पति को सबक सिखाया | Motivational Hindi Story Written | Sad Likhit Moral | Meri Kahaniyan

Motivational Hindi Story : आज मेरी शादी की रात थी और मैं अपने कमरे में अकेली बैठी थी दिल में अजीब सी हलचल थी डर और घबराहट का माहौल था मैंने तुरंत तय किया कि कपड़े बदल लो क्योंकि जिस इंसान के लिए मुझे दुल्हन बनाया गया था मैं नहीं चाहती थी कि वह मुझे इस रूप में देखें मुझे उससे सख्त नफरत थी मैं क्यों उसके लिए तैयार होते रहती शादी तो हो गई थी लेकिन मैंने उसे कभी उसे अपना पति नहीं मान सकती थी

क्योंकि मुझे उससे कोई लगाव नहीं था मुझे पता था कि मैं उसके साथ जो किया था उसका बदला वह जरूर लगा अभी नहीं तो कभी वह जरूर ऐसा कुछ करेगा जो बहुत डरा देने वाला होगा कहते हैं कि मर्दों में बहुत आना होती है और मुझे लग रहा था कि आज उसकी अना का सामना करना पड़ेगा मैं जारी हुई थी लेकिन अपने आप को कमजोर नहीं दिखाना चाहती थी मैंने अपने मन में तय किया था कि पहले ही दिन उसे बता दूंगी कि मैं उसके इंतजार में दुल्हन बनाकर नहीं बैठी हूं

मेरे दिल में उसके लिए ऐसी कोई चीज बात नहीं जैसे किसी घरेलू बीवी के दिल में होते यह जानते हुए भी क्या हुआ ना जाने किस तरह व्यवहार करेगा मैं पक्का इरादा कर लिया था कि आज मैं उसे सारा कुछ बता दूंगी जब उसने कमरे में कदम रखा और हल्की सी आवाज सुनाई दी तो मेरा दिल जोर से धड़कने लगा मैंने अभी तक कपड़े नहीं बदले थे इन बातों का इरादा करते हुए मेरा ध्यान इस तरह गया ही नहीं के कपड़े बदलो जैसे ही वह कमरे में आया उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया

फिर तुरंत अपनी शेरवानी उतार कर एक तरफ रखनी और मेरे सामने आकर बैठ गया उसने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ पूछा कैसी हो मेरे दिल में एक अजीब सी घबराहट थी उसका इतना सा मुस्कुराना और आते ही मेरा हाल पूछना हैरान कर देने वाली हरकत थी सो रही थी कि अभी तक तो ठीक हूं लेकिन आगे क्या होगा नहीं पता फिर उसने पूछा तुमने खाना खाया है मैंने कहा हां क्यों आप क्यों पूछ रहे हैं उसने कहा वैसे ही जब तुम खाना नहीं खाती तो तुम्हें ज्यादा गुस्सा आता है ना

वह मेरा कजन था और मेरी हरकतों से खूब वाकिफ था मैंने कहा हां मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं उसकी बातों से ऐसा लग रहा था जैसे वह अभी मेरे मुंह पर थप्पड़ मारेगा और रहेगा तुमने मुझे इतना शेयर किया फिर भी तुम मेरे से शादी करके आई हो अब कैसा लग रहा है लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया इसके बजाय उसने मुस्कुराते हुए कहा जो कपड़े बदल लो बाथरूम में तुम्हारे लिए कुछ कपड़े रखे हैं वह पहन कर आओ

मुझे अपनी कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था यह कैसे कपड़े हो सकते हैं मैंने उससे कहा मैं तुम्हारी बात क्यों मानूं उसने थोड़ा गुस्से में कहा मेरे कमरे में मेरे बिस्तर पर मेरे नाम की चूड़ियां और जोड़ में बैठी हो और अब कहती हो तुम्हारी बात क्यों मनु बच्चों जैसी बातें मत करो काजल मैं तुम्हें समझदार समझता था मैंने झट से जवाब दिया समझदार होती तो यहां नहीं बैठी होती मां-बाप के सामने मजबूर नहीं होती उसने थोड़ी देर चुप रहकर कहा यह बातें करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है

अब मेरा मूड खराब मत करो जो और कपड़े बदल को मजबूरन मुझे वहां जाना पड़ा इसकी बात माननी पड़ेगी और इसके सिवा मैं क्या ही कर सकती थी लेकिन जब मैं बाथरूम में देखा कि उसने कौन से कपड़े रखा है तो मेरी तो एक आपका ही में एक कपड़े कैसे पहन सकती थी लेकिन अब पूरी रात बाथरूम में भी तो नहीं खड़ी रह सकती थी तभी अचानक बाथरूम का दरवाजा खुला और उसने मेरा नाम काजल था और मेरे एक कजिन का नाम विजय था

वह एक अच्छा इंसान था पूरे परिवार में सबकी मदद करता था मैंने सुना था कि उसे मुझसे प्यार है यह बात मुझे मेरे कजन ने बताई थी उन्होंने कहा था वह तो तुम पर फिदा है मैंने हंसकर कहा कोई बात नहीं है उसे पता है कि हमारा कोई जोर नहीं मेरे कम ने जवाब दिया जिसे जोर नहीं होता अक्सर प्यार और शादी उन्हीं से हो जाती है वह तो तुमसे प्यार कर बैठा है बेचारा मुझे अपने ऊपर बहुत घमंड था मैं सबसे सुंदर थी सुशील थी पढ़ी लिखी थे

और भेज तो बस एक छोटी सी नौकरी करता था एक गवर्नमेंट कंपनी में क्लर्क था सब कहते थे आगे तरक्की करेगा लेकिन था तो क्लर्क ही उसकी नौकरी छोटी थी लेकिन घर अपना था उसके मां बाप भी बहुत अच्छे थे कभी-कभी जब मेरे और विजय के रिश्ते की बात होती है तो मैं गुस्से में आ जाती थी मुझे वहां एक नजर नहीं भाता था सब कहते थे जिस चीज से इंसान भागता है वही उसके सामने आकर खड़ी हो जाती है और वाकई जब उसका रिश्ता आया तो हम सब हैरान रह गए

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मेरे मां-बाप को उसे रिश्ते से कोई इंकार नहीं था उन्होंने कहा लड़के के पास पैसा नहीं है लेकिन हम उसे सब दे सकते हैं अगर लड़का अच्छा है तो तुम्हें पैसे से खुशी मिलती रहेगी तुम्हारे मां-बाप तुम्हारा खर्चा भेजते रहेंगे और तुम अपना मां का सब कुछ ले लेना मैंने उसे रिश्ते को मना कर दिया लेकिन अब बाहर फंस गई थी क्योंकि पापा की मर्जी थी वह कभी भी मेरी नहीं सुनने वाले थे उनकी नजरों में इसे ज्यादा अच्छा रिश्ता मेरे लिए नहीं आने वाला था

पापा को इस रिश्ते से बहुत खुशी होने वाली थी मेरी मां भी इस रिश्ते के खिलाफ नहीं थे क्योंकि इससे पहले मेरी बड़ी बहन का रिश्ता हमने एक बहुत अमीर घर आने में किया था लेकिन उन लोगों में इंसानियत नाम की भी कोई चीज नहीं थी मेरे बहन के पति को तमीज नहीं थी वह उस पर हाथ उठाता था और उन्होंने कभी उससे प्यार से बात तक नहीं की उन्होंने मेरी मां और पापा से कभी खुद से फोन करना भी जरूरी नहीं समझा

मेरी बहन के रिश्ते में इतनी गलती करने के बाद मेरी मां और पापा अब किसी अमीर घर के लड़ से ज्यादा एक अच्छा इंसान ढूंढ रहे थे लेकिन वह क्या जानते थे कि मैं उस शख्स को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती बात मेरी मम्मी तक पहुंच गई थी और मेरे दिमाग में एक प्लान बन गया मेरा दिल तो कभी इस रिश्ते के लिए नहीं था पापा को दिल का मसाला था मैं उन्हें कोई दुख नहीं देना चाहती थी लेकिन जो प्लान मैंने बनाया था उसमें एक दोस्ती की कुर्बानी थी

उसी दिन मेरी एक दोस्त को कुछ पैसे दिए और कहा तुम आकर सब के सामने यह साबित करो कि तुम्हारा विजय के साथ चक्कर चल रहा है और तुम उसके बच्चे की मां बनने वाली हो वह दोस्ती सुखी में बहुत आगे थे और एक्टिंग भी कमाल की करते थे मैंने उसे पैसे दिए और वह मेरे कहने पर वही किया जो मैंने कहा था जैसे ही वह आई सबके सामने विजय के गले लग गए उसने रोना धोना शुरू कर दिया कब शादी करोगी मुझसे तुमने मुझसे वादा किए थे

और अब इस लड़की से शादी कर रहे हो मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूं मेरे पापा ने यह बातें सुनी तो उनका चेहरा गुस्से से लाल हो गया उन्होंने बिना एक पल सोच विजय के मुंह पर जोर से थप्पड़ मार दिया हमने तुम्हें ऐसा इंसान नहीं समझा था वह चिल्लाए पूरा खानदान हंसी में डूब गया और सबको मुझ पर तरस आने लगा लोगों ने सोचा बेचारी की शादी को अब टूट गई अच्छा हुआ पहले ही पता चल गया पापा ने नमन को धक्के मारकर कर घर से निकाल दिया

मैंने भी सबके सामने उसे जोर से थप्पड़ मार दिया और चिल्लाई बड़े आए थे प्यार करने तुमने मुझे धोखा दिया मैं भी रो रही थी ताकि सबको लगे कि मैं सच में दुखी हूं जैसे मेरे साथ ही बुरा हो गया है मेरे पैसे किसी काम तो आए मेरी दोस्त की एक्टिंग ने सबको अपने जाल में घेर लिया था विजय बिल्कुल चुप था एक लफ्ज भी नहीं बोला बस इतना कहा यह लड़की झूठ बोल रही है लेकिन किसी ने उसकी बात पर विश्वास नहीं किया उसने एक बार मुड़कर मुझे देखा जैसे कुछ कहना चाहता हूं

लेकिन मैं उसे वक्त जीत चुकी थी मैंने उसे आंख मार दी जैसे कह रही हो तुम हार गए और मैं जीत गए और वह मुड़कर वापस चल दिया कुछ दिन इस तरह गुजर गए पापा ने मेरा रिश्ता एक और अच्छे घर में पक्का कर दिया लेकिन जब मेरी शादी होने ही वाली थी तो पता चला कि उसे लड़के की पहले से शादी हो चुकी थी यह सुनकर पापा के दिल को बहुत जोर का धक्का लगा और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई

जब पापा बिस्तर पर लेटे थे तो विजय ने हमारा साथ दिया पापा ने मेरे हाथ को विजय के हाथ में दे दिया विजय ने कहा मामा जी मेरा किसी लड़की के साथ कोई रिश्ता नहीं था मैं तो उसे लड़की को जानता भी नहीं पापा ने यह सुनकर आंखें बंद कर ली लेकिन उन्होंने अपने आखिरी लम्हो में मेरा हाथ विजय के हाथ में दे दिया मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है पापा ने हमारा निकाह करवा दिया और अब मैं दुल्हन बनाकर विजय के कमरे में बैठी थी

मेरी तो किस्मत ही खराब थी ना जाने अब मेरी जिंदगी में क्या होने वाला था जब मैं बाथरूम में गई तो सामने का मंजर देखकर मेरी सांसे रुक गई मुझे लगा था कि उसने मेरे लिए कोई शादी की रात वाला कपड़े रखे होंगे लेकिन यह देखकर हैरान थी कि यह वही जोड़ा था जो विजय की मां मेरी मंग के दिन मेरे लिए लाई थी

मैंने वह जोड़ा उन्हें वापस कर दिया था उसे दिन लेकिन उसने वह यहां पर लाकर रखा था मैं यह सोच ही रही थी क्या अचानक दरवाजा पर दस्तक हुई विजय ने आवाज दी कपड़े बदलकर जल्दी बाहर आ जाओ मेरी रूह कहां गई लेकिन मजबूरन कपड़े बदलने ही पड़े जब मैं बाहर आई तो उसने थोड़ा मुस्कुरा कर कहा अब तुम अच्छी लग रही हो एक मिडिल क्लास पति की मिडिल क्लास पत्नी उसका यह कहना मेरे दिल को चूहा उसका ले जा जाने किस रग में था

शायद गुस्सा शायद आना या शायद कुछ और मैं उसके चेहरे की तरफ देखती रही समझने की कोशिश करती रही कि उसके दिल में क्या है ना जाने उसने क्या प्लान बनाया था कहीं वह कुछ ऐसा तो नहीं करने वाला था जो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती यानी कि हाथ उठाने वाला था उसने फिर कहा देखो काजल आज तुमने यह किया लेकिन दोबारा ऐसा मत करना मैं तुम्हारा पति हूं तुम्हा रे पापा की मर्जी से अब यह रिश्ता तुम्हें निभाना पड़ेगा मुझे उसका यह लेटर डरा रहा था

मेरा सारा घमंड मेरी सारी चालाकियां सब एक पल में बिकरी हुई थी वह कहते हैं ना जब इंसान खामोश में होता है और परेशान होता है तो उल्टे सीधे काम करता है जब विजय ने मेरे हाथ में एक अंगूठी पहनाने चाही मैंने वह अंगूठी उठाकर सामने फेंक दी विजय ने अचानक मुझे दोनों कंधों से पकड़ा और अपनी आंखों के सामने करके हां अभी भी तुम्हारे अंदर इतना गुरूर है इतना अकड़ है मुझे लगा कोई कयामत आ जाएगी

वह मुझे जोर से थप्पड़ मारेगा पर उसने मुझे झटका देखकर छोड़ दिया और खुद कमरे से बाहर चला गया उसके बाद आज एक हफ्ता हो गया था और वह मेरे कमरे में नहीं आया था सबके सामने वह बिल्कुल नॉर्मल तरीके से पेश आता था और मैं भी वैसे ही करती थी लेकिन रात को जाने कहां चला जाता था मुझे अकेली कमरे में रहने की आदत नहीं थी बहुत डर लगता था वैसे से भी इनका घर पुराने जमाने का बना हुआ था जो और ज्यादा डरा देता था

मैं सारी रात बैठी दीवारों को देखती रहती और डर के मारे ही सो जाती एक दिन मैंने उसे कहा रात को कहां चले जाते हो कमरे में सो जाओगे तो क्या हो जाएगा उसने कहा कमरे में सोकर क्या करें मैंने कहा जो करते हैं लोग कमरे में उसने कहा तुम्हें नहीं पता कि जिनकी शादी हो जाती है वह कमरे में क्या करते हैं मैं अपनी नजरें झुका के बोली सो तो सकते हो ना एक साइड के मुझे डर लगता है ऊपर से तुम्हारा घर भी पुराने जमाने का है तो वह कहता है

यही घर है इसी में रहना होगा सब लोग मुझे कहते थे तुम कितनी उसे नसीब हो तुम्हारा पति बहुत अच्छा है पर मैं किस कहती कि मुझे तो अच्छा नहीं लगता मैं उसे हमेशा बदतमीजी से बात करती थी उल्टी जवाब देती थी जबकि गलत मैंने किया था उसके साथ मुझे चुप रहना चाहिए था लेकिन ना चाहते हुए भी मुंग से कोई ना कोई बात निकल ही जाती थी और वह चुप हो जाता था जितना वह चुप रहता मुझे उतना गुस्सा आता ऐसा आता जैसे मेरा तीर निशाने पर नहीं लग रहा

लेकिन एक रात मेरी जिंदगी में ऐसी आई कि सब कुछ बदल गया आज मेरी सास और छोटी नंद गांव में एक शादी में गए थे उन्होंने कहा था हम लोग रात वहीं बिताएंगे मैंने कहा मैं अकेली रहूंगी तो उन्होंने कहा अरे अकेले क्यों भेजे हैं ना और हमने कम खाना बना के रखा है गर्म करके खुद भी खा लेना और उसे भी खिला देना मेरी सांस जाने लगी फिर वापस आई और बोली तुमने एक गलती की थी बेटा तुमने मेरे बेटे पर इल्जाम लगाया था पर मैंने तुम्हें माफ कर दिया

क्योंकि अब तुम मेरी बहू और मेरी बेटी जैसी हो लेकिन अब तुम दूसरी गलती कर रही हो मुझे पता है मुझे रोज रात को बाहर में सोता है देखो हम लोग जा रहे हैं तुम दोनों के बीच जो भी मामला है उसे साफ कर लेना जिंदगी इस तरह नहीं गुजरती मेरा बेटा बहुत अच्छा इंसान है और वह तुमसे बहुत प्यार करता है उनकी यह बातें सुनकर मैं हैरान हुए मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी सांस मुझे ऐसी बात करेगी वह यह सब जानती थी लेकिन कभी पूछा नहीं मुझे मैं बस चुप थी

लेकिन मैंने हां में सर हिला दिया रात हो गई थी लेकिन विजय अब तक घर नहीं आया था मैं डर रही थी मैंने उसे फोन किया लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था मैंने खाना गर्म करके खुद खा लिया और उसका इंतजार ने लगे रात के 2 बज गए थे एक पल के लिए मुझे ऐसा लगा कि कोई घर में दाखिल हुआ है मैं सामने देखा तो एक साया था मुझे लगा मुझे आया है और बेड में चला गया है मैं बिस्तर में लेती रही मैंने सोचा खुद ही दरवाजा बंद कर लेगा बस घर आ गया है

तो काफी है मुझे बीवियों की तरह जाकर यह पूछने की जरूरत नहीं थी कि उसने खाना खाया या नहीं खाना किचन में पड़ा है अगर भूख लगेगी तो खुद ही खा लेगा लेकिन मैं बहुत बड़ी गलती कर दी थी क्योंकि जो घर में दाखिल हुआ था वह विजय नहीं था मेरा कैमरा का दरवाजा खुला था और थोड़ी देर बाद कोई मेरे कमरे में आया और मेरे पास आकर लेट गया मुझे लगा भेजे हैं मैंने कहा यह क्या हरकत है पीछे हाथों जैसे ही मैंने उसकी तरफ देखा मेरे मुंह से ठीक निकल गई

क्योंकि वह विजय नहीं और कोई था शायद वह जानता था कि मैं घर में अकेली हूं और फायदा उठाना चाहता था मैं बुरे तरीके से डर गई मैं भाग भागने लगी तो उसने मुझे धक्का दिया मैं जमीन पर गिर गई और मेरा पैर मुड़ गया टांग पर गहरी चोट लगी मुझे लगा कि कोई तूफान आ गया है पर अचानक विजय वहां आ गया उसने उसे आदमी को मार के भगा दिया मैं बेहोश हो गई जब मुझे होश आया तो मैं घर में ही थी मेरी टांग पर क्लस्टर लगा था

डॉक्टर ने कहा दो महीने के बाद रेस्ट है उसके बाद आपको स्टिक पकड़ के चलना होगा आपकी जान बुरे तरीके से मुड़ गई थी मैं बहुत परेशान थी लेकिन इस बात की तसल्ली थी कि विजय ने मेरी इज्जत बचा ली थी जब मैं रो रही थी तो उसने कहा क्यों रो रही हो मैंने कहा अगर तुम नहीं आते तो क्या हो जाता उसने कहा मैं आ गया था ना अब परेशान मत हो उसके बाद उसने मेरा इतना ख्याल रखा जितना कभी सोचा भी नहीं था बिस्तर पर ही मुझे खाना मिलता मेरी सांस मेरा पूरा ध्यान रखती थी

और मेरी ननंद भी मेरे सब काम करती थी सब मेरी ख्याल रखते थे यह सब मुझे बहुत अच्छा लगा और थोड़ा दुख भी हुआ कि जिसे मैं नफरत करती थी वह इस मुसीबत में मेरे लिए कितना कुछ कर रहे थे विजय ने मुझे रात को उठकर पानी पिलाना शुरू कर दिया था जब मैं रात को उठी तो वह मुझे बाथरूम तक ले जाता और मेरी इतनी सेवा कर रहा था जितना मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन मैंने उसे हैरानी से देखा तो वह हंसकर बोला क्या देख रही हो

मैं धीरे से कहा मैं सोच रही हूं कि मैं तुम्हारे साथ इतना बुरा किया फिर भी तुम मेरे इस मुश्किल वक्त में मेरा इतना ख्याल क्यों रख रहे हो मुझे तो लगा था कि तुम मुझ पर अपना गुस्सा निकलोगे लेकिन तुमने मुझसे कभी कोई शिकायत नहीं की ना कभी गुस्सा दिखाया मेरी बात सुनकर विजय के चेहरे पर एक गहरी मुस्कान थी उसने हल्की सी आवाज में कहा तुम समझती हो यह सब गुस्सा कैसे निकालने का काम है तुमने जो भी किया

वह सब कुछ एक तरफ पर मेरे लिए तुम हमेशा से एक परी की तरह थी एक खूबसूरत परी जो शायद मेरे नसीब में कभी आती ही नहीं लेकिन जब से मैं तुम्हें देखा तब से तुम्हें चाहा है तब से जब हम दोनों बहुत छोटे थे मैं इस बात पर सच में हैरान थी मैंने धीरे से पूछा तुम सच में अभी भी मुझसे इतना प्यार करते हो इतना सब कुछ होने के बाद भी उसने कहा तुम्हें क्या लगता है यह प्यार क्या होता है प्यार सिर्फ लव से नहीं है यह एक सास है मैं तुम्हारे लिए सब कुछ कर सकता हूं

तुमने जो भी मेरे साथ किया वह बहुत बुरा था पर इसके बाद भी तुम्हें छोड़ना मेरे बस में नहीं था जो लोग प्यार करते हैं उनके लिए प्यार कभी खत्म नहीं होता मैं सुनकर पूरी तरह से चुप हो गई थी अब मुझे अपने किए पर शर्मिंदगी हो रही थी विजय की यह बात सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गई मैंने धीरे से कहा तुम तो वाकई किसी और मिट्टी के बने हो तुम पर किसी बात का असर ही नहीं होता विजय ने मेरी तरफ देखा और हल्का सा हंस के बोला जब से तुम मेरी जिंदगी में आई हो मेरे लिए सब कुछ तुम ही थी

तुम्हें क्या लगता है जो मैंने तुम्हारे लिए किया वह कुछ असाधारण था नहीं यह तो वही प्यार है जो हमेशा मेरे दिल में था प्यार का मतलब बस अपने आप को समर्पित कर देना होता है तुम जो भी करती जो भी बुराई होती लेकिन मेरी मोहब्बत तुम्हारे लिए कभी नहीं बदली मैं यह सुनकर रोने लगी मुझे लग रहा था कि मैं विजय के साथ इतना बुरा किया था

और वह फिर भी मुझसे बिना किसी शिकायत के प्यार करता है उसे रात मैंने आगे बढ़कर विजय के गले लग गई उसने ऐसी सांस लिया जैसे उसकी जिंदगी की पहली सांस हो और मैं उसकी बाहों में पूरी तरह से बिखर गई थी मैंने उसे पाल पहले बार महसूस किया कि उसका प्यार कितना गहरा है और यह भी महसूस किया प्यार होता क्या है प्यार वह नहीं कि आप किसी को कितना चाहते हैं प्यार तो वह है कि कोई आपको कितना चाहता है और विजय का प्यार मुझे मुकम्मल लग रहा था

इसमें कोई मतलब नहीं था वह सिर्फ मुझसे प्यार करता था इन सब चीजों की बावजूद भी जो मैंने उसके साथ किया उसके बाद से हर दिन विजय मेरी मदद करता रहा था वह मुझे बेड पर बैठने में मदद करता मुझे चलने में सहारा देता और रोज मेरी एक्सरसाइज करवाता वह मुझे अपने हाथों से खाना खिला और मेरे लिए हर वक्त चिंता करता हर सुबह वह मुझे बाहर लंग में ले जाता ताकि मैं थोड़ा चल फिर सकूं मेरे लिए यह सब एक नई जिंदगी थी

मुझे यकीन नहीं होता था कि मैंने उसके साथ इतनी बुराई की थी और वह इतनी अच्छाई से मेरी मदद कर रहा था मेरी सास और नंद भी मुझे बहुत प्यार से संभालते थे जब मैं अपनी सास से पूछा आपको मुझ पर गुस्सा नहीं आता मैं आपके बेटे के साथ इतना बुरा किया है उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया तुम हमारे बेटे की खुशी हो और हमें अपनी बेटी की खुशी से बड़ा कुछ नहीं लगता जब वह तुम्हारे साथ खुश है तो हमें गुस्सा क्यों आएगा उनका जवाब सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए

मैं हैरान थी कि जो लोग मुझसे इतनी बुराई के बाद भी इतना प्यार करते हैं उन्हें मैं कितना गलत समझा था उसी दिन मुझे पहली बार समझ में आया कि असली प्यार क्या होता है मैंने कोई ऐसा अच्छा काम किया होगा जो मुझे इतने अच्छे सास और इतना प्यार करने वाला पति मिले मेरी हालत धीरे-धीरे बेहतर होने लगी थी एक दिन जब विजय घर आया मैं वही कपड़े पहने जो उसे बहुत पसंद थी जब उसने मुझे देखा तो मुस्कुराते हुए बोला क्या इरादा है तुम्हारा मैं आज का जवाब दिया

मैं अभी के क्या इरादे होते हैं वह हल्की सी हंसी में बोला अभी तुम ठीक नहीं हुई हो मैंने कहा मैं बिल्कुल ठीक हूं और उसके गले लग गई उसे पल मुझे ऐसा लगा कि मेरी जिंदगी एक नही शुरुआत ले रही है विजय का प्यार इतना गहरा था कि उसने मुझे एक पल में माफ कर दिया आज हमारी जिंदगी में सब कुछ बदल गया है हमारा रिश्ता पहले से ज्यादा गहरा हो गया है विजय का प्यार और उसका सब्र मेरी जिंदगी में एक नहीं रोशनी लेकर आया मैंने अपनी गलतियों से सीखा है

और अब हमारे बीच वह दूरियां नहीं रही आजकल मैं अक्सर लोगों को देखती हूं कि छोटी-छोटी बातों पर लड़ते हैं एक दूसरे को माफ नहीं करते उनकी जिंदगी छोटी सी गलतियां की वजह से बर्बाद हो जाती है प्यार का मतलब सिर्फ लफ्जों में कह देना नहीं है प्यार का मतलब है एक दूसरे की गलतियों को समझना और उन्हें माफ करना जैसे कि विजय ने किया अगर कोई आपसे सच्चा प्यार करता है तो आपकी गलतियों पर आपसे अलग नहीं होता बल्कि आपको समझकर उन्हें सुधारने की कोशिश करता है

आखिर में मैं यह कहना चाहूंगी कि प्यार का नाम सिर्फ जुबान से मत लो उसे दिल से महसूस करो शायद तुम्हारा हमसफर तुम्हें माफ कर दे लेकिन प्यार कभी तुम्हें माफ नहीं करेगा अगर तुम मुझे ठुकराई जब कोई तुमसे सच्चा प्यार करता है तो कभी तुम्हारे कमियों को नहीं देखा बल्कि तुम्हारी कामयाबी उसे मुकम्मल लगती है मुझे का मुझे मिल जाना मेरी शोभा था मैं विजय के साथ अब बहुत खुश हूं भगवान ने हम पर अपने फुल बरसाया है

हम मां-बाप करने वाले हैं यह सब कुछ विजय के प्यार और उसके सब्र की वजह से हुआ है उसके नसीब में मुझे भी खुशियां दी हैं और मैं इस प्यार की दास्तान को कभी नहीं भूलूंगी जिंदगी बड़ी अजीब है कभी-कभी आपको ऐसे मोड़ पर लेकर छोड़ती है क्या आप समझते हैं कि बस अब सब कुछ खत्म होने वाला है कभी भी कुछ भी ठीक नहीं होता लेकिन फिर एक दिन आपके लिए खुशियों का संदेश लेकर आती है और सब कुछ ठीक हो जाता है

मैंने अपनी जिंदगी की कहानी चाहिए शिखा की अगर एक अच्छा मर्द आपकी जिंदगी में आ जाए तो वह आपकी जिंदगी को बहुत खूबसूरत बना देता है हर दफा ऐसा नहीं होता कि जो इंसान यह कह रहा है कि मैं तुमसे प्यार करता हूं वह वाकई में आपसे प्यार करता हो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने प्रेम का इजहार नहीं कर पाए लेकिन उनकी हरकतों से और उनकी आंखों में यह बात आपको नजर आ जाती है कभी-कभी आपको देखा भी गलत होता है कानून सुना भी गलत हो हो सकता है

लेकिन दिल के रिश्ते का कोई मोल नहीं होता जहां दिल की बात आ जाए वहां पर आंखें बंद करके यकीन कर लेना चाहिए हमारी संतान इस दुनिया में आने वाली है हम उसको बहुत प्यार करेंगे उससे कभी किसी भी मसले में पढ़ने नहीं देंगे जो हमारे साथ हुआ वह कभी भी उसके साथ नहीं होने देंगे हमने कसम खाई है कि हमेशा एक दूसरे के साथ रहेंगे एक दूसरे के साथ निभाएंगे अगर नियत अच्छी रखो तो भगवान भी मदद करता है

जब दोनों आपस में एक दूसरे के साथ ठीक नहीं होते और दिल में कोई ना कोई बात रखी होती है नफरत रहती होती है तो फिर हालत भी खराब हो जाते हैं अगर आप चाहते हो कि आप हमेशा खुश रहो और आपका पार्टनर भी आपके साथ अच्छा रहे तो आप अपने दिल में अपने पार्टनर को बिल्कुल ठीक नहीं होता हर किसी में कोई ना कोई कमी होती है पर बर्दाश्त करना पड़ता सोचना पड़ता है समझाना पड़ता है यह जिंदगी है और जिंदगी उसी तरह चलती है

हर इंसान की जिंदगी की एक अलग ही कहानी होती है मेरे साथ जो कुछ भी हुआ अच्छा नहीं हुआ लेकिन आखिर में सब कुछ ठीक हो गया वह कहते हैं ना कि आखिर में सब कुछ ठीक हो जाता है अगर आखिर में ठीक नहीं हो तो इसका मतलब क्या अभी आखिर नहीं आया है शायद यह सारी बातें बिल्कुल सच है तभी सोच भी नहीं था कि मैं भी इन सारी बातों पर यकीन करने लगूंगा है

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