूरी बनाना शुरू कर दी
मैंने उसकी हर कोशिश का जवाब देने से खुद को रोक लिया मैंने ठान लिया था कि अब मुझे अपने रास्ते पर चलना होगा और इस बार कोई भटकाव मुझे मेरे लक्ष्य से दूर नहीं कर सकेगा अजय कुछ महीनों बाद वापस लौट आया और मैंने उसकी बाहों में खुद को फिर से समर्पित कर दिया मैंने उसे वह सब कुछ नहीं बताया जो मेरे मन में चल रहा था क्योंकि मैं जानती थी कि मेरा प्यार और सम्मान अजय के लिए ही है राजीव अब मेरी जिंदगी का एक बीता हुआ हिस्सा बन चुका था
जिसे मैंने हमेशा के लिए पीछे छोड़ दिया मैंने यह समझ लिया कि जिंदगी में हमें अपने रिश्तों की अहमियत समझनी चाहिए और उन रिश्तों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाना चाहिए अब मैं पूरी तरह से अजय के साथ अपनी जिंदगी जी रही हूं और मुझे अपने फैसलों पर गर्व है मुझे यह एहसास हो गया है कि असली प्यार वही है जो हमें हर मुश्किल और भटकाव से दूर ले जाता है और हमारे रिश्ते को और मजबूत बनाता है
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