Love Story In Hindi : रात के करीब 2 बजे थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी वजह यह थी कि जिसके बारे में मैं अक्सर सोचा करता था वह मेरे बगल में सो रही थी मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाई और धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया तभी नीलिमा हिलने लगी मैं तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया और डर गया कि कहीं वह कुछ उल्टा सीधा ना कह दे
नीलिमा ने मेरी ओर देखते हुए कहा क्या हुआ नींद नहीं आ रही मैंने जवाब दिया नहीं नींद नहीं आ रही वह बोली अब सो जाओ काफी देर हो चुकी है और यह कहकर वह फिर से सोने लगी कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि नीलिमा गहरी नींद में है तो मैंने
धीरे से मेरा नाम रोहित है और मैं 25 साल का हूं यह घटना करीब दो साल पहले की है जब मैं पुणे में एक अपार्टमेंट में किराए पर रह रहा था मेरा कमरा पहली मंजिल पर था और उसी बिल्डिंग के सामने वाले फ्लैट में एक महिला आकर रहने लगी जिनका नाम नीलिमा था उनके साथ उनकी एक छोटी बेटी भी थी
जब मैंने नीलिमा को पहली बार देखा तो मुझे लगा ही नहीं कि वह शादीशुदा होंगी पहली मुलाकात के बाद से ही मेरा मन नीलिमा की ओर खींचने लगा नीलिमा अपनी बेटी के साथ अकेली रहती थी और उनका पति महीने में कभी-कभी ही आता था इसलिए मुझे लगने लगा था कि शायद वह भी अलापन महसूस करती
होंगी नीलिमा एक अस्पताल में नर्स के रूप में काम करती थी वह हर सुबह अस्पताल जाती और मैं भी उसी समय अपने ऑफिस के लिए निकलता था जब वह घर लौटती तो मैं भी लगभग उसी समय घर आता था यह सिलसिला कुछ समय तक चलता रहा और मुझे महसूस हुआ कि नीलिमा ने भी यह बात समझ ली थी कि मैं उन्हें अक्सर देखता रहता हूं
इस तरह दो महीने बीत गए और गर्मियों के दिन आ गए नीलिमा ने अपनी बेटी को उसके नाना नानी के घर भेज दिया और अब वह घर पर पूरी तरह अकेली थी एक दिन जब मैं ऑफिस से लौटा तो नीलिमा गेट पर खड़ी थी उन्होंने मुझे बुलाया और कहा सुनो मेरा फोन कुछ ठीक से काम नहीं कर
रहा क्या तुम एक बार देख सकते हो और मैं तो पहले से ही और मैं तो पहले से ही तैयार था मदद करने के लिए मैंने तुरंत हां कह दिया और उनके घर के अंदर चला गया नीलिमा ने मुझे फोन दिया और कहा देखो इसमें कुछ गड़बड़ हो गई है काम नहीं कर रहा मैंने फोन चेक किया और उसे ठीक करने की कोशिश करने लगा जैसे ही मैं फोन को देख रहा था मुझे महसूस हुआ कि नीलिमा मुझे गौर से देख रही है कमरे में थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा गया मैंने माहौल हल्का करने के लिए कहां लगता है बैटरी की कोई दिक्कत है वह मुस्कुराई और बोली तुम्हारे अलावा इसे और
कौन ठीक कर सकता है उसके इस वाक्य ने मुझे थोड़ा असहज तो कर दिया लेकिन मेरे दिल की धड़कने तेज हो गई मैंने फोन ठीक किया और उन्हें वापस दे दिया वह बोली बहुत-बहुत शुक्रिया आजकल घर पर अकेली रह रही हूं इसलिए थोड़ी दिक्कतें हो रही हैं मैंने कहा अगर आपको किसी भी चीज में मदद चाहिए तो आप मुझे बता सकती हैं नीलिमा ने धीरे से हमें सिर हिलाया और बोली ठीक है रोहित वैसे तुम हमेशा मेरे काम आ जाते हो अच्छा लगता है इसके बाद हम दोनों के बीच की दूरी कम होने लगी हम अक्सर एक दूसरे से बातें करने लगे और धीरे-धीरे यह दोस्ती
गहरी होती चली गई नीलिमा अब खुलकर अपने दिल की बातें मुझसे साझा करने लगी थी उन्होंने बताया कि उनका पति ज्यादातर शहर से बाहर ही रहता है और उनकी शादीशुदा जिंदगी में बहु बत सी समस्याएं हैं उनकी बातों से मुझे अंदाजा हो गया कि वह काफी अकेलापन महसूस कर रही थी हमारी बातचीत में धीरे-धीरे और भावनात्मक गहराई आने लगी एक दिन जब मैं ऑफिस से थोड़ा जल्दी वापस आया नीलिमा ने मुझे चाय पर बुलाया हम साथ बैठकर बातें कर रहे थे तभी उन्होंने कहा रोहित तुमसे बात करके मुझे अच्छा लगता है तुमसे मिलने के बाद से मैं थोड़ा हल्का महसूस करने लगी
हूं मैंने उनकी आंखों में देखा और कहा मुझे भी आपके साथ वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता है उस पल में दोनों के बीच एक खास तरह का जुड़ाव महसूस हुआ नीलिमा की आंखों में एक भाव था जिसे मैं पढ़ पा रहा था यह रिश्ता अब दोस्ती से कहीं आगे बढ़ चुका था मगर हम दोनों के बीच अभी भी एक असमंजस की स्थिति थी
उस दिन के बाद हमारे बीच की बातचीत और भी गहरी होने लगी नीलिमा मुझ पर अब पहले से ज्यादा भरोसा करने लगी थी मैं भी धीरे-धीरे उनके साथ अपना ज्यादा समय बिताने लगा कभी हम उनके घर में बैठकर बातें करते तो कभी मैं उनकी कुछ मदद कर देता जैसे कि सामान लाना या
छोटे मोटे काम करना एक दिन नीलिमा ने मुझसे कहा रोहित मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं पर समझ नहीं आ रहा कैसे कहूं उनकी आवाज में एक अजीब सा संकोच था मैंने उन्हें दिलासा देते हुए कहा आप मुझसे खुलकर बात कर सकती हैं नीली मां वह थोड़ी देर चुप रही
और फिर बोली तुमसे मिलने के बाद मुझे लगने लगा है कि जिंदगी में अकेलापन शायद इतना भी बुरा नहीं होता अगर कोई साथ देने वाला हो तुमसे बात करके मुझे बहुत सुकून मिलता है पर यह जो हम दोनों के बीच चल रहा है क्या यह सही है उनके इस सवाल ने मुझे भी सोचने पर मजबूर कर दिया हम दोनों एक ऐसी राह पर थे जो भावनाओं से
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भरी हुई थी मगर सामाजिक तौर पर सही नहीं मानी जाती मैंने गहरी सांस ली और कहा नीली मा मुझे भी तुम्हारे साथ बहुत अच्छा लगता है पर हम दोनों को यह समझना होगा कि यह रिश्ता हमें किस दिशा में ले जा रहा है मैं नहीं चाहता कि हमारी दोस्ती में कोई ऐसी बात आए जिससे तुम्हें या मुझे कोई तकलीफ हो नीलिमा ने मेरी बात सुनकर सिर झुकाया और कहा तुम सही कह रहे हो रोहित मगर दिल पर काबू करना मुश्किल हो गया है तुम्हारे बिना अब रहना मुश्किल लगता है यह सुनकर मेरे दिल में एक अजीब सी हलचल हुई मैं भी नीलिमा के लिए कुछ महसूस करने लगा
था पर समाज और रिश्तों की जटिलता हमें रोक रही थी हम दोनों के बीच एक गहरी खामोशी छा गई उस खामोशी में भी एक जुड़ाव था जो दोनों समझ रहे थे इसके बाद हम दोनों ने थोड़ी दूरी बनाए रखने की कोशिश की लेकिन यह दूरी भी हमारे दिलों में एक नई बेचैनी पैदा कर रही थी जब भी नीलिमा से मिलना होता आंखों में एक सवाल होता कि क्या हम सही कर रहे हैं फिर एक दिन नीलिमा ने कहा रोहित मैं अब और इस उलझन में नहीं रह सकती मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती लेकिन मैं यह भी नहीं चाहती कि तुम इस रिश्ते की वजह से किसी मुश्किल में पड़ो मुझे थोड़ा वक्त
चाहिए ताकि मैं खुद को समझ सकूं मैंने उनकी बात का सम्मान करते हुए कहा जो तुम्हें सही लगे वही करो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं चाहे जैसा भी फैसला हो उस दिन के बाद से नीलिमा ने मुझसे दूरी बनानी शुरू कर दी हमारे मिलने का सिलसिला कम हो गया हालांकि मैं उन्हें रोज देखता था लेकिन अब हम उतना समय साथ नहीं बिताते थे यह दूरी हमें समझने का मौका दे रही थी कि हमारा रिश्ता आखिर क्या मायने रखता है समय बीतता गया और नीलिमा ने धीरे-धीरे खुद को संभाल लिया उनके जीवन में फिर से एक स्थिरता आ गई थी मैं भी अपनी जिंदगी में
आगे बढ़ने की कोशिश करने लगा दोनों ने एक दूसरे को बिना कोई शिकायत किए अपनी अपनी राह चुन ली थी हमारा रिश्ता एक ऐसी कहानी बन गया जो अधूरी रह गई लेकिन उसकी यादें हमेशा दिल के किसी कोने में बसी रही कई महीने बीत गए नीलिमा और मेरे बीच की दूरी अब स्थाई हो चुकी थी लेकिन उसकी यादें और हमारे बीच का जुड़ाव कभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था ऑफिस के काम में व्यस्त हो गया था और नए लोगों से मिलना जुलना शुरू कर दिया था एक दिन अचानक मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई जब मैंने दरवाजा खोला तो सामने नीलिमा
खड़ी थी उन्हें देखकर मैं हैरान रह गया उनके चेहरे पर एक अजीब सी बेचैनी थी जैसे वह किसी गहरी सोच में हो मैंने उन्हें अंदर बुलाया और पूछा सब ठीक है न नीली मा इतने दिन बाद अचानक वह चुपचाप बैठ गई और थोड़ी देर बात बोली रोहित मैं बहुत उलझन में हूं इन महीनों में मैंने बहुत सोचा पर अब भी खुद को तुम्हारे बिना अधूरा महसूस करती हूं मैं जानती हूं हमने सही करने की कोशिश की थी पर दिल से यह रिश्ता खत्म नहीं हुआ मैंने उनकी बात ध्यान से सुनी और जवाब दिया नीलिमा मैं भी तुम्हारे बारे में बहुत सोचता हूं पर यह फैसला सिर्फ हमारे दिल का नहीं
है इसमें और भी चीजें शामिल है तुम्हारा परिवार समाज हमारी जिम्मेदारियां वह थोड़ी देर तक खामोश रही फिर धीरे से बोली मैंने अपने पति से बात की उसने कहा कि वह मुझसे खुश नहीं है और चाहता है कि हम अलग हो जाए यह सुनकर मुझे समझ नहीं आया कि कैसे रिएक्ट करूं लेकिन फिर मुझे लगा कि शायद यह मौका है अपनी जिंदगी को फिर से जीने का अपने तरीके से यह सुनकर मैं सन्न रह गया नीलिमा का पति उनसे अलग होना चाहता था और वह अब पूरी तरह स्वतंत्र थी लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि सब कुछ आसान हो जाएगा मैंने पूछा तो अब तुम क्या चाहती हो नीलिमा
क्या तुम इस रिश्ते को दूसरा मौका देना चाहती हो वह मेरी आंखों में देखते हुए बोली मैं नहीं जानती रोहित मैं बस इतना जानती हूं कि तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी अधूरी है अगर तुम साथ हो तो शायद हम दोनों इस अधूरे पन को भर सकते हैं मेरे दिल में भी भावनाओं का तूफान था नीलिमा के प्रति मेरी भावनाएं कभी खत्म नहीं हुई थी लेकिन मैं अब भी समझ नहीं पा रहा था कि क्या यह होगा मैंने गहरी सांस ली और कहा नीली मा अगर हम साथ आने का फैसला करते हैं तो हमें यह तय करना होगा कि यह सिर्फ हमारे लिए हो ना कि किसी और के लिए हम दोनों को यह तय
करना होगा कि जो भी रास्ता चुने उसमें कोई पछतावा ना हो वह मुस्कुराई और बोली मैं तैयार हूं रोहित मैंने बहुत सोचा है और अब मैं सिर्फ वही करना चाहती हूं जो मेरे दिल को सही लगे उस दिन हमने फैसला किया कि हम दोनों अपनी जिंदगी को एक नए तरीके से शुरू करेंगे हमने एक दूसरे का हाथ थामा और आगे बढ़ने का वादा किया चाहे रास्ता कितना ही मुश्किल क्यों ना हो समाज परिवार और जिम्मेदारियों के बीच हमारा रिश्ता एक नई दिशा में बढ़ा अब यह सिर्फ हमारी प्रेम कहानी नहीं थी बल्कि वह जद्दोजहद थी जिसे हमने मिलकर जीने का फैसला किया था और इस
तरह हम दोनों ने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की प्यार समझ और साहस के साथ हमारे फैसले के बाद जिंदगी ने एक नया मोड लिया नीलिमा और मैं अब बिना किसी दुविधा के एक दूसरे के साथ थे शुरुआत में चुनौतियां थी लोगों की बातें समाज की नजरें और अपने भीतर के डर लेकिन हर कठिनाई के बावजूद हमने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा नीलिमा ने अपने पति से तलाक लेने की प्रक्रिया शुरू की इस दौरान कई मुश्किलें आई खासकर उसकी बेटी के कारण वह चाहती थी कि उसकी बेटी इस बदलाव से आहत ना हो हम दोनों ने यह तय किया कि बेटी की भलाई हमारी प्राथमिकता होगी नीलिमा ने उसे धीरे-धीरे
समझाना शुरू किया और हम दोनों ने उसे यह महसूस कराने की कोशिश की कि वह हर हाल में प्यार और सुरक्षा में रहेगी मेरे जीवन में भी बदलाव आए ऑफिस में कई लोगों को हमारे रिश्ते की जानकारी हो गई थी और कई लोग इसके बारे में तरह तर की बातें करने लगे थे पर मैं अब किसी की परवाह नहीं करता था
मैं जानता था कि मैंने वह चुना है जो मेरे और नीलिमा के लिए सही था धीरे-धीरे मेरे दोस्त और कलीग्स भी यह समझने लगे और हमें सपोर्ट करने लगे समय के साथ नीलिमा की बेटी भी हमारे रिश्ते को स्वीकार करने लगी उसने नीलिमा से कहा अगर तुम खुश हो तो मैं भी खुश हूं
बस तुम हमेशा मेरे साथ रहना यह सुनकर नीलिमा की आंखों में आंसू आ गए और उसने अपनी बेटी को गले से लगा लिया हम दोनों ने मिलकर एक नया घर ढूंढा जहां हम बिना किसी डर या संकोच के अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा सके उस घर में हर कोने में प्यार और विश्वास की खुशबू थी
नीलिमा ने अपनी नर्स की नौकरी जारी रखी और मैंने भी अपने काम में पूरी मेहनत से ध्यान देना शुरू किया हम दोनों के जीवन में अब स्थिरता आ गई थी हमारे बीच का प्यार और गहरा हो गया था क्योंकि हमने साथ मिलकर हर मुश्किल का सामना किया था एक दिन जब हम दोनों साथ बैठकर चाय पी रहे थे नीलिमा ने मेरी ओर
देखा और मुस्कुराते हुए कहा तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी कभी पूरी नहीं हो सकती थी मैंने भी उसकी आंखों में देखते हुए कहा और तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी अधूरी थी हम दोनों को यह समझ में आ गया था कि जिंदगी में सही गलत से बढ़कर वह है जो दिल को सुकून दे और इंसान को खुश रखे हमारी कहानी अब समाज की परवाह नहीं करती थी हमने वह रास्ता चुना था जो हमारे दिल के लिए सही था और उसी पर चलकर हमें सच्चा सुख मिला समय के साथ हमारी जिंदगी में हर चीज ठीक हो गई चुनौतियां खत्म नहीं हुई पर अब हम उन्हें एक साथ हंसते हुए झेलने के लिए
तैयार थे हमने एक दूसरे के साथ हर पल को जीने का वादा किया और उस वादे को निभाते हुए जिंदगी की हर सुबह को नए जोश के साथ जिया और इस तरह हमारी कहानी एक नए अध्याय में तब्दील हो गई एक ऐसी कहानी जिसमें प्यार समझ और हिम्मत ने हर मुश्किल को पार किया और हम दोनों ने अपने दिल की आवाज सुनकर अपनी जिंदगी को नए सिरे से लिखा समय के साथ हमारा रिश्ता और मजबूत होता गया नीलिमा और मैं ने अपने नए घर में एक नई शुरुआत की थी और हर दिन हमें एक दूसरे के साथ बिताया गया वक्त और खास बनाता गया हमने जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियों को साथ
मिलकर महसूस करना शुरू किया संडे की सुबह की चाय बारिश में भीगना और रात को एक दूसरे के पास बैठकर खामोशी में भी बातें करना नीलिमा की बेटी माया भी अब हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी थी उसने नीली मां और मुझे एक साथ स्वीकार कर लिया था और धीरे-धीरे मेरे साथ एक दोस्ताना रिश्ता बना याया था हम तीनों ने एक परिवार की तरह रहना शुरू किया माया के साथ खेलना उसे स्कूल के प्रोजेक्ट में मदद करना और कभी-कभी तीनों मिलकर वीकेंड्स पर घूमने जाना इन पलों में मैं और नीलिमा एक दूसरे की आंखों में देखते और हमें एहसास होता कि
हमारी जिंदगी अब पूरी हो गई है फिर एक दिन नीलिमा ने मुझे एक खास बात बताई उसने कहा रोहित मैंने सोचा था कि अब मेरे जीवन में कुछ बड़ा नहीं होगा लेकिन तुम्हारे साथ रहकर मुझे लगा कि जिंदगी में हमेशा कुछ नया हो सकता है मैं तुम्हारे साथ और भी आगे बढ़ना चाहती हूं क्या तुम मुझसे शादी करोगे यह सुनकर मैं थोड़ा चौक गया लेकिन अंदर से बेहद खुश हुआ मैंने नीलिमा की ओर देखा और उसके हाथ को थामकर कहा मैं इंतजार कर रहा था कि तुम यह बात कहो मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं और हां मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं हमने जल्द ही शादी करने का फैसला किया वह
दिन बेहद खास था सादगी से भरा लेकिन प्यार और खुशी से लबालब नीलिमा ने एक हल्की साड़ी पहनी थी और उसकी मुस्कान ने उसे और भी खूबसूरत बना दिया था माया भी उस दिन बेहद खुश थी क्योंकि वह अब हमारे परिवार का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी थी शादी के बाद हमारी जिंदगी में एक नई ऊर्जा आ गई थी हमने मि नए सपने देखे और उन्हें साकार करने की कोशिश की नीलिमा ने अपनी नौकरी में और भी तरक्की की और मैं भी अपने करियर में नए मुकाम हासिल करने लगा माया को भी हमने अच्छे से अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया और हम दोनों उसकी हर खुशी
का ध्यान रखते थे जिंदगी की इस नई शुरुआत में हमें कई नए मोड़ और अनुभव मिले लेकिन हम दोनों एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ते थे हम समझ चुके थे कि सच्चे रिश्ते का आधार सिर्फ प्यार नहीं होता बल्कि विश्वास सहयोग और एक दूसरे के प्रति समर्पण भी होता है कई साल बीत गए और अब हमारी जिंदगी शांत स्थिर और खुशहाल थी नीली मां और मेरे बीच का प्यार कभी कम नहीं हुआ हम हर रोज एक दूसरे को देखते और दिल से शुक्रगुजार होते कि हमने उस वक्त सही फैसला लिया था नीलिमा ने एक दिन मुझसे कहा रोहित कभी-कभी मुझे लगता है कि अगर मैंने उस दिन
तुम्हारे साथ ने अपनी भावनाएं नहीं रखी होती तो शायद आज हम यहां नहीं होते मैंने मुस्कुराते हुए कहा और अगर तुमने नहीं कहा होता तो मैं शायद अब भी तुम्हारे बिना जीने की कोशिश कर रहा होता हमारी जिंदगी में प्यार शांति और संतुष्टि थी हमने मुश्किलों को पार किया था समाज के दबावों का सामना किया था और अंत में हम दोनों ने अपने दिल की सुनी थी अब हम एक नई यात्रा पर थे जहां हर दिन एक नया अनुभव एक नई खुशी और एक नई उम्मीद लाता था और इस तरह हमारी कहानी का अंत नहीं हुआ बल्कि यह एक ऐसी यात्रा बन गई जिसे हम हर दिन मिलकर जीते रहे
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