Bhabhi Aur Devar Ki Kahani : मुझे 17 साल की उम्र में ही शादी की ख्वाहिश जागने लगी थी ऐसा इसलिए भी था क्योंकि मैं अक्सर रोमांटिक फिल्में देखा करती थी हर बार जब कोई रोमांटिक सीन आता मैं उसे बार-बार देखती थी उन सीनों को देखकर मेरा मन कुछ वक्त से पहले ही बड़ा होने लगा था आखिरकार 20 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई मेरे पति आरिफ शादी के सिर्फ दो हफ्ते बाद ही काम के सिलसिले में सिंगापुर चले गए मैं फिर से अकेली रह गई
अपनी इस तन्हाई को दूर करने के लिए मैंने फिर से वही फिल्में देखना शुरू कर दिया एक दिन मैं किचन में खाना बना रही थी और साथ में एक इंग्लिश फिल्म भी चल रही थी फिल्म में एक रोमांटिक सीन चल रहा था जिसे मैं ध्यान से देख रही थी तभी मुझे अचानक लगा कि मेरे पीछे कोई खड़ा है मैंने मुड़कर देखा तो मेरे देवर रिजवान को खड़ा पाया रिजवान हंसते हुए कहने लगा भाभी भाई की याद आ रही है क्या इसीलिए मूवी देखकर अपने जज्बातों को भड़का रही हो
भाई नहीं है तो क्या हुआ मैं तो हूं ना इतना कहकर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपने कमरे की ओर खींच ले गया बस शादी के दो हफ्ते ही हुए थे और आरिफ के सिंगापुर जाने के बाद मैं अकेली रह गई थी मैंने लाख कोशिश की अपने जज्बातों को काबू में करने की लेकिन मेरे आंसू रुक नहीं रहे थे रिजवान मुझे बेडरूम में खींच कर ले गया और मैं बिल्कुल स्तब्ध रह गई थी उस वक्त मेरे दिल में कई सवाल उठ रहे थे शादी को सिर्फ दो हफ्ते ही हुए थे
और मैं अब तक अपने पति आरिफ के साथ ज्यादा समय भी नहीं बिता पाई थी मुझे यह महसूस हो रहा था कि मैं अब तक अपनी शादीशुदा जिंदगी को समझ भी नहीं पाई थी और एक अजीब सी बेचैनी मुझ में घर कर रही थी रिजवान का व्यवहार अचानक बदल गया उसने मुझे गले लगाते हुए कहा भाभी आप इतनी अकेली क्यों हैं मैं आपके साथ हूं आप मुझसे कुछ भी कह सकती हैं उसकी बातें सुनकर मेरे अंदर गुस्सा और डर दोनों उमड़ रहे थे
मैं खुद को अलग करना चाहती थी लेकिन उसी वक्त मुझे एहसास हुआ कि मेरा अकेलापन मुझे कितनी कमजोर बना चुका था उस रात मुझे लगा कि मुझे किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए खासकर तब जब हालात इतने मुश्किल हो मैं अपने आप से सवाल करती रही कि मैंने रिजवान को क्यों नहीं रोका क्यों उसकी बातें सुनती रही मैं क्या चाहती थी और यह सब क्यों हो रहा था इसके बाद के दिनों में मैंने खुद को पूरी तरह से बदलने की थानी
मैंने फैसला किया कि अब मैं अपनी तन्हाई और भावनाओं को फिल्मों और दूसरों पर निर्भर नहीं रहने दूंगी मैंने अपने दिल और दिमाग को मजबूत करने का संकल्प लिया रिजवान से दूर रहते हुए मैंने अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने पर ध्यान देना शुरू किया मैंने किताबें पढ़ना शुरू किया अपने आप को समझने और सशक्त बनाने के लिए और धीरे-धीरे मुझे यह समझ में आया कि जिंदगी सिर्फ शादी और रिश्तों तक सीमित नहीं है समय बीतने लगा
और मैंने खुद को भावनात्मक रूप से संभालने की कोशिश जारी रखी रिजवान अब भी घर में था लेकिन मैंने उससे एक सुरक्षित दूरी बना ली थी मैंने उसके इशारों को समझ लिया था और उसे साफ तौर पर नजरअंदाज करना शुरू कर दिया आरिफ से फोन पर बात होती रहती थी लेकिन उनके सिंगापुर में रहने के कारण हमारी बातचीत में वह गर्मजोशी और गहराई नहीं थी जो एक नए जोड़े में होनी चाहिए थी फिर भी मैंने खुद को मजबूत बनाए रखा और अपनी जिंदगी के नए आयाम खोजने लगी
एक दिन मैंने पास के एक कॉलेज में दाखिला लेने का फैसला किया मैंने सोचा कि यह मुझे अपनी तन्हाई और भावनाओं से निपटने का एक सही तरीका देगा पढ़ाई में व्यस्त रहने से मुझे खुद को फिर से खोजने का मौका मिला मैं नए दोस्त बनाने लगी और मेरे अंदर एक नई ऊर्जा जागने लगी रिजवान ने कई बार मुझसे फिर से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन अब मैं पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी हुई थी
मैंने उससे साफ-साफ कह दिया कि वह अपनी हद में रहे और कभी भी मुझे फिर से परेशान ना करें इस दौरान आरिफ भी कुछ महीनों बाद वापस आ गए उनके वापस आने के बाद मैंने उनसे खुलकर बात करने का फैसला किया मैंने उन्हें बताया कि उनके जाने के बाद मुझे किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा और कैसे मैंने खुद को संभाला आरिफ ने मेरी बातों को ध्यान से सुना और मुझसे माफी मांगी कि वह मुझे इस हालात में अकेला छोड़ गए थे
हम दोनों ने अपने रिश्ते को नए सिरे से समझने और एक दूसरे के साथ ईमानदार रहने का फैसला किया मैंने अपने मन की बात कहने की हिम्मत जुटाई और आरिफ ने मुझे समझने की कोशिश की इस बातचीत के बाद हमारा रिश्ता और भी मजबूत हो गया अब मैं अपने जीवन को नई सोच और आत्मनिर्भरता के साथ जी रही थी मुझे एहसास हो गया था कि चाहे हालात जैसे भी हो एक महिला के अंदर इतनी शक्ति होती है कि वह हर चुनौती का सामना कर सक कि अगर वह अपने आप पर विश्वास करें
और अपने आत्मसम्मान को सबसे ऊपर रखें आरिफ के वापस आने के बाद हमारी जिंदगी में धीरे-धीरे स्थिरता आने लगी अब हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे और मैंने महसूस किया कि हमारे बीच का रिश्ता पहले से कहीं अधिक गहरा हो गया है आरिफ मेरे बदलाव को समझ रहे थे और उन्होंने मेरी आत्मनिर्भरता और नए आत्मविश्वास की सराहना की हमा हमारे बीच अब केवल पति-पत्नी का रिश्ता नहीं था बल्कि एक गहरी दोस्ती भी बन गई थी
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जहां हम एक दूसरे के मन की बात खुलकर कह सकते थे मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई जारी रखी और आरिफ ने मुझे हर कदम पर प्रोत्साहित किया उनकी सपोर्ट से मेरा आत्मविश्वास और बढ़ गया और मैंने अपने अंदर की वह खोई हुई पहचान वापस पा ली जिसे मैं पहले अपने तन्हाई और कमजोरियों में खो बैठी थी रिजवान अब भी उसी घर में था लेकिन उसने मेरे बदलते रवैए को समझते हुए अपनी हरकत बंद कर दी शायद उसे भी यह एहसास हो गया था कि मैं अब वह कमजोर लड़की नहीं रही
जो अकेलेपन में अपने आप को भटका देती थी मैंने उसे साफ-साफ संकेत दे दिए थे कि मैं अब अपने जीवन में किसी तरह का अनुचित हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करूंगी कुछ महीनों बाद आरिफ ने एक दिन मुझे बताया कि उन्हें सिंगापुर वापस नहीं जाना पड़ेगा उन्होंने अपने काम की स्थिति को यहां भारत में स्थिर कर लिया था ताकि हम हमेशा साथ रह सकें यह खबर सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा अब हमारा जीवन पूरी तरह से बदल चुका था
मैं पढ़ाई पूरी करने के बाद एक नौकरी करने लगी और आरिफ के साथ मिलकर हम दोनों एक संतुलित और खुशहाल जिंदगी जीने लगे हमने अपने बीच प्यार भरोसे और समझदारी का एक मजबूत रिश्ता बना लिया था जो पहले की किसी भी मुश्किल से कहीं अधिक शक्तिशाली था इस अनुभव ने मुझे एक बड़ा सबक सिखाया था जिंदगी में मुश्किलें आएंगी तन्हाई और चुनौतियां भी होंगी लेकिन अगर हम खुद को मजबूत बनाए रखें और अपने आप पर विश्वास करें तो हम किसी भी मुश्किल से पार पा सकते हैं
मैंने अपने अंदर की ताकत को पहचाना और आज मैं खुद पर गर्व महसूस करती हूं कि मैंने अपनी जिंदगी को फिर से एक नई दिशा दी समय के साथ मेरी जिी में स्थिरता आ गई थी लेकिन जीवन की चुनौतियां कभी खत्म नहीं होती कुछ साल बाद जब मैं और आरिफ अपने काम और जीवन में पूरी तरह से व्यस्त हो चुके थे तब हमें परिवार बढ़ाने का विचार आया यह विचार हमारे रिश्ते को एक नए मोड़ पर ले जाने वाला था हम दोनों ने फैसला किया कि अब समय आ गया है कि हम एक बच्चा प्लान करें
यह निर्णय हमारे लिए एक नई शुरुआत जैसा था मैं अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर बेहद उत्साहित थी आरिफ भी इस बात को लेकर काफी खुश थे और उन्होंने मेरे स्वास्थ्य और आराम का पूरा ध्यान रखना शुरू कर दिया इस दौरान मैंने अपने काम से कुछ समय की छुट्टी ली ताकि मैं पूरी तरह से अपने स्वास्थ्य और आने वाले बच्चे की देखभाल कर सकूं यह समय मेरे लिए खास था एक औरत के जीवन में यह समय बहुत महत्त्वपूर्ण होता है जब वह एक नए जीवन को अपने भीतर पलते महसूस करती है
रिजवान अब भी हमारे घर आता जाता था लेकिन अब वह पूरी तरह से बदल चुका था हमारी बातचीत सीमित हो गई थी और मैंने उसकी ओर से किसी भी अनुचित व्यवहार का सामना नहीं किया शायद मेरे आत्मविश्वास और आरिफ के साथ मजबूत रिश्ते ने उसे साफ संकेत दे दिए थे कि उसकी हरकत अब मुझ पर कोई असर नहीं डालेगी फिर एक दिन मेरे जीवन का सबसे खुशी भरा पल आया मैंने एक प्यारे बेटे को जन्म दिया हमारी दुनिया पूरी तरह से बदल गई
आरिफ की आंखों में खुशी की चमक देखते ही बनती थी वह मेरे और बच्चे के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे हमने अपने बेटे का नाम आर्यन रखा आर्यन के आने से हमारी जिंदगी में ना सिर्फ खुशियां आई बल्कि हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई लेकिन इन जिम्मेदारियों को निभाते हुए मुझे एक नई ताकत का एहसास हो रहा था आरिफ और मैं एक टीम की तरह एक दूसरे के साथ मिलकर हर चुनौती का सामना कर रहे थे अब मेरे जीवन में वह तन्हाई और असुरक्षा की भावना कहीं खो गई थी
मैं एक सशक्त महिला थी एक प्यार करने वाली पत्नी और अब एक मां भी मेरा जीवन उस दिशा में चल पड़ा था जहां हर मुश्किल ने मुझे और भी मजबूत बना दिया था समय के साथ आर्यन बड़ा होने लगा और हमने उसे प्यार भरोसे और सम्मान की नीव पर बड़ा किया हमारे रिश्ते में अब इतनी मजबूती और समझ आ गई थी कि कोई भी मुश्किल हमें कमजोर नहीं कर सकती थी मुझे एहसास हो गया था कि जिंदगी में हर दौर का एक मकसद होता है शुरुआती तन्हाई और मुश्किलों ने मुझे आत्मनिर्भर बनाया
और आज मैं उस अनुभव की शुक्रगुजार हूं जिसने मुझे एक मजबूत इंसान और एक बेहतरीन पत्नी और मां बनने में मदद की आर्य के आने के बाद हमारी जिंदगी में एक नई उमंग और उद्देश्य आ गया था उसकी मासूमियत और हंसी ने हमारे घर को खुशियों से भर दिया था हम दोनों में और आरिफ हर दिन उसके साथ बिताने वाले छोटे-छोटे पलों का आनंद ले रहे थे उसकी पहली मुस्कान पहला कदम और पहली बोली यह सब हमारी जिंदगी के सबसे अनमोल पल बन गए थे
आरिफ जो पहले अपने काम में बेहद व्यस्त रहते थे अब हर दिन थोड़ा समय आ के साथ बिताने की कोशिश करते थे हमने अपने आपसी रिश्ते में भी यह बदलाव देखा कि हम पहले से ज्यादा समजदार और धैर्यवान हो गए थे माता-पिता बनना ना सिर्फ हमें जिम्मेदार बना रहा था बल्कि हमारी भावनात्मक गहराई को भी बढ़ा रहा था अब हमारे बीच सिर्फ पति-पत्नी का रिश्ता नहीं था बल्कि हम साथी माता-पिता भी बन गए थे एक दिन जब आर्यन न साल का था
मुझे एक बड़ा निर्णय लेना था मेरे कॉलेज के दिनों की दोस्त सारा ने मुझे एक काम के अवसर के बारे में बताया था यह नौकरी मेरी योग्यता और शिक्षा के अनुसार थी और मुझे इसे अपनाने का बहुत मन था लेकिन इसका मतलब था कि मुझे फिर से काम पर लौटना होगा और आर्यन को ज्यादा समय के लिए घर छोड़ना पड़ेगा मैंने इस बारे में आरिफ से बात की आरिफ ने मुझे पूरी तरह से समर्थन दिया और कहा तुम्हारा सपना सिर्फ मां बनना नहीं था तुमने अपने लिए जो भविष्य की कल्पना की थी
वह भी तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा है अगर तुम्हें लगता है कि यह मौका सही है तो तुम उसे जरूर अपनाओ हम दोनों मिलकर आर्यन का ध्यान रख सकते हैं आरिफ की बातों ने मुझे हिम्मत दी मैंने नौकरी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और काम पर लौटने का फैसला किया शुरुआती दिनों में थोड़ा मुश्किल हुआ क्योंकि घर और काम के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण था लेकिन धीरे-धीरे हम दोनों ने मिलकर इसे संभाल लिया
आर्यन भी हमारे नए शेड्यूल में ढलने लगा मेरे काम पर लौटने से मुझे ना केवल पेशेवर संतुष्टि मिली बल्कि मैं अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को भी फिर से महसूस कर पाई आरिफ ने भी मेरी मेहनत और संतुलन को सराहा हमारी जिंदगी अब कई आयामों में चल रही थी एक सशक्त महिला एक जिम्मेदार मां और एक आत्मनिर्भर प्रोफेशनल के रूप में आर्यन की परवरिश में भी मैंने उसे सिखाया कि जिंदगी में खुद पर विश्वास रखना कितना जरूरी है
मैंने उसे अपनी गलतियों से सीखने और चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ने का महत्व समझाया आरिफ और मैंने तय किया कि हम आर्यन को एक ऐसा माहौल देंगे जहां वह खुले दिल और दिमाग से अपनी जिंदगी के फैसले कर सके समय गुजरता गया और हमारे परिवार का यह स आगे बढ़ता गया जीवन की हर चुनौती ने हमें और मजबूत और परिपक्व बनाया अब मैं उस लड़की से बहुत दूर आ चुकी थी जो अकेलेपन और असुरक्षा में उलझी रहती थी
मैंने अपने जीवन में जो भी मुश्किले देखी थी उन्होंने मुझे एक सशक्त महिला पत्नी और मां बनने का मौका दिया अब मैं जानती थी कि जिंदगी के हर मोड़ पर हमें अपनी ताकत और समझ से काम लेना चाहिए चुनौतियां आएंगी लेकिन अगर हम खुद पर विश्वास रखें और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर उन चुनौतियों का सामना करें तो हम हर मुश्किल से जीत सकते हैं जैसे जैसे साल बीतते गए हमारी जिंदगी में ना सिर्फ स्थिरता आई बल्कि हम सब एक दूसरे के और भी करीब आ गए
आर्यन स्कूल जाने लगा था और उसके साथ बिताया हर पल हमें माता-पिता होने का एहसास कराता था उसकी छोटी-छोटी कामयाब यां नई नई बातें और उसकी मासूमियत ने हमारे जीवन को हर दिन खुशियों से भर दिया आरिफ भी अपने काम में अच्छी तरक्की कर रहे थे अब जब वे घर आते थे तो पहले की तरह तनाव से भरे नहीं होते थे हमने अपने काम और परिवार के बीच एक बेहतरीन संतुलन बना लिया था
हम अक्सर वीकेंड पर बाहर घूमने जाते या फिर घर पर ही मिलकर समय बिताते थे अब हमारा परिवार एक टीम की तरह था जहां हर कोई एक दूसरे का सम्मान करता और सपोर्ट करता था मेरे करियर में भी अब स्थिरता आ चुकी थी मैंने अपनी नौकरी में कई नई उपलब्धियां हासिल की और इससे मुझे काफी आत्म संतुष्टि मिली मैंने अपने सपनों को जिया और इसके साथ ही परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाया आरिफ के समर्थन और समझ ने मुझे हमेशा हिम्मत दी
और इससे हमारा रिश्ता और भी गहरा होता गया आर्यन जब धीरे-धीरे बड़ा हो रहा था तब मैंने उसके अंदर कई गुणों को बढ़ता हुआ देख उसकी जिज्ञासा सीखने की ललक और अपने आसपास की चीजों को समझने की चाहत ने मुझे गर्व से भर दिया हम दोनों ने उसे एक अच्छा इंसान बनने के मूल्यों के साथ बड़ा किया ईमानदारी सहानुभूति और आत्मनिर्भरता फिर एक दिन आर्यन ने मुझसे पूछा मां जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो मैं भी आपके और पापा के जैसे बनना चाहता हूं
आप दोनों हमेशा सब कुछ संभाल लेते हो मैं भी ऐसा सीखना चाहती हू उसकी यह बात सुनकर मेरी आंखों में खुशी के आंसू आ गए मैंने उसे गले लगाते हुए कहा बेटा तुम जो भी बनना चाहो हम तुम्हारे साथ हैं सबसे जरूरी है कि तुम खुद पर विश्वास रखो और जो सही है उसके लिए मेहनत करो आर्यन की यह बात सुनकर मुझे महसूस हुआ कि हम ना सिर्फ अपने लिए बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक मिसाल बन रहे हैं अब मेरा जीवन केवल मेरे खुद के सं ों और कामयाब हों
तक सीमित नहीं था बल्कि इसमें आरिफ और आर्यन के साथ मिलकर एक ऐसा परिवार बनाने की संतुष्टि भी थी जो एक दूसरे के लिए हमेशा खड़ा रहता है आखिरकार मैंने यह समझ लिया कि जीवन का असली मतलब सिर्फ चुनौतियों से लड़ना नहीं बल्कि हर चुनौती से कुछ सीखकर एक बेहतर इंसान और एक बेहतर रिश्ता बनाना है हमने मिलकर अपने जीवन की कहानी को ऐसा रूप दिया जिसमें प्यार सम्मान और आत्मनिर्भरता की बुनियाद पर एक खूबसूरत परिवार खड़ा था
अब हम एक नई यात्रा पर थे जिसमें ना सिर्फ हमारा परिवार बल्कि हमारी सोच हमारे मूल्य और हमारे सपने एक साथ आगे बढ़ रहे थे जीवन भले ही कभी-कभी कठिनाइयां लाता हो लेकिन अगर परिवार का साथ हो और आत्मविश्वास बना रहे तो हर मुश्किल का सामना आसानी से किया जा सकता है आखिरकार मैंने सीखा कि जिंदगी का हर दौर हमें कुछ सिखाने के लिए आता है और आज मैं उस हर अनुभव की की आभारी हूं जिसने मुझे और हमारे परिवार को इस मुकाम तक पहुंचाया
जैसे-जैसे आर्यन बड़ा होता गया हमारी जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई लेकिन साथ ही साथ हमारी खुशी और संतोष भी अब आर्यन स्कूल के बाद कॉलेज में प्रवेश कर चुका था और उसकी रुचि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बढ़ती जा रही थी उसने कई प्रतियोगिताएं जीती और अपनी मेहनत से एक प्रतिभाशाली छात्र के रूप में पहचान बनाई आरिफ और मैं गर्व से उसे बढ़ते देख रहे थे उसकी हर कामयाबी हमारे जीवन की सबसे बड़ी खुशी बन गई थी हम दोनों ने उसके भविष्य को संवारने में अपनी पूरी ताकत लगा दी थी
लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि वह अपने पैरों पर खड़ा होना सीखे और आत्मनिर्भर बने आर्यन की परवरिश के दौरान हमने उसे आत्मविश्वास मेहनत और ईमानदारी का मूल्य सिखाया उसकी परिपक्वता और समझ ने हमें महसूस कराया कि हमारा सफर सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि आर्यन के उज्जवल भविष्य के लिए भी था वह एक ऐसा युवा बन रहा था जिसे हम पर गर्व था और जिसे देखकर हमें गर्व महसूस होता था एक दिन आर्यन ने घोषणा की कि वह विदेश में एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ाई करना चाहता है
यह सुनकर मैं और आरिफ दोनों ही थोड़े भावुक हो गए हमारा बेटा अब बड़ा हो चुका था और वह अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए तैयार था हमने उसे पूरा समर्थन दिया हालांकि उसके बिना घर की कल्पना करना हमारे लिए कठिन था आरिफ ने मुझसे कहा वक्त कितना जल्दी बीत जाता है कल तक जो बच्चा हमारे आंगन में खेलता था आज वह अपनी जिंदगी की दिशा खुद तय करने चला है उसकी यह बात सुनकर मैं भी थोड़ी भावुक हो गई
लेकिन हमें खुशी थी कि आर्यन अपनी जिंदगी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की ओर बढ़ रहा था आर्यन की विदेश जाने की तैया शुरू हो गई और हम दोनों ने उसके साथ मिलकर हर कदम पर उसकी मदद की जिस दिन वह जाने वाला था वह दिन हम सभी के लिए भावनाओं से भरा हुआ था आर्यन ने हमें गले लगाया और कहा आप दोनों ने मुझे जो कुछ सिखाया है मैं उसे कभी नहीं भूलूंगा जो भी बनूंगा उसमें आपका ही योगदान होगा उसकी यह बात सुनकर हम दोनों की आंखें नम हो गई
लेकिन दिल गर्व और खुशी से भर गया था आर्य के जाने के बाद घर थोड़ा खाली-खाली लगने लगा लेकिन हमें यह एहसास हुआ कि हमने अपने बेटे को अच्छी तरह से तैयार किया है ताकि वह अपनी जिंदगी के हर मोड़ पर सही फैसले ले सके अब आरिफ और मैं एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे थे हमारी जिंदगी एक बार फिर बदल रही थी लेकिन इस बार हम अपने अनुभवों और एक दूसरे के साथ बिताए गए पलों के बल पर और भी मजबूत थे
हमने यह महसूस किया कि जिंदगी का हर पड़ाव कुछ सिखाता है चाहे वह तन्हाई हो संघर्ष हो माता-पिता बनने की जिम्मेदारी हो या अपने बच्चों को स्वतंत्र देखने का समय हो अब हमारा जीवन शांत संतुलित और खुशहाल था हमने अपने रिश्ते की नीव इतनी मजबूत बना ली थी कि कोई भी चुनौती उसे हिला नहीं सकती थी आरिफ और मैं अक्सर बैठकर पुरानी बातें किया करते थे हमारे संघर्ष हमारी कामयाब और सबसे बढ़कर वह यात्रा जो हमने मिलकर तय की थी
हम दोनों ने अब यह मान लिया था कि जीवन का असली सुख उन छोटे-छोटे पलों में छिपा होता है जिन्हें हम अपने प्रियजनों के साथ बिताते हैं चाहे आर्यन की सफलता हो हमारे अपने सपनों की प्राप्ति हो या एक दूसरे के साथ बिताए हुए पल यह सब मिलकर ही एक संपूर्ण जीवन बनाते हैं और फिर हम दोनों ने मिलकर तय किया कि अब अपनी जिंदगी के इस नए अध्याय को और बेहतर बनाना है हम हमने अपने लिए नई यात्राओं की योजना बनाई
नए शौक अपनाए और अपने रिश्ते में वही ताजगी बनाए रखी जो सालों पहले हमारी शुरुआत में थी अब जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमें गर्व होता है कि हमने एक दूसरे के साथ मिलकर हर चुनौती का सामना किया अपने परिवार को सशक्त बनाया और अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जिया और यही सच्चा सुख था
एक साथ होना और हर पल को संजोना अंतत हमने यह सीखा कि जिंदगी की असली खूबसूरती सिर्फ उसकी मंजिल में नहीं बल्कि उस सफर में छिपी होती है जो हम अपने प्रियजनों के साथ तय करते हैं