Bhagwat Geeta in Hindi PDF Free Download , श्रीमदभागवत गीता

दोस्तों आज के लेख में Bhagwat Geeta in Hindi PDF गीता प्रेस गोरखपुर के द्वारा प्रकाशित पुस्तक का पीडीऍफ़ दिया गया है जिसे आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। ये पूरी तरह से निःशुल्क है /.

श्रीमदभागवत गीता हिन्दू धर्म की पवित्रतम ग्रंथो में से एक है ये ग्रन्थ भगवन कृष्ण के द्वारा महाभारत काल में अर्जुन को सुनाई गई थी। जब अर्जुन इस युद्ध में अपने कर्त्तव्य से विचलित हो गए थे। तब कृष्ण ने गीता पाठ के द्वारा अर्जुन को युद्ध धर्म का पाठ पढ़ाया था। ये ग्रन्थ 7000 वर्ष पूर्व अर्जुन को सुनाया गया था। श्रीमद्भागवत गीता में भक्ति योग, कर्म योग, एकेश्वरवाद, ज्ञान तथा योग का अति सुंदर तरीके से वर्णन किया गया है। 

आज के लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप श्रीमदभागवत गीता के बारे में साडी जानकारी प्राप्त कर लेंगे तथा Bhagwat Geeta in Hindi PDF का डाउनलोड लिंक भी आपको निचे मिल जायेगा जहा से आप इसे आसानी से डाउनलोड कर के अपने मोबाइल या लैपटॉप में सुरक्षित रख सकते हैं।

Bhagwat Geeta in Hindi PDF Overview

PDF नामBhagwat Geeta in Hindi PDF (श्रीमदभागवत गीता )
Total pages1299
PDF Size7.5 MB
PDF भाषाहिंदी
PDF Categoryधार्मिक (Religious )
PDF Sourseगीता प्रेस ,गोरखपुर
DownloadAvailable

Bhagwat Geeta in Hindi PDF Download

श्रीमदभागवत गीता क्या है ?

भगवद गीता, हिन्दू धर्म की एक पवित्र ग्रन्थ है जिसे 7000 वर्ष पूर्व कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को सुनाया था  भगवतगीता ग्रन्थ 18 अध्याय, तथा 700-श्लोक वाला हिंदू शास्त्र है जो प्राचीन भारतीय महाकाव्य महाभारत का हिस्सा है। यह मूल रूप से संस्कृत में लिखा गया है, लेकिन आज के समय में भागवत गीता का 175 से अधिक भाषाओ में अनुवाद किया जा चूका है। 

भागवद गीता अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच एक संवाद है, जो अर्जुन के सारथी और आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते है। यह कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में होता है, जहां अर्जुन अपने ही रिश्तेदारों और प्रियजनों के खिलाफ युद्ध में लड़ने के बारे में संदेह और नैतिक दुविधा से भरा हुआ है। तथा युद्ध के कर्तव्य से विमुख हो रहे थे। 

अर्जुन की इसी उलझन के जवाब में, श्री कृष्ण जीवन, कर्तव्य और वास्तविकता की प्रकृति के विभिन्न पहलुओं पर आध्यात्मिक ज्ञान, मार्गदर्शन और शिक्षा प्रदान करते हैं। श्रीमद्भागवत गीता भक्ति योग, कर्म योग, एकेश्वरवाद, ज्ञान , योग दार्शनिक और नैतिक दुविधाओं को संबोधित करती है, आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति प्राप्त करने में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

Bhagwat Geeta की महत्वपूर्ण बातें

भगवद गीता में कुछ प्रमुख विषयों और अवधारणाओं में ये शामिल है। 

कर्तव्य और धार्मिकता: श्रीमदभागवत गीता फल की चिंता किये बिना जीवन में अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों को पूरा करने के महत्व पर बल देती है। श्रीमदभागवत गीता हमें ये शिक्षा देती है कि निःस्वार्थ भाव से और धर्म के अनुसार अपना कर्तव्य निभाना आवश्यक है।

बोध के मार्ग: श्रीमदभागवत गीता आध्यात्मिक बोध के विभिन्न मार्गों की चर्चा करती है, जिसमें कर्म योग (निःस्वार्थ कर्म का मार्ग), भक्ति योग (भक्ति का मार्ग), और ज्ञान योग (ज्ञान और ज्ञान का मार्ग) शामिल हैं। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि अलग-अलग व्यक्ति अपने स्वभाव के आधार पर अलग-अलग रास्तों से सफल हो सकते हैं।

स्वयं की प्रकृति: श्रीमदभागवत गीता स्वयं या आत्मा और इसकी शाश्वत प्रकृति की अवधारणा की पड़ताल करती है। यह बताता है कि सच्चा स्व शरीर, मन और इंद्रियों से अलग है, और यह शाश्वत, अविनाशी और सुख या दर्द से अप्रभावित है।

त्याग की भावना : श्रीमदभागवत गीता, मनुष्य के कर्मों के फल और जीवन की परिस्थितियों के परिणामों से वैराग्य या त्याग को प्रोत्साहित करती है। यह सिखाता है कि व्यक्ति को समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, लेकिन सफलता या असफलता से जुड़े बिना, और एक समानता की भावना पैदा करनी चाहिए।

आत्म-साक्षात्कार: गीता हमें आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर ले जाती है। यह भौतिक शरीर और मन से परे हमारे वास्तविक स्वरूप की खोज और समझ पर जोर देता है।


मन और इंद्रियों का नियंत्रण: भागवत गीता हमारे मन की आंतरिक शांति और ध्यान प्राप्त करने के लिए मन और इंद्रियों को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर बल देती है। यह मन को अनुशासित करने और मन के ऊपर नियंत्रण करने के अभ्यास पर बल देता है।


जीवन में संतुलन: भगवत गीता हमें अपने जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण की वकालत करती है। यह हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों में सद्भाव बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न पहलुओं जैसे कार्य, परिवार, आध्यात्मिकता और आत्म-देखभाल के एकीकरण पर जोर देता है।


प्रेम और करुणा: भागवत गीता दूसरों के प्रति प्रेम, करुणा और सेवा को बढ़ावा देती है। यह हमें सहानुभूति और दया की भावना पैदा करना और सभी प्राणियों के लिए अपनत्व की पहचान करना  सिखाता है।

श्रीमदभागवत गीता का हिंदू दर्शन, आध्यात्मिकता और नैतिक शिक्षाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसकी शिक्षाएँ सिर्फ हिन्दू धर्म तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों द्वारा अपने जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए अपनाई गई हैं। जिस कारण से श्रीमदभागवत गीता का मानव कल्याण के लिए महत्व बहुत अधिक माना जाता है 

श्रीमद्भागवत के महत्वपूर्ण श्लोक और उसके अर्थ

1 –

“यद यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भरत,

अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्मानम श्रीजाम्यहम” (भगवद गीता 4.7)

अनुवाद – “हे अर्जुन, जब भी और जहाँ भी धर्म का ह्रास होता है,

और अधर्म का उदय होता है, तब मैं अपने आप को प्रकट करता हूं।”

अर्थ – यह श्लोक भगवान कृष्ण के द्वारा अर्जुन को कहा गया है, जब भी धार्मिकता का नुकसान होता है और अधर्म ताकतवर होता है, और विश्व का संतुलन विचलित हो जाता है ,तो इस संतुलन को बहाल करने और धार्मिकता को बनाए रखने के लिए मै अवतार लेता है या खुद को प्रकट करता है।

2 –

“कर्मण्ये वादीकारस्ते मा फलेषु कदाचन,

मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोस्तवकर्मणि” (भगवद गीता 2.47)

अनुवाद: “आपको अपना निर्धारित कर्म करने का अधिकार है, लेकिन आप अपने कर्मों के फल के हकदार नहीं हैं। कभी भी अपने आप को अपने कर्मो के परिणामों का कारण न मानें, और कभी भी अपने कर्तव्य को न करने में आसक्त न हों।”

3 –

“योगस्थ कुरु कर्माणि

संगम त्यक्त्वा धनंजय

सिद्धसिद्ध्योह समो भूत्वा

समत्वम योग उच्यते” (भगवद गीता 2.48)

अनुवाद – “हे अर्जुन, अपनी मानसिकता को त्यागकर योग में स्थित अपने कर्तव्यों का पालन करो, और सफलता और असफलता में संतुलित रहो। इस समता को योग कहा जाता है।”

यह श्लोक योग के अभ्यास पर जोर देता है, जिसमें सफलता या असफलता की परवाह किए बिना संतुलित और अलग मानसिकता के साथ कार्य करना शामिल है।

4 –

“सर्व-धर्मन परित्यज्य

मम एकं शरणं व्रज

अहम् त्वम सर्व पापेभ्यो

मोक्षयिष्यामि मा सुचः” (भगवद गीता 18.66)

अनुवाद –

“सभी प्रकार के धर्मों का परित्याग कर दो और केवल मेरी शरण में आओ। मैं तुम्हें सभी पापो से मुक्ति दिलाऊंगा। और आपको मोक्ष प्राप्त होगा ! डरो मत।”

यह श्लोक सर्वोच्च को आत्मसमर्पण करने और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति के लिए ईश्वरीय कृपा में विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

5 –

परान्नं च परद्रव्यं तथैव च प्रतिग्रहम्।

परस्त्रीं परनिन्दां च मनसा अपि विवर्जयेत।

अनुवाद – पराया अन्न, पराया धन, पराया दान, पराई स्त्री और दूसरे लोगों की निंदा, इनकी इच्छा मानव को कभी नहीं करनी चाहिए।

श्रीमदभागवत गीता के 18 अध्याय (Bhagwat Geeta Lesson )

भागवत गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है जोकि निम्न हैं।

नंबर अध्याय नाम श्लोक
1अर्जुनविषादयोग47
2सांख्ययोग72
3कर्मयोग43
4ज्ञानकर्मसंन्यासयोग42
5कर्मसंन्यासयोग29
6आत्मसंयमयोग47
7ज्ञानविज्ञानयोग30
8अक्षरब्रह्मयोग28
9राजविद्याराजगुह्ययोग34
10विभूतियोग42
11विश्वरूपदर्शनयोग55
12भक्तियोग20
13क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग34
14गुणत्रयविभागयोग27
15पुरुषोत्तमयोग20
16दैवासुरसम्पद्विभागयोग24
17श्रद्धात्रयविभागयोग28
18मोक्षसंन्यासयोग78
Total श्लोक700

Benefit of Bhagwat Geeta in Hindi PDF (भगवतगीता पढ़ने के फायदे )

भागवत गीता का अध्यययन करने वाला लाभ , मोह ,क्रोध और कामवासना जैसी चीज़ो से आज़ाद हो जाता है। इसके अलावा इसके नियमित अध्ययन करने से मानव के जीवन में बहुत से परिवर्तन होते हैं। 
आध्यात्मिक मार्गदर्शन: भागवद गीता का अध्ययन गहन आध्यात्मिक मार्गदर्शन और ज्ञान प्रदान करती है

आंतरिक और मन की शांति : भागवत गीता पढ़ने से आंतरिक और मन की शांति पैदा करने में मदद मिल सकती है।


निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन: भागवत गीता का नियमित अध्ययन व्यक्ति को  निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है, विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में।

सार्वभौमिक प्रासंगिकता: भागवद गीता हिंदू दर्शन में निहित होने के बावजूद, इस की शिक्षाएं धार्मिक सीमाओं से परे हैं और सार्वभौमिक प्रासंगिकता रखती हैं।

प्रेरणा: भगवद गीता बाधाओं को दूर करने, चुनौतियों का सामना करने और लचीलापन बनाए रखने के लिए प्रेरणा प्रदान करती है।

आत्मविश्वास – भगवत गीता का नियमित अध्ययन मनुष्य के आत्मविश्वास को कई गुना तक बढ़ाने में मदद करती है।

सारांश /Summary

दोस्तों आज के लेख में आप ने श्रीमत भागवत के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली होगी तथा ऊपर दिए गए Bhagwat Geeta in Hindi PDF लिंक के माध्यम से इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड भी कर लिया होगा।

अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आय हो तो आप इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी ज़रूर शेयर कर दे ताकि वह भी इसका फायदा उठा सके।

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FAQ – Bhagwat Geeta in Hindi PDF

भागवत गीता क्या है ?

भागवत गीता हिन्दू धर्म की एक प्रमुख ग्रन्थ है जिसे भगवन श्री कृष्ण ने महाभारत के समय अर्जुन को सुनाया था जब वो युद्ध में अपने कर्तव्य से भटक गए थे। इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है। भगवद गीता विभिन्न उद्देश्यों  की पड़ताल करती है,

भगवद गीता का मुख्य उद्देश्य क्या है?

भगवद गीता के कई उद्देश्य है , लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य  आध्यात्मिक मार्गदर्शन, कर्तव्य पर शिक्षा, आत्म-साक्षात्कार और वास्तविकता की प्रकृति प्रदान करने पर हैमें अपने कर्तव्य से भटक गए थे। इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है।

क्या गैर-हिंदू भगवद गीता पढ़ सकते हैं और इससे लाभान्वित हो सकते हैं?

हाँ , भागवत गीता धर्म से परे एक बहुत ही महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और नैतिक ग्रन्थ है जोकि पुरे मानव कल्याण के लिए एक लाभकारी ग्रन्थ है।

 भगवद गीता को पढ़ने में कितना समय लगता है?

ये व्यक्ति की समझ और उसके पढ़ने की गति पर निर्भर करता है।

भागवत गीता की 18 बातें कौन सी है?

भागवत गीता की 18 अध्याय ही इसके प्रमुख बाते हैं जोकि निम्न है – अर्जुनविषादयोग, संख्या योग , कर्म योग , ज्ञानकर्मसंन्यासयोग, कर्मसंन्यासयोग, आत्मसंयमयोग, ज्ञानविज्ञानयोग, अक्षरब्रह्मयोग, राजविद्याराजगुह्ययोग, विभूतियोग, विश्वरूपदर्शनयोग, भक्तियोग, क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग, गुणत्रयविभागयोग, पुरुषोत्तमयोग, दैवासुरसम्पद्विभागयोग, श्रद्धात्रयविभागयोग, मोक्षसंन्यासयोग

Bhagwat Geeta in Hindi PDF कहाँ से डाउनलोड करें।

Bhagwat Geeta in Hindi PDF को आप pdfsewa.in वेबसाइट से निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।

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